Chhattisgarh State Class 7 Hindi Chapter 8 भिखारिन Solution
Chhattisgarh State Board Class 7 Hindi Chapter 8 भिखारिन Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
भिखारिन
1.) भिखारिन प्रतिदिन मंदिर के दरवाजे पर जाकर क्यों खड़ी हो जाती थी?
भिखारिन सभी देव मंदिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी रहती और मंदिर से जो कोई भक्त आते जाते उनके सामने हाथ फैलाती और कहती – बाबू इस अंधी पर दया करोl
2.) झोंपड़ी के समीप पहुँचते ही यह दिव्यांग भिखारिन किसे अपने हृदय से लगा लेती थी। और क्यों ?
झोपड़ी के समीप पहुंचते ही वह दिव्यांग भिखारिन एक दस वर्षीय लड़के को अपने गले से लगा देती। दिव्यंग भिखारिन की झोपड़ी पर आते हैं वह लड़का उछलता कुदता और उस भिखारिन को जाकर चिपक जाता। वह बच्चा कौन है किसका है यह उसे पता नहीं था। लेकिन जब से वह उसकी गोद में आया था तब से वह बच्चा उसका हो गया था।
3.) मिखारिन सेठ जी के पास अपनी हांडी जमा करने को लेकर परेशान क्यों थी ?
भिखारिन को पता था कि सभी लोग पैसे जमा करने के लिए सेठ जी के पास जाते हैं। लेकिन अभी तक भिखारिन उनके पास नहीं गई थी वह उनके पास जाने के लिए हिचकीचाती थी।
4.) सेठ जी की धर्मात्मा छवि भिखारिन के मन से कब टूट गई ?
भिखारिन ने कुछ रुपए जमा करके सेठजी को दिए थे और जब भिखारिन का बच्चा बिमार हो गया तब वह भिखारिन उन पैसौं को लेने के लिए सेठजी के पास गयी। सेठजी ने उसे कहा की मेरे पास तेरे कुछ भी रुपए नही है। सेठजी ने उस भिखारिन को पहचान ने से मना कर दिया उस वक्त सेठ जी की धर्मात्मा छवि भिखारिन के मन से टूट गई।
5.) सेठ जी ने मोहन को कैसे पहचाना ?
भिकारी जब सेठ के दरवाजे पर आकर बैठ गई और उसने अपने पैरों पर अपना बच्चा रख दिया। जब सेठ जी बाहर आए तो उन्हें वह नजारा देखने को मिला। भिकारी के पैरों पर जो बच्चा था उसका चेहरा सेठ जी के बच्चे के चेहरे से मिलता हुआ था। सेठ जी का बच्चा कई सालों पहले मेले में गुम गया था। लेकिन उन्हें अपने बच्चे के जांघ पर जो लाल रंग का निशान था वह अच्छे से याद था। उन्होंने उसकी जांच पड़ताल की और विश्वास कर लिया के यही अपना बच्चा मोहन है।
6.) तुम्हारा बच्चा है इसलिए लाख यत्न करके भी उसे बचाओगे। मेरा बच्चा होता तो उसे मर जाने देते, क्यों? ऐसा भिखारिन ने क्यों कहा ?
मोहन बीमार था और वह भिकारन इस वजह से सेठ जी के दरवाजे पर आई थी। उसने जो जमा पूंजी सेठ जी को रखने के लिए दी थी वह मांगी थी। लेकिन सेठ जी ने भी भिकारन को पहचानने से मना कर दिया। वह उदास होकर घर चली गई। जब मोहन की बीमारी बढ़ती रही तब उसने उसे उठाया और सेठ जी के दरवाजे पर जाकर बैठ गई। जब सेठ जी को यह विश्वास हुआ कि भिकारन के पास जो बच्चा है वही उनका बच्चा मोहन है। तब उन्होंने भिकारन से कहा, कि मैं इसका इलाज करवा लूंगा। तभी बिकान ने उससे पूछा कि तुम्हारा बच्चा है इसीलिए लाख यत्न करके भी उसे बचाओगे मेरा बच्चा होता तो उसे मर जाने देते क्यों?
7.) सेठ जी की ममता मोहन के प्रति क्यों उमड़ आई ?
जब सेठ जी को पता लगा कि मोहन उनका ही बच्चा है तब उनकी ममता मोहन के प्रति उमड़ आई।
पाठ से आगे
1.) हम धार्मिक स्थलों पर जाते हैं वहाँ मंदिरों के बाहर भीख माँगने वालों की एक कतार देखने को मिलती हैं। आप मित्रों से बात कीजिए कि लोग भीख क्यों माँगते हैं ?
यह लोग भीख मांगते हैं। क्योंकि कई लोग शारीरिक रूप से अपंग होते हैं, कई लोगों के कोई रिश्तेदार नहीं होते, कईयों को काम नहीं मिलता। किसी ना किसी की कोई ना कोई मजबूरी होती है। इस कारण से वह अपना पेट पालने की वजह से धार्मिक स्थलों पर जाकर भीख मांगते हैं।
2.) पाठ में लिखा है कि सेठ और भिखारिन दोनों की एक ही दशा थी। आप विचार कर लिखिए कि दोनों की यह दशा क्यों थी?
पाठ में लिखा है कि सेट और भिखारिन इन दोनों की दशा एक जैसी थी। क्योंकि मोहन सेठ जी का बच्चा था और बहुत सालों से उसे उसे भिखारिन ने पाला था। उसे भी उस बच्चे के प्रति प्यार था। जब वह बीमार पड़ गया तो दोनों को यह लग रहा था कि मोहन जल्दी से जल्दी ठीक हो जाए। दोनों ही भगवान से प्रार्थना कर रहे थे, इसीलिए पाठ में लिखा है कि सेठ और की भिखारिन की दशा एक जैसी ही थी।
3.) कहानी में सेठ के व्यक्तित्व का कौन सा पहले आपको प्रभावित करता है? लिखिए।
जब सेठ जी को पता चला कि मोहर उनका बच्चा है, तो वह भिखारिन के पास गए और वह रोने लगे। क्योंकि मोहन की तबीयत ठीक नहीं हो रही थी। सेठ जी भिखारिन के पास जाकर बोले के ममता की लाज रख लो। तुम भी उसकी मां हो अगर तुम मेरे साथ आ गई तो उसे अच्छा लगेगा। वह जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएगा। जब वह अंधी सेठ जी के साथ जाने के लिए तैयार हो गइ तब सेठ जी ने उस के लिए घोड़ा गाड़ी का इंतजाम कर लिया।
4.) एक विपन्न सी स्त्री द्वारा भीख माँग कर जमा किए गए धन को सेठ द्वारा धरोहर के रूप में रखना और वापस देने से इंकार करना किस प्रकार के मानवीय मूल्य का सूचक है ? साथियों से बात कर लिखिए।
एक विपन्न सी स्त्री द्वारा भीख माँग कर जमा किए गए धन को सेठ द्वारा धरोहर के रूप में रखना और वापस देने से इंकार करना यह एक प्रकार की बेईमानी हैl उस सेठ उस अंधी के रुपयों को लेकर उसे फंसा दिया था उसका विश्वासघात कियाl
5.) कहानी के दोनों प्रमुख चरित्रों में से आपकी दृष्टि में महत्वपूर्ण कौन है ? एक बेटे के रूप में श्याम किसे अधिक चाहता है और क्यों ?
कहानी के दोनों प्रमुख चरित्रों में से हमारी दृष्टि में वह भिखारिन है क्योंकि उसमें किसी दूसरे के बेटे को अपना दिया था जिससे वह जानती तक नहीं थी और शाम भी उस भिखारिन को ही अधिक चाहता था। उसने भी उस भिखारिन के साथ अधिक समय बिताया था। वह उसे ही अपनी मां समझता था।
भाषा से
1.) पाठ में इस तरह से लिखे गए शब्दों को देखिए– आने–जाने दो–चार थोड़ा–बहुत मन–ही–मन उछलता कूदता. पास–पड़ोस, चूम–चूमकर शब्दों के मध्य प्रयुक्त चिह्न (-) को योजक चिह कहते हैं। योजक चिह्न का प्रयोग सामासिक पदों या द्वित्व और युग्म शब्दों के मध्य किया जाता है। इसी तरह तुलनात्मक सा, सी, से के पहले योजक चिह्न का प्रयोग होता है। पाठ में आए अन्य योजक चिह्न वाले शब्दों को खोज कर लिखिए।
बच्चा – बच्चा, स्नान – ध्यान, दवा – दारु, वैद्य – हकीम, दस- पाँच, उलट – पुलट, शक्ल – सुरत, स्वर्ग – लोक
2.) पाठ में यह सन्दर्भ आया है कि बच्चा–बच्चा उनकी कोठी से परिचित था। इस प्रयोग का अर्थ है हर एक बच्चा या प्रत्येक बच्चा इसी प्रकार आदमी, पेड़, पत्ता, मन शब्द का इस रूप में स्वतंत्र रूप से वाक्य में प्रयोग कीजिए कि इनका निहित अर्थ स्पष्ट हो जाए।
आदमी- आदमी- आदमी- आदमी की प्रगति देखकर हमें खुशी हुई
पेड़-पेड़- पेड़-पेड़ चिल्लाकर कह रहे थे, मुझे मत काँटों।
पत्ता- पत्ता- उस पेड का पत्ता- पत्ता झड गया।
मन- मन – भिखारिन की कहानी सुनकर मन- मन ही रो उठा
3.) सत्य–असत्य, श्वेत–श्याम, झोपड़ी– महल जैसे शब्दों का प्रयोग पाठ में हुआ है जो परस्पर विलोम अर्थ को अभिव्यक्त करते हैं। निम्नलिखित शब्दों के विलोम अर्थ को सूचित करने वाले शब्दों को ढूंढ कर लिखिए सुख, प्रसिद्ध, परिचित, पश्चात कठोर बिगाडना, निराशा, बेईमान, आशीष, बहुत, अँधेरा, अपरिचित ।
सुख- दुख
प्रसिद्ध- अप्रसिद्ध
परिचित- अपरिचित
पश्चात – पहले
कठोर – मृदु
बिगाडना- सुधारना
निराशा- आशा
बेईमान – ईमान
आशीष- श्राप
बहुत- थोडा
अँधेरा- उजाला
अपरिचित – परिचित
4.) निम्नलिखित शब्दों का छत्तीसगढ़ी भाषा में प्रचलित रूप लिखिए–
आशीर्वाद- असीस
सेठ- मालीक
बच्चा- बेटा
संतान- बच्चा
बेटा- बेटा
दरवाजा- कपाट
दयालु – उपकारी
मंदिर- मंदिर
झोपड़ी – झोपरी
प्रसिद्ध- नाम होना
हांडी- हांडी
Read Previous Chapters:
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- Chapter 2 प्रेरणा के पुष्प
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- Chapter 20 लक्ष्य – बेध
- Chapter 21 सुवागीत
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