Chhattisgarh State Class 9 Hindi Chapter 22 अखबार में नाम Solution
Chhattisgarh State Board Class 9 Hindi Chapter 22 अखबार में नाम Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
- ) अनंतराम के बेहोश हो जाने के बाद गुरदास में क्या सोचा और क्यों?
जब अनंतराम बेहोश हो गया, तो गुरुदास ने यह सोचा कि अगर अनंतराम की जगह वह होता तो उसे देखने सभी लोग इकट्ठा हुए होते। सबकी नजर गुरुदास पर टिकी रहती। मुझे भी उसकी तरह चोट आनी चाहिए थी। इस वजह से सभी लोग उसे जान जाते।
2.) गुरुदास की क्या महत्वकांक्षी थी?
गुरुदास को प्रसिद्ध होने की मंशा थी। उसे यह लगता था, कि कुछ ना कुछ ऐसा हो जाए कि उसे प्रसिद्धि मिले, उसका नाम अखबारों में आए।
- ) गुरुदास के पिता की उस से क्या अपेक्षा थी?
गुरुदास के पिता को ऐसा लगता था, कि गुरुदास के हाथों कुछ ऐसा हो जाए कि वह उनका और खुद का भी नाम रोशन करें। गुरुदास कुछ अच्छा काम करें, नाम कमाए।
4.) गुरुदास अपनी तुलना बोरी के एक दाने से क्यों करता था?
गुरुदास अपनी तुलना बोरी के दाने से करता है वह यह कहता है, कि बोरी में एक एक दाना महत्वपूर्ण होता है। एक दाना भी अगर किसी को मिल जाए तो वह उसका पेट भर सकता है। बोरी तभी भर्ती है जब उसमें बहुत सारे दाने हो। एक-एक दाना करके ही यह बोरी भर जाती है। गुरुदास कहता है कि इसी तरह मैं भी अन्य लोगों की तरह बनना चाहता हूं, अन्य लोग जैसा काम करते हैं और अपना और अपने पिता का नाम रोशन करते हैं वैसे ही मैं करना चाहता हूं।
5.) गुरुदास अखबार में नाम छपवाने के लिए क्यों उतावला था?
अखबार प्रसिद्धि मिलने का एक माध्यम है। गुरुदास को यह लगता था, कि अगर मेरा नाम अखबार में आएगा तो सभी लोग मुझे जान जाएंगे। उसके बारे में सभी जगह चर्चा हो जाएगी और वह प्रसिद्ध हो जाएगा। इसीलिए वह अपना नाम अखबार में छपवाने के लिए उतावला था।
6.) अखबार में देखकर अपने मुहल्ले के लोगों का नाम उस पर क्या प्रतिक्रिया होती थी?
गुरुदास की यह इच्छा थी कि उसका नाम अखबार में आए और वह का प्रसिद्ध हो जाए। लेकिन ऐसा नहीं होता था। इसके उल्टा उसके मुहल्ले के लोगों का नाम अखबार में आता है और यह देखकर उसकी इच्छा और तीव्र होती जाती थी। वह उनका नाम देख कर दुखी हो जाता और मन मसोस कर रह जाता। उसे यह लगता था कि उसका नाम अखबार में आए ऐसी उसकी बचपन से इच्छा थी।
7.) अदालत ने गुरदास को हर्जाना दिन आने से क्यों इंकार किया?
अदालत में जब गुरुदास खड़ा था तब गुरु दास ने यह बयान दिया कि वह जानबूझकर मोटर के सामने आ गया, क्योंकि उसे प्रसिद्धि चाहिए थी। उसका नाम अखबार में आए ऐसी उसकी इच्छा थी। इसीलिए अदालत ने गुरुदास को हर्जाना दिलाने से इनकार कर दिया।
पाठ से आगे
1.) किसी दिन का एक हिंदी अखबार लीजिए और एक पृष्ठ देखकर बताइए कि उसमें किस-किस के नाम छपे है? और किसके बारे में उनके नामों की चर्चा हुई है?
विराट, अजीत आगरकर, तिलक वर्मा, रिकी पोंटिंग, प्रवीण कुमार, रोहित शर्मा, जैक्सन अजीत, आगरकर
इन नामों की चर्चा आज के अखबार में हुई है।
2.) अपने आसपास के व्यक्तियों के कच्चे कार्यों को जानिए और उनके कार्यों के बारे में लिखिए।
हमारे गांव में एक ऐसे व्यक्ति है जिसका स्वभाव बहुत ही अच्छा है। उनका खुद का व्यवसाय है, लेकिन उसमें से जो भी मुनाफा होता है उसमें से ज्यादा से ज्यादा हिस्सा वह समाज सेवा में लगा देते हैं। बहुत सारे विद्यार्थियों का शिक्षण उनकी वजह से हुआ है। हर साल में एक बार अनाथ आश्रम, वृद्धा श्रम इनके लिए यह कुछ ना कुछ पैसे या फिर उनको जो भी मदद चाहिए वह कर देते हैं। सभी लोग इनका सम्मान करते हैं। यह जो समाज सेवा का काम वह करते हैं इसके बारे में ज्यादा लोगों को वह बताते नहीं है। अगर कोई व्यक्ति परेशानियों से कठिनाइयों से गुजर रहा है तो उसकी मदद यह जरूर करते हैं।
3.) ‘यह आदमी चलता चलता अकबर पढ़ने में इतना मगन था कि उसने सुना ही नहीं।’ इस वाक्य में गुरुदास के अखबार पढ़ने में मगन होने की बात कहीं गई है। आप किस किस काम में मगन होते हैं लिखिए।
इस वाक्य में गुरुदास के मागन होने के बात कि है। ऐसे ही मैं किताब पढ़ते वक्त या नृत्य करते वक्त मगन हो जाते हैं यह दो काम करते वक्त हमारा लक्ष्य हो कहीं और नहीं भटकता।
4.) “अखबार में अपने नाम छपने की लालसा लिए विचार मग्न गुरुदास सड़क पर चलते हुए मोटर के ठोकर से दुर्घटनाग्रस्त हो गया।”
गुरुदास द्वारा सड़क पर चलते हुए विचार में खो जाना कहां तक उचित था। सतर्क उत्तर दीजिए।
अखबार में नाम सपने की लालसा के लिए विचार सड़क पर चलते हुए मोटार की ठोकर से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गुरुदास द्वारा सड़क पर चलते हुए विचार में खो जाना यह उचित नहीं था। उसका मन प्रसिद्धि की लालसा से विचलित हो गया था। प्रसिद्ध होना यह इच्छा मन में होना यह कोई गलत बात नहीं है, लेकिन अपनी इच्छा पूर्ति के लिए हमें सही रास्ता चुनना चाहिए। अगर हम अच्छे कर्म करेंगे और उस वजह से प्रसिद्धि में आएंगे तो यह बात लोगों के मन में भी बहुत दिनों तक चलती रहेगी। लेकिन हम गलत काम कर के प्रसिद्ध हो जाएंगे तो लोग हमें कुछ ही दिनों में भूल जाएंगे।
भाषा के बारे में
1.) अनन्त को अनंत संम्बध को संबंध चञचल को चंचल की तरह भी लिखा जा सकता है। शब्द को संक्षिप्त कर लगाया गया बिंदु अनुसार कहलाता है। दिए गए उदाहरण के आधार पर आप भी पाठ में आए कुछ शब्दों को विस्तारित व संक्षिप्त कर लिखिए। यह भी बताइए कि अनुस्वार लगे शब्दों को विस्तारित करने के नियम क्या है?
बिन्दु – बिंदु
संकल्प – सन्कल्प
अंनन्त – अनंत
नंम्बर – नंबर
अंबर – अंम्बर
2.) पूर्ति, प्रारूप, पर्व, प्रखर, क्लर्क, राष्ट्र शब्दों के भिन्न भिन्न स्वरुप है।
पूर्ति = प+ऊ+ र्+त+इ
प्रारूप = प+र्+ आ+र+ऊ+ प्
पर्व = प+अ+ र्+व
प्रखर = प+र+ख्+अ+र
क्लर्क = क+ल+ अ+र्+क
राष्ट्र= र+आ+ ष्+ट्+र
(जहा र के साथ स्वर आता है वहा र पूरा है जहां स्वर नहीं है वहां र आधा है।)
इसी तरह भिन्न रूप में प्रयुक्त र वाले शब्दों की सूची बनाइए और इनकी प्रकृति को समझिए।
ड्रिल= ड+र्+इ+ल+अ
बिखर= ब+इ+ख+अ+र
क्लर्क= क्+ल+अ+र्+क
दुर्भाग्य= द+ऊ+र्+भ+आ+ग्+य
हाॅर्न= ह+आॅ+र्+न
3.) इन वाक्यों को पढ़िए-
क) राम सेब ही खाता है।
ख) राम सेब भी खाता है।
दोनों वाक्यों में दो शब्द भी और ही आगे आने वाले शब्दों में अर्थ को बदल रहे हैं। पहले वाक्य के संदर्भ में कहा जा सकता है कि राम केवल सेब खाता है, कोई अन्य फल नहीं। यहां ही का प्रयोग एकमात्र का अर्थ देता है और वाक्य में विशेष बल देता है।
दूसरे वाक्य में भी में समावेशन का प्रभाव है कि राम सेब के साथ-साथ अन्य फल भी खा सकता है।
इसी तरह से आप ही व भी का प्रयोग करते हुए पांच पांच वाक्य बनाइए।
1.) वह कल ही पाठशाला आया था।
वह कल भी पाठशाला आया था।
2.) उसने ही खाना खाया।
उसने भी खाना खाया।
3 ) मैं ही वहा गया था।
मैं भी वहा गया था।
4.) तुमने ही यह लिखा है।
तुमने भी यह लिखा है।
5.) राम ही घुमने गया।
राम भी घुमने गया।
योग्यता विस्तार
1.) अपने गांव, मोहल्ले या कस्बे में घटी किसी घटना को एक खबर के तौर पर लिखिए।
यशपाल का जन्म फिरोजपुर में हुआ था। 3 दिसंबर 1903 उनका जन्म हुआ। उनके माँ का नाम प्रेमदेवी और पिता का नाम हीरालाल था। लाहौर में उन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण की। उन्हें शिक्षा के हेतु कांगडी भेज दिया। वहा उनके मन में अंग्रेजों के आक्रोश भर गया। उन्होंने स्वतंत्रता के संग्राम में भाग भी लिया था।
साहित्य
कहानियाँ- पिंजरों की उडा़न, धर्म युद्ध, चिनगारी
उपन्यास- दिव्या, अप्सरा का शाप, अमिता
पुरस्कार- देव पुरस्कार, पद्मभूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार
3.) समूह में चर्चा कीजिए कि सड़क पर चलते हुए हमें किन – किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सड़क पर चलते वक्त हमें चारों ओर देख कर चलना पड़ता है। कभी दाएं तरफ तो, कभी बाए तरफ हमें देखना चाहिए, क्योंकि दोनों बाजू से गाड़ियां चलती रहती है। चलते वक्त हमेशा बाई तरफ से चलना चाहिए। सड़क पर चलते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर हमें सड़क पार करनी है तो हमेशा झेब्रा क्रॉसिंग देखकर चलना चाहिए।
Read Previous Chapters
- Chapter 1 जीवन नही मरा करता है
- Chapter 2 गुल्ली डंडा
- Chapter 3 अपूर्व अनुभव
- Chapter 4 छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- Chapter 5 गद्दार कौन
- Chapter 6 कलातीर्थ खैरागढ का संगीत विश्वविद्यालय
- Chapter 7 बच्चें काम पर जा रहे हैं
- Chapter 8 अकेली
- Chapter 9 जामुन का पेड़
- Chapter 10 रीढ की हड्डी
- Chapter 11 सुरज टघलत है
- Chapter 12 लोककथाएँ
- Chapter 13 नदिया- नरवा मां तँउरत हे
- Chapter 14 ग्राम्य जीवन
- Chapter 15 मेघालय का एक गांव मायलिनोंग
- Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुख
- Chapter 17 सी. वी. रमन
- Chapter 18 प्लास्टिक कल का खतरा, आज ही जागें
- Chapter 19 विकसित भारत का सपना
- Chapter 20 पद
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- Chapter 23 अपने हिस्से में लोग आकाश देखते हैं