Chhattisgarh State Class 7 Hindi Chapter 10 सितारों से आगे Solution
Chhattisgarh State Board Class 7 Hindi Chapter 10 सितारों से आगे Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
सितारों से आगे
1.) विश्व के लोग टेलीविजन पे आंखें क्यों गडाए हुए थे?
कोलंबिया शटल पृथ्वी पर वापस लौटने वाला था और भारत की बेटी 41 वर्षीय कल्पना चावला इस अभियान में शामिल थी इसिलीए और विश्व के लोग टेलीविजन पर आंखें गड़ाए हुए थे।
2.) टैगोर बाल निकेतन करनल के बच्चे किसका और क्यों इंतजार कर रहे थे?
भारत में कल्पना चावला के नगर करनाल में कल्पना चावला के विद्यालय के तीन सौ बच्चे अपने विद्यालय की पूर्व छात्रा कल्पना चावला सकुशल लौटने का इंतजार कर रहे थे।
3.) विश्व में शोक की लहर दौड़ गई?
कोलंबिया स्पेस शटल में सवार सभी सातों अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर किसी बड़े झगड़े हो गए और वे अमेरिका की भूमि पर गिर गए। इस वजह से पूरे विश्व में शोक कि लहर दौड़ गई।
4.) कल्पना पूरे आसमान को क्यों निहारती थी?
गर्मी के दिनों में रात को कल्पना खुले आसमान को निहारती थी। क्योंकि ऐसे करते वक्त वह नक्षत्र लोक में पहुंच जाती थी।
5.) कल्पना का अटल ध्येय क्या था?
अंतरिक्ष में उड़ना यह कल्पना का अटल ध्येय था।
6.) “जो काम लड़के कर सकते हैं वह मैं भी कर सकती हूं।” कल्पना चावला यह क्यों कहते थीं?
कल्पना चावला को दृढ़ विश्वास था कि बहुत जो काम लड़के कर सकते हैं वे काम मैं भी कर सकती हूं। उसकी रूचि अंतरिक्ष में थी। इसीलिए उसने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग यह विभाग अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए चुना। अन्य गतिविधियों में भी वह भाग लेती थी।
7.) मोंट्यू फाउंडेशन का उद्देश्य क्या है ?
मोंटी फाउंडेशन का यही उद्देश्य है कि जो युवक प्रतिभावान होते हैं और जिन्हें पैसों की कमी के कारण अपनी शिक्षा पूरी करने में तकलीफ आती है उन्हें शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करना।
पाठ से आगे
1.) कल्पना चावला को भारत की बेटी क्यों कहा गया है? इस विषय पर आप. अपने शिक्षकों के साथ चर्चा कर उनकी विशेषताओं को लिखिए।
कल्पना चावला का जन्म भारत में हुआ था। वह भारतीय थी और अंतरिक्ष में जाने वाली पहली और भारत से जाने वाली पहली महिला थी। ऐसा करके कल्पना चावला ने दिखा दिया था की लड़कियां लड़कों से कम नहीं होती और इसके साथ साथ ही उसने भारत का नाम भी रोशन किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई अमेरिका में जाकर पूरी की। उसके बाद उन्हें मिशन विशेषज्ञ के रूप में मिशन में शामिल कर लिया गया। उन को अंतरिक्ष में भेजने का फैसला किया गया उनके साथ साथ और 7 साथी दार थे।
2.) बचपन में आकाश को निहारते-निहारते शायद कल्पना ने अपने लक्ष्य को तय कर लिया था। आप भी अपने लक्ष्यों के बारे में लिख कर कक्षा में सुनाइए।
हमने बचपन में देखा था कि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को सिखाने के लिए, उन्हें आगे बढ़ने के लिए, कैसे प्रोत्साहित करते हैं। बच्चे पढ़े-लिखे इसीलिए वह कितना परिश्रम करते हैं। मेरे क्लास में साठ बच्चे थे और साठ बच्चों को वह अकेली शिक्षिका पढ़ाती थी। अगर किसी को कुछ समझ में ना आए तो वहां उनको बार-बार समझाती थी। हम पर अच्छे संस्कार करती थी। उन से प्रेरित होकर मैंने यह तय कर लिया कि मैं भी आगे जाकर शिक्षिका बनुंगी।
3.) कल्पना का मानना था कि जो काम लड़के कर सकते हैं वह मैं भी कर सकती हूँ। आप कक्षा में चर्चा कर लिखिए कि जीवन का ऐसा कौन सा क्षेत्र है जहाँ लडकियाँ कार्य नहीं कर सकती।
आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां पर लड़कियां काम नहीं करती लड़की सभी क्षेत्र में अपना नाम अपने आई बाबा का नाम रोशन करती है। इंजीनियर, डॉक्टर, स्पेस रिसर्च, बिजनेस ऐसे सभी क्षेत्रों में मतलब आकाश से लेकर जमीन तक सभी क्षेत्रों में लड़कियां अपना योगदान देती है।
4.) एयरोनाटिक्स इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग का कौन सा क्षेत्र है और इसमें किस विषय की पढाई होती है ? शिक्षक और साथियों से बातचीत कर लिखिए।
एयरोनॉटिक्स इंजीनियर यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसके माध्यम से हम अंतरिक्ष में जा सकते हैं। अंतरिक्ष के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इसमें अंतरिक्ष में जाने के लिए जो जो बातें हमें पता होनी चाहिए वह सब कुछ वहां पर सिखाते हैं। ऐसा कहते हैं कि एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है।
भाषा से
1.) निम्नलिखित समानोच्चरित शब्दों को इस प्रकार वाक्यों में प्रयोग कीजिए. जिससे उनके अर्थ में अंतर स्पष्ट हो जाए –
साहस/ सहसा, परिणाम / परीमाण, दिन / दीन, अपेक्षा / उपेक्षा, श्वेत/स्वेद, अनु/अणु
साहस- ताकद
कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाने का साहस दिखाया।
सहसा- एकाएक
हम सहसा घूमने गए।
परिणाम- नतीजा
जय ने कबड्डी के लिए भरपूर मेहनत की थी इसका परिणाम ऐसा हुआ कि वह विजई हो गया।
परीमाण – नापतोल करना
दुकानदार ने हमें सभी धान्य नाप तोल के दिया
दिन – दिवस
हमें हमारा काम दिन में ही पूरा करना चाहिए।
दीन- गरीब
हमें हमेशा गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।
अपेक्षा – आशा
रामू से सभी लोगों को आशा की कि वह परीक्षा में अच्छे गुण लाएगा।
उपेक्षा- तिरस्कार
सभी अच्छे होते हैं हमें किसी की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
श्वेत- सफेद
आसमान के ऊपर सफेद रंग अच्छा लगता है।
स्वेद – पसीना
बाबा जब काम से आते हैं तो पसीने से लथपथ होते है।
अनु- पीछे
छोटे भैया के पीछे पीछे जा रही थी।
अणु- कण
दुनिया में सबसे सूक्ष्म अणु होते हैं।
2.) पाठ में निम्नांकित मुहावरों का प्रयोग हुआ है। वाक्य में स्वतंत्र रूप से उनका इस तरह प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए- आँखें गड़ाना, आँखें आकाश की ओर लगाना, बलिदान देना, साँस ऊपर की ऊपर रह जाना, शोक की लहर दौड़ना, मन माँगी मुराद पूरी होना।
आँखें गड़ाना- एक ही जगह देखते रहना
हम जिस गांव में घूमने गए थे वहां का नजारा ऐसा था कि हम आँखें गड़ाकर बैठ गए।
आँखें आकाश की ओर लगाना- बड़े-बड़े सपने देखना
कल्पना अपनी आंखें आकाश की ओर लगाकर बैठी थी।
बलिदान देना- समर्पण करना, सौप देना
भारत देश के आजादी के लिए बहुत सारे लोगों ने अपना बलिदान दिया है।
साँस ऊपर की ऊपर रह जाना- आश्चर्य हो जाना
दुनिया में लड़की होने की हुई प्रगति देखकर सब की साल से ऊपर की ऊपर रह गई।
शोक की लहर दौड़ना- दुखी हो जाना
कल्पना चावला की मौत की खबर सुनकर सभी जगह शोक की लहर दौड़ गई।
मन माँगी मुराद पूरी होना- इच्छाएं पूरी हो ना
शिक्षिका बनकर मैंने अपने मन की मुराद पूरी की।
3.) पाठ में आतुरता, सफलता, प्रमुखता असमानता जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है जिनमें मूल शब्द के साथ ता’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। आप ता प्रत्यय को जोड़ते हुए दस शब्दों का निर्माण कीजिए ।
सकारात्मकता, नकारात्मकता, प्रसन्नता, मानवता, उदारता, परिपूर्णता, ऐतिहासिकता
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