Chhattisgarh State Class 7 Hindi Chapter 13 सुभाषचंद्र बोस का पत्र Solution
Chhattisgarh State Board Class 7 Hindi Chapter 13 सुभाषचंद्र बोस का पत्र Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
सुभाषचंद्र बोस का पत्र
1.) नेता जी ने केलकर को पत्र क्यों लिखा ?
नेताजी ने केलकर को यह बताने के लिए पत्र लिखा के वह गत जनवरी से कारावास में हैं।
2.) लोकमान्य ने अपने जीवन का छह वर्ष कहाँ और क्यों गुजारा?
लोकमान्य तिलक स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले एक क्रांतिकारी थे। इसीलिए लोकमान्य तिलक जी ने अपने जीवन के छह वर्ष मांडले के जेल में गुजारे।
3.) सुभाषचंद्र बोस ने भगवान को धन्यवाद क्यों दिया ?
सुभाष चंद्र बोस में भगवान को धन्यवाद दिया क्योंकि मांडले में अपनी मातृभूमि और स्वदेश से बलात अनुपस्थिति के बावजूद मुझे पवित्र स्मृतियां राहत और प्रेरणा देगी।
4.) सुभाषचंद्र बोस ने जेलों को तीर्थस्थल क्यों कहा है ?
लोकमान्य तिलक 6 वर्ष रहे थे उस जेल में रहे थे। अन्य कई जिलों में ऐसे ही भारत के कई सुपुत रहे होंगे इसीलिए सुभाष चंद्र बोस ने जेलों को तीर्थ स्थल कहां है।
5.) लोकमान्य को कारावास में सांत्वना देनेवाली वस्तु क्या थी ?
लोकमान्य तिलक को कारावास में सांत्वना देने वाली एकमात्र वस्तु थी वह है किताबें।
6.) लोकमान्य दुःख और यंत्रणाओं से ऊपर रहते थे, कैसे ?
लोकमान्य तिलक गीता की भावनाओं में मग्न रहते इसीलिए वे दुख और यंत्रणा उसे ऊपर रहते थे। यही कारण है कि उन्होंने उन यंत्रणाओंके बारे में किसी से भी एक शब्द नहीं कहा।
7.) सुभाषचन्द्र बोस ने किस पुस्तक की रचना की और उसका विषय क्या है ?
सुभाषचन्द्र बोस ने गीता भाष्य इस पुस्तक की रचना की और उसका विषय यह था के मानव को इश्वर पर विश्वास करना चहिए।
8.) नेता जी के अनुसार आजकल के नौजवान को मांडले के जलवायु से क्या शिकायत है ?
आजकल के नौजवानो को यही शिकायत है कि मांडले की हवा जलवायु शिथिल करने वाली और मंदाकिनी तथा गठियों को जन्म देने वाली है।
पाठ से आगे
1.) पाठ में लिखा है कि उनको सांत्वना देनेवाली एकमात्र वस्तु किताबें थी और वे एक कमरे में एकाकी रहते थे। एकाकीपन में पुस्तक कैसे सात्यना देती है और एकाकीपन को कैसे दूर करते हैं। आपस में बातचीत कर पुस्तक के उपयोग पर अपनी समझ लिखिए।
अगर हम एक आते हैं और हमारे पास किताब है, तो हमें कभी भी एकाकीपन महसूस नहीं होगा। किताबे हमारे सबसे अच्छे दोस्त होती है। अकेले पन में वह हमारा साथ देती है। हम उन से अधिकाधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।हम उनसे बातें कर सकते हैं। इससे हमारा एकाकीपन दूर हो जाएगा।
2.)कारावास अथवा जीवन हमारे घर के जीवन अथवा आम जन जीवन से कैसे अलग है?साथियों से चर्चा कर लिखिए।
कारावास हमारे घर या हमारे जीवन से अलग होता है। हमारे घर में हम हमारे माता-पिता के कायदे कानून से चलते हैं। लेकिन कारावास में हम किसी और के कायदे कानून से चलते हैं। जैसे हम घर में जीते हैं वैसे हमें कारावास में जीने के लिए नहीं मिलता। जो नियम सरकार के होते हैं उनका पालन करना होता है। हमारे घर में हम चाहे जैसे रह सकते हैं लेकिन जेल में हमें हमारी मन से कुछ भी करने की इजाजत नहीं होत
3.) कल्पना कर लिखिए कि जब नौजवानों को उस जलवायु से इतनी शिकायत थी तो मधुमेह से ग्रस्त वृद्ध लोकमान्य को कितना कष्ट झेलना पड़ा होगा।
नौजवानों को उस जेल में कष्ट बोहोत कष्ट होता था। तो लोकमान्य तिलक को मधुमेह था। लेकिन उनकी शरीर यष्टि अच्छी थी। वे व्यायाम करते थे। किताबे पढ़ते थे। इसीलिए शायद उन्हें इस तकलीफ का एहसास नहीं था।
4.) लोकमान्य को अपने बहुमूल्य जीवन के छह वर्ष उन कठिन परिस्थितियों में क्यों बिताने पढे? साथियों और शिक्षकों से चर्चा कर लिखिए।
लोकमान्य को अपने जीवन के बहुमूल्य वर्ष जेल में बिताने पड़े। अगर वे जेल के बाहर रहते तो भारत को आजादी दिलाने हेतू महत्वपूर्ण कार्य करते। लेकिन जेल में भी उन्होने समय नहीं गवाया। जो भी समय मिला उसका तिलक जी ने उपयोग किया।
5.) नेता जी का मानना है कि सुदीर्घ कारावास के अंधकारमय दिनों में भी लोकमान्य ने अपनी मातृभूमि के लिए अमूल्य भेंट तैयार की इसलिए उन्हें विश्व के महापुरुषों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिलना चाहिए। प्रथम श्रेणी का यहाँ क्या अर्थ है? साथियों से बातचीत कर लिखिए।
प्रथम श्रेणी का मतलब सबसे उपर। सुदीर्घ कारावास के अंधकारमय दिनों में भी लोकमान्य ने अपनी मातृभूमि के लिए अमूल्य भेंट तैयार की। जिसका उपयोग आज के युवकोंको हो रहा है। इसीलिए लोकमान्य तिलक का स्थान महापुरुषों को श्रेणी में सबसे ऊपर प्रथम श्रेणी में होना चाहिए।
भाषा से
1.) देशवासी अर्थात देश में रहनेवाले, कारावास कारा में वास, राजनीति राजा की नीति | पाठ में इस प्रकार के बहुत सारे सामासिक पदों का प्रयोग हुआ है। उनका विग्रह कर समास का नाम लिखिए।
राजबंदी- राजा का बंदी = तत्पुरुष समास
तीर्थस्थल – तीर्थ का स्थल= तत्पुरुष समास
बहुमूल्य – बहुत हैं जिसका मूल्य= कर्मधारेय समास
लोकमान्य- लोकों में मान्य= तत्पुरुष समास
महापुरुष – महान जो है पुरुष= कर्मधारेय समास
स्थानान्तरण- एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। = अवयवि भाव
चहारदीवारी – चारों तरफ से दीवार=द्विगु समास
एकाग्रचित- एकाग्र हैं जिसका चित्त= कर्मधारेय समास
घटनाचक्र- घटना का चक्र = तत्पुरुष समास
2.) निम्नलिखित अवतरण में कुछ विराम चिह्न छूट गए है उनका यथास्थान प्रयोग कीजिए–
लेकिन कारागार की चहारदीवारियों में उन्होंने क्या यातनाएँ सहीं, इसके विषय में लोगों को बहुत कम जानकारी है। कितने लोगों को पता है, उन अनेक छोटी-छोटी बातों का, जो किसी बंदी के जीवन में सुइयों की सी चुभन बन जाती है और जीवन को दूभर बना देती है। वे गीता की भावना में मग्न रहते थे और शायद इसलिए दुःख और यंत्रणाओं से ऊपर रहते थे। यही कारण है कि उन्होंने यंत्रणाओं के बारे में किसी से एक शब्द भी नहीं कहा।
3.) पाठ में दिए गए इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए–
यहाँ भारत का एक महानतम संपूत लगातार छह वर्षों तक रहा यहाँ पर महानतम शब्द गुणवाचक विशेषण का तुलनाबोधक रूप है। मूल शब्द महान है उत्तर अवस्था महानतर उत्तमावस्था महानतम है, जैसे अधिक अधिकतर अधिकतम सुंदर-सुंदरतर- सुंदरतम इसी प्रकार के पाँच विशेषण के शब्दों में तर, तम जोड़कर उनके रूप लिखिए।
महत्तर, महत्तम
लघुत्तर, लघुत्तम
गणोत्तर, गुणोत्तम
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