Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter खेल जहा मैदान वहा
खेल जहा मैदान वहा
1.) खेल मनोरंजन का साधन है।” अपने विचार बताइए।
खेल बच्चों के लिए एक मनोरंजन का साधन है। इस से बच्चे तदुरुस्त रहते है। उनमें ताकद आती है। दिनभर बच्चे पाठशाला में रहते हैं, उसके बाद क्लासेस के लिए जाते है। इन सब में बहुत शारीरिक रूप से थक जाते हैं। उनका शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास होने के लिए खेल जरूरी है। सब खेल को एक मनोरंजन की नजर से देखते हैं लेकिन जब बच्चे खेल खेलते हैं तो वे थकान से मुक्त हो जाते हैं। उनमें फिर से नई ऊर्जा दौड़ने लगती हैं। खेल खेलने से उनकी निर्णायक क्षमता बढ़ती है। वह तनावमुक्त हो जाते है। हमारा शारीरिक और मानसिक विकास भी खेलों से ही होता है। जब बच्चे अपने साथियों के संग खेलते हैं तब उनमें सामने वाले को सुनने की भावना, उस पर विचार करने की क्षमता बढ़ती है।
२.) खेल में कैसी भावनाएं होनी चाहिए?
खेल हमें मनोरंजन के लिए खेलना चाहिए। हम शारीरिक रूप से दिनभर थक जाते हैं। यह थकान दूर करने के लिए हमें खेल खेलना चाहिए। न की हारने और जीतने के लिए। अगर हम खेल में हार भी जाते हैं तो हमें वह हार स्वीकार करनी चाहिए। ना कि सामने वाले से झगड़ा करना चाहिए। जब हम संगठित होकर खेलते हैं तो सभी की बातें महत्वपूर्ण होती है। सभी को खेलने का समान अवसर देना चाहिए।
3.) खेलते समय कैसी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
हमें बड़े-बड़े मैदाने में खेलना चाहिए। खेल में बहुत सारे प्रकार होते हैं उसमें से एक है घर के अंदर खेले जाने वाले खेल और घर के बाहर खेले जाने वाले खेल। जो खेल खुले में खेलना चाहिए वह मैदाने में जाकर ही खेलना चाहिए। नहीं तो किसी को भी चोट लग सकती है। किसी को हानि पहुंच सकती है। या फिर किसी का नुकसान भी हो सकता है। खेल-खेलते वक्त हमें बहुत सारे सावधानियां बरतनी होती है। हमारी वजह से किसी का नुकसान तो नहीं हो रहा यह भी देखना पड़ता है।
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