Chhattisgarh State Class 7 Hindi Chapter 6 सदाचार का तावीज Solution
Chhattisgarh State Board Class 7 Hindi Chapter 6 सदाचार का तावीज Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
सदाचार का तावीज
1.) दरबारियों को भ्रष्टाचार क्यों दिखाई नहीं पड़ रहा था ?
दरबारियों को भ्रष्टाचार दिखाई नहीं देता था क्योंकि वह बहुत बारीक होता हैl दरबारी राजा की बड़ी-बड़ी चीजों को देखने में इतने व्यस्त होते है कि वह इतनी छोटी-छोटी चीजें देख नहीं सकता। दरबारियों को सिर्फ राजा की विराटता ही नजर आती है।
2.) विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार के बारे में राजा को क्या बताया ?
विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार के बारे में राजा से कहा कि आपके राज्य में भ्रष्टाचार सभी जगह फैल गया है। छोटी-छोटी बातों से लेकर बड़े-बड़े कामों तक भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। आपके राज्य में भ्रष्टाचार में घर कर लिया है। इस भ्रष्टाचार के वजह से आपके अधिकारी निकम्मे हो गए हैं।
3.) भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए विशेषज्ञों ने राजा को क्या सुझाव दिए ।
भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए विशेषज्ञ में राजा से कहा कि जिस वजह से भ्रष्टाचार होता है पहले उन कारणों को ढूंढना चाहिए। बाद में उनको खत्म करने के लिए कड़े नियम व कानून बनाने चाहिए।
4.) भ्रष्टाचार मिटाने की योजना पढ़ने के बाद राजा की तबीयत क्यों खराब रहने लगी ?
विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार मिटाने की योजना राजा को दे दी। उसके बाद उस योजना पर विचार करते-करते दिन बितने लगे इसीलिए राजा का स्वास्थ्य खराब होने लगा ।
5.) साधु ने राजा को भ्रष्टाचार के बारे में क्या बताया ?
साधु ने राजा से कहा कि भ्रष्टाचार और सदाचार हमेशा ही मनुष्य के आत्मा में होता है। वह मनुष्य के अंदर ही होता है। उस मनुष्य की आत्मा जो कहती है वही बात वह मनुष्य करता है। इसे आत्मा की आवाज कहते हैं।
6.) राजा ने ताबीज के प्रभाव को परखने के लिए क्या किया ?
ताबीज का प्रभाव देखने के लिए राजा ने अपना वेश बदला और कुछ कर्मचारियों को जाकर पैसे देने लगा।
7.) राजा ने भ्रष्टाचार की तुलना ईश्वर से क्यों की ?
राजा ने भ्रष्टाचार की तुलना ईश्वर से की, क्यों की भ्रष्टाचार अति सुक्ष्म और ईश्वर भी अति सुक्ष्म है। जैसे भ्रष्टाचार सर्वव्यापी है वैसे ही ईश्वर भी सर्वव्यापी है। इसीलिए राजा ने भ्रष्टाचार की तुलना ईश्वर से की।
पाठ से आगे
1.) पाठ में उल्लेख किया गया है कि भ्रष्टाचार सर्वत्र है, सर्वव्यापी है। आप इस बात से कितना सहमत हर तर्क के साथ अपनी समझ को लिखिए।
भ्रष्टाचार सर्वव्यापी है। हम भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकते हैं, लेकिन हम रिश्वत देकर और रिश्वत लेकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। अगर हमें भ्रष्टाचार रोकना है तो नहीं रिश्वत लेनी चाहिए और ना ही देनी चाहिए।
2.) क्या आपको लगता है कि ताबीज जैसे साधनों से भ्रष्टाचार खत्म किया जा सकता है? अगर हाँ तो कैसे और नहीं तो क्यों ?
नहीं हमें नहीं लगता कि अभी जैसे साधनों से भ्रष्टाचार को रोक लग सकती है, क्योंकि अगर भ्रष्टाचार को रोक लगानी है तो हमें तय करना होगा कि हम रिश्वत नहीं लेंगे और किसी को भी रिश्वत नहीं देंगे। जब हम ऐसा करेंगे तो ही भ्रष्टाचार पर रोक लग सकेगी।
3.) हमारे देश अथवा राज्य में भ्रष्टाचार फैलने के क्या कारण आपको प्रतीत होते हैं ? साथियों से बातचीत कर अपनी समझ को लिखिए।
हमारे देश में अथवा राज्य में भ्रष्टाचार फैलने के मुख्य कारण यही है, कि यहां के बहुत से लोग अशिक्षित है। इसके कारण हम कोई भी काम करते वक्त जाने अनजाने में भ्रष्टाचारी करते हैं। जिन से काम करवा लेना होता है हमें उन्हें पैसे देने की कोई जरूरत नहीं होती। सामने वाला व्यक्ति उसी का काम कर रहा होता है। लेकिन हम अज्ञानता के कारण भ्रष्टाचारी को बढ़ावा देते हैं। ऐसे ही जनसंख्या वृद्धि और हमें कोई भी कार्य करते वक्त बहुत जल्दी होती है इसके कारण हम भ्रष्टाचारी को बढ़ावा देते हैं ।
भाषा से
1.) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए पाठ के उन अंशों को खोजिए जहाँ इनका प्रयोग हुआ है और फिर संदर्भ को समझते हुए अर्थ लिखिए– छानबीन करना, हवाले करना, खलल पड़ना, उलट–फेर असमंजस में पड़ना।
छानबीन करना- जांच पड़ताल करना
राजा ने भ्रष्टाचार की जांच पड़ताल की
हवाले करना- सौप देना
लोगों ने चोर को कानून के हवाले सौंप दिया
खलल पड़ना- काम करते वक्त काम में बाधा आ जाना
अगर कोई काम करना पड़े तो अचानक उस काम में बाधा आ जाती है।
उलट-फेर- परिवर्तन करना
हमें अपने आप में हर वक्त परिवर्तन करते रहना चाहिए।
असमंजस में पड़ना- कुछ समझ ना आना
परीक्षा नजदीक आते ही हम सब असमंजस में पड़ जाते हैं।
2.) निम्नांकित वाक्यों को ध्यान से पढ़िए–
- मैं कल दरबार में जाऊँगा।
- कल, साधु राजा से मिला।
- विधाता किसी की आत्मा की ईमान में कल फिट कर देता है।
उपर्युक्त वाक्य में रेखांकित शब्द कल के तीन भिन्न अर्थ हैं। उसी प्रकार निम्नांकित समान उच्चारण वाले शब्दों के अर्थों को वाक्य में प्रयोग करते हुए अर्थ स्पष्ट कीजिए।
पद, आम, अंक, सोना, कनक, खर
पद – चरण, स्थान
हमें बड़ों के पद स्पर्श करने चाहिए।
उसे बहुत बड़ा पद मिला है।
आम- एक फल, साधारण
गर्मी के मौसम में आम के फल मिलते हैं।
वह एक आम इंसान है।
अंक- गुण, भाग
दीदी को परीक्षा में अच्छे अंक आए हैं।
अब नाटिका का दूसरा अंक शुरू हो जाएगा।
सोना- सुवर्ण, सोने की क्रिया
आजमाने सोने के गहने पहने हैं।
छोटी आज थक कर जल्दी सो गई।
कनक- गेहूं, धतूरा
आज बाजार जाकर मैंने कनक खरीदें।
कनेर के फूल बहुत सुंदर होते हैं।
खर- एक राक्षस का नाम, गधा
श्री राम चंद्र जी ने खान नाम के एक राक्षस का वध किया।
जब हम बाजार गए थे तब हमें खर दिखाई दिया।
Read Previous Chapters:
- Chapter 1 कुछ और भी दूं
- Chapter 2 प्रेरणा के पुष्प
- Chapter 3 विद्रोही शक्ति सिंह
- Chapter 4 मौसी
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- Chapter 7 रात का मेहमान
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- Chapter 9 त्यागमूर्ति ठाकुर प्यारेलाल सिंह
- Chapter 10 सितारों से आगे
- Chapter 11 कोई नहीं पराया
- Chapter 12 प्रेरणा स्त्रोत मेरी मां
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- Chapter 15 शतरंज में मात
- Chapter 16 काव्य माधूरी
- Chapter 17 वर्षा – बहार
- Chapter 18 मितानी
- Chapter 19 शहीद बकरी
- Chapter 20 लक्ष्य – बेध
- Chapter 21 सुवागीत
- Chapter 22 सुब्रह्मण्य भारती
- Chapter 23 राजीव गांधी