Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter 15 सूरदास के पद
सूरदास के पद
प्रश्न
1.) यह चित्र किस त्यौहार से संबंधित है?
यह चित्र जन्माष्टमी से संबंधित है। बाल गोपाल कृष्ण के साथ मिलकर मटकिया फोड़के माखन खाते थे इसी की याद में यह त्योहार मनाया जाता है।
2.) इस चित्र में बच्चे क्या कर रहे हैं?
इस चित्र में बच्चे मटकी फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
3.) कृष्ण को माखनचोर क्यों कहा जाता है ?
श्री कृष्णा अपने बाल गोपाल दोस्तों के साथ मिलकर उनके घर में जाकर माखन चुराया करते थे। इसीलिए उनको माखन चोर कहा जाता है।
सुनिए- बोलिए
चुपके-चुपके थोड़ा बहुत खा लिया हो और चोरी पकड़े जाने पर कोई बहाना भी बनाया हो । लाभदायक हैं और क्या हानिकारक ? चर्चा कीजिए।
कभी-कभी घर में कोई स्वादिष्ट व्यंजन बनता है और हम चुपके से जाकर से खा लेते हैं। मां ने कहा होता है कि यह मत खाओ। लेकिन हमारा बाल मन कहता है कि थोड़ा सा खा लेने से कुछ नहीं होता। मनुष्य बड़े हो या छोटे अगर वह शरारती है, उनके अंदर एक बच्चा है तो यह चोरी कभी चोरी नहीं कहलाती। लेकिन अगर कोई बड़ी वस्तु अगर हम लेते है तो हमें जिसकी वह वस्तु है उससे पूछना चाहिए। चोरी तभी चोरी नहीं कहलाती जा उसके किसी को तकलीफ नहीं होती
1.) ऐसा हुआ हो कभी कि माँ के मना करने पर भी घर में उपलब्ध किसी स्वादिष्ट वस्तु को आपने यह बहाना बनाना उचित था या अनुचित ? कारण सहित बताइए ।
बचपन में ऐसा पहली बार हुआ है कि मां कहती थी उस व्यंजन को हाथ मत लगाओ लेकिन हमारा बाल मन कहता था कि जाओ तुम्हें यह वस्तु पसंद है इसे थोड़ा सा खा लो। थोड़ा सा खाने से कुछ बड़ा फर्क नहीं पड़ता। कभी-कभी हम यह व्यंजन खा लेते थे। लेकिन कभी-कभी वह व्यंजन खाते वक्त मां के हाथ लग जाते थे। तब हम कोई ना कोई बहाना बनाकर मां के हाथों से छूट जाते थे। यह बातें अनुचित तो होती है। लेकिन बचपन में यह शरारत करना भी जरूरी होता है।
2.) कृष्ण माखन बड़े चाव से खाते थे। आज के बच्चे क्या खाना पसंद करते
कृष्ण को माखन बहुत पसंद था वह माखन आनंद लेते हुए खाते थे। लेकिन आज के बच्चों को ऐसी चीजें पसंद नहीं है। आज के बच्चों को बर्गर, पिज़्ज़ा, फास्ट फूड जैसे चीजें बहुत पसंद आती है। वही खाना वे पसंद करते हैं। लेकिन यह खाना भी घर में बना हुआ नहीं बाहर खाई खाएंगे।
पढ़िए
1.) बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?
श्री कृष्णा जब दूध पीने के लिए नखरे कर रहे थे तब उनकी मां ने उन्हें बताया कि तुम्हारी चोटी तभी बड़ी होगी जब तुम दूध पियोगे। बलराम भैया की देखो चोटी कितनी बड़ी है, क्योंकि वह है रोज दूध पीते हैं। अगर तुम्हें लगता है कि तुम्हारी चोटी नागिन जैसे लहराए तो तुम्हें दूध पीना होगा। इसी प्रलोभन के कारण बालक श्री कृष्णा दूध पीने के लिए तैयार हो गए।
2.) श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या सोच रहे थे?
श्री कृष्णा दूध नहीं पीते थे। इसीलिए मा ने प्रलोभन दिखाकर उन्हें दूध पीने के लिए मजबूर किया। श्रीकृष्ण उसके बाद दूध पीने लगे। लेकिन उनकी चोटी फिर भी बड़ी नहीं हो रही थी। मां मेरी चोटी को रोज तेल लगाती है, मैं दूध भी पीता हूं लेकिन मेरी चोटी बलराम भैया जैसे क्यों नहीं होती? मेरी चोटी नागिन की तरह बड़ी होकर जमीन पर क्यों नहीं लहराती? मुझे भी बलराम भैया जैसे अपने चोटी के साथ खेलना है। श्री कृष्णा अपनी चोटी के विषय में यह बातें सोच रहे थे।
3.) दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं? इसका कारण क्या रहा होगा ?
श्री कृष्ण को दूध पसंद नहीं है। दुधकी तुलना में उनको माखन रोटी ज्यादा पसंद है। वे दूध पीते हैं लेकिन उनकी चोटी बढ़े इसलिए दूध पीते हैं। लेकिन उनका सबसे अधिक सुख माखन रोटी खाने में ही आता है। उन्हें दूध का स्वाद पसंद नहीं आता।
4.) तैं ही पूत अनोखी जायी पंक्ति में ग्वालन के मन के कौन से भाव मुखरित हो रहे हैं?
ग्वालन के घर का माखन श्रीकृष्ण खा लेते हैं। इसीलिए ग्वालन कृष्ण से क्रोध करती है। लेकिन उन्हें इर्ष्या यशोदा से होती है कि उसे कृष्ण जैसा अनोखा पुत्र मिला है।
5.) माखन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा सा माखन बिखरा क्यों देते हैं?
श्री कृष्णा जब माखन चुराते हैं तो बहुत सारा माखन तो खुद ही खा लेते हैं। लेकिन वह अपने बाल गोपाल दोस्तों को भी माखन खिलाते हैं। तब थोड़ा सा जमीन पर भी गिर जाता है और वही माखन पूरे घर फैल हो जाता है।
6.) दोनों पदों में से आपको कौनसा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?
सूरदास के दो पदों में से हमें पहला पद ज्यादा अच्छा लगा है, क्योंकि इस पद में नटखट श्री कृष्ण के गुण दिखाए हैं। श्री कृष्ण को उनकी चोटी बढ़ानी थी और मां को उन्हें दूध पिलाना था। कृष्ण को दूध पसंद नहीं था। इसीलिए श्री कृष्णा दूध नहीं पीते थे। तब मां ने उनसे कहा कि तुम्हें अगर बलराम भैया जैसी लंबी चोटी चाहिए तो तुम्हें दूध पीना होगा। तभी तुम्हारी छोटी बलराम भैया जैसी लंबी हो जाएगी। लेकिन जब श्री कृष्णा दूध पीते हैं उसके बाद भी उनकी चोटी नहीं बढ़ती तब वे अपने मां से शिकायत करते है कि देखो मैंने दूध तो पी लिया लेकिन इसके बाद भी मेरी चोटी नहीं बढ़ी। उतनी की उतनी ही है। शिकायत का यह दृश्य हमारे आंखों के सामने आता है और यही हमें बहुत अच्छा लगता है।
7.) दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्रीकृष्ण की उम्र क्या रही होगी ?
उस पद ने कहा है कि श्री कृष्णा अपने बाल गोपाल दोस्तों के घर में जाकर माखन चुराते थे। इस वजह से ऐसा लगता है कि उनकी उम्र 5 वर्ष से ज्यादा होगी और 8 वर्ष से कम होगी, क्योंकि वह जिन बर्तनों में माखन खाते थे वह बर्तन उनसे संभाले नहीं जाते थे। इसीलिए उनके हाथ से बर्तन और मक्खन गिर जाता था।
लिखिए
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए।
1.) कृष्ण की बाललीला से सामान्य बालकों की बाललीला की तुलना कीजिए और बताइए कि उनमें क्या-क्या समानताएँ हैं?
कृष्ण की लीला सामान्य बालकों की बाल लीला जैसे ही थी। क्योंकि सामान्य बालक भी अपनी मां से खाना खाते वक्त बहुत नखरे करते हैं। अपनी मां को परेशान करते हैं। कृष्ण भी ऐसे ही थे वह भी अपनी मां को खाने पीने के लिए परेशान करते थे।
2.) सभी बच्चों को अपना बचपन बिना बोझ के जीने का अधिकार है। लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जिन्हें खेलने-कूदने-पढ़ने की उम्र में काम करना पड़ता है। आप जानते हैं कि बाल मज़दूरी करवाना अपराध भी है। ऐसे बच्चों के लिए आप क्या करना चाहेंगे?
अगर हमें ऐसे बच्चे दिखाई दे जो अपना शिक्षण लेने के बजाय बाल मजदूरी करते हैं तो उनके लिए कानून बनाया गया है l हमें सिर्फ पुलिस को इसकी जानकारी देनी होती है। ऐसे बच्चे हैं हम उन्हें जहां पर पढ़ा लिखा जा सकता है ऐसे केंद्र पर भेज सकते हैं। बाल मजदूरी ना करवाई जाए इसीलिए जन जागृति कार्यक्रम भी करवाए जा सकते हैं।
3.) बच्चे देश का भविष्य होते हैं। ऐसा क्यों कहा जाता है?
बच्चे देश का भविष्य होते हैं ऐसा कहा जाता है क्योंकि, बच्चे आगे जाकर बड़े होते हैं और वही देश चलाते हैं। काम करते हैं पैसे कमाते भी है और उन्हें खर्च भी करते हैं। वह अपने निर्णय लेते हैं कई बच्चे देश के लिए अपना जीवन कुर्बान करते हैं। इसीलिए जब उनकी आयु छोटी हो तभी उन्हें सही शिक्षण देना चाहिए। अगर उन्हें सही शिक्षण और संस्कार मिले तो वह आगे जाकर देश का भविष्य बन सकते हैं।
11.) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर आठ-दस वाक्यों में लिखिए।
1.) यदि आप श्रीकृष्ण की टोली में होते तो उनसे क्या-क्या बातें करते ?
श्री कृष्णा बचपन में बहुत नटखट और शरारती थे। अगर हम उनकी टोली में होते तो उनके साथ-साथ हम भी शरारती हो जाते। इसलिए हम उनसे ऐसी बातें करते कि आज हमें कहां पर जाना है? कौन कौन से खेल खेलने हैं ?कौनसे घर में जाकर माखन खाना है। किसको परेशान करना है? इस बारे में हम कृष्ण से चर्चा करते।
2.) बालकृष्ण की विशेषताएँ बताइए।
बालकृष्ण एक नटखट और बहुत शरारती बच्चा था। वह अपनी लीलाओं से सबको मोहित करता था। शरारते भी बहुत करता था। उसे दूध नहीं माखन रोटी बहुत पसंद थी। यही माखन खाने के लिए वह ग्वालोंके घर में जाता और उनके घर का माखन चुरा लेता।
शब्द भंडार
1.) कविता में सूर ने दुपहर शब्द का प्रयोग किया है। इस शब्द का प्रचलित रूप दोपहर है। ऐसे ही कुछ शब्द पाठ से छाँटिये और उनके प्रचलित रूप लिखिए।
खायौ – खाया
सखनी – दोस्त
भुयी – भूमि
लांबी – बड़ी, लंबी
दिवस – दिन
2.) पाठ से कोई पाँच शब्द जिसे आप कठिन मानते हैं उनका अर्थ शब्दकोश में ढूँढकर लिखिए।
गुहत – गूंथना
काचौ – कच्चा
काढ़त- बाल बनना
जोटी – जोड़ी
भाषा की बात
कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-
पर्यायवाची चंद्रमा- शशि, इंदु,- राका
विपरीतार्थक दिन-रात, श्वेत-श्याम, शीत-उष्ण
आप भी इसी प्रकार कुछ पर्यायवाची व विपरीतार्थक शब्द लिखिए।
पर्यायवाची शब्द -.)
मानव – मनुष्य
गाय – धन
माता – मां
नदी – सरिता
अग्नि – ज्वाला
विपरितार्थ शब्द
छोटा – बड़ा
गरीब -अमीर
रात – दिन
पाप – पुण्य
गुण – अवगुण
प्रशंसा
कहा जाता है कि बचपन के दिन बड़े सुहाने होते हैं। इसे जीवन का स्वर्णकाल माना गया है। ऐसा क्यों कहा गया होगा ?
बचपन के दिनों में हमें कोई चिंता नहीं रहती। हम हर वक्त मस्ती में रहते हैं भूख लगी तो खाना, नींद आई तो सो जाना। यही हमारा काम होता है। कोई चिंता नहीं रहती, कोई मुश्किल ही नहीं रहती। हम अपनी धुन में मस्त जीते रहते हैं, खेलते हैं, खाते हैं, और सो जाते हैं। इसके अलावा हमें कोई काम नहीं होता। इस उम्र में हम शरारते बहुत करते हैं।
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