Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter 7 कामचोर
कामचोर
प्रश्न
1.) बच्चों को सब लोग अधिक पसंद क्यों करते हैं ?
ऐसा कहा जाता है कि बच्चे दिल के सच्चे होते हैं। वह भगवान के देन होते हैं। यह सही है, क्योंकि बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते। उनके दिल में जो होता है वही वह कह देते हैं। वह मासूम होते हैं। उनका जीवन आनंद से और उत्साह से भरा हुआ होता है। उनमें सच्चाई होती है।
2.) बचपन सबको क्यों अच्छा लगता है?
बचपन में किसी पर बात की परेशानी नहीं होती। ना पाठशाला जाने की परेशानी ना ही घर जा कर अभ्यास करने की परेशानी। हम जब चाहे खेल सकते हैं, जब चाहे सो सकते हैं, जब चाहे खाना खा सकते हैं। हमें कोई चिंता नहीं होती ना हमें किसी बात की फिक्र होती है। इसीलिए सब को बचपन अच्छा लगता है।
3.) कवि ने कागज की कश्ती और बारिश के पानी की चर्चा क्यों की है?
सभी को बरसात का मौसम बहुत अच्छा लगता है। बच्चों को तो बहुत ही ज्यादा मजा आता है। पानी में खेलने में जब बारिश होती है। तब हम कागज की कश्ती बनाते हैं, कागज के नाव बनाते हैं और पानी में उसे तैराते हैं। इसी में हमारा खेल छुपा हुआ होता है।
सुनिए- बोलिए
1.) बड़े होते बच्चे किस प्रकार माँ-बाप के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार अपने विचार व्यक्त कीजिए।
जब बच्चे बड़े होते हैं तब उन्हें घर के कामों में अपने मां-बाप की सहायता करनी चाहिए। घर को साफ सुथरा रखने के लिए बाजार से कुछ सामान लाने के लिए मां के कामों में हाथ बटाना चाहिए। हम खुद के काम खुद ही करें तो भी उनकी बहुत मदद हो जाती है।
2.) कामचोर कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की दोनों तरह के परिवारों में क्या अंतर होते हैं? इसके पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।
कामचोर यह कहानी संयुक्त परिवार की है संयुक्त परिवार में बहुत सारे लोग रहते हैं। मां बाबा उनके बच्चे फिर उनके बच्चे दादा दादी, चाची चाचा यह सब लोग इकट्ठा एक ही परिवार में रहते हैं। लेकिन इसके उल्टा एकल परिवार में होता है। एकल परिवार में सिर्फ मां बाबा और उनके बच्चे ही रहते हैं। संयुक्त परिवार में किसी भी बात पर निर्णय लेना हो तो सभी लोग एक साथ बैठकर सोच विचार करके निर्णय करते हैं। लेकिन एकल परिवार में सभी लोग अपना अपना निर्णय खुद ही लेते हैं।
3.) घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।
घरेलू नौकर जो होते हैं उनको हम उनके कामों के लिए वेतन देते हैं। लेकिन वह लोग दिया हुआ काम पूरे मन से नहीं करते। क्योंकि वह सिर्फ उतना ही काम करेंगे जितना उनको दिया गया है। पूरे मन से अपना घर समझ के वह काम नहीं करेंगे। क्योंकि उनको और घरों में भी काम होता है। वह से अपना काम पूरा करके जाते हैं इस परिस्थिति में घरेलू नौकरों को हटाने की बात हो सकती है। जब घर में किसी काम के लिए नौकर को रखा जाता है अगर वह नौकर चोरी करके तो इस परिस्थिति में भी उसे हटाने की बात हो सकती है।
पढ़िए
1.) कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? किनके बारे में और क्यों कहा गया?
मोटे मोटे कम किसके हैं यह बात पिताजी ने अपने आलसी बच्चों से कही थी। ऐसे बच्चे जो खुद कोई भी काम नहीं करते उन्हें खुद का काम करना मतलब पहाड़ उठाना जैसा लगता है और उन्हें सारी चीजें अपने हाथ में चाहिए।
2.) बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई ?
बच्चों ने जो घर में उधम मचाया था उसके कारण सारे घर में गंदगी फैल गई। सारा सामान धूल से भर गया था। दरी पर कीचड़ लग गया था। सारे घर में बर्तन कहीं पर भी जाकर ठहर गए थे।
3.) या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। अम्मा ने कब कहा ? और इसका परिणाम और अंतर समझें।
घर में बच्चों ने उधम मचा के रखा था। जब अम्मा ने यह सब देख लिया तो उन्होंने सबसे कहा की या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। नहीं तो मैं चली मायके। इसका परिणाम यह हुआ कि बच्चों ने तय कर लिया कि अब वह हिल्कर पानी भी नहीं पियेंगे।
4.) क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे? क्यों ?
नहीं यह निर्णय बच्चों ने उचित नहीं लिया, क्योंकि काम में गड़बड़ी होती रहती है। अगर काम सीखने की इच्छा हो तो हम वह सीख सकते हैं। नया काम करते वक्त गलती सबसे होती है, लेकिन हमें वह कार्य करने की इच्छा होनी चाहिए। तभी हम अनेक कार्य संभव कर सकते हैं।
लिखिए
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए।
1.) घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें करना आवश्यक क्यों है?
घर छोटा हो या बड़ा हो अपने निजी काम सब को खुद ही कर लेने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर के सारे काम हो जाते हैं और किसी एक पर कामों का ज्यादा भार भी नहीं पड़ता। अपने-अपने काम निपटा कर सभी लोगों को आराम भी मिल जाता है। सभी कम शांति से भी हो जाते हैं।
2.) कहानी में एक समृद्ध परिवार के ऊधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों बिगड़ी होगी? उन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
कहानी में बच्चों ने घर में उधम मचा रखा है। किसी को भी अपना काम करने की क्षमता नहीं है, क्योंकि आज तक माता-पिता ने बच्चों को कोई काम दिया ही नहीं था। सब बातें उनके अनुसार करते आए हैं। इसीलिए बच्चे आलसी हो गए। अगर उनको छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दी होती तो आज जो घर में उधम मचा था उसी जगह पर शांति होती। सभी अपना-अपना काम कर रहे होते।
3.) भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।
भारत पूरा परिवार अगर शांति से रहे, मिलजुल कर रहे, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा ना करते हुए आपस में चर्चा करके निर्णय ले। सभी पर कामों की थोडी-थोडी जिम्मेदारी सौंप दे और सभी वह जिम्मेदारी अच्छे से निभाए तो भरा पूरा परिवार सुखद बन सकता है।
शब्द भंडार
1.) वाक्य पढ़िए। मुहावरों का प्रयोग समझिए। उनका पुनः वाक्य प्रयोग कीजिए।
क.) फौज मैदान में हथियार फेंक कर पीठ दिखा गई।
पीठ दिखाना-
हमें मुश्किलों का सामना करना चाहिए उन्हें पीठ दिखाकर भागना नहीं चाहिए।
ख.) तीर निशाने पर बैठा और बछड़े की ममता में व्याकुल होकर भैंस ने खुरों को ब्रेक लगा दिए ।
तीर निशाने पर लगना-
शिकारी ने शिकार करने के लिए जो तिर चलाया था वह निशाने पर लग गया।
ग.) तनख्वाह के सपने देखते हुए हम लोग काम पर तुल गए।
काम पर तुल जाना –
घर में मेहमान आने वाले थे इसलिए हम सब काम पर तुल गए।
2.) इधर यह प्रलय मची थी, उधर दूसरे बच्चे भी लापरवाह नहीं थे। उपर्युक्त वाक्य की तरह इधर-उधर शब्दों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य लिखिए।
इधर बारिश हो रही थी तो उधर गर्मी बढ़ रही थी।
इधर हमने खाना खाना शुरू ही किया था कि तभी उधर मेहमान आ गए।
इधर हम परीक्षा खत्म करके खेलने ही गए थे तभी उधर से मां ने पुकारा।
इधर बारिश शुरू हुई नहीं की उधर लाइट चली गई।
इधर हम टीवी देखते बैठे ही थे कि उधर से मामा की हां पुकार आ गई।
भाषा की बात
धुली-बेधुली बालटी लेकर आट हाथ चार थनों पर पिल पड़े। घुली शब्द से पहले बे लगाकर बेधुली शब्द बना है। जिसका अर्थ है बिना धुली, वे एक उपसर्ग है। वे उपसर्ग से बननेवाले कुछ और शब्द हैं- बेतुका, बेईमान, बेघर, बेचैन, बेहोश आदि, आप भी नीचे लिखे उपसगों से बननेवाले शब्द दिए और लिखिए-
1.) प्र – प्रशंसा, प्रकार
2 आ – आसान, आग्रह
3.) भर – भरपेट, भरपूर
4.) बद – बदसुलूक, बदनसीब
प्रशंसा
बच्चे अपने घर में तरह-तरह का ऊधम मचाते हैं, फिर भी माता-पिता इनको सहते हैं। बच्चे चाहे कितनी भी शरारत करें माँ-बाप के वात्सल्य में कमी नहीं आती। आपके घर में बड़े लोग आपके लिए क्या-क्या करते हैं? आप किस प्रकार उनका आभार प्रकट करना चाहेंगे?
मेरे घर में हमारे बड़े लोग मतलब मां बाबा हमारे लिए बहुत कुछ करते हैं। सुबह से लेकर रात तक वह सिर्फ हमारे लिए ही तो काम करते हैं। पाठशाला जाते वक्त हम सब का टिफिन तैयार करना, हमारा गृहपाठ पूरा है या नहीं वह देखना, हमें स्कूल भेजना, वहां से जब आएंगे तो हमें भूख लगी होगी इसलिए नाश्ता तैयार, करना हमसे पढ़ाई करवा कर लेना, हमारे साथ खेलना, गप्पे लड़ा ना यह सब हमारे घर के बड़े लोग ही तो करते हैं। हम उनके काम थोड़े कम हो जाए इसीलिए खुद के काम खुद ही करने का प्रयास करते हैं।
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