Chhattisgarh State Class 7 Hindi Chapter 21 सुवागीत Solution
Chhattisgarh State Board Class 7 Hindi Chapter 21 सुवागीत Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
सुवागीत
1.) कइसने गीत ल लोकगीत कहिथे ?
प्राचीन काल मे लोग अपने मुख से गाने गाते थे कविताएं रहते थे लेकिन वह लिखी नहीं जाती पारंपरिक रूप से एक दूसरे के गीत सुनकर परंपराओं की तरह चली आती है इसे लोकोगीत कहते हैं।
2.) हमर छत्तीसगढ़ में गाए जाने वाला लोकगीत मन के नाव लिखव ।
छत्तीसगढ़ में भोजली पंथी, करमा, सुआ गीत, डंडा गीत, यह पारंपरिक रूप से गाए जाते हैं।
3.) सुवागीत ल सुवागीत काबर कहियें ?
प्राचीन काल में तोते संदेश लाना और संदेश देने का काम करते थे। इस सुआ की मूर्ति सामने रखकर यह गीत गाए जाते हैं। सुआ का अर्थ होता है तोता इसीलिए उसे सुआ गीत कहते हैं।
4.) सुवानाच कब नाचे जाथे अउ कोन तरह ले नाचे जाथे ?
सुआ नाचे दिवाली के पहले चार दिन से शुरू किया जाता है। इसमें औरतें टोली बनाकर मिट्टी का तोता बनाकर उसे एक टोकरी में रखती है और घर घर जाकर वह नाच करती है।
5.) सुवागीत म ढोलकी ले ताल दे जाथे ।
सुबह गीत में ढोलकी नहीं बजाई जाती।
6.) सुवा नाच गीत है नारी–परानी के गीत काबर माने गेहे?
सुआ नाच गीत में सबसे ज्यादा औरतों के दुख दर्द के गाने सुनने मिलते हैं।
7.) सुवा नाच में माटी के सुवा काबर बनाय जाथे?
सुआ नाच में मिट्टी का सुआ बनाया जाता है। यही उनकी परंपरा है। मिट्टी का तोता बनाकर वह एक टोकरी में रखते हैं और घर-घर जाकर नृत्य करते हैं।
8.) सुवा नचइया मन घर मालकिन ल का असीस देथे?
जिसके घर जाकर सुबह नाज करते हैं उस घर की मालकिन नाच करने वालों को धान्य देकर विदा करती है और आशीर्वाद भी देती है।
पाठ से आगे
1.) कोन कोन विषय ऊपर सुवागीत गाए जाये, बने ओरिया के लिखव अउ अपन कक्षा में उही एकोदिन गीत लगा के देखय।
सुआ गीत में कालिया दहन, सीता हरण, राम वनवास, घर- द्वार, धर्म-कर्म, साज -श्रृंगार, देश, समाज जीवन ऐसे विषयों पर गीत गाए जाते हैं।
2.) सुवागीत के चार पंक्ति लिखव जेमा नारी–परानी के हिरदे के पीरा परगट होथे।
तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना
तिरिया जनम झन देव
तिरिया जनम मोर गऊ के बरोबर
रेसुअना
तिरिया जनम झन देव
बिनती करंव मय चन्दा सुरज के
रे सुअना
3.) सुवागीत म कथा गीत के उदाहरण लिखद।
सुआ गीत मैं कालिया दहन, राजा हरिश्चंद्र की कथा, सीता हरण, राम वनवास ऐसे कथाओं का वर्णन किया जाता है।
4.) सुवा नचइया मन घरोघर जायें। ओमनला– देखके आप मनके मन में का का भाव उठते, लिखव।
सुआ गीत गाने वाली और नाचने वाली औरतें घर घर जाती है। यह उनकी परंपरा है। शायद दिवाली से पहले उनके मन में जो दुख दर्द है उसे मिटाने के लिए वह यह सब करती हो और दिवाली के दिन से मेरे त्यौहार के लिए प्रफुल्लित होकर खुशी से वह त्यौहार मनाया करती है।
5.) सुवा नचइया मन के मान–गउन म जउन धान चौउर अउ पइसा कउड़ी मिलथे, तेला सुवा नचइया मन कामे खरचा करत होही, पूछ के लिखव ?
सुआ नृत्य दीपावली के चार दिन पहले से शुरू किया जाता है। यह नृत्य करने वाली औरतें मिट्टी का तोता बनाकर घर घर जाकर नृत्य करती है। जिनके घर जाती है उनके घर से उन्हें सम्मान के साथ धान, चावल, और पैसे भी मिलते हैं। इनका उपयोग वह गौरी विवाह मैं खर्च करती है।
भाषा से
1.)दुख–दरद अउ मान–गउन शब्द मन ऊपर धियान देवव। ये मन जोड़ी वाला (शब्द–युग्म शब्द आयें। पाँच टन जोड़ी वाला (शब्द–युग्म शब्द सोच के लिखव अउ अपन वाक्य में प्रयोग करव।
खाना-पीना
बड़े-बड़े उत्सवों में खाने पीने की बहुत सारी चीजें रखी हुई होती है।
घर- घर
सुआ गीत में घर-घर जाकर औरतें नाचती भी है।
आना- जाना
दीदी का हमारे घर पर आना जाना रहता है।
साफ- सुथरा
मां हमेशा ही घर साफ सुथरा रखती है।
माता-पिता
माता-पिता छोटों को हमेशा ही आशीर्वाद देते है।
2.) गिजर– गिंजर शब्द ऊपर धियान देवव। इहाँ गिंजर शब्द है दू बेर आय है। यह मन जोड़ी वाला शब्द आयें। फेर अइसन जोड़ी वाला शब्द मन ल पुनरुक्त शब्द कहे जाये। अइसन शब्द के परयोग अपन भाव ऊपर जोर दे खातिर अउ ओकर अर्थ ल पोठ बनाय वर करे जाये।
पाँच उन पुनरुक्त शब्द सोच के लिखव अउ अपन वाक्य में परयोग करव।
भीगी- भीगी
बारिश में सभी सड़कें भीगी भीगी सी रहती है।
जगह -जगह
तालाब के आस – पास जगह जगह पर कीचड़ बन गया था।
चलते-चलते
चलते-चलते रामू मंदिर तक पहुंच गया।
कभी-कभी
कभी- कमी हमें दोस्तों के साथ घूमने भी जाना चाहिए।
मंद- मंद
काजल हमेशा मंदा मंदा मुस्काती है।
3.) ये पाठ म नोहे शब्द के प्रयोग करे में है। ये शब्द ह ‘नइ‘ अउ हवय के मेल ले बने है। अइसने अउ शब्द है– नइये (नइ + हे), थोकिन (थोर + किन) अइसन शब्द मन मुँह ला सुख दे खातिर अउ समय ल बचाय बर अपने–अपन बनत रहिये। ऊपर के उदाहरण असन पाँच शब्द खोज के लिखव अउ वाक्य बनावव।
अधिकाधिक – अधिक अधिक
गुड़िया पढ़ाई में अव्वल आए इसलिए हमने अधिकाधिक प्रयत्न किए।
अत्यधिक- अत्यंत अधिक
बच्चों को पढ़ाने के लिए मां-बाप अत्यधिक खर्च करते हैं।
राजमहल- राजा का महल
राजा राजमहल में रहता है।
लंकाधिपती – लंका के अधिपती
रावण को लंका के अधिपती कहा जाता हैं।
सत्यवचन- सच बोलना
राजा हरिश्चंद्र के मुख से हमेशा सत्यवचन निकलते थे।
Read Previous Chapters:
- Chapter 1 कुछ और भी दूं
- Chapter 2 प्रेरणा के पुष्प
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- Chapter 4 मौसी
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- Chapter 6 सदाचार का तावीज
- Chapter 7 रात का मेहमान
- Chapter 8 भिखारिन
- Chapter 9 त्यागमूर्ति ठाकुर प्यारेलाल सिंह
- Chapter 10 सितारों से आगे
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