Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter 4 दीवानों की हस्ती
दीवानों की हस्ती
प्रश्न
1.) यह गीत किसके बारे में है ?
जिन जिन देशभक्तों ने देश के लिए आत्मसमर्पण किया है। जो व्यक्ति देश के लिए शहीद हुए हैं उनके लिए यह गीत है।
2.) चित्र में दिखाये गये लोगों के बारे में आप क्या जानते हैं?
अंग्रेजों ने लाला लाजपत राय जी की हत्या की थी। उसका बदला भगत सिंह ने लिया। उन्होंने असेंबली में बम फोड़ थे। काकोरी कांड में अशरफ उल्लाह खान का हाथ था। चंद्रशेखर आजाद और राजगुरु इस देश के लिए फांसी चढ़े थे। रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध पुकारा। तब बहुत सारे राजा इस युद्ध में शामिल हुए थे। अल्लूरी सीताराम राजू यह भी एक क्रांतिकारी थे। सुभाष चंद्र बोस जी ने आजाद हिंद सेना की स्थापना की थी।
3.) इस गीत में शहीदों ने क्या इच्छा जाहिर की है?
इस जीत से शहीद हमें संदेश देना चाहते हैं कि हमने इस देश के लिए अपने प्राण गवाए हैं। हमें भूल मत जाना। हमारे लिए आंसू मत बहाना। लेकिन हमें अपने दिलों में जिंदा रखो। इस देश को स्वतंत्रता ऐसे ही नहीं मिली है। उसके लिए कई लोगों ने अपने घर भर छोड़े हैं। उन्हें भूलना नहीं चाहिए। उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए।
सुनिए- बोलिए
1.) स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की आँखों में किस प्रकार के भारत का सपना रहा होगा? अपने शब्दों में बताइए
स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे भारत का सपना देखा था के उस भारत में ना कोई करीब हो ना कोई श्रीमंत हो। सभी एक ही स्तर पर अपनी जिंदगी जी रहे हो। हर किसी के पास आज़ादी हो। कोई किसी का भी गुलाम ना बन सके। सभी लोग अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी सके। ऐसे भारत का स्वप्न में शहीदों ने अपनी आंखों में देखा था।
2.) आज़ादी के दीवाने अपने-अपने बंधन कैसे तोड़ चुके ?
आजादी के दीवानों ने अपने सारे बंधन तोड़ दिए हैं। वे कभी एक जगह नहीं ठहर जाते। ऐसा करना उनके लिए बंधन जैसा है। वह एक जगह बंधना नहीं चाहते। उन्होंने अपने सारे बंधन तोड़ दिए हैं। अब वे उनके जुड़े हुए मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।
पढ़िए
1.) कवि ने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
कभी कहता है कि उल्लास मतलब खुशी, उल्लास यह खुशी का प्रतीक है। उल्लास आना मतलब खुशी आना और जाने को आंसू बह जाना यह है दुख का प्रतीक। इसीलिए कवि ने ऐसा कहा है।
2.) भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न ?
कवि निराशा है उसे लगता है कि उसका जीवन असफल हो गया है। कवि कहता है यह दुनिया भीख मांगी है और उन्हें इस दुनिया में से प्यार लुटाना है। लेकिन फिर भी खुद को इस दुनिया को खाली पाते हैं। वह बहुत निराश होते हैं।
3.) कविता में ऐसी कौनसी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
कविता में कवि ने निराशाजनक बातें की है। लेकिन सकारात्मक बातें भी बहुत बताई है। वे कहते हैं कि हमें उल्लास और उत्साह के साथ अपना जीवन बिताना चाहिए। सब के साथ प्यार से रहना चाहिए। आजादी हमारे लिए बहुत जरूरी बात है। उसे हमें खोना नहीं चाहिए।
4.) एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले” यह फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं, उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
कवि खुदको आजाद मानता है और वह अपने नियम खुद बनाता है वैसे ही उसे वह नियम तोड़ने की आजादी भी है उसे जो महत्वपूर्ण लगता है उसके लिए जो वह नियम बनाते हैं उसे नियम को वह तोड़ भी सकता है।
5.) इस कविता में आज़ादी के दीवानों का वर्णन है। आइए अब आजादी के दीवाने अमर शहीद भगत सिंह का एक पत्र पढ़ें। पत्र पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.) भगत सिंह के पत्र एवं पढ़ी गई कविता ‘दीवानों की हस्ती’ के भाव में क्या समानता है?
भगत सिंह के पत्र और कविता में यही समानता है कि दोनों में ही दीवाने और मस्तानों की बात की गई है। जो इस देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर सकते हैं। जो अपने भाई बहनों से दूर रह सकते हैं।
2.) भगत सिंह ने स्वयं को सबसे अधिक सौभाग्यशाली क्यों कहा है?
भगत सिंह खुद को अधिकतम भाग्यशाली मानते हैं क्योंकि उन्हें इस देश के आजादी की लड़ाई में भाग लेने का अवसर मिला। इस देश के लिए कुर्बान होने का उनको अवसर मिला। उन्होंने इस देश के लिए बलिदान दिया। इस बात के लिए वह भी खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।
3.) भगत सिंह हँसते हुए फाँसी पर क्यों चढ़ना चाहते थे ?
भगत सिंह को अपने देश को स्वतंत्रता देनी थी। इसके लिए वह अपने प्राण त्यागने के लिए भी तैयार थे। लेकिन उनको स्वतंत्रता किसी भी हालत में चाहिए थी। अपने देश के लिए कुछ ना कुछ करने का जज्बा उनके मन में उमड़ना था और इसके लिए वहां फांसी के फंदे पर चढ़ने के लिए भी तैयार थे।
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए।
1.) आज़ादी के दीवाने चाहते हुए भी अपने बंधु-बांधवों के पास क्यों नहीं रह पाते ?
आजादी के दीवाने पहले भारत माता को स्वतंत्रता देना चाहते हैं। उन्हें अपने इस लक्ष्य से हटाना नहीं है। वह पूरी तरह से इस देश के लिए समर्पित होना चाहते हैं। उनको अपने देश के लिए अपनी जान का बलिदान देना भी पसंद है। इसके लिए वे अपने रिश्ते नाते उनसे भाई बंधुओ से दूर रहते हैं।
2.) वीरों की राह निश्चित क्यों नहीं होती?
वीरों को अपने लक्ष्य तक पहुंचना होता है। कब कहा कौन सी लड़ाई लड़नी पड़े यह निश्चित नहीं होता। कब कौन सी राह चुनी पड़े यह भी निश्चित नहीं होता। उनको सिर्फ अपने लक्ष्य दिखाई देता है और उसके लिए भी कुछ भी कर सकते हैं। हर वक्त लड़ना पड़ता है सिर्फ उस लक्ष्य को पाने के लिए। इसलिए उनकी राह निश्चित नहीं होती।
3.) बलिदानी लोग अपने-पराये का भेदभाव क्यों नहीं रखते ?
बलिदानी लोगों को सिर्फ अपना लक्ष्य पूरा करने की धुन चढ़ी हुई होती थी। जैसे स्वतंत्र वीरों को देश स्वतंत्र करने की धुन चढ़ी हुई थी। उनका जीवन इतना मुक्त था के वह मनुष्य मनुष्य में भेदभाव करना ही भूल गए थे। वह इन विचारों को अपनाते ही नहीं थे। उन्हें सिर्फ मानव धर्म दिखाई देता था और स्वतंत्रता के लिए बलिदान देना।
4.) जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है?
जीवन में मस्ती होनी चाहिए। अपने काम के साथ साथ मस्ती मजाक करना अच्छी बात है। लेकिन मस्ती को ही जीवन बना लेना, अपना काम छोड़कर मस्ती ही करते रहना यह गलत बात है। इस वक्त मस्ती सब के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ-दस वाक्यों में लिखिए।
1.) हमें सांसारिक सुख-दुख के भाव को समान क्यों मानना चाहिए? इससे हमें क्या लाभ होगा ?
हमे सांसारिक सुख-दुख के भाव को समान मानना चहिए। अगर हम इनमें ही उलझे रहे तो इससे हमारा ही नुकसान होता हैं। हम अपने लक्ष्य से भटक सकते है। हमे अपने लक्ष्य को पाना है अगर हमे आगे बढना है तो हमे सांसारिक सुख-दुख के भाव को समान मानना चहिए।
2.) आप अपने देश के लिए क्या-क्या करना चाहेंगे?
हम हमारे देश के हित में जो कार्य है वह करना चाहेंगे। जो कार्य अपने देश को अहित साबित हो सकते है, उस कार्य को हम नही करेंगे। अपने आस पास स्वच्छता का कार्य करेंगे, देश के लिए समर्पित हो जाएंगे। अपने देश का विकास हो ऐसा कार्य हम करेंगे।
शब्द भंडार
1.) इस कविता में ‘हँसना-रोना’, ‘कही सुनी’, ‘सुख-दुख’, ‘लिए दिए’, ‘अपना-पराया’, ‘आज कल’ आदि विपरीतार्थक शब्दों का बड़ा सुंदर प्रयोग हुआ है। दो विपरीतार्थक शब्दों का एक ही वाक्य में प्रयोग कीजिए, जैसे-
हँसना- रोना : दूसरों पर हँसनेवालों को एक दिन अवश्य रोना पड़ता है।
सोना – जागना
जो हमेशा सोते रहते है उन्हें एक दिन जागना हीं पड़ता है
उठना बैठना
गुरुजी ने विद्यार्थियों को उठक बैठक लगवाई।
2.) संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर’, ‘जी भरकर’, और ‘खुलकर’ शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव के कुछ अन्य शब्द सोचकर लिखिए।
खुश होना, पूर्णता महसूस करना, जी भर कर रोना, बलिदान देना
भाषा की बात
1.) मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षित बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। उदाहरण के लिए इस कविता में मुहावरे का प्रयोग इस पंक्ति में हुआ है –
“मस्ती का आलम साथ चला हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यहाँ ‘धूल उड़ाते चलना’ मुहावरे का अर्थ है- उत्साह के साथ आगे बढ़ना ‘धूल’ शब्द से बने कुछ अन्य मुहावरों का अर्थ शब्दकोश की सहायता से लिखिए। उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
धूल उड़ना
उसने बहुत सारे अच्छे काम किए थे लेकिन एक गलती की वजह से सारे धूल में उड़ गए।
धूल चाटना
शुभम अपने अति आत्मविश्वास के कारण धूल चाटता रह गया।
धूल चटाना
देश के वीरों ने अपने शत्रु को धूल चटा दी।
धूल छानना
कावेरी पूरी दुनिया भर धूल छानती रहती है
धूल फांकना
बड़ों की बात न मानने से रामू का नुकसान हो गया।
धूल में मिलना
दीदी ने गृहपाठ पूर्ण किया था, छोटी ने वह फाड़ दिया। सब लिखा हुआ धूल में मिल गया।
धूल में मिलाना
सैनिकों ने दुश्मनों को धूल में मिला दिया।
For More Chapters Check Here –
- Chapter 1 बरसते बादल
- Chapter 2 लाख की चूड़ियां
- Chapter 3 बस की यात्रा
- Chapter खेल जहा मैदान वहा
- Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
- Chapter 6 अरमान
- Chapter 7 कामचोर
- Chapter 8 क्या निराश हुआ जाए?
- Chapter थैंक्यू निकुंभ सर
- Chapter 9 कबीर की साखियां
- Chapter 10 जब सिनेमा ने बोलना सीखा
- Chapter दो कलाकार
- Chapter 11 सुदामा चरित
- Chapter 12 जहां पहिया हैं
- Chapter 13 पानी की कहानी
- Chapter 14 हमारा संकल्प
- Chapter 15 सूरदास के पद
- Chapter 16 बाज और सांप
- Chapter पहाड़ से ऊंचा आदमी