Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter थैंक्यू निकुंभ सर
थैंक्यू निकुंभ सर
1.) अपनी मनपसंद कला के बारे में बताइए।
हमे नृत्य करना बहुत पसंद है। इसका हमने शिक्षण भी लिया है। लेकिन आज कल कामों की वजह से वक्त नहीं मिलता। फिर भी जब भी वक्त मिलता है हम उसका उपयोग कर लेते है और अपने अंदर की कला जीवित रखते हैं। पाठशाला मे भी हम सभी बच्चों को नृत्य सीखते है।
२.) ईशान में कैसी प्रतिभा छिपी थी? अपने शब्दों में बताइए।
ईशा अच्छे-अच्छे चित्रों का रेखटन कर सकता था। उसके पास एक कल्पना शक्ति थी वह कल्पना शक्ति किसी दूसरे बच्चे में नहीं थी। ईशान में कुछ कर दिखाने की भी इच्छा थी इसके लिए वह अपनी तरह से मेहनत करने के लिए भी तैयार था। उसे और बच्चों की तरह पढ़ना लिखना पसंद नहीं था। उसे खुली वातावरण में जाना और उसका परीक्षण करना। अपने हाथों से उसका चित्र कागज पर निकालना यह बातें पसंद थी।
३.) बच्चों के प्रति निकुंभ सर के विचार कैसे थे?
निकुंभ सर कहते थे कि बच्चों को क्या बना है या उनको तय करने दो तुम मत तय करो कि उनका क्या बना है। उनके साथ प्यार से पेश आओ। अगर तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम्हारे बच्चे तुमसे प्यार करें तुम्हें आके सब बातें बताएं तो हमें उनसे प्यार से पेश आना जरुरी है। बच्चे प्यार के भूखे होते हैं। उन्हें कीमती वस्तु, पैसा, भेंट वस्तु यह नहीं चाहिए होता। उन्हें सिर्फ आपका साथ चाहिए होता है।
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