Telangana SCERT Solution Class VIII (8) Hindi Chapter 8 क्या निराश हुआ जाए?
क्या निराश हुआ जाए?
प्रश्न
1.) बाबा आम्टे और मदर टेरेसा के बारे में आप क्या जानते हैं?
मदर टेरेसा जी ने कोलकाता में अपना जीवन लोगों की सेवा करने में बिता दिया और डॉक्टर बाबा आमटे यह एक समाज सेवक थे। वह आदिवासी लोगों के साथ रहते थे। कुष्ठ रोगों की सेवा करना इस कार्य को उन्होंने अपना लिया था।
2.) मानवतापूर्ण कार्यों से ही मानवता को जीवित रखा जा सकता है। स्पष्ट कीजिए।
मानवता पूर्ण कार्यों से ही मानवता को जीवित रखा जा सकता है। मनुष्य ही मनुष्य की मदद कर सकता है। अगर कोई संकट में है तो उसे बाहर निकालने के लिए मनुष्य को मदद करनी चाहिए। अगर हम ऐसा करेंगे तो ही मानवता जीवित रह सकेगी सबको इसी तरह से विचार करना चाहिए।
13.) मानव और दानव में भेद मात्र मानवता से ही है। स्पष्ट कीजिए।
मानव वही है जो सिर्फ अपने बारे में न सोचे दूसरों के बारे में भी सोच विचार करें। जरूरतमंद व्यक्ति गरीब व्यक्तियों की मदद करें। अगर हम यह नहीं करते हैं, अगर हम ऐसा विचार नहीं करते तो हम दानव कहलाते हैं। हमें अपने कर्म अच्छे रखना चाहिए। तभी हम मानव कह सकेंगे। अगर हम दानव हैं तो हम सिर्फ बुरा बर्ताव ही करेंगे।
सुनिए- बोलिए
1.) अच्छा व्यवहार करने से समाज में भलाई फैलती है कैसे? स्पष्ट कीजिए।
लेखक जब आप अखबार पढ़ने लगा था, तो उसे पूरे अखबार में से डकैती, चोरी, भ्रष्टाचारी ऐसे ही खबरें दिखाई दी। तब उसके आसपास ऐसा वातावरण बन गया के इस पूरे दुनिया में कुछ भी अच्छा नहीं है। सब दुनिया ऐसे ही बातों से भरी पड़ी है। लेकिन जब लेखक ने अपने भूतकाल में देखा तो उन्हें बहुत अच्छे-अच्छे बातें याद आ गई। तब उनके समझ में आया कि हमें लोगों की बुराई देखकर खुद बुरा नहीं बनना है। हमें सामने वाले की अच्छाई लेनी है। उसके अच्छे गुण मुझ में आने चाहिए इसका हमें प्रयास करना है।
2.) दोषों का पर्दाफाश करना कब बुरा रूप ले सकता है? क्यों?
दोषों का पर्दाफाश करना बुरी बात नहीं है। लेकिन किसी के गलत पक्ष में खड़े रहना सामने वाले की बुराईयों की नकल करना यह बुरी बात है।
पढ़िए
1.) लेखक ने लेख का शीर्षक क्या निराश हुआ जाये क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं? अपनी ओर से इस पाठ का एक शीर्षक दीजिए और उसका कारण बताइए।
अगर हमें इसलिए को कोई दूसरा शीर्षक देना है तो हम मानवता, इंसानियत यह शीर्षक देंगे। क्योंकि इस पाठ में लेखक ने मानवता के गुण बताएं हैं। हमारे मन में इंसानियत होनी चाहिए। किसी के प्रति देश भावना नहीं होनी चाहिए। हमें दूसरों की हर वक्त मदद करनी चाहिए यह बताया है। इसीलिए इस बात के लिए क्या निराश हुआ जाए इसके अलावा मानवता और इंसानियत रहेंगे।
2.) लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे के टिकट बाबू और बस कंडक्टर की अच्छाई तथा ईमानदारी की बातें बताई है। वे क्या हैं?
लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे टिकट और बस कंडक्टर के अच्छाई तथा ईमानदारी की बातें बताई है। इस घटना से हमें यह पता चलता है कि आज भी ईमानदारी, मानवता यह गुण देश के लोगों में जिंदा है। इसीलिए हमें निराश नहीं होना चाहिए।
3.) लेखक ने आज के समाज में कौन-कौन सी बुराइयाँ देखी ?
लेखक ने हमारे देश में अपने आसपास भ्रष्टाचारी, झूठे लोगों को देखा है। ऐसे लोग हमारे समाज के लिए बुरे साबित होते हैं। उनकी वजह से बहुत सारे लोगों को भी गलत नजरिए से देखा जाता है। लेकिन ऐसे ही लोग बड़े बन जाते है। इनका रुतबा समाज में बहुत होता हैं।
4.) आज के समाज में जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था डगमगा रही है। क्यों?
जरूरतमंद लोगों की मदद करना, उनकी सहायता करना, किसी के भी प्रति बुरे विचार मन में न लाना ये हमारे जीवन के नैतिक मूल्य है। अगर आज ऐसा मनुष्य हमे मिल जाए तो हम उसको पागल कहेंगे। लेकिन जो मनुष्य दूसरों को बेवकूफ बनाता है, फसाता है, पैसे ऐंठता है हम ऐसे लोगों से दोस्ती करते है। हमारे आस पास अभी ऐसे ही लोग दिखाई देते हैं। इस वजह से हमारे जीवन की महान मूल्यों के प्रति आस्था डगमगा रही है।
लिखिए
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए।
1.) आज के समाज में मूल्य कम होते जा रहे हैं। इसका आप क्या कारण मानते हैं?
आज कल लोग सिर्फ हमारे पास पैसे कितना है, घर कैसा है इन बातों पर ध्यान देते हैं। मनुष्य कैसा है? इसके अंदर कौनसे गुण है यह कोई नहीं देखता। हमारी संस्कृति और संस्कार ही मानव भूलता चला जा रहा है। हमारे आसपास में जो बाहरी दिखावा करते हैं ऐसे लोग ही हमे प्रिय होने लगे है। इसीलिए आज के समाज में मूल्य कम होते जा रहे हैं।
2.) भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपना क्रोध व्यक्त करना किस बात को प्रमाणित करता है?
भ्रष्टाचारी लोगों को हम ही भ्रष्टाचार करने के लिए बढ़ावा देते हैं, उन पर रोक लगाने के लिए हम कोई प्रयत्न नहीं करते। हम सिर्फ अपनी जरूरत का ध्यान रखते हैं। अपनी जरूरत किस तरह से पूरी की जा सकती है इस पर ही हमारा ध्यान होता है। जो लोग भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपना क्रोध व्यक्त करते हैं वही ईमानदार कहलाते हैं।
3.) ‘कर भला तो हो भला।’ इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
कर भला तो हो भला इसका अर्थ है कि हम अगर दूसरों का भला करेगी दूसरों की किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करेंगे तो लोग हमारे बारे में भी अच्छा ही सोचेंगे। लेकिन भलाई करते वक्त हमे किसी गलत व्यक्ति को मदद नही करनी चहिए। जिसकी हम भलाई कर रहे हैं उसकी नियत भी अच्छी होनी चहिए। अगर हम लोगों की भलाई करेंगे तो इस बात से हमारा भी उतना ही लाभ होता हैं।
II) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ-दस वाक्यों में लिखिए।
1.) “हमारे महान मनीषियों के सपनों का भारत है और रहेगा।” आपके विचार से हमारे महान मनीषियों ने किस तरह के भारत के सपने देखे थे?
भारत के महान मनुष्यों को ऐसा भारत चहिए था की इस भारत में कोई गरीब भी ना रहे और कोई ज्यादा से मंत्र भी ना हो सभी लोग इस अवसर पर अपना जीवन बिताए। हमारा जो धर्म था उस से जुड़ा हुआ हमारे जो कानून था वह सबको सन्मार्ग पर लेके जाता था। कोई भी किसका भी फायदा नही उठा सकता था। उससे सभी लोगों की प्रगति होती थी। आज भी हम ऐसे भारत का निर्माण कर सकते है। हमे सिर्फ अपने प्रयत्न करते रहना चाहिए।
2.) आपके सपनों का भारत कैसा होना चाहिए?
मेरे सपनों का जो भारत है वही ईमानदारी इंसानियत से भरा हुआ है। यहां पर मनुष्य मनुष्य की मदद करता है। मेरे भारत में भ्रष्टाचार को कोई जगह नहीं है। हर एक इंसान अपने न्याय मूल्य की कीमत करता है। उनका पालन करता है। वहां पर सभी को न्याय मिलता है। अपनी संस्कृति का पालन हर एक व्यक्ति करता है।
शब्द भंडार
निम्नलिखित युग्म शब्दों का वाक्य प्रयोग कीजिए।
आरोप-प्रत्यारोप-
कोर्ट में सभी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे थे।
दिन-रात
सुमन दिन-रात काम करती है।
लोभ-मोह
किरण को किसी बात का लोभ – मोह नहीं है।
मारने-पीटने
किसान दूसरों को मारने पीटने के अलावा कोई काम नहीं करता।
गुण-दोष
सभी लोगों में गुण-दोष होते है।
भाषा की बात
1.) समास का एक प्रकार है- दुर्बदूब समास इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता, जैसे- चरम और परम चरम परम, भीरु और बेबस भीरु-बेबस दिन = और रात दिन रात और के साथ आए शब्दों के जोड़े को और हटाकर (-) चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है। दुबंदव समास के बारह उदाहरण ढूँढकर लिखिए।
खाना- पीना – खाना और पीना
अच्छा – बुरा -अच्छा और बुरा
सुई – धागा – सुई और धागा
दिन – रात – दिन और रात
पाप- पुण्य – पाप और पुण्य
दादा – दादी – दादा और दादी
भला – बुरा – भला और बुरा
स्त्री – पुरुष – स्त्री और पुरूष
राधा- कृष्णा – राधा और कृष्ण
जीवन – मरण – जीवन और मरण
2.) पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।
व्यक्तिवाचक- गांधी, तिलक
भाववाचक-विनम्र, संतोष, ईमानदारी, चकित
जातिवाचक- ड्राइवर, पत्नी, कंडक्टर, यात्री, मनुष्य
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