Telangana SCERT Solution Class X (10) Hindi Chapter 11 बाट की पहचान
बाट की पहचान
प्रश्न
1.) सृष्टि के कण-कण में किसका अस्तित्व है?
सृष्टि के कण-कण में ईश्वर का निवास हैl
2.) मार्गदर्शन या परिश्रम के द्वारा सफलता मिलती है। इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
मेहनत करने से सफलता मिलती है यह सच हैl लेकिन उसके लिए हमें मार्गदर्शन भी चाहिएl इसमें हमारे गुरु और साथी इनका हाथ होता है या इनकी प्रमुख भूमिका होती हैl सफलता के लिए हमें ईश्वर का आशीर्वाद जरूरी होता हैl गुरु का मार्गदर्शन और ईश्वर का आशीर्वाद यह दोनों अगर मिले तो हमें सफलता अवश्य मिलती हैl
3.) अपने सपनों को साकार करने के लिए आप कौन-कौन से प्रयास करेंगे?
हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए ईमानदारी से काम करना होगाl ईमानदारी से प्रयास करने होंगें। हमारा काम हमें अच्छे से करना होगा बहुत मेहनत करनी होगी हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना होगाl जब हम कोई काम करते हैं तो यह मायने नहीं रखता, कि हम कहां से आए हैं हमारा परिवार कैसा है छोटा है बड़ा है यहां पर हमारा काम और उसके लिए हम जो प्रयास करेंगे वह महत्वपूर्ण रहते हैंl हमें हमारे सपनों को साकार करने के लिए हर एक प्रयास करने होंगेl
प्रश्न
1.)छोड़ पैरों की निशानी से क्या अभिप्राय है?
हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं जो रास्ता हमने निर्धारित किया है वही रास्ता हमें हमारे मंजिल तक पहुंचने के लिए मदद करेगा। जब हम वहां से चल रहे होते हैं, तो हमें यह नहीं देखना चाहिए कि हमारे आगे कौन है? हमारे पीछे कौन हैं? किसने कैसा काम किया है? और कैंची छाप छोड़ी है? हमें हमारा काम करते रहना है और अपने लक्ष्य को हासिल करना हैं।
2.) बाट की पहचान क्या यह शीर्षक उचित है? क्यों?
हम अपना रास्ता दूसरों लोगों के कहने पर नहीं चुन सकते।जो लक्ष्य हमारा है उसके लिए रास्ता भी हमें ही ढूंढना होगा। वह हमें ही निर्धारित करना होगा। आज तक ऐसे बहुत सारे लोग ऐसे पैदा हुए और उन्होंने अपने काम से अपनी छाप छोड़ दी है अपने नियम हमें खुद तय करने होंगे। अपना रास्ता भी हमें सोच समझकर निर्धारित करना होगा और उस पर ही चलना होगा हमें दूसरे लोगों की बातें सुनकर अपना अपना रास्ता नहीं तय करना है। अपना रास्ता हमें खुद चुनता है। इसीलिए बात की पहचान यहां सिर्फ इस कविता के लिए उचित है।
3.) कवि के अनुसार यात्रा कब सरल होती है?
यात्रा तब शुरू होती है, जब हम अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उस लक्ष्य के पागे के लिए जो जो करना होता है तो वह करते हैं। उस रास्ते पर चलते हैं जो सही है। जिससे हमारा लक्ष्य हमें प्राप्त हो सकता है। लेकिन इसके लिए हमारे रास्ते में अधिक मुसीबत आती है। हमें उसे पार करनी है हमारा लक्ष्य पाने के लिए हमें क्या-क्या जरूरी है यह हमें सोचना चाहिए। मुसीबतों का सामना करना चाहिए। यही मुश्किल है हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करती है और तब यात्रा हमारी सरल होती है।
4.) हमें किन बातों पर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए?
हम जब हमारा लक्ष्य और रास्ता तय करते हैं। तो उसी पर हमें चलना चाहिए हमारे आगे कौन गया है पीछे कौन रह गया है? इस पर हमें ध्यान नहीं देना चाहिए उन्होंने अपने लक्ष्य कैसे प्राप्त किए यह सब छोड़कर हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमारी मुश्किलों को हम ही पार कर सकेंगे कठिनाइयों को हम ही सरल बनाएंगे। इसलिए किसी से डरने की जरूरत नहीं है। हमें इन बातों पर समय बर्बाद नहीं करना है।
5.) कवि ने स्वप्न किसे कहा है?
जो स्वप्ना हमें सोने ना दे, जिसके लिए हम इमानदारी से अपना काम पूर्ण करने की कोशिश में लगे रहे, जो कठिनाइयां है मुश्किल ही है उसे पार कर दे। इसे कवि सपने कहते हैं।
6.) स्वप्नों का नयनों के नीलय में आना और ह्रदय में आना से कवि का क्या अभिप्राय है?
हमारे सपने हमेशा बड़े होने चाहिए। उसके लिए हमें बहुत मुश्किलें पार करनी है। यह सच है लेकिन उन सपनों के कारण हमारे पैरों में पंख लग जाएँगे। लेकिन हमारे पैर हमेशा जमीन पर ही रहने चाहिए। अगर हमारे सपने पर पूर्ण करते हुए उसमें बाधा आती है मुश्किल आती है तो हमें उसे पार करना है। ना हमें उसे डर कर पीछे रहना है। अगर हमारे रास्ते में कांटे भी आ जाए तो हमें उनका सम्मान ही करना है।
7.) सपनों को साकार करने वाले तथ्य कौन से हैं?
जब हम सपने देखते हैं, तो वही सपना हमारा लक्ष्य बन जाते हैं। अब हमें उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रास्ते की जरूरत होती है। यह यह रास्ता भी हम तय करते हैं। सपना हमारा है रास्ता हमारा है तो उस पर आने वाली बाधाएं कठिनाइयां मुश्किलें भी हमारी ही होंगी। यही सब हम निश्चित करते हैं। यह सब हमें स्वीकार करना होता है और उस पर चलना होता है। कितनी भी कठिनाइयां आए हमें डर कर रहना होगा और अपने सपनों को साकार करना होगा।
अर्थग्राह्यता प्रतिक्रिया
अ)प्रश्नों के उत्तर बताइए।
1.) कवि ने कहा कि लोग अपने पैरों की निशानी छोड़ जाते हैं, अर्थात ऐसा कार्य कर जाते हैं जिससे दूसरों का मार्गदर्शन होता है। आप कैसा कार्य करना चाहते हैं?
जब हम अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो उस पर चलने के लिए अपना रास्ता बना लेते हैं। लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है। कि हम उस पर चल नहीं पाते। अपने देश के लिए हमारे कर्तव्य के लिए कई बार हमें हमारा रास्ता बदलना पड़ता है। हमें हमारे ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने यह सब करके अपने पैरों की निशानी मार्गदर्शन के रूप में छोड़ गए हैं। ऐसा कार्य हम भी करना चाहेंगे।
2.) कवि का कहना है कि किसी कार्य को करने से पूर्व उस में आने वाली कठिनाइयों के बारे में विचार करना चाहिए। इससे काम सरल हो जाता है। कार्य करने के पूर्व योजना बनाने का क्या महत्व होता है?
किसी भी कार्य को करने से पहले आने वाली कठिनाइयों के बारे में विचार विमर्श करना चाहिएl यह बात सही है हम जो कार्य कर रहे हैं उसके बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिएl उस कार्य को पूरी तरह से जानना चाहिए आने वाली मुश्किलों पर कठिनाइयों पर विचार विमर्श करना चाहिएl उस पर हम क्या योजनाएं बना सकते हैं यह तय करना चाहिएl यह सब करने से हमारा लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता सरल हो जाएगाl
3.) ‘असफलता यह सिद्ध करती है कि कार्य को पूर्ण रूप से नहीं किया गया।’- इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
अगर हम किसी कार्य में असफल हो जाते हैं, तो उसका यह मतलब नहीं कि हमने उस कार्य को पूर्ण रूप से नहीं किया। उस में कुछ कमी रह जाती है। लेकिन यह गलत है कि हमने उस कार्य को पूर्ण रूप से नहीं किया। अगर हमें किसी कार्य में असफलता मिलती है, तो हमें उस पर विचार करना चाहिए। हमने कौन सी गलतियां की है और आगे जाकर हम उन गलतियों को कैसे टाल सकते हैं? इसका विचार हमें करना चाहिए और जीवन में सफल होना चाहिएl
आ) पाठ पढ़िए। अभ्यास कार्य कीजिए।
1.) इस कविता के कवि कौन है? उनकी शिक्षा के बारे में आप क्या जानते हैं?
इस कविता के कवि हरिवंश राय बच्चन है। इन्होंने लंदन से पीएचडी की डिग्री हासिल की है और भारत में प्रयाग व काशी से शिक्षा प्राप्त की है। यह पहले अध्यापन का कार्य करते थे।
2.) पंक्तियों में आए-
- इसकी कहानी – पुस्तकों में नहीं छापी गई इसकी कहानी।
- इससे – तू इसे अच्छा समझ यात्रा सरल इससे बनेगी।
- इसका – हाल इसका जात होता है न और की जबानी
- इस पर – पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी।
- इन्हें – देखते सब है इन्हें अपनी उम्र अपने समय में।
- ये- यह उदय होते लिए कुछ ध्येय नयनों के निलय में।
किसके लिए संबोधित किए गए हैं?
पंक्तियों में आए इसकी कहानी, इससे, इसका, इस पर, इन्हें, ये यह सब मनुष्य को अपनी यात्रा सरल नहीं होगी यह समझाने के लिए संबोधित किए हैं।
3.) इन पंक्तियों का चयन करें जिनके निम्न भाव है-
क) अच्छे बुरे की चिंता व्यर्थ है।
हम किसी भी कार्य को करते वक्त अच्छा या बुरा यह सूचना व्यर्थ है। इससे हमारे कठिनाइयां बढ़ जाएंगी। हमें क्या मिलेगा अच्छाई मिलेगी या बुराई मिलेगी यह सोचना कर हम हमारा वक्त जाया नहीं कर सकते। इससे अच्छा है हम हमारा कार्य करते रहे और उसका जो फल मिलेगा उसे स्वीकार करें।
ख) यात्रा कब समाप्त हो जाएगी उसका समय अनिश्चित है।
हमारे जीवन की यात्रा कब समाप्त होगी इसका समय निश्चित है। हमें मालूम है कि हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा। लेकिन यह सोचकर हम अपना रास्ता नहीं बदल सकते या रास्ते पर रुक नहीं सकते। हमें हमारा लक्ष्य प्राप्त करना है। इसके लिए हमें आगे बढ़ना होगा। हमें निराश नहीं होना है। सदैव आगे बढ़ना है।
इ) अध्यक्ष पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1.) उपयुक्त पंक्तियों में किस व्यक्तित्व की बात हुई है?
क) कर्मठ ख)भीरू ग)अालसी
उत्तर – क) कर्मठ
2.) रह भरोसे भाग्य के से क्या तात्पर्य है?
क) सब पर विश्वास करना
ख)किस्मत पर विश्वास करना
ग) स्वयं पर विश्वास करना
उत्तर – ख)किस्मत पर विश्वास करना
3.) आन में उनके दिन बुरे भी भले से तात्पर्य है?
क) बुरे भले दिन समाप्त होते हैं
ख)प्रतिज्ञा द्वारा बुरे दिन भले बन जाते हैं
ग) भले दिन कम समय के लिए होते हैं
उत्तर- ख) प्रतिज्ञा द्वारा बुरे दिन भले बन जाते हैं
4.) सब जगह सब काल में वे फूले फले का अर्थ है-
क) काफी मोटे हो जाना
ख)फूल और फल लगाना
ग)हमेशा विजयी होना
उत्तर- ग) हमेशाविजयी होना
ई) निम्नलिखित वाक्यों के भाव स्पष्ट कीजिए।
1.) अनगिनत राही गए इस राह से उनका पता क्या,
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी
स्वतंत्रता के लिए न जाने कितने लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। लेकिन उन्होंने कभी कहा नहीं कि हम हमारे देश को स्वतंत्र करने के काम में लगे हुए हैं। उन्होंने सिर्फ स्वतंत्र भारत का सपना देखा था और उन्होंने वह साकार करने के लिए अपनी जान लगा दी। इसी तरह हम भी अपना लक्ष्य पाने के लिए अपना रास्ता ढूंढते हैं और उस पर चलते हैं। इतना प्रयास करते हैं कि हम उस लक्ष्य को पा सके। उस पर बहुत सारी मुश्किलें आती है। उनका भी सामना हमें ही करना है। और अपने जीवन में कामयाब होना है। जिन लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया उनके पैरों की निशानी हमें आज किताब में देखने मिलती है।
2.) हर सफल पंथी यही विश्वास है इस पर बढ़ा है,
तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले।
हर सफल पंथी का खुद पर विश्वास होना चाहिए। जो मार्ग उसने चुना है उस पर उसका विश्वास होना चाहिए। अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए हर एक प्रयास करना चाहिए। तभी वह अपने जीवन में सफल होगा। इसके लिए उसे बहुत मेहनत करनी होगी। रास्ते पर कितनी भी कठिनाई में आए उसे घबराना नहीं है। उसे विश्वास के साथ आगे बढ़ना है। एक ना एक दिन उसे सफलता जरूर मिलेगी। इस मुकाम पर पहुंचते-पहुंचते न जाने कितने विचार उसके दिमाग में आएंगे। लेकिन उसे सिर्फ अपने कर्म पर विश्वास रखना है। तभी हम अपना कार्य अच्छे से कर सकते हैं।
अभिव्यक्ति सृजनात्मकता
अ) इन प्रश्नों के उत्तर पांच से छह पंक्तियों में लिखिए।
1.) कवि के अनुसार भी कौन होंगे जो जीवन रूपी राह पर अपने पैरों के निशान छोड़ जाते हैं?
हमें हमेशा देश के बारे में पहले सोचना चाहिए। अपने देश के प्रति कार्य करना चाहिए। अगर कोई कार्य देश के हित में ना हो तो उसे न करने में ही हमारी भलाई है। इससे हमारे समाज का विकास हो जाएगा। महात्मा गांधी इन्होंने हमारे देश के लिए बहुत सारे आंदोलन किए। हमारे देश को अंग्रेजों से स्वतंत्रता दिला दी। महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि गांव की ओर बढ़ो। अगर गांव का विकास होगा तो अपने आप देश का भी विकास होगा। हम सबको मिलकर काम करना है। ना किसी से कम है ना कोई किसी से ऊपर है। स्त्री पुरुष सबको मिलकर काम करना है। अगर ऐसे हम करेंगे तो हमारे घर में किसी भी वस्तु की कोई कमी नहीं होगी। हम आर्थिक ऊंचाई भी प्राप्त कर सकते हैं। हमें सबको साथ लेकर चलना है। हम किसी से भी कम नहीं है। हम सब समान हैं। हमें सिर्फ देश का नहीं हमारे गांव का भी विकास करना है। धार्मिक स्तरों पर सामाजिक स्तरो पर आर्थिक स्तरो पर यह विकास होना चाहिए। ऐसे कितने लोग हैं जिन्होंने हमारे देश के लिए कार्य किया है और अपने पैरों की निशानी छोड़ दी है। मतलब जो कार्य किया है उसी से उनकी छवि हमें समझती है।
2.) असमंजस में पढ़ना हमारे लिए किस प्रकार अवरोधक सिद्ध होता है?
अगर हमने अपना लक्ष्य तय किया है और उस पर चलने के लिए रास्ता तैयार किया है। तो हमें अपने रास्ते पर ही चलना चाहिए। किसी के कहने पर हमें अपना रास्ता नहीं बदलना चाहिए। इसमें बड़ी मुश्किलें आएंगी लेकिन हमें अपना लक्ष्य नहीं भूलना चाहिए। असमंजस में हम तभी पढ़ते हैं जब हम अपने भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं, या किसी दूसरे की बात हम सुनते हैं। हमारे जो सपने हैं वह पूर्ण करने के लिए हमने जो रास्ता चुना है उसी पर हमें चलना है। जब हम अपने बुद्धि पर भरोसा रखते हैं तब हम असमंजस में नहीं पड़ते। असमंजस में पडना मतलब अपने लक्ष्य से ध्यान हटाना।
3.) स्वप्न उद्देश्य लेकर आते हैं और हमें क्षणिक आनंद की अनुभूति कराते हैं। अब आप अपने सपनों को साकार करने के लिए किस प्रकार प्रशासरत रहेंगे?
सभी मनुष्य अपने देखते हैं। लेकिन कितने लोगों के सपने पूरे हो पाते हैं? सपने अकेले नहीं आते जीवन में हमें कुछ करना चाहिए ऐसा उद्देश्य लेकर आते हैं। हमें हमारे सपनों से जीने की प्रेरणा मिलती है। बिना सपनों के कोई जी नहीं सकता। इससे हमें आनंद मिलता है।
4.) आशावान रहने पर निराशा हमें छू नहीं सकती इस प्रेरणा स्त्रोत को अपने जीवन में आप कैसे बनाए रख सकते हैं?
आशावान रहने पर हमें निराशा छू नहीं सकती। अगर हम हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने के काम में जुटे हुए हैं तो कितनी भी बड़ी मुश्किलें आए हम जब तक हमारे मन में हारने की भावना नहीं लाते तब तक हमें कोई हरा नहीं सकता। जब हम कहते हैं कि अब मुझे कोई रास्ता नहीं दिखाई देता, तभी लक्ष्य प्राप्त करने में आपको कठिनाई महसूस होती है। या फिर मुश्किलें आ सकती है। जीवन में आशावान रहना बहुत जरूरी है। इसकी वजह से हम हारते नहीं है। आगे बढ़ते रहते हैं।
आ) इन प्रश्नों के उत्तर दस से बारह पंक्तियों में लिखिए।
1.) कविता की पंक्तियों के आधार पर दृढ़ इच्छा पर प्रकाश डालिए।
हमें हमारा लक्ष्य पता है अगर हम उस रास्ते पर चल रहे हैं उसमें मुश्किलें आएंगी। लेकिन हमें उसका डटकर सामना करना है। हम लक्ष्य को पाने से पहले बहुत सारे सपने देखने लगते हैं। तब हमारे पैरों में पंख लग जाते हैं। ऐसी अवस्था होती है। लेकिन हमें हमारे पैर जमीन पर ही रखने हैं। क्योंकि, जरा सी भी कठिनाइयां आई तो हम पीछे हटने लगते हैं। ऐसा हमें नहीं करना है। हमारा जो लक्ष्य है हमें उसे प्राप्त करना है। उस रास्ते पर जो भी कठिनाई आएंगे उसका डटकर सामना करना है। उस रास्ते पर चलने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेनी है। अगर हम ऐसा करते हैं तो जो भी मुश्किलें आती है उसका हम अच्छे से सामना कर पाते हैं। हमें लक्ष्य को पाने के लिए एक निश्चय कर लेना है।
2.) आत्मविश्वास और पुरुषार्थ व्यक्तित्व निर्माण को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? अपने विचार लिखिए।
मनुष्य में आत्मविश्वास और पुरुषार्थ होना जरूरी है। आत्मविश्वास के बिना हम किसी मुकाम पर तक नहीं पहुंच सकते। हमें खुद पर विश्वास नहीं होगा तो हम सफलता कैसे प्राप्त कर सकेंगे। जीवन में आगे कैसे बढ़ सकेंगे पुरुषार्थ से यह पता चलता है, कि सामने वाला व्यक्ति कैसा है? अगर हम में आत्मविश्वास नहीं है तो हम घर हो या फिर हमारे काम की जगह वहां पर हमें हमारे साथ दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। हमें समाज में जीने के लिए आत्मा विश्वास का होना जरूरी है। हम जब अपना लक्ष्य तय करते हैं तब हम उस तक पहुंचने का रास्ता भी तय करते हैं। इस पर हम चर्चा करते हैं। कौन सी मुश्किलें आएंगी उसका सामना कैसे करेंगे। इन बातों पर विचार करते हैं। लेकिन हमारे अंदर अगर आत्मविश्वास की कमी होगी तो हम कितने भी तैयारी कर ले हम हमारे लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते।
3.) इन पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें-
अनगिनत राही गए इस राह से उनका पता क्या,
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी।
वह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है,
खोल इसका अर्थ पंथी पंथ की पहचान कर ले।
उन लोग हमें उन लोगों से प्रेरणा मिलती है जिन्होंने कुछ अच्छे कार्य किए हैं। इतिहास में अपना नाम रोशन किया है। हमारे देश की सेवा की है। ऐसे कितने व्यक्ति आए और कितने व्यक्ति गए लेकिन हम इन्हीं को याद रख रखते हैं। देश के लिए जिन्होंने बलिदान दिया उन्होंने अपने बारे में नहीं सोचा। अपने लक्ष्य के बारे में या अपने सपनों के बारे में नहीं सोचा। देश के प्रति समर्पण इसे ही उन्होंने अपना ध्येय बना दिया। उन्होंने अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। इन लोगों से हम बहुत कुछ सीखते हैं। क्योंकि इन्होंने अपनी छाप पीछे छोड़ी है। इनसे हमें शिक्षा प्राप्त होती है हमें किस रास्ते पर चलना है। इसका पता लगता है। हम जिस समाज में रहते हैं उस समाज के प्रति हमारा क्या योगदान है यह हमें इनसे सीखने मिलता है।
इ) नीचे दिया गया चित्र देखिए इस तरह के 5 प्रेरणादायक प्रसंग लिखिए।
1.)अपने सपने पूरे करने के लिए हमें जागना चाहिए।
2.) हमें हमारे सपने पूरे करने के लिए खुद पर विश्वास रखना चाहिए।
3.) हमें भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए।
4.) अपने सपने पूरे करने के लिए हमें मेहनत करनी होगी कठिनाइयों से लड़ना होगा।
5.) हमें ऐसे सपने देखने चाहिए जिनसे हमें नींद उड़ जाए।
ई) मनुष्य को सबकुछ आत्मविश्वास दृढ़ संकल्प एवं पुरुषार्थ के बल पर ही प्राप्त हुआ अन्यथा सीप में मोती छिपे रह जाते, धरती के भीतर रत्न दबे रह जाते न फसल उगती न धरती सोना उगलती। अपने अड़ोस पड़ोस या मित्रों में से किसी दृढ़ संकल्पी या कर्मठ व्यक्ति के बारे में बताइए।
शारदा नाम की लड़की छठी कक्षा में पढ़ती है। उसकी आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं है। उसके मां कुछ घर में जाकर काम करती है। बर्तन मांजती है और शारदा को भी पढ़ने के लिए प्रोत्साहन देती है । शारदा भी एक होशियार लड़की है। हमेशा कक्षा में पहले नंबर से पास होती है। उसे हमेशा लगता है कि मेरी मां भी मेरी तरह पढ़े शिक्षित हो। इसके लिए उसने दिवाली की छुट्टियों में अपनी मां को पढ़ाने की कोशिश की। परिस्थितियां अच्छी नहीं थी लेकिन फिर भी उसने एक शिक्षिका होने का सपना देखा और अपने सपने को पूरा भी किया। पहले उसने अपनी मां को पढ़ाया बाद में गांव के कुछ महिलाओं को इकट्ठा करके उनको पढ़ाने की कोशिश की। उसमें वह सफल हो गई। काम करते-करते उसने अपनी पढ़ाई भी पूरी की और आज वह एक स्कूल में शिक्षिका के रूप में बच्चों को पढ़ा रही है।
भाषा की बात
अ) सूचना के अनुसार उत्तर लिखिए।
1.) पथ यत्न अवधान (पर्याय शब्द लिखिए।)
पथ – रास्ता
यत्न – कोशिश
अवधान- सावधान
2.) अर्थ बात बटोही ( शब्दार्थ लिखिए।)
अर्थ- शब्द का अर्थ, मतलब
बाट- रास्ता
बटोही- मुसाफिर
3.) सत्य, मुक, सफलता( विलोम शब्द लिखिए।)
सत्य* असत्य
मुक * वाचाल
सफलता* असफलता
4.) गिनत शब्द में अन उपसर्ग जोड़ने से अनगिनत शब्द बना है अब आप भी अन उपसर्ग से पांच शब्द बनाइए।
1.)पढ़ – अनपढ़
2.)मोल-अनमोल
3.)देखा- अनदेखा
4.)होनी- अनहोनी
5.)कहा- अनकहा
आ) सूचना पढ़िए। उसके अनुसार अभ्यास कीजिए।
1.) कविता में आए तुकबंदी शब्दों को छाटीए और उन्हें लिखिए।
जैसे कहानी- जबानी
1.) बुरे अच्छे
2.) फुले फुले
2.) कविता में आए निम्नलिखित शब्दों के लिए विशेषण लिखिए।
जैसे अनगिनत राही प्रवास सरल
सही समझ. पढ़ मत
3.) पर गए कुछ लोग इस पर
छोड़ पैरों की निशानी
उपयुक्त वाक्य में रेखांकित शब्दों का विश्लेषण कीजिए।
तुम आने से पहले भी यहां बहुत सारे यात्री आ कर गए हैं।इस रास्ते पर चलकर गए हैं। उनके सामने भी बहुत सारी मुश्किलें आई है। लेकिन उन्होंने अपना कार्य नहीं छोड़ा। अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा। उन्होंने जो कार्य किया है उसके छाप यहां पर छोड़ कर चले गए हैं।
इ) चित्र की घटनाएं वर्तमान भूत और भविष्य काल में दर्शाइए।
जैसे – सूरज देख रहा है। सूरज ने देखा। सूरज देखेगा।
तितली बैठी हुई है। तितली बैठी थी। तितली बैठेगी।
पंछी उड़ रहे हैं। पंछी उड़ रहे थे। पंछी उड़ेंगे।
ई) निम्नलिखित वाक्यों में न /नहीं /मत का उचित प्रयोग कीजिए।
1.) पुस्तकों में है नहीं छपी गई इसकी कहानी।
2.) कौन कहता है कि स्वप्नों को न आने दे ह्रदय में।
3.) स्वप्ना पर ही मुग्ध मत हो।
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