Telangana SCERT Solution Class X (10) Hindi Chapter गजानंदनलाल पहाड़ चढ़े
गजानंदनलाल पहाड़ चढ़े
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ 10 पंक्तियों में लिखिए।
1.) गजनंदन लाल ने गोमुख की सैर के लिए प्रिंसिपल से अनुमति कैसे ली?
गजे नंदन लाल पहले हाथी के बच्चे जैसे दिखते थे उम्र थी तो 16 साल लेकिन उनकी छोटी आंखें थी और बड़े-बड़े काम थे हाथ भी वैसे ही मोटे थे जैसे हाथी चलता है वैसे ही वह चलते थे।
गजानंद लाल ने अपने प्रिंसिपल से यह बातें की के उसने प्रिंसिपल को गोमुख जाने की पांच लाभ बताएं।
गजानंद लाल हमेशा ही चुस्त-दुरुस्त रहेगा, क्योंकि उसे ठंडी कम लगेगी।
अगर रास्ता बांधने का काम शुरू हुआ या फिर उसकी जरूरत पड़ी तो गजानंद लाल के शरीर से ही काम चल जाएगा। चट्टान की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जब उसके सभी मित्र थक जाएंगे तो फिर उन्हें हंसाने का काम गजनंदन लाल करेगा। उनकी हिम्मत इसे देखकर लौट आएगी और वह आगे जा पाएंगे।
गजल नंदन लाल का वजन कुछ कम हो जाएगा।
2.) स्वामी जी के द्वारा गजनंद लाल का राशन दुगना करने का कारण क्या है?
पहले प्रिंसिपल साहब ने गजनंद लाल को गंगोत्री जाने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में गजल नंदलाल ने कुछ ऐसा कहा जिससे प्रिंसिपल से अपने साथ ले जाने के लिए तैयार हो गए। गजनंद लाल सभी को हंसाते रहते थे। वह खुद भी खुश रहेते थे और दूसरों को भी खुश रखा करते थे। उसकी यही बात स्वामी जी को भी अच्छी लगी और उन्होंने गजनंद लाल का राशन दुगना कर दिया था वह स्वामी जी के साथ साथ चल रहा था। सबको हंसा रहा था खुद भी थकता नहीं था और दूसरों को भी थकान महसूस नहीं होने देता था। स्वामी जी ने भी गजनंद के इसी बात का समर्थन किया। वह कहते थे पहाड़ जब हम चढ़ते हैं तो हमें बिना थके बिना रुके ही चलना पड़ता है अगर हम तक गए तो वह अपने लिए नहीं रुकेगा। अगर हमें डर लगता है तो हमें जोर जोर से हंसना चाहिए इस वजह से डर भाग जाता है गजानन दिन जब हंसता था तो सभी हंसते थे और भयानक रास्तों को भी पार कर देते थे।
3.) कहानी में आए हास्य प्रसंगों में से अपने मनपसंद प्रसंग की व्याख्या कीजिए।
भोलाशंकर के पेरो के नीचे की बर्फ फट गई और वह नीचे झील मे गडपI इसको गजनंदन ने अपने मित्रो के मदद से बाहर निकालाI इसके बाद उसने अपना चमडे वाला कोट कर उसे दे दिया और कहा, स्वामी जी यह कोट इसे पहना दोI मै ठहरा हाथी का बच्चाI मेरी हडडीयो तक पहुचने की राह थंड को नही मिलेगीI
सभी गजनंदन की बात पर हसने लगेI
4.) इस कहानी की भाषा शैली पर अपने विचार बताइए।
इस कहानी में गजनंद लाल सबको हंसाते हुए दिखाई दे रहा है। लेकिन गजानंद लाल एक ऐसा पात्र है जो मोटा है लेकिन वह खुश भी रहता है और होशियार भी है।इस कहानी की भाषा शैली अत्यंत दिलचस्प है विचारात्मक भी है। जो लोग मोटे बन पर हंसते हैं उन्हें सताते हैं ताना देते हैं, इनके लिए यह एक बोधपर कहानी है। मोटे लोग भी होशियार दिमाग, वाले दिलचस्प होते हैं इस कहानी से यह पता चलता है।
For More Chapters Check Here –