Chhattisgarh State Class 9 Hindi Chapter 18 प्लास्टिक कल का खतरा, आज ही जागें Solution
Chhattisgarh State Board Class 9 Hindi Chapter 18 प्लास्टिक कल का खतरा, आज ही जागें Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
1.) द ग्रेट पॅसिफिक गारबेज पॅच क्या है? इसे आधुनिक सभ्यता का क्रूर प्रतिक क्यों माना जाता है?
प्लास्टिक यह हमारी समाज के लिए एक समस्या बन चुका है। प्लास्टिक का उपयोग हमें हमारे जीवन कम करना चाहिए। प्लास्टिक का विघटन नहीं होता। वह समाज के लिए हानिकारक बन जाता है। इससे कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है। कॅलिफोर्निया की तट से 800 किलोमीटर और जापान के तट 3 किलोमीटर पर द ग्रेट पॅसिफिक गारबेज पॅच मतलब कचरे की प्रशांत पट्टी है । यह पट्टी भारत देश से भी चार गुणा बडी है। इसमें बाकी सब कचरे से ज्यादा प्लास्टिक की मात्रा बहुत है। प्लास्टिक जैसे मानव को हानि हो सकती है, वैसे ही पशु -पक्षियों को भी यह प्लास्टिक हानी पहुंचा सकता है। इसलिए इसे आधुनिक सभ्यता का क्रूर प्रतिक माना गया है।
2.) प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन में इतना जरुरी और लोकप्रिय क्यों हो गया है?
विश्व सभी में प्लास्टिक जैसे वस्तु को चमत्कार माना गया था। लेकिन आज यह चमत्कार हमारे मानव जीवन और इतर सजिवों के लिए हानिकारक बन चुका है। प्लास्टर हमारे दैनंदिन जीवन का एक भाग बन चुका है। यह प्लास्टिक खेल के सामग्री के लिए, वस्तुओं को रखने के लिए, कपड़ों के लिए, खेतों की सामग्री के लिए, वैद्यकिय इस्तमाल में, नए नए भवन के निर्माण हेतु प्लास्टिक इस्तमाल होता है। प्लास्टिक सबके लिए सस्ती वस्तु है और इसका इस्तमाल हम बहुत वक्त तक कर सकते हैं। इसीलिए प्लास्टिक दैनिक जीवन मैं महत्वपूर्ण है।
3.) 20 वी सदी का सबसे चमत्कारी पदार्थ आज आधुनिक सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है प्लास्टिक के बारे में यह कथन हमे क्या संकेत देता है।
20 वी सदी का सबसे चमत्कारी पदार्थ आज आधुनिक सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। प्लास्टीक के अनेक उपयोग है जैसे के प्लास्टीक भिगता नहीं, हम उसका इस्तमाल बहोत दिनों तक कर सकते है, सस्ता है आदी। लेकीन इसकी दुसरी बाजु देखी जाए तो मानव के लिए सबसे हानिकारक चिजों में से एक प्लास्टीक है। इसकी वजह से मानव को कॅन्सर जैसी बिमरियाँ हो सकती है। पशु पक्षियों के पेट में जाकर यह फँस जाता है, प्लास्टीक जलता नहीं, नदी, तालाब में जाकर यह पानी को गंदा करता है। हमारे आसपास का वातावरण दुषित होता है। प्लास्टीक के अनेक उपयोग है वैसेही उसके दुष्परिणाम भी है। 20 वी सदी का सबसे चमत्कारी पदार्थ आज आधुनिक सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है प्लास्टिक के बारे में यह कथन हमे यही संकेत देता है।
4.) लेखिका ने प्लास्टिक की समस्या से निपटने के लिए सबसे उत्तम उपाय क्या बताया है?
लेखिका ले प्लास्टिक किस बच्चे से निपटने के लिए योग कहां के हमें प्लास्टिक कम से कम उपयोग करना चाहिए। हमें ऐसी वस्तुओंका उपयोग करना चाहिए जो पर्यावरण के लिए हानीकारक ना हो। जिस काम के लिए हमें प्लास्टिक की जरुरत नहीं है वहापें हमें प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहीए। हमें पर्यावरण को प्रदुषण मुक्त करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। जब पर्यावरण प्रदूषण मुक्त रहेगा तो मानव का जीवन भी रोग मुक्त रहेगा। इसके लिए हमें प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना चाहिए। यही एक उपाय है।
5.) विशुद्ध प्लास्टिक कम जहरिला क्यों होता है?
विशुद्ध प्लास्टिक पानी में नहीं घुलता। प्लास्टिक के मुकाबले विशुद्ध प्लास्टिक रासायनिक दृष्टी से कम हानीकारकहोता है। इसिलीए विशुद्ध प्लास्टिक कम जहरिला होता है।
6.) प्रति व्यक्ती प्लास्टिक खपत की दृष्टि से भारत की स्थिति चिंताजनक क्यों है?
विश्व स्तर पर प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खबत 26 किलोग्राम है। प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत का सीधा संबंध प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय से है। जो देश जितना अधिक संपन्न है वहां प्लास्टिक की खबत भी उतनी अधिक होती है। भारत में यही खबत 5 किलोग्राम है। लेकिन भारत के संदर्भ में बुरी खबर यह है कि यहां खपत 15 फ़ीसदी की दर से बढ़ रही है। इसीलिए हमें प्लास्टिक के कम से कम इस्तेमाल और एक ही प्लास्टिक के द्वारा इस्तेमाल की ओर बढ़ना होगा।
पाठ से आगे
1.) आज प्लास्टिक के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है आप बताएं कि कब कब हमारा प्लास्टिक के बिना काम चल सकता है और कब नहीं।
आज हम प्लास्टिक के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हम अगर दिन में 10 काम करते हैं तो 8 कामों के लिए हमें प्लास्टिक की जरूरत पड़ती है लेकिन अब हमें प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करेंगे इस बारे में घर में और हमारे समाज में चर्चा करेंगे। प्लास्टिक की जगह अगर दूसरे वस्तुओं का उपयोग हम कर सकते हैं तो वह वस्तुएं हम बदल देंगे। दुकान में जाकर प्लास्टिक बैग्स नहीं खरीदेंगे या उसकी मांग नहीं करेंगे। जो सामान यूज एंड थ्रो मतलब एक ही बार इस्तेमाल किया जाता है उनका इस्तेमाल हम नहीं करेंगे। बाजार में जाते वक्त हम कपड़े के बैग या कागज के बैग लेकर जाएंगे। अगर हमें प्लास्टिक बैग्स की जरूरत है तो वह दुकान में जाकर नहीं मांगेंगे वह बैग हम घर से ही लेकर जाएंगे। प्लास्टिक का कचरा नदी, तालाब, कुएं में नहीं सकेंगे।
2.) प्लास्टिक का इस्तेमाल हि ना करने दिया जाए तो आपको किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा?
यदि प्लास्टिक का इस्तेमाल ही ना करने दिया जाए तो बहुत जगह समस्या उत्पन्न हो जाएगी, क्योंकि कई वस्तुएं ऐसी है जो प्लास्टिक में रॅप करके दी जाती है। क्योंकि प्लास्टिक सस्ता पड़ता है। अगर उसकी जगह कपड़े का इस्तेमाल किया जाए तो वह महंगी पड़ेगी। हमारी स्वास्थ्य सेवा की सभी वस्तु को प्लास्टिक आवरण ही होता है। जैसे- सीरिंज, गोलियां आदि। शैंपू सॅशे इनके ऊपर भी प्लास्टिक का ही आवरण होता है। सब्जी, दाल, चावल ऐसी वस्तु है जो कपड़े में बांधकर दे सकते हैं। लेकिन वह प्लास्टिक से महंगा पड़ सकता है।
3.) प्लास्टिक के खतरों को देखते हुए यदि आपको प्लास्टिक के इस्तेमाल के बजाय कोई अन्य विकल्प सुलझाने हो तो वे क्या होंगे?
कपड़े की थैली का इस्तेमाल करो
कागज की थैलीयाँ बनाओ।
कॉटन के कपड़े का इस्तेमाल थैलियाँ बनाने के लिए करो।
चमड़े से बने बैग का इस्तेमाल करो।
4.|) यदि प्लास्टिक के अंधाधुंध इस्तेमाल को नहीं रोका गया तो भविष्य में इंसान को इसके क्या दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। अपने विचार लिखिए?
प्लास्टिक का विघटन नहीं होता बहुत सालों साल ऐसे ही पड़ा रहता है। उसमें बहुत से जहरीले, विषैले घटक होते हैं। इस वजह से हमारी नदी, मिट्टी प्रदूषित हो जाती है। जब प्लास्टिक जमीन के भीतर जाता है तो वह जमीन के भीतर के पानी को भी दूषित कर देता है। कई बार प्लास्टिक जीव- जंतु, पशु- पक्षी या फिर समुंदर के अंदर जो जीव होते हैं बहुत खा जाते हैं। इसीलिए प्लास्टिक उनके अंदर भी पाया गया है। प्लास्टिक की वजह से यह जीव भी खतरे में आ गए हैं। अगर प्लास्टिक के इस्तेमाल को हमने अभी रोका नहीं तो वह हमारे खानपान में भी शामिल हो जाएगा और हमें बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ेगा।
5.) प्लास्टिक का चरित्र सही निस्तारण के लिए आपके क्या सुझाव है?
हमें प्लास्टिक का इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए। प्लास्टिक कहीं भी फेंकने से पहले हमें सोच विचार करके उसे फेंकना चाहिए, क्योंकि यही प्लास्टिक पशु पक्षियों के पेट के अंदर भी जाता है। अगर प्लास्टिक हमें फेंकना है तो वह अलग से फेंकना होगा। प्लास्टिक बाकी सारी वस्तु में घुल मिल ना जाए इसके लिए हमें सावधानी बरतनी होगी। प्लास्टिक से कुछ और वस्तुएं बन सकती है क्या इस पर संशोधन होना अति आवश्यक हो गया है।
6.) इस बात की और क्या-क्या शिर्षक हो सकते हैं चर्चा करके लिखिए।
विषैला प्लास्टिक
चमत्कारिक पदार्थ
भाषा के बारे में
1.) इस पाठ में अनेक ऐसे शब्द आए हैं जो शायद आपके लिए नए होंगे। बहुत से ऐसे शब्द भी है, जिन्हें आपने विज्ञान की किताबों में देखा होगा? ऐसे सभी शब्दों का पाठ से छाँटिए और उनके अर्थ अभी पता कीजिए।
लचकदार – आसानी से मुड़ जाना, जिसमें परिवर्तन हो सकता है।
अपघटित – मृत्यु के पश्चात शरीर में शुरू होने वाली क्रिया।
विशुद्ध – शुद्ध, खरा
प्रतिरोधी – रोकने वाला
अनुसंधान – खोज
2.) पाठ में अंग्रेजी भाषा के निम्नलिखित शब्द आए हैं शब्दकोश में इसके अर्थ खोजिए।
गार्बेज – कचरा
रीसायकल – जो वस्तु इस्तेमाल हो चुकी है उससे न फेककर उसका फिर से इस्तेमाल करना
वाटरप्रूफ – जो पानी से बचाव करता है
टेट्रापैक –
पैकेजिंग – वस्तुएं बंद करने की या पैक करने के साधन
एडिटिव –
पीवीसी – पॉली विनाइल क्लोराइड
ड्रेनेज सिस्टम- पानी के बह जाने के लिए बनाई गई व्यवस्था
3.) इस पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। ( शब्द सीमा लगभग 200)
पेसिफिक गार्बेज पैच मतलब प्रशांत कचरा पट्टी। इसका आकार भारत से 4 गुना बड़ा है। इसमें बहुत ज्यादा प्लास्टिक का कचरा भरा हुआ है। यह प्लास्टिक वही है जो हम कहीं पर भी फेंक देते हैं। फिर यह बारिश के पानी में बह कर नदी नालियों में चला जाता है और इनके माध्यम से महासागर में पहुंच जाता है।
यह वही प्लास्टिक है जो मुझे हमें चमत्कारिक पदार्थ करके संबोधित किया था। यह प्लास्टिक हल्का सस्ता और टिकाऊ है। ऐसे इसके गुण बताए जाते हैं। लेकिन इसके नुकसान भी बहुत है। सबसे ज्यादा नुकसान पर प्लास्टिक की वजह से पर्यावरण को होता है। पर्यावरण के लिए यह सबसे घातक चीज बनती जा रही है। इस प्लास्टिक को अपघटित मतलब नष्ट नहीं किया जा सकता। हमने आज तक जो भी प्लास्टिक निर्मित किया है उसका प्रत्येक अनु कहीं ना कहीं पर्यावरण में मौजूद है और पता नहीं और कितने सैकड़ों सालों तक यह वैसा ही रहेगा।
जैसे प्लास्टिक के फायदे हैं वैसे इसके नुकसान भी बहुत है। इस प्लास्टिक के साथ अनेक समस्याएं जुड़ी हुई है। खासकर इतनी जहरीली प्रभाव और पर्यावरणीय खतरों को लेकर सर्वत्र चिंता जताई जा रही है। जागरूकता की कमी और प्लास्टिक के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई बार प्लास्टिक अन्य कूड़े करकट के साथ जला दिया जाता है। प्लास्टिक को जलाने पर कार्बन मोनोऑक्साइड डाइऑक्सीन और यूराॅन जैसी जहरीली गैस हवा में फैल जाती है। डायोक्सीन और यूराॅन से कैंसर व श्वास संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इस तरह यह गैसे काफी खतरनाक होता है।
4.) निम्नलिखित अनुच्छेद महादेवी वर्मा द्वारा लिखित संस्मरण मेरे बचपन के दिन से लिया गया है। इसे ध्यानपूर्वक पढ़िए और खाली छुटे स्थानों पर उचित सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कीजिए।
अपने परिवार में मैं कई पीढ़ियों के बाद उत्पन्न हुई। मेरे परिवार में प्राय:दो सौ वर्षों तक कोई लड़की थी ही नहीं। सुना है उसके पहले लड़कियों को पैदा होते ही परमधाम भेज देते थे। फिर मेरे बाबा ने बहुत दुर्गा – पूजा की। उनकी कुल देवी- दुर्गा थी। मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बडी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लडकियों को सहना पडता है। परिवार में बाबा फारसी और उर्दू जानते थे। पिता ने अंग्रेजी पढी थी। हिंदी का कोई वातावरण नहीं था। मेरी माता जबलपुर से आईं तब वे अपने साथ हिंदी लाई। वे पूजा पाठ भी बहुत करती थी पहले पहल उन्होंने मुझको पंचतंत्र पढ़ना सिखाया। बाबा कहते थे मुझे विदुषी बनाएंगे। मेरे संबंध में उनका विचार बहुत ऊंचा रहा। इसीलिए पंचातंत्र भी पढ़ा मैंने, संस्कृत भी पढ़ी। अरे अवश्य चाहते थे कि मैं उर्दू -फारसी सीख लूं लेकिन वे मेरे वश की नहीं थी। मैंने जब एक दिन मौलवी साहब को देखा तो बस, दूसरे दिन मैं चारपाई के नीचे जा छिपी। तब पंडित जी आए संस्कृत पढ़ाने। मां थोड़ी संस्कृत जानती थी। गीता में उनकी विशेष रूचि थी।
योग्यता विस्तार
1.) यह भारत द्वारा 2012-13 में किए गए प्लास्टिक उत्पादों के निर्यात के आंकड़ों को निम्नांकित पाई चार्ट में दर्शाया गया है। आप इसे ध्यान से देखिए और बताइए।
क) भारत में सबसे अधिक प्लास्टिक के किस सामग्री का निर्यात किया है?
भारत में सबसे अधिक प्लास्टिक की फिल्म, शीट्स, प्लेट का निर्यात किया है।
ख) भारत में सबसे कम प्लास्टिक की किस सामग्री का निर्यात किया है?
भारत में सबसे कम प्लास्टिक की पाइप ट्यूब फिटिंग इस सामग्री का निर्यात किया है।
ग) कौन से उत्पादन ऐसे है जो समान मात्रा में निर्यात किए गए?
लेखन उपकरण नेत्र संबंधी सामग्री भुने हुए बुरे और घरेलू सामान यह ऐसा सामान है जो समान मात्रा में निर्यात किया गया है।
घ) कुल निर्यात का आधा निर्यात किन उत्पादों को मिलाकर होता है? यह काम आप आंकड़ों को जोड़े बिना केवल ग्राफ देखकर कीजिए।
कुल निर्यात का आधा निर्यात फिल्म, शीट्स, प्लेट, निस्त्राविदत सामग्री व अन्य ढ़लवा और पैकेजिंग सामग्री को मिलाकर होता है।
2.) विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों को प्लास्टिक के खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए कुछ स्लोगन या एक लेख लिखिए।
- 1.) प्लास्टिक हटाओ धरती को बचाओ
2.) भूमि के अंदर प्लास्टिक भूमि रहेगी प्रदूषित
3.) प्लास्टिक इस्तेमाल में स्वास्थ्य खतरे में
4.) प्लास्टिक हटाने में सहयोग प्लास्टिक का बंद करें उपयोग
5.) स्वास्थ्य बनाओ प्लास्टिक पर बंदी लगाओ
3.) जब प्लास्टिक नहीं था, या सीमित था तब मां/ दादी /दादा का इनके बिना काम कैसे चलता था? उनसे पूछ कर लिखिए।
जब प्लास्टिक नहीं था तब पेड़ों के बड़े-बड़े पत्तों का इस्तेमाल किया जाता था। कपड़ा या चमड़े से बने हुए वस्तु, कॉटन इनका इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जाता था।
Read Previous Chapters
- Chapter 1 जीवन नही मरा करता है
- Chapter 2 गुल्ली डंडा
- Chapter 3 अपूर्व अनुभव
- Chapter 4 छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- Chapter 5 गद्दार कौन
- Chapter 6 कलातीर्थ खैरागढ का संगीत विश्वविद्यालय
- Chapter 7 बच्चें काम पर जा रहे हैं
- Chapter 8 अकेली
- Chapter 9 जामुन का पेड़
- Chapter 10 रीढ की हड्डी
- Chapter 11 सुरज टघलत है
- Chapter 12 लोककथाएँ
- Chapter 13 नदिया- नरवा मां तँउरत हे
- Chapter 14 ग्राम्य जीवन
- Chapter 15 मेघालय का एक गांव मायलिनोंग
- Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुख
- Chapter 17 सी. वी. रमन
- Chapter 19 विकसित भारत का सपना
- Chapter 20 पद
- Chapter 21 आ रही रवि की सवारी
- Chapter 22 अखबार में नाम
- Chapter 23 अपने हिस्से में लोग आकाश देखते हैं