Chhattisgarh State Board Class 9 Hindi Chapter 5 गद्दार कौन Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
Chhattisgarh State Class 9 Hindi Chapter 5 गद्दार कौन Solution
1.) दशहरे पर नवलगढ़ राज्य में होने वाले आयोजन के बारे मे लिखिए।
नवलगढ़ राज्य में यह प्रथा चली आ रही थी कि हर साल दशहरे के दिन राजधानी में एक बड़ा मेला भरताl प्रजा का हर व्यक्ति राजा को अपनी शक्ति के अनुसार भेंट चढ़ा थाl राजमहल खूब सजाया जाता था। नगर में और नगर के लोगों में बहुत उत्साह रहता था। दूर-दूर से दूसरे राज्य से नृत्य मंडलीया, आती बहुत सारे कलाकार राज्य में आते थे। रामलीला का तो अंत ही नहीं होता था। राजधानी को तो उस दिन दुल्हन की तरह सजाया जाता था।
2.) राजा रामशाह और उनके राजपुरोहित पंडित रामभगत के आपसी संबध कैसे थे?
पंडित राम भगत और राजा रामशाह इन दोनों के बीच मित्रता के संबंध थे। पंडित राम भगत को राजा राजपुरोहित कम और अपना दोस्त अधिक समझते थे। उनकी हर बात को आदर पूर्वक मान देते थे।
3.) रामचरण को नौकरी से क्यों हाथ धोना पड़ा?
राजेंद्रशाह अपने पिता से भिंड उद्दंड और विलासि था। रामचरण राजा राजेंद्रशाह को हमेशा टोकता रहता की प्रजा का ध्यान रखें वह हमेशा राजेंद्रज्शाह का ध्यान प्रजा की ओर खींचता। रामचरण ने राजा को आखिरी तक नेक सलाह दी लेकिन इसका परिणाम यह हुआ कि उसको अपने नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
4.) मोतियों की फसल वस्तुतः क्या थी?
मोतियों की फसल वस्तु तथा गेहूं की फसल थी। हर पौधे पर ओस की बुंदे थी। सूर्य की किरणें उस बिंदु पर पड़ने से वह मोतियों जैसे लग रही थी।
5.) रामचरण की सफलता पर किस तरह की प्रतिक्रिया हुई?
रामचरण ने गेंहू की फसल उगाई थी। एक दिन वह राजा को लेकर उस खेत में चला गया और राजा से कहा कि मैंने मोतियों की फसल की है। राजा के साथ उसके मुंसाहिब भी थे। गेहू के हर पौधे पर उसकी बूंदे थी और सूर्य की किरणों के वजह से वह मोती जैसे लग रही थी। एक मुसाहिब उसे तोड़ने के लिए आगे बढ़े। रामचरण ने उसे कहा कि यह मोतीयों की पवित्र फसल है। इसे वही व्यक्ति हाथ लगा सकता है जिसे देश के प्रति आज तक गद्दारी न कि हो। रामचरण के ऐसा कहने के बाद सभी मुसाहिब ओके चेहरे फिके पड गए। कुछ देर तक वह एक दूसरे का मुंह देखते रह गए और सब अपने-अपने काम की ओर चल दिए। अंत में राजा रहे गए थे। रामचरण क्या कहना चाहता है उसका ज्ञान उनको हुआ और अगले ही पल उन्होंने अपना मस्तक रामचरण की चरणों में रख दिया।
6.) राजा रामशाह और उनके पुत्र राजेंद्रशाह के व्यक्तित्व में क्या-क्या सामान सामानताए थी? एक तालिका के रूप में लिखिए।
राजा रामशाह |
राजा राजेंद्रशाह |
राजा रामशाह कला प्रेमी थे |
राजा राजेंद्रशाह कला प्रेमी थे। |
राजा रामशाह संगीतप्रेमी थे। |
राजा राजेंद्रशाह संगितप्रेमी थे। |
पाठ से आगे
1.) अपने गांव या शहर में किसी पर्व पर चली आ रही प्रथा के विषय में लिखिएl
दशहरे के दिन पर रावण दहन किया जाता है यह एक प्रथम है जो बरसों से चली आ रही है। रावण जबरदस्ती माता सीता को अपने महल ले गया था। मां सीता को रावण के बंधन से मुक्त करने के लिए, दशहरे के दिन श्री राम जी ने रावण को मृत्यु दिलाई थी और माता-पिता को सही सलामत अयोध्या लेकर आए थे। इसीलिए तब से हम दशहरे के दिन रावण दहन करते हैं।
2.) अपने गांव में प्रचलित तीन अच्छी और तीन बुरी प्रथाओं के विषय में तीन तीन वाक्य लिखिएl
अच्छी प्रथा है
नारली पूर्णिमा- इस दिन सभी होली लोग समुंदर में जा कर समंदर को नारियल चढ़ाते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं।
गणेश चतुर्थी – इस दिन सभी गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं।
गुड़ी पाड़वा- अपने घर के बाहर गुड़ी खड़ी करके हम अपने नए वर्ष का प्रारंभ करते हैं।
बुरी प्रथाएं
बलि देना- हमारे आसपास कहीं त्योहार पर बलि देने की प्रथा है यह एक बुरी प्रथा है। हमें पशुओं की हत्या नहीं करनी चाहिए।
पर्दा प्रथा- आज भी कई जगह पर स्त्रियों को पर्दे में रखा जाता है यह गलत है।
जाति प्रथा- लोगों को जाति के नाम पर बोलना यह गलत है।
3.) यदि राजेंद्र शाह के स्थान पर रामचरण राजा बन जाता तो राज्य की स्थिति क्या होती ?
यदि राजेंद्र शाह के स्थान पर रामचरण राजा बन जाता तो राज्य की स्थिति बहुत अच्छी होती। लोग अपने राजा के कार्य भाग से खुश होते। राज्य का कार्यभार अच्छी तरह से चल रहा होता। राज्य में अराजकता नहीं होती सभी लोग सुखी और संपन्न हो जाते।
4.) कहानी में राजपुरोहित द्वारा राजा की झूठी तारीफ कर सोने की मुद्राएं प्राप्त करते हुए बताया गया हैl ऐसा करना उचित है या अनुचित? अपने उत्तर तर्क सहित लिखिएl
कहानी में राजपुरोहित द्वारा राजा की झूठी तारीफ कर सोने की मुद्राएं प्राप्त करते हुए बताया गया हैl ऐसा करना अनुचित है। हमें अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए। अगर हम गलत रास्ते पर चलते हैं तो हमें कभी भी सम्मान नहीं मिलता।
भाषा के बारे में
1.) पाठ में दिए गए इन मुहावरों के अर्थ लिखकर उनका अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए-
क) तारीफ पुल बांधना – बहोत प्रशंसा करना
राजा रामचरण के आसपास के लोग उनके तारीफ के पुल बांधते रहते।
ख)बीड़ा उठाना – बहोत बडा़ काम करने की जोखिम उठाना
राजा को उनका काम समझाने का रामचरण ने बीड़ा उठाया।
ग) राई का पहाड़ बनाना – छोटी सी बात को बहुत बड़ा बनाना
राई का पहाड़ बनाने से मुश्किलें बढ़ जाती है।
घ)चेहरा फीका पड़ना – रंग उड़ जाना
झूठ बोलते हो दोस्त के पकड़े जाने से उसके चेहरा फीका पड़ गया।
ड)टोह न पाना- किसी बात का फर्क ना पडना
राजा अपने भोग विलास में इतना डूब गया कि उसे इसी बात का टोह न पाया।
2.) वाक्य के रेखांकित शब्दों में अनुस्वार (ं) या चंद्रबिंदु (ँ) लगाइए और लिखिए।
क) राजा ने पंडित जी को ढेर सारी मुद्राएं दी।
राजा ने पंडित जी को ढेर सारी मुद्राएंँ दी।
ख) हर पौधा उसकी सुनहरी बूंदों से जडा हुआ था।
हर पौधा उसकी सुनहरी बूंँदों से जडा हुआ था।
ग) मृत्युदड सुनाने से पहले राजेंद्र शाह ने पूछा।
मृत्युदंड सुनाने से पहले राजेंद्र शाह ने पूछा।
घ) अभी तो राजपूत्र और ब्राह्मण कुमार आंगन में खेल रहे थे।
अभी तो राजपूत्र और ब्राह्मण कुमार आंँगन में खेल रहे थे।
ड) दूर-दूर से नृत्य मडलिया आती।
दूर-दूर से नृत्य मंडलियाँ आती।
3.) निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित शब्दों को उनके हिंदी पर्याय से इस तरह बदलकर लिखिए कि उनके अर्थ में परिवर्तन ना हो।
क) हम तुम्हें मौका देंगे।
हम तुम्हें अवधि देंगे।
ख) कुछ खुशामदियों को यह बात खलने लगी।
कुछ चापलूसी करने वालों को यह बात करने लगी।
ग) नए राजपुरोहित ने मामले को संगीन बनाया।
नए राजपुरोहित ने मामले को भयंकर बनाया।
घ) प्रजा को राजा के खिलाफ भड़काना पाप है।
प्रजा को राजा के विरोध में भड़काना पाप है।
ड) इधर राजा की विलास प्रियता बढ़ती गई और उधर खजाना खाली होता गया।
इधर राजा की विलास प्रियता बढ़ती गई और उधर कोष खाली होता गया।
4.) निम्नांकित वाक्य उनसे कारक चिन्ह पहचान कर अलग कीजिए।
क) प्रजा का हर व्यक्ति राजा को अपनी शक्ति के अनुसार भेंट चढ़ाता।
को – कर्म कारक
ख) परिणाम था उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
से- अपादान कारक
ग) उनकी आंखें आत्मज्ञान से मानो चमक उठी।
से- करण कारक
घ) संसार में ऐसा अगर कोई राज्य है तो वह नवलगढ़ है।
में – अधिकरण कारक
ड) राजा ने उस पर विश्वास किया।
ने- कर्ता कारक
Read Previous Chapters
- Chapter 1 जीवन नही मरा करता है
- Chapter 2 गुल्ली डंडा
- Chapter 3 अपूर्व अनुभव
- Chapter 4 छत्तीसगढ़ी लोकगीत
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- Chapter 8 अकेली
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- Chapter 13 नदिया- नरवा मां तँउरत हे
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- Chapter 18 प्लास्टिक कल का खतरा, आज ही जागें
- Chapter 19 विकसित भारत का सपना
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- Chapter 22 अखबार में नाम
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