Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter 12 जहां पहिया हैं
जहां पहिया हैं
प्रश्न
1.) चित्र में कौन-कौन दिखाई दे रहे हैं ?
चित्र में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री माननीय इंदिरा गांधी, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, अमरीकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, टेनिस खिलाड़ी सानिया नेहवाल, ओलंपिक विजेता करनाम मल्लेश्वरी यह दिखाई दे रहे हैं।
2.) इनके बारे में आप क्या जानते हैं ?
पहले चित्र में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी दिखाई दे रही है। यह इस देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। भारत की ओर से अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला थी। सानिया नेहवाल यह टेनिस बैडमिंटन की खिलाड़ी है। सुनीता विलियम्स इसने भी अंतरिक्ष में बहुत सा समय गुजारा था और कारनाम मल्लेश्वरी यह एक खिलाड़ी है। जिसने ओलंपिक में भाग लिया था।
3.) महिला प्रगति के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए ?
महिलाओं को पहले शिक्षित किए जाना चाहिए। कई गांव में आज भी महिलाओं को पाठाशाला भी नहीं भेजते। उन्हें सिखाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। आज महिला प्रत्येक क्षेत्र में दिखाई देती है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें हमें महिला नहीं दिखे। सिर्फ महिलाओं को सशक्त करने की जरूरत है।
सुनिए- बोलिए
1.) “लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी उपलब्धि है।” साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए।
कहीं गांव में महिलाओं को साइकिल चलाने के भी आजादी नहीं थी। लेकिन आज उन्होंने साइकिल चलाने की स्वतंत्रता हासिल की है। इस वजह से अब उनको बाजार जाना, बाजार जाकर समान बेचना, अपने काम खुद करना, बाजार से वस्तुएं लाना यह सब काम हो अपने आप कर सकती है। इसके पहले उन्हें कम करने के लिए पुरुषों की जरूरत पड़ती थी। लेकिन आज यह सब काम बहुत खुद से कर सकती है इसके लिए उन्हें किसी की जरूरत नहीं है।
2.) अगर दुनिया के सभी पहिये हड़ताल करें तो क्या होगा ? चर्चा कीजिए।
अगर दुनिया मैं सभी पहिए हड़ताल कर ले तो बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी क्योंकि हमें यात्रा करने के लिए वाहनों की जरूरत होती है और वहां लोगों को पहियों की जरूरत होती है। अगर पहिए हड़ताल करते तो हमें किसी भी जगह पर पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। पैदल चलना पड़ेगा, लेकिन पैदल हम इतनी दूरी नहीं काट सकते। जितनी परिवहन के साधन काट सकते हैं। अगर ऐसा हो गया तो व्यापार ठप हो जाएगा। दुकानों पर चीज मिलने बंद हो जाएगी। धान्य की कमी होगी। ऐसी बहुत सारी समस्याएं खड़ी हो जाएंगी।
पढ़िए
1.) पुडुकोट्टई में महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी चिह्न क्या बनाती और क्यों ?
पुडुकोट्टई में महिला अगर चुनाव लड़ती तो उनके पार्टी का चिन्ह साईकिल होता, क्योंकि उन्होंने साइकिल चलाने के लिए आंदोलन किया था।
2.) “उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं.) .) .) ।” आपके विचार से लेखक जंजीरों द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा करता है?
उन जंजीरों को तोड़ने का जिन में भी झगड़े हुए हैं। कोई ना कोई तरीका लोग निकल ही लेते हैं। ऐसा लेखक ने कहा है ।वे कहना चाहते हैं कि हम रीति रिवाज में बंधे रहते हैं। महिलाओं को अगर हम शिक्षित करेंगे तो वह आगे बढ़ पाएंगी। जिन रीति रिवाजों में वह बंधी है उनको तोड़कर वे आगे बढ़ पाएंगे। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हमारा और हमारे समाज का विकास नहीं हो सकता।
3.) शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर.) साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
शुरुआत में पुरुषों ने महिला जो साइकल चला रही थी उसका विरोध किया। लेकिन बाद में आर साइकिल के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्योंकि महिलाओं के आंदोलन के बाद उसके पास के साइकिलों की बिक्री बढ़ी थी। जिन महिलाओं को लेडीज साइकिल नहीं मिली उन्होंने जेंट्स साइकिल खरीदी और साइकिल चलाना शुरु कर दिया।
4.) साइकिल आन्दोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आये हैं?
साइकिल आन्दोलन से पुडुकोट्टई की महिलाए अब स्वतंत्र हो गई है। उन्हें आप कामों के लिए पुरुषों की जरूरत नहीं पड़ती। वह पुरुषों पर निर्भर नहीं रहती। बाजार जाना, सामान लाना, अपने रोजगार के लिए वस्तुएं साइकल से बाजार ले जाना, वहां पर वस्तुओं की विक्री करना यह सब काम महिलाएं खुद कर लेती है। इससे उनमें आत्मविश्वास आ गया है।
5.) आइए। केदारनाथ अग्रवाल की ‘वीरांगना’ कविता पढ़ें।
मैंने उसको- गलते देखा
जब-जब देखा- ढलते देखा
लोहा देखा- मैंने उसको
लोहे जैसा- गोली जैसा
तपते देखा- चलते देखा।
जी, बिल्कुल ठीक समझा आपने, एक नारी कभी किसी की बेटी, किसी की बहन, किसी की बह, किसी की पत्नी, किसी की माँ, किसी की मित्र इस प्रकार अनेक उत्तरदायित्व निभाती है। इन्हें निभाते समय वे अनेक रूपों में ढलती हैं, जैसा कि कविता में देखा जा सकता है।
प्रश्न 1.) नारी का समाज के विकास में क्या योगदान है ?
नारी के बिना समाज का विकास नहीं हो सकता। उसके बिना सब अधूरा है। इसीलिए हमे उनका अपमान नही करना चहिए। महिलाओं से ही परिवार और देश बनता है, वो पढ़ेगी लिखेगी तो समाज का विकास हो सकता है। उनको सशक्त करना जरूरी है।
2.) कवि ने नारी की तुलना लोहे से क्यों की होगी ?
नारी बहुत सारे दुख सहती है, अपमान सहती होती है। पीड़ा सहकर बहुत सख्त बनती है, उसका व्यक्तिमत्व लोहा, अवजार, हथियार ऐसे हत्यारों में परिवर्तित हो जाता है।
3.) नारी को गोली जैसा चलते देखा कहने का तात्पर्य क्या हो सकता है?
नारी अगर ठान ले तो वो गोली जैसे तीव्र गति से आगे बढ़ सकती है।
लिखिए
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए।
1.) उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं। कोई न कोई तरीका लोग निकाल ही लेंगे। क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण बताइए।
अगर आप महिलाओं को जंजीरों में जकड़ कर रखोगे तो वह उन जंजीरों से ताकत लगाकर बाहर आएंगी। पुडुकोटई की महिलाओं ने भी यही किया। उन्होंने अत्याचार का विरोध किया आंदोलन किया। अब उनको स्वतंत्रता मिल गई है। वे अपने कार्य स्वयं कर सकती है। वे अब आर्थिक रूप से स्वयंपूर्ण हो गई है।
2.) आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है। क्यों रखा होगा ?
पहिए को गति का प्रतीक माना जाता है। जितनी गति से पहिया चलता है उतनी गति से हम आगे जाते है। इस पहिए की मदद से पुडुकोटई की महिला आगे बढ़ पाई। अपना विकास कर पाई। इससे उनको आर्थिक रूप में भी फायदा हो गया।
3.) अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
पुडुकोटई की महिलाओ ने अपने सम्मान हेतु यह आंदोलन चलाया इसी लिए इस पाठ का नाम गति, जाजीरों से आजादी यह रख सकते है।
4.) “पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था । ” साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?
लेखक ने साइकिल को विनम्र सवारी इसलिए कहा है कि यह बाकी सारे परिवहन के साधनों से सस्ती होती है। चलाने के लिए भी यह सरल होती है। साइकिल हम जल्दी से सीख सकते हैं। इसमें कोई ज्यादा खर्चा भी नहीं आता। साइकिल सभी लोग खरीद सकते हैं।
II.) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर आठ-दस वाक्यों में लिखिए।
1.) 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता। इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
1992 मे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता। इस कथन से लेखक का यह अभिप्राय है कि इसके पहले महिला रीति रिवाज में बंधी हुई थी। वह स्वतंत्र नहीं थी।घर के सभी बातों के लिए उनको पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब वह स्वतंत्र हो गई है। साइकिल की वजह से उनके जीवन को एक गति दे दी है। अब वह स्वयं पूर्ण, आत्मनिर्भर हो गई है। वे स्वतंत्र तरीके से अपना जीवन चला सकती है। वह अब पुरुषों पर निर्भर नहीं है। वह अब गलत रीति रिवाज, प्रथाओं का समर्थन नहीं करती। उन्हें तोड़कर आगे बढ़ने का साहस उनमें आ गया है।
शब्द भंडार
1.) वाक्य पढ़िए | रेखांकित शब्दों का अर्थ समझिए। इन दोनों शब्दों का एक ही वाक्य में प्रयोग कीजिए।
क.) अपना विरोध व्यक्त करने और इन जंजीरों को तोड़ने के लिए कोई न कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं।
गीता का अपना विरोध व्यक्त करने का तरीका सबसे अलग है।
ख.) आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है।
भारत वासियों ने आजादी का का प्रतीक तिरंगे के रूप में चुना है
ग.) महिलाओं ने अपने नये कौशल का प्रदर्शन किया।
हमारे गांव की महिलाएं नए-नए उपक्रम तैयार करके अपने कौशल का प्रदर्शन करती है।
घ.) इस आंदोलन ने महिलाओं को बहुत आत्मविश्वास प्रदान किया ।
इस आंदोलन की वजह से गांव के लोगों में आत्मविश्वास जाग गया है।
2.) वाक्य पढ़िए। मुहावरे का अर्थ लिखिए। पुनः एक वाक्य प्रयोग कीजिए।
क.) जब मैंने साइकिल चलाना शुरू किया तो लोग फब्तियाँ करते थे।
फब्तियाँ कसना – ताने मरना
गांव के कुर्तियों को तोड़कर मीता बाहर निकलने लगी तो सारे लोग फब्तियां कसने लगे।
ख.) महलाओं की साइकिल चलाने की तैयारी ने यहाँ रहनेवालो को हक्का-बक्का कर दिया।
हक्का-बक्का होना- आश्चर्य चकित होना।
रामू ने के परीक्षा के अंक देखकर सारे लोग हक्का-बक्का हो गए।
भाषा की बात
उपसगों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आये उपसर्ग युक्त शब्दों को छाँटिए । उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ उपसर्ग और प्रत्यय इस प्रकार हैं-
अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग) इक, वाला, ता, ना (प्रत्यय)
उपसर्ग –
अभी +प्राय = अभिप्राय
प्र+ शिक्षण= प्रशिक्षण
अनु+ मोदन= अनुमोदन
वि+राम = विराम
परी+ संवाद = परिसंवाद
प्रत्यय
मर्म + इक= मार्मिक
सब्जी+ वाला = सब्जीवाला
गंभीर+ ता = गंभीरता
कस+ ना = कसना
प्रशंसा
पुडुकोट्टई में साइकिल आंदोलन हुआ। ग्रामीण महिलाओं ने इसमें भाग लिया। इससे उन्हें विकास की प्रेरणा मिली। नई जागरूकता हासिल हुई। आज के समाज में महिलाओं का जागरूक होना क्यों आवश्यक है?
समाज का विकास जिस तरह से हो रहा है उसी तरह से समाज में हिंसा बढ़ रही है, गुनाहों की संख्या बढ़ रही है। इस वजह से महिलाओं को जागरूक होना जरूरी है। उनको अपना विकास करना बहुत आवश्यक हो गया है। उन्हें शिक्षित करना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक है कि उन्हें शारीरिक रूप से ताकतवर बनाना, साहसी बनाना। अपने समाज के बातों को जानना आवश्यक है। अपने समाज में जिन रिवाजों का पालन किया जाता है उसमें से कितने हमारे लिए अच्छी है और बुरी है किन प्रथाओं को हमें तोड़ना चाहिए यह सब महिलाओं को जानना आवश्यक है।
For More Chapters Check Here –
- Chapter 1 बरसते बादल
- Chapter 2 लाख की चूड़ियां
- Chapter 3 बस की यात्रा
- Chapter 4 दीवानों की हस्ती
- Chapter खेल जहा मैदान वहा
- Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
- Chapter 6 अरमान
- Chapter 7 कामचोर
- Chapter 8 क्या निराश हुआ जाए?
- Chapter थैंक्यू निकुंभ सर
- Chapter 9 कबीर की साखियां
- Chapter 10 जब सिनेमा ने बोलना सीखा
- Chapter दो कलाकार
- Chapter 11 सुदामा चरित
- Chapter 13 पानी की कहानी
- Chapter 14 हमारा संकल्प
- Chapter 15 सूरदास के पद
- Chapter 16 बाज और सांप
- Chapter पहाड़ से ऊंचा आदमी