Chhattisgarh State Class 7 Hindi Chapter 3 विद्रोही शक्ति सिंह Solution
Chhattisgarh State Board Class 7 Hindi Chapter 3 विद्रोही शक्ति सिंह Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
विद्रोही शक्ति सिंह
1.) शक्ति सिंह कौन था उसने क्या प्रतिज्ञा की थी ?
महाराणा प्रताप सिंह के छोटे भाई का नाम शक्ति श्री हत्था शक्ति सिंह ने महाराणा प्रताप प्राण लेने की की कसम खाई थी।
2.) राजपूत बाला की आँखों से चिंगारियों क्यों निकलने लगी ?
शक्ति सिंह ने महाराणा प्रताप के प्राण लेने हेतु मुगल सेना को बुलाया था। इस पर राजपूत बाला क्रोध में आ गई। उसने शक्ति सिंह से कहां के भाई पर क्रोध करके देशद्रोही बनोगे क्या? ऐसा कहते हुए राजपूत बाला की आंखों से चिंगारियां निकलने लगी।
3.) महाराणा प्रताप से शक्ति सिंह की अनबन क्यों हुई ?
महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह में एक शिकार को लेकर अनबन हुई थी। वह शिकार किसने की थी और उस पर अधिकार किसका है इस पर दोनों लड़ पड़े। बल्कि उस शिकार को महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह इन दोनों के बाणों ने घायल किया था।
4.) शक्ति सिंह का अंतिम निर्णय क्या था ?
शक्ति सिंह का अंतिम निर्णय यह था कि वह महाराणा प्रताप मतलब अपने भाई के साथ खड़े रहेंगे और शक्ति सिंह ने मुगलों को मारकर अपने भाई के सामने वह नतमस्तक हो गए। जब राजपूत अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर रहे थे तब उनको अपनी गलती का एहसास हो गया। उन्होंने महाराणा प्रताप से कहा के आपकी आज्ञा हो तो मैं आपके चरणों पर अपना शीश चढ़ाकर प्रायश्चित करलुँ।
5.) मानसिंह की कुमंत्रणा क्या थी ?
मानसिंह और मुगल बादशाहा की दोस्ती थी और यह दोस्ती महाराणा प्रताप सिंह को पसंद नहीं थी। इसके अलावा मानसिंह मुगल सेना का नेतृत्व कर रहे थे। उनकी सेना के ही वह सेनापति भी थे। इसका परिणाम यह हुआ कि महाराणा प्रताप और मानसिंह इन दोनों का रिश्ता बिगड़ गया और मानसिंह ने अखबर को भड़का दिया। इस वजह से अकबर ने मेवाड़ पर आक्रमण किया।
6.) मन्ना जी ने मेवाड़ का राज चिह्न अपने मस्तक पर क्यों धारण किया ?
मुगलों की दिशा भुल करने के लिए मन्ना जीने मेवाड़ का राज्य चिन्ह अपने मस्तक पर धारण किया। इस वजह से महाराणा प्रताप सिंह को युद्ध के मैदान में से बाहर निकलने के लिए मदद हुई।
7.) शक्ति सिंह की आँखें ग्लानि से क्यों छलछला गईं ?
युद्ध का खेल समाप्त हो रहा था और शक्ति सिंह चुपचाप अपने घोड़े पर चढ़ा चला जा रहा था। तब उसने देखा कि अब उसके मार्ग में बहुत सारे शव कटे पड़े थे। कहीं भुजा शरीर से अलग हुई थी। कई लोगों का धड कटा हुआ था। तो कहीं खून से लथपथ मस्तक भूमि पर गिर गए थे। यह सब देख कर शक्ति सिंह की आंखें ग्लानी से छल छला गई।
8.) युद्ध अथवा उस मारकाट के क्या परिणाम हुए ?
युद्ध अथवा उस मारकाट का परिणाम यह हुआ के स्वतंत्रता की बलिवेदी पर सन्नाटा छा गया। जन्मभूमि के चरणों पर मर मिटने वाले वीरों ने अपने को उत्सर्ग कर दिया था। बाईस हजार वीरों में से अब सिर्फ केवल आठ हजार वीर बच गए थे।
पाठ से आगे
1.) पाठ में महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह दो चरित्र हैं। दोनों को पढ़ते हुए कौन सा चरित्र आपको अधिक आकर्षित करता है ? विचार कर लिखिए।
महाराणा प्रताप सिंह बहादुर है और वह हर काम शांति से करते हैं। शक्ति सिंह बहादुर है लेकिन उनको क्रोध बहुत जल्दी आ जाता है। उनकी क्रोध की वजह से सोलह हजार सैनिकों को अपनी जान गवानी पड़ी। हमें इन दोनों चरित्रों में से महाराणा प्रताप सिंह का चरित्र अधिक आकर्षित करता है। क्योंकि उनमें साहस के साथ साथ धैर्य भी था।
2.) अगर शक्ति सिंह ने महाराणा प्रताप का पीछा न किया होता तो उसका क्या परिणाम होता? साथियों के साथ विचारकर लिखिए।
अगर शक्ति से होने महाराणा प्रताप का पीछा नहीं किया होता तो शक्तिसिंह को कभी पता नहीं चलता कि इस युद्ध के वजह से कितने लोगों की जानें गई है, कितने लोगों की पत्नियों का सुहाग उजड़ गया है, कितने बच्चे अनाथ हो गए हैं। शक्ति सिंह और महाराणा प्रताप सिंह एक दूसरे के साथ लड़ाई करते।
3.) शक्ति सिंह की पत्नी मोहिनी के भाव को समझते हुए उसकी चारित्रिक विशेषताओं को परस्पर बातचीत कर लिखिए।
शक्ति सिंह की पत्नी मोहिनी शक्ति सिंह का इंतजार कर रही थी। उसके ह्रदय में जीवन की आशा निराशा उठती गिरती थी। जब शक्ति सिंह ने शिविर में प्रवेश किया, तब उसकी पत्नी ने उसे कौतूहल से देखा।
4.) दो भाइयों के संबंधों को हम कहानी में देखते हैं। हमारे आस–पास के परिवेश में भाई–भाई के संबंधों को देखकर आप क्या महसूस करते हैं ? आपस में बात कर लिखिए।
दो भाइयों के संबंध में कभी कभी प्यार से रहते हैं, तो कभी कभी झगड़ा भी करते हैं, लेकिन दो भाई कभी भी एक दूसरे के हमेशा के लिए दुश्मन कभी नहीं होते। यह हमें याद रखना चाहिए। हमारे आसपास भी ऐसे कई भाई भाई है जो लड़ते हैं झगड़ते हैं लेकिन एक दूसरे से प्यार भी करते हैं।
भाषा से
1.)पाठ में आए हुए निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़िए–
क. शक्ति सिंह ने एक लम्बी साँस फेंकी और अपनी स्त्री की ओर देखा।
ख. शक्ति सिंह के हृदय में भाई की ममता उमड़ पड़ी. फिर एक आवाज आई- रुको।
उपरोक्त दोनों वाक्यों में क्रमश: और एवं फिर अव्यय शब्दों से दो वाक्यों को जोड़ा गया है। इन्हें हम समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं। दो शब्दों, वाक्यांशों अथवा वाक्यों को जोड़ने का कार्य करने वाले अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय कहे जाते हैं। आप समुच्चय बोधक अव्यय के पाँच उदाहरण बनाएँ।
राधा और रामू बगीचे में खेलने जाते हैं।
दादा हमारे घर अपने काम के लिए कह रहे थे उनका काम पूरा हुआ और वे चले गए।
अगर मैं चाहूं तो अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हो सकती हूं।
दीदी और मैं हमेशा झगड़ते हैं।
अगर तुम मां के साथ गए होते तो आज उनके साथ घूम रहे होते।
2.) पाठ में इन शब्दों के प्रयोग को आप देख सकते हैं भूरे बादल, उन्मादपूर्ण हँसी, अटल धैर्य, नया उत्साह, विकट समय, सस्ता जीवन, प्रलय राग ऐसे प्रयोग विशेषण– विशेष्य के उदाहरण हैं। पाठ से आप इसी प्रकार के अन्य उदाहरण को खोज कर लिखिए और विशेष्य तथा विशेषण को चिह्नित कीजिए।
विशेषण विशेष्य
धधकती ज्वाला
लंबी सास
चतुर सिपाही
फड़कती बुझाए
ऊंची चोटिया
हिंसक जंतु
3.) पाठ में बहुत से स्थानों पर योजक चिह्न (-) का प्रयोग किया गया है। पाठ से इन्हेंखोजकर लिखिए और योजक चिह्न का प्रयोग कहाँ होता है, इसे किताब में से ढूंढ कर पढ़िए और शिक्षक की मदद से समझने का प्रयास कीजिए।
दिन – भर
उथल- पुथल
तितर-बितर
धाँय -धाँय
जीते – जागते
हंसते -बोलते
फुली- फली
अन्न-जल
पस्त -मस्त
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