Telangana SCERT Solution Class X (10) Hindi Chapter 12 सफलता की चुनौतियां
सफलता की चुनौतियां
प्रश्न
1.) विशेष आवश्यकता वाले मुसीबत कैसे पार करते हैं?
विशेष आवश्यकता वाले कई मुसीबतों को खुशी से पार करते हैं। समाज में अपनी समस्या का समाधान खोजते रहते हैं। इस कोशिश से कोई धावक बनता है, तो कोई नृत्य कार तो कोई कुछl
2.) हमें किन-किन विषयों में विशेष आवश्यकता वाले की सहायता करनी चाहिए?
हम सब को विशेष आवश्यकता वाले की सहायता करनी चाहिए, लेकिन यह जताना नहीं है की उनमें कुछ कमी है। उन में कुछ कमी है यह उनको बताना नहीं है और हमें उनकी मदद भी करनी है। हमें उनको पढ़ाना है, आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दे सकते हैं। उनको जिन विषयों में रुचि है कौन विषयोंकी की जानकारी हम उनको दे सकते हैं।
3.)विशेष आवश्यकता वाले को सहानुभूति की नहीं बल्कि प्रोत्साहन की आवश्यकता होती हैl क्यों? कारण सहीत बताइए।
विशेष आवश्यकता वाले लोगों को सहानुभूति की नहीं बल्कि प्रोत्साहन जरुरत होती है। क्योंकि वह अपने कमजोरी महसूस नहीं करते, बल्की उसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं और अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करते हैं। इसमें हमें उनकी मदद करनी चाहिए ना कि उनकी कमियों को दिखाकर उन्हें सहानुभूति देनी चाहिए।
प्रश्न
1.)दृष्टिहिन लोग अपने काम स्वयं कैसे कर लेते हैं?
दृष्टिहिन लोग लाठी के सहायता से चलते हैं। उन्हें दिखता नहीं है लेकिन वह वस्तु को छू सकते हैं, लोगोंको सुन सकते हैं इससे वह अपनी शक्ति बना लेते हैं और अपना काम खुद करते हैं।
2.) प्रीति मोंगा के स्कूली जीवनी की बारे में बताइए।
प्रीति को आठवी कक्षा तक उसकी एक आइरिश नन उसे मदद करती थी। प्रीति सीनियर कैंब्रिज विद्यालय में जाना चाहती थी। परंतु तब तक उसकी अध्यापिका चली गई थी। उसके बाद प्रीति को किसी दृष्टिहिन विद्यालय में जाने की सलाह दी गई । लेकिन उस वक्त ओसे विद्यालय की बहुत कमी थी।
3.) विशेष आवश्यकता वाले चुनौतियों को कैसे महसूस करते हैं?
विशेष आवश्यकता वाले लोग चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास की जोर पर करते हैं। वह हर चुनौती का सामना करते हैं। उनके लिए प्रतिस्पर्धी बहुत होते हैं। उनसे उनको लडना पड़ता है। कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बहुत मुश्किल आती है उन्हें पार करना होता है। जो लोग सकारात्मक दृष्टि रखते हैं, आत्मविश्वास से भरे हुए होते हैं वह चुनौतियों को पार कर जाते हैं।
4.) दृष्टिहिन लोगों को किन किन क्षेत्रों में अधिक रुचि रहती है?
दृष्टिहिन लोगों की सभी क्षेत्र में रुचि रहती है। खाने पीने में, काम करने में, संगित सुनने में, लिखने, पढ़ने में इन सब में उनकी रुचि रहती है। वह देख नहीं सकते लेकिन वह सामान्य मनुष्य की तरह ही जीना चाहते हैं। उनकी रुचि लिखने पढ़ने में अधिक होती है। थोड़ी बहुत कोशिश करने के बाद वह लिख सकते हैं और पढ़ भी सकते हैं।
5.)हेलन केलर कौन है? उनके बारे में बताइए।
हेलन केलर का जन्म अमेरिका में 27 जून 1880 मैं हुआ। जब हेलन केलर का जन्म हुआ तब वह पूरी तरह से स्वस्थ थी। लेकिन कई महीनों बाद उसकी नजर, जुबान और सुनने की शक्ति चली गई। उसके माता-पिता चिंता में पड़ गए कि अब यह आगे जाकर पढेगी कैसे? क्योंकि वह सामान्य बच्चों से भिन्न हो गई थी। आख़िर में उन्हें एक शिक्षक मिल गए जिसका नाम एनी सुलिव्हन था इन्होंने हेलन को हर तरह की शिक्षा दी। ब्रेल लिपि से और मैन्युअल अल्फाबेट से उसे पढ़ाया। उसके बाद हेलन ने एक स्कूल में अपना दाखिला करवाया और अपनी शिक्षा पूरी की। लेकिन उसके बाद वह खुद को अकेला समझने लगी थी। उसे आगे भी स्नातक पढाई करनी थी। इसके लिए उसने कॉलेज में दाखिला करवा लिया और सामान्य छात्रों के साथ वह पढ़ने लगी। जब वह पढ़ रही थी तब से लिखने का शौक उसने पैदा हो गया। और वह लिखने लगी। द स्टोरी ऑफ माय लाइफ यह पुस्तक उसने लिखी।
6.) अनपढ़ दृष्टिहिन लोगों की आजीविका कैसे चलती है? दृष्टिहिन लोगों के लिए कौन सी सुविधाएं उपलब्ध करनी चाहिए?
अनपढ़ दृष्टिहिन लोगों का जीवन मुश्किलों से भरा हुआ होता है। उनको कोई काम नहीं देता। लेकिन घरेलू काम करके वह अपना पेट भर सकते हैं। छोटे मोटे उद्योग कर सकते हैं। ऐसा करके ही वह अपना घर चलाते हैं। इसके लिए हमें मदद करनी चाहिए। यह जो काम करते हैं उसके लिए हमें अार्थीक मदद करनी चाहिए।
दृष्टिहिन लोगों ने लिए कौन सुविधाएं उपलब्ध करनी चाहिए।
दृष्टिहिन लोगों का जीवन बहुत मुश्किल होता है। कठिनाइयाें से भरा होता है। हमें उनका जीवन आसान करने के लिए उनकी मदद करनी चाहिए। उनको ऐसी सुविधा देनी चाहिए जिससे उनका दैनंदिन काम काज अच्छे से हो जाए। वह अपनी जीविका अच्छे से चला सके। जिससे वह उनकी जरूरतें पूरी कर सके।
अर्थग्राह्यता प्रतिक्रिया
अ) प्रश्नों के उत्तर बताइए।
1.) विशेष आवश्यकता वाले आजकल किन-किन क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे है?
विशेष आवश्यकता वाले आजकल हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। औद्योगीक क्षेत्र, कॉरपोरेट क्षेत्र, खेल में किसी भी क्षेत्र में वह पीछे नहीं है। वह कठिनाईयों का सामना करते हैं और आगे बढ़ते हैं।
2.) दृष्टिहिन बनने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं?
1.) कुष्ठ
2.) महामारी जलशोध
3.) उपदंश
4.) नवजात शिशु का अक्षिकोप
3.) किसी को कम आंकना नहीं चाहिए। क्यों?
हर एक व्यक्ति अलग होता है। सबकी सोच एक तरह से नहीं होती। सब अलग-अलग सोचते हैं। कोई छोटा नहीं होता या कोई बड़ा नहीं होता। सब अपने आप में अलग होते हैं। सब ने अलग अलग तरह की खुबिया होती है। इसलिए कभी किसी को कम नहीं आंकना चाहिए। अगर हममें कोई कमी है दूसरा उसमें विशेषज्ञ है।
आ) पाठ पढ़ीए। अभ्यास कार्य कीजिए।
1.) “चलते समय रास्ते में गढ्ढे आते है। गिरने पर किसी की सहायता से उठूंगी। असफलताएं हमें उठाने के लिए है। यदि वही सोचते रहे कि गाड़ी जैसी चलती रही है चलती रहे तो कभी सफलता नहीं पा सकते।” यह बातें किसने किस संबध में किससे कहीं है?
प्रीति मोंगाने साक्षात्कारकर्ता से ये बातें की।
2.) चाहती हुँ सारी कायनात मुझे देखकर कहे- ‘वाह प्रीति वाह! चुनौतीयाँ आती ही है। उन्हें पहचाना है बड़ी चुनौती है।’ इन बातों का क्या आशय है?
प्रीति मोंगा यह कहना चाहती है कि जीवन का दूसरा नाम संघर्ष है। हमारे जीवन में मुश्किलें आएंगी, लेकिन हमें उन को पार करना होगा। हर एक परिस्थिति में सही निर्णय लेना होगा। परिस्थितियों का सामना करना होगा।
इ) निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।
1.) मेरे लिए कामयाबी का अर्थ है – सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना।
जो व्यक्ति हां अपने जीवन में सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करता है, चुनौतियों को स्वीकारता है, उनसे संघर्ष करता है, उसे ही सफलता मिलती है। वही व्यक्ति जीवन में अपनी राह खुद बनाता है। कुछ न कुछ सीखता है और अपने लक्ष्य वह पहुंचता है।
2.) खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है?
हमें हमारे सामने आने वाली परिस्थितियों से कठिनाईयों से लडना होगा। हम इतनी कोशिश करेंगे, की खुदा आकर खुद पूछेगा के तुम्हें चाहिए क्या?
3.) जिस दिन सीखना छोड़ दोगे वही दिन तुम्हारे पतन का होगा अपने सीखने के दरवाजे खुले रखो।
हम जब लड़ते हैं, मुश्किलों का सामना करते हैं, तब हम कुछ न कुछ उनसे सीखते हैं। हमारी विचारों में, सोच में, परिवर्तन आता है। लेकिन जब हम सीखना छोड़ दे, मुश्किलों से लड़ना छोड़ दे वहासे हमारा पतन शुरू होगा।
ई) 1.) गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न
1.) यह गद्यांश आपको कौन सी प्रेरणा देता है?
हमें हमारे संकटों के खिलाफ लड़ ना है। हमें विजयी होना है। जो कायर होते हैं वह हर रोज मृत्यु का अनुभव करते हैं। लेकिन जो वीर होते हैं वह एक ही बार मरते हैं। लेकिन अपनी जीवन में कुछ न कुछ करते हैं, संघर्षों का सामना करते, हैं कठिनाइयों से लड़ते हैं, घबराते नहीं, सफलता प्राप्त करते हैं। इस गद्यांश से हमें यहां प्रेरणा मिलती है।
2.) वीर एक से अधिक बार नहीं मरते। इस पंक्ति का आशय क्या है?
सबको मृत्यु एक ही बार आती है, लेकिन जो कायर होते हैं वह परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाते, कठिनाइयों से लड़ना नहीं चाहते, इसीलिए उनकी मृत्यु बार-बार होती है।लेकिन जो वीर होते हैं वह एक बार ही मरते हैं। इसलिए अपने कठिनाइयों का, संकटों का सामना करना होगा।
3.) कौन सी बातें व्यक्ति को सफल बनाने में मदद करती है?
जीवन में परिश्रम, आत्मविश्वास और लक्ष्य पानी की इच्छा शक्ति यह बातें व्यक्ति को सफल बनाने में मदद करती हे।
2.) चित्र के मुख्य बिंदु जानकर लिखिए।
1.) इस चित्र में पोलियों का डोस देने के लिए जिन जिन लोगों ने मदद किए हैं उनका धन्यवाद किया गया है।
अभिव्यक्ति सृजनात्मकता
अ) इन प्रश्नों के उत्तर पाचं – छह पंक्तियों में लिखिए।
1.) कौन सा व्यक्ति अपने जीवन में सफल कहलाने का अधिकारी बनता है?
अपने जीवन में जो संघर्ष करता है, परिश्रम करता है, लक्ष्य को पाने से दृढ इच्छाशक्ति रखता है, संघर्ष करके विजई बनता है, लक्ष्य को पाने के लिए अपना रास्ता खुद चुनता है, उस रास्ते पर चलता है, सब मुश्किलों से लड़का है, कभी घबराता नहीं, सफलता प्राप्त करता है। वही अपने जीवन में सफल कहलाने का अधिकारी होता है।
2.) विशेष योग्यता वाले बालों को को सफलता प्राप्त करने के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
विशेष योग्यता वाले लोगों के लिए अलग स्कूल बनाए जाते हैं। वे हर एक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते। हम उनकी मदद तो करते हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि उनके मन में हिन भावना आ जाती है। उन्हे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन परिस्थितियों से लड़कर जिनकी सोच सकारात्मक हो वह आगे बढ़ते हैं।
आ) इन प्रश्नों के उत्तर दस – बारह पंक्तियों में लिखिए।
1.) ‘समावेशी शिक्षा’ से आपका क्या अभिप्राय है?
जो बच्चे अपंग होते हैं उन्हें अधिक सहायता की जरूरत होती है। उनके लिए अलग स्कूल बनाएं जाते हैं। लेकिन समावेशी शिक्षा में इसका विशिष्ट विकल्प नहीं हैl समावेशी शिक्षा कहती है, कि सभी बच्चों को एक साथ पढ़ना चाहिए।
शिक्षा का समावेशी करण यह कहता है के सभी बच्चों को एक साथ पढ़ना चाहिए। सामान्य छात्र और जो विशेष आवश्यकता वाले छात्र हैं इनको अलग-अलग शिक्षा देना गलत बात है। सब को एक समान अवसर मैंने चाहिए और समान शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए।
2.) विशेष आवश्यकता वालों को स्वयं आगे बढ़ने दो। उनके पास असीम शक्तियां है। सिद्ध कीजिए।
विशेष आवश्यकता वाले लोग किसी की जरुरत नहीं होती। वह खुद आगे बढ़ सकते हैं। या फिर हमें ही उन्हें आगे बढ़ना देना चाहिए। हम हर बार उनका सहारा नहीं बन सकते। अगर हम ऐसा करेंगे तो उनका आत्मविश्वास कम हो जाएगा। जो लोग विकलांग होते हैं उनके पास असीम शक्तियां होती है। उसे पहचान कर खुद आगे बढ़अना होगा। जीवन में असफलता आने के बाद उसे कुछ सीख लेनी होगी। तभी वहां आगे बढ़ पाएंगे। हम उन्हे आगे बढ़ने की प्रेरणा दें सकते हैं। अगर हर बार हम उनको मदद करेंगे तो वह दूसरों पर निर्भर हो जाएंगे।
इ) ईस साक्षात्कार को उचित शीर्षक देते हुए निबंध के रूप में लिखिए।
सफलता
हर कोई अपने जीवन में सफल होना चाहता है। कामयाब होना चाहता है। लेकिन कामयाब होने के लिए हम कितने प्रयत्न करते हैं? कितना संघर्ष करते हैं? कितनी चुनौतियों को स्वीकार करते हैं? जो व्यक्ति सफल होता है वह बहुत मुश्किल का सामना कर के वह तक पहुंचा होता है।
हमारे लक्ष्यों को पाने के लिए हमें रास्ता चुनना होगा। उस रास्ते पर चलना होगा। जितनी भी मुश्किलें, कठिनाई आए हमें वह रास्ता छोडना नहीं है। या फिर पीछे हटना नहीं है। अगर हमें असफलता प्राप्त होती है तो कोई बात नहीं,इसी से हमें सीख मिलती है। हमने कौन सी गलती की है इसका पता लगता है। जब हम गिरते हैं तब हम उठकर स्वयं खड़े हो जाते हैं। आगे बढ़ते हैं, इसका अर्थ होता है यह हम हमारे जीवन में कुछ ना कुछ सीख रहे हैं। अगर हमें सफल होना है तो हमें हमारी सोच में सकारात्मकता लानी होगी। आत्मविश्वास लाना होगा। अगर हम विकलांग है तो हमारे अंदर ऐसे भी शक्तियां है जो हमारे कमी को पूरी करती है। उन शक्तियों का उपयोग करके हमें जीवन में आगे बढ़ना होगा। हमारे अंदर आत्मविश्वास का निर्माण करना होगा जिस से हम आगे बढ़ सकते हैं।
विकलांग लोगों को स्वयं आके बढ़ने देना होगा। प्रत्येक असफलता से सीख लेनी होगी। तभी हम अपनी जीवन में आगे बढ़ पाएंगे। विकलांग लोगों को अगर हम हर बार सहारा देंगे तो वह हमारे ऊपर निर्भर रहेंगे। हमेशा उनको हमारी सहायता की जरुरत पड़ेगी। अगर हम उनको स्वतंत्र करना चाहते हैं तो उनकी शक्तियों को उन्हें पहचानना होगा। उनकी मदद करनी होगी लेकिन उन्हें निर्भर नहीं बनाना है।
ई) हेलन केलर विशिष्ट योग्यता वाले व्यक्तियों के लिए एक मिसाल है सिद्ध कीजिए।
हेलन केलर एक ऐसी व्यक्ति जिसमे ना तो सुनने की शक्ति थी, ना तो देखने की शक्ति थी। फिर भी उन्होंने अपने जीवन में सफलता हासिल की और ऐसे लोगों के लिए एक मिसाल बन गई जो विकलांग होते हैं। उन्होने सिद्ध कर दिया कि हमारे जीवन में कितनी भी मुश्किल आए, हमें डरना नहीं है हमें आगे बढ़ना है अगर हम ऐसा करेंगे तभी हम सफल हो पाएंगे।
भाषा की बात
अ) कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार अभ्यास कीजिए।
1.) कामयाबी, मौका (पर्यायवाची शब्द लिखिए।)
कामयाबी – सफलता
मौका- समय
2.) क्षमता, शक्ति, चुनौती (वाक्य प्रयोग कीजिए।)
क्षमता- हमें हमारी अंदर होने वाली क्षमताओं को पहचाना चाहिए।
शक्ति- विकलांग लोगों में असीम शक्तियां होती है।
चुनौती – जीवन में आने वाली प्रत्येक चुनौतियों का स्वीकार करना चाहिए।
3.) गर्मी, सकारात्मक, ईमान (विलोम शब्द लिखिए।)
गर्मी- सर्दी
सकारात्मक- नकारात्मक
ईमान- बेईमान
4.) नानी, अध्यापक (लिंग बदलकर वाक्य प्रयोग कीजिए।)
नानी- नाना
मेरे नानाजी बहुत प्यारे है।
अध्यापक- अध्यापिका
हमारी अध्यापिका ने हमें शालेय जीवन में अच्छी शिक्षा दी।
आ) सूचना के अनुसार अभ्यास कीजिए।
1.) निष्क्रिय, विद्यालय, आत्मकथा (विच्छेद कर संधि पहचानिए।)
निष्क्रिय- निष्+ क्रिय= व्यंजन संधि
विद्यालय- विद्या+ आलय= दीर्घ संधि
आत्मकथा- आत्म + कथा = दीर्घ संधि
2.) दुख -दर्द, काम- धंधा, कमल नयन (विग्रह कर समास पहचानिए।)
दुख -दर्द – दुख और दर्द – द्वंद्व समास
काम- धंधा – काम और धंदा -द्वंद्व समास
कमल नयन- कमल के समान नयन -कर्मधारेय समास
इ) उदाहरण के अनुसार पाठ में आए वाक्य ढूंढकर लिखिए।
उदाहरण – मोहन द्वारा पत्र लिखा गया।
1.) मेरे सामने अनगिनत चुनौतियां है।
2.) मैं अपना काम स्वयं करती हूं
3.) असफलता हमें उठाने के लिए है।
ई) हिंदी में अनुवाद कीजिएl
Harish a fourteen years old boy saved Pandit Nehru from an accident.) Pandit Nehru then decided to honour the brave boy and such other brave children.) Harish Chandra Mehta was the first boy to receive the National Bravery Award.)
चौदह साल के हरीश ने पंडित नेहरू को एक दुर्घटना से बचाया। पंडित नेहरू ने तब बहादुर लड़के और ऐसे अन्य बहादुर बच्चों को सम्मानित करने का फैसला किया। हरीश चंद्र मेहता राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले पहले लड़के थे।
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