Chhattisgarh State Board Class 9 Hindi Chapter 6 कलातीर्थ खैरागढ का संगीत विश्वविद्यालय Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
Chhattisgarh State Class 9 Hindi Chapter 6 कलातीर्थ खैरागढ का संगीत विश्वविद्यालय Solution
1.) भारतीय संस्कृति को श्रेष्ठ क्यों माना गया है?
हमारी भारतीय संस्कृति बहुत प्राचीन है। उतनी ही उसकी कलएँ भी पुरानी है। भारतीय कला चिंतन में कला को एक साधन माना गया है। प्राचीन आचार्य ने कला को भक्ति से जोड़ा है। भर्तूहरि ने तो साहित्य संगीत और कला से विभिन्न मनुष्य को पूछ और सिंग से रहित साक्षात पशु कहा है। साहित्य संगीत कला विहीन; साक्षात पशु पुच्छविषाण हीन:। भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का एक कारण उसकी कलात्मकता भी है। यह कला है मानव जीवन को पूर्णता प्रदान करती है।
2.) पाठ के आधार पर खैरागढ़ राज्य के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
खेरागढ़ भारत के मध्य भाग में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले के अंतर्गत आता है। यहां का ग्रामीण एवं शांत परिवेश विश्वविद्यालय की कला और कला साधना में विशेष सहायक है। यह रियासत कालीन कलात्मक गुलाबी रंग के महल की अपनी विशेषता है। नागवंश के दानवीर राजा रानी ने अर्धशतक पहले जो संगीत की बगिया लगाई थी, उसमें आज संगीत ही नहीं सभी ललित कलाओं के बहुरंगी व बहूढंगी पुष्प विकसित हो रहे हैं। स्व लाल प्रद्युमन सिंह रचित ग्रंथ नागवंश उसके अनुसार वर्तमान खैरागढ़ में नागवंशी राजाओं के इतिहास का आरंभ राजा खड़गराय से हुआ। खोलवा राज्य के सोलहवे तथा नई राजधानी खैरागढ़ के प्रथम राजा थे। उन्होंने पिंपरिया मुस्का तथा आमनेर नदी के मध्य अपने नाम से एक नगर बसाया। उस नगर के चारों ओर खैर वृक्षों की अधिकता थी। इतिहासकार दोनों मान्यताओं से सहमत हैं कि राजा खड़गराय या फिर वृक्षों की अधिकता की वजह से नगर को खैरागढ़ कहा जाने लगा। नागवंशी राजाओं ने स्वास्थ्य तथा संगीत कला पर विशेष ध्यान दिया। गुरु शिष्य परंपरा से पल्लवीत संगीत की शिक्षा के लिए विद्यालय उनके परिकल्पना भी बाल्यावस्था में थी उसी समय तत्कालीन मध्य प्रदेश के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में स्थित खैरागढ़ नगर को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना का गौरव प्राप्त हुआ।
3.) खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना किस तरह हुई?
खैरागढ़ के राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी की प्रसिद्धि सदैव मुस्काती रहेंगी। जिन्होंने अपने दिवंगत पुत्री राजकुमारी इंदिरा की स्मृति में संपूर्ण राजभवन का उदारता पूर्वक दान करके इस विश्वविद्यालय की स्थापना की। 14 अक्टूबर 1956 ईस्वी में श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया।
4.) विश्वविद्यालय के कुलपति पं. एस. एन रातंजनकर के योगदान को लिखिए।
इस विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति पं. एस. एन रातंजनकर का संगीत के आरंभिक पाठ्यक्रम बनाने में महती योगदाग रहा। उन्होंने संगीत की शिक्षा को घरानों की चारदीवारी से निकालकर संस्थागत किया और प्रयोग को एक-दूसरे के नजदीक लाने और जोड़ने का कार्य किया। इससे गीत-संगीत और नृत्य की शिक्षा के प्रति समाज का दृष्टिकोण सकारात्मक हुआ।
5.) खैरागढ़ विश्वविद्यालय में कौन-कौन से शिक्षण विषय उपलब्ध है?
वर्तमान में विश्व विद्यालय के शिक्षण विभाग द्वारा संगीत कला, चित्रकला, मूर्तिकला, छापा कला, लोककला तथा साहित्य संबंधित डिप्लोमा, स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित है। यहां के बी.ए बी.ए(ऑनर्स) संगीत, नृत्य, लोक संगीत, तथा बी एफ ए, एम. ए के पाठ्यक्रम रोजगार मूलक तथा जीवनी पर्यंत उपयोगी है।
6.) टिप्पणी लिखिए-
क) ग्रंथालय. –
खैरागढ़ विश्वविद्यालय का ग्रंथ आले बहुत बड़ा है जहां पर 45000 पुस्तकें है। ग्रंथालय मतलब ग्रंथों का घर। जहां पर बहुत सारी पुस्तकें रखी हुई होती है। खैरागढ़ के ग्रंथालय में बहुत सारी कैसेटे रखी हुई है। जिससे विद्यार्थी ऑडियो और वीडियो कैसेट द्वारा ज्ञानार्जन कर सकते हैं। ग्रंथालय में सभी प्रकार की पुस्तके उपलब्ध होती है। जिससे विद्यार्थी अपने लिए जो चाहे वह पुस्तक चुन के पढ़ सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा ज्ञान संग्रहित कर सकते हैं।
ख) ललित कला-
खैरागढ़ में ललित कलाओं के सृजक चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुकार, संगीतकार और काव्यकार सभी को यहां पर मूर्ति रूप देने का प्रयास किया जाता है। ललित कला यह स्वर ताल नृत्य से बंधा हुआ है। इसके लिए ग्रंथ आले में भी भव्य श्रव्य काव्य है। जहां पर विद्यार्थी अपने विषय के अनुरूप महान कलाकारों के ऑडियो वीडियो कैसेट द्वारा ज्ञान अर्जन करते हैं।
7.) इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को कलातीर्थ क्यों कहा गया है?
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को कलतिर्थ का भी कहा जाता है क्योंकि इस कला के रूप में भारत के कई प्रांतों से देशों से विद्यार्थी शोधार्थी श्रद्धा भाव से आते हैं। श्रीलंका, थाईलैंड, ऑस्ट्रिया, तुर्की, माॅरिशस, भारत अलग-अलग प्रांतों से विद्यार्थी यहा पे आते है। अलग-अलग स्थानों से आए भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम एवं शोध आवश्यकताओं की अपेक्षा यहां पूरी की जाती है। यहां की एक अलग ही प्रकृति है जो विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध पारंपारिक भारतीयता के ज्ञानार्जन की अनुभूति कराती है।
पाठ से आगे
1.) कलाएँ हमारे जीवन को किस तरह खुशहाल व परिपूर्ण बनाती है?
हमने जो अद्भुत कलाएं होती है उन्हें हम जब शिक्षा की मदद से परिपूर्ण करते हैं और उसका प्रदर्शन करते हैं तो इससे हमें ख्याति भी मिलती है और हमारा जीवन खुशहाल और परिपूर्ण बनता है।
2.) ललित कलाएं कौन सी है और उन्हें ललित कलाएं क्यों कहा गया है?
चित्रकला मूर्तिकला वास्तु कला काव्य कला संगीत कला नृत्य कला यह सब ललित कला है। इन कलाओं के वजह से हमारे जीवन को एक सौंदर्य प्राप्त होता है। यह कलाएँ भी सौंदर्य पूर्ण होती है। हमारा जीवन परिपूर्ण कहलाता है।
3.) कलाकार क्या विशेषता व्यक्ति होते हैं या आप और हम भी कलाकार हो सकते हैं? आपस में विचार कर लिखिए।
हम सब आम आदमी की पढ़ाई होते हैं लेकिन आप जन्मजात हम सब में कुछ ना कुछ गुण होते हैं। इन गुणों को हमें अच्छी तरह से जानना चाहिए और इन को बढ़ावा देना चाहिए। हम सब में ही कुछ ना कुछ ऐसी कला होती है जो हमें और उनसे अलग बनाती है इस कला को बढ़ावा देने के लिए हमें उसका अच्छी तरह से अभ्यास करना चाहिए। इससे हम भी कलाकार हो सकते हैं।
4.) विभिन्न कलाओं की शिक्षा प्राप्त कर आप किस तरह रोजगार चुन सकते हैं? तालिका में लिखिए।
5.) कला स्वात: सुखाय भी होती है। कैसे? शिक्षक से पूछकर लिखिए।
कला स्वात: सुखाय भी होती है। हमारे कला की हमे खुद भी प्रशंसा करनी चाहिए। अपनी कला को बढा़वा देने के लिए हमे हमेशा प्रयत्न करने चाहिए। जब हम अपनी कला को बढ़ावा देते हैं उसके बाद हमने क्या क्या किया इसका मूल्यांकन करते हैं उसके बाद जो हमें खुशी होती है उसे स्वता: सुखाय कहते हैं।
भाषा के बारे में
1.) भावना स्त्रीलिंग की संज्ञा शब्द है इसमें जब आत्मक प्रत्यय जुड़ेगा तो प्राप्त शब्द भावनात्मक एक विशेषण शब्द होगा। इसी प्रकार निम्नांकित शब्दों में आत्मक प्रत्यय जोड़कर विशेष शब्द बनाइए।
1.) कला – कलात्मक
2.) व्याख्या- व्याख्यात्मक
3.) तुलना – तुलनात्मक
4.) रचना- रचनात्मक
2.) निम्नांकित शब्दों में कुछ अन्य शब्द जोड़कर नए शब्द बनाइए – जैसे साहित्य से साहित्य सम्मेलन
क) गायन- गायन सम्मेलन
ख) परंपरा- परंपरा रीति रिवाज, पारंपारिक
ग) कला- कला कौशल्य, कलात्मक
3.) पाठ के चौथे अनुच्छेद में दी गई जानकारी के आधार पर राजा वीरेंद्र बहादुर और रानी पद्मावती के बीच संवाद लिखिए।
राजा वीरेंद्र बहादुर – रानी पद्मावती हमारी पुत्री जाने के बाद यह महल सुना हो गया है।
रानी पद्मावती- हमारा भी मन अब नही लगता।
राजा वीरेंद्र बहादुर – हमारी यह इच्छा है कि पुत्री इंदिरा के याद में संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए आपको हमारी यह कल्पना कैसी लगती है?
रानी पद्मावती- यह तो बहुत अच्छी कल्पना है हमें आपकी यह कल्पना बहुत अच्छी लगी।
4.) अपने मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें खैरागढ़ के संगीत विश्वविद्यालय की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
नैना मिश्रा
शिवाजीनगर, कानसे रोड
दिल्ली
6 जून 2022
प्रिय नैना,
सप्रेम नमस्कार
कैसी हो? अभी तक तुमने मेरे बीच लेखक का जवाब नहीं दिया? भूल गई क्या? मैं तुम्हें यह पत्र इसलिए लिख रही हूं कि मेरी कॉलेज के सभी दोस्त मिलकर हाल खैरगड़ का विश्वविद्यालय देखने गए थे। बहुत बड़ा और सुंदर विद्यालय ह रानी पद्मावती और राजा वीरेंद्र बहादुर इन दोनों ने मिलकर अपना महल अपनी पुत्री इंदिरा की याद में संगीत महाविद्यालय को दान कर दिया था। आज वहां पर चित्र कला, नृत्य कला, संगीत कला, शिल्पकला यह सब सिखाया जाता है। उनका एक भव्य दिव्य पुस्तकालय भी है जहां पर 45000 अलग-अलग पुस्तके है।
यहां पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए देश-विदेश से विद्यार्थी आते हैं। अगर हमारे आसपास भी कोई ऐसी छात्र है जिनमें यह कला गुड है तो हमें भी उन्हें इस कॉलेज में जाने के लिए कहना चाहिए।
चाचा चाची कैसे हैं? उन्हें मेरा प्रणाम कहना। तुम्हारी तबीयत कैसी है? तुम्हारी बहुत याद आती है। वक्त मिले तो जवाब भेज देना। तुम्हारी दोस्त
रिया
क) भावनात्मक शब्द में आत्म प्रत्यय है ऐसे ही 10 शब्द और बनाइए।
1.) काव्यात्मक 2.सृजनात्मक 3.भावनात्मक 4.सकारात्मक 5.नकारात्मक 6.रचनात्मक 7.प्रश्नात्मक 8. द्वेषात्मक
9). विचारात्मक 10.) वर्णनात्मक
ख) कल्याणकारी शब्द में कार्य प्रत्यय करने वाला या करने वाली का बोध कराता है ऐसे ही आप कार्य प्रत्यय लगाकर दस नए शब्द बनाइए।
1.) निराकारी 2. अहंकारी 3. कलाकारी 4.उपकारी 5. आज्ञाकारी 6. दुराचारी 7. परिवर्तनकारी 8.जानकारी 9.विनाशकारी 10. सरकारी
ग) संस्कृत से मूल रूप में बिना परिवर्तित हुए हिंदी में लिए गए शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं। जैसे कर्ण, अग्नि इत्यादि। इस पाठ में आए तत्सम शब्दों की सूची बनाइए।
1.) रहित 2. पशु 3. विहीत 4. पुष्पा 5.प्रांगण 6.स्नातक 7.मनोहारी 8. ज्ञानार्जन 9.सुस्वारा:
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- Chapter 7 बच्चें काम पर जा रहे हैं
- Chapter 8 अकेली
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- Chapter 10 रीढ की हड्डी
- Chapter 11 सुरज टघलत है
- Chapter 12 लोककथाएँ
- Chapter 13 नदिया- नरवा मां तँउरत हे
- Chapter 14 ग्राम्य जीवन
- Chapter 15 मेघालय का एक गांव मायलिनोंग
- Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुख
- Chapter 17 सी. वी. रमन
- Chapter 18 प्लास्टिक कल का खतरा, आज ही जागें
- Chapter 19 विकसित भारत का सपना
- Chapter 20 पद
- Chapter 21 आ रही रवि की सवारी
- Chapter 22 अखबार में नाम
- Chapter 23 अपने हिस्से में लोग आकाश देखते हैं