Chhattisgarh State Class 8 Hindi Chapter 9 साहस के पैर Solution
Chhattisgarh State Board Class 8 Hindi Chapter 9 साहस के पैर Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
1.) अंचल कौन था और वह किस प्रकार शारीरिक चुनौति का शिकार हो गया?
रेलगाड़ी से हुई दुर्घटना में अंचल का पैर टूट गया और वह शारीरिक चुनौती का शिकार हो गया।
2.) अंचल को ऐसा क्यों लगा कि किसी दिल को मुट्ठी में दबोच कर मसल दिया हो?
अंचल मेजा कक्षा में प्रवेश किया तो कक्षा के छात्रों ने उसका मजाक उड़ाया, उसकी तुलना तैमूर लंग से की। इसीलिए अंचल को ऐसा लगा कि किसी ने दिल को मुट्ठी में दबोच कर मसल दिया हो।
3.) अंचल को रात में नींद क्यों नहीं आई?
अंचल मैं नई कक्षा में प्रवेश किया था। तब वहां के सारे बच्चे अचल को चिढ़ाने लगे। रात में जब वह सोने की कोशिश कर रहा था तब उसे एक साल पहले की दुर्घटना याद आई। इस दुर्घटना में ही उसने अपना पैर गवाया था। इसलिए अंचल को रात में नींद नहीं आई।
4.) अंचल में कक्षा के साथियों द्वारा उसकी हंसी उड़ाने की प्रवृत्ति का विरोध कैसे किया?
अंचल जब दूसरे दिन क्लास में गया तब कक्षा के बच्चे फिर से उसका मजाक उड़ाने लगे। अंचल पहले तो शांत रहा। बाद में मुस्कुराया और सब बच्चों से बात करने लगा। आंचल ने कक्षा के साथियों द्वारा उसकी हंसी उड़ाने की प्रवृत्ति का ऐसे विरोध किया।
5.) साहस के पैर कहानी के माध्यम से कहानीकार पाठकों से क्या कहना चाहते हैं?
अंचल सारे छात्र चिढ़ाने लगे। उस रात अंचल को नींद नहीं आई उसके दूसरे दिन भी वह कक्षा में जब जा रहा था तो वहां के बच्चों ने उसे फिर से चिढा़ना शुरू कर दिया। अंचल ने उनको बिना घबराए जवाब दिया। उसे पता चला था कि मुझे अब साहस से काम लेना है। मुझे डगमगाना नहीं है। साहस के पैर इस कहानी के माध्यम से कहानीकार यही कहना चाहते हैं। कोई भी परिस्थिति हमारे सामने आए। हमें घबराना या डगमगाना नहीं है। तब हमें साहस से काम लेना है।
6.) कहानी का प्रधान चरित्र अंचल का व्यक्तित्व अपनी चुनौतियों के साथ हमें बेहद प्रभावित करता है। क्यों?
अंचल एक ऐसा लड़का है जिसमें अपना पैर रेल की दुर्घटना में गवाया हैl जब वह कक्षा में जाता है तो सभी बच्चे उसे चिढ़ाने लगते हैंl उन बच्चों को वह प्यार और साहस से जवाब देता हैl चुनौतियों का सामना हिम्मत से करता है। इसीलिए हमें अंचल का व्यक्तिमत्व अपनी चुनौतियों के साथ में बेहद प्रभावित करता हैl
7.) किसने किससे कहा?
क.) “बैठो बेटे! बैठे रहो। यह सब कैसे हो गया?”
मास्टरजी ने अंचल से।
ख.) “दोस्तो! बोल के मैसेज आते हैं तो अपने साथ नक्शा लाते हैं।”
एक मोटे लड़के ने कक्षा के सभी छात्रों से।
ग.) “रहने दो अचल! अगले स्टेशन पर ले लेंगे।”
पिताजी ने अंचल से
घ.) “बा अदब! बामुलाहिजा! होशियार! शहंशाह तैमूर लंग तशरीफ ला रहे हैं।”
एक मोटे लड़के ने कक्षा के सभी छात्रों से कहा।
ड.) “क्यों बे, तुझे तैमूर लंग नाम पसंद आया क्या?”
मोटे लड़के ने अंचल से कहा।
पाठ से आगे
1.) प्रायः देखा जाता है कि अक्सर समाज में लोग एक दूसरे की कद – काठी, रूप-रंग, चाल-ढाल आदि पर व्यंग अथवा उपहास करते हैं। क्या आपको इस तरह का व्यवहार उचित लगता है? समूह में चर्चा कर इसका उत्तर लिखिए।
अक्सर समाज में लोग एक दूसरे की कद – काठी, रूप-रंग, चाल-ढाल आदि पर व्यंग अथवा उपहास करते हैं। यह गलत बात है सब लोग अपना अपना रंग रूप लेकर जन्म लेते है। इस बात से उनका उपहास करना यह गलत बात है जैसे हर एक में कमियां होती है वैसे उनमें खूबियां भी होती है। इस लिए हमें इस तरह के व्यवहार बिल्कुल उचित नहीं लगता।
2.) समावेशी शिक्षा के अंतर्गत विद्यालय में दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चों के साथ अध्ययन करते हैं उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आप विद्यालय में किस प्रकार के भौतिक बदलाव और संसाधन की व्यवस्था करना चाहेंगे क्वेश्चनमार्क कक्षा में साथियों और शिक्षक से चर्चा कर एक सूची तैयार कीजिए।
समावेशी शिक्षा के अंतर्गत विद्यालय में दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चों के साथ अध्ययन करते हैं। लेकिन जैसे हम सामान्य बच्चों को सिखाते हैं वही तरीका हम दिव्यांग बच्चों के लिए नहीं अपना सकते। कुछ बच्चे देख नहीं सकते या कोई सुन नहीं सकते। जो बच्चे देख नहीं सकते उनके लिए ब्रेन लिपि का उपयोग करना चाहिए। उनको हर तरह की मदद करनी चाहिए। लेकिन हम उनको सहानुभूति दिखा रहे हैं ऐसा भाव बिल्कुल नहीं होना चाहिए। अपंग व्यक्तियों के लिए टॉयलेट और आने जाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
3.) चलती ट्रेन में चढ़ना-उतरना दुर्घटना को आमंत्रण देना है। इस कथन पर समूह में चर्चा कीजिए एवं इससे बचने के लिए क्या क्या सावधानियां अपेक्षित है? लिखिए।
चलती ट्रेन में चढ़ गया ऊपर मतलब अपने जीवन को खतरे में डालना है। चलती ट्रेन में कभी नहीं चढ़ना चाहिए। अगर किसी जगह पर हमें जाने में देर होती है तो देर ही सही लेकिन हमें अपने जीवन को खतरे में नहीं डालना चाहिए। अंचल चलती ट्रेन में नहीं चढ़ता तो उसके साथ यह दुर्घटना भी नहीं होती। उसे अपना पैर गवाना नहीं पड़ता।
4.) प्रायः रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर चेतावनी वाले स्लोगन दुर्घटना से देर भली सावधानी हटी दुर्घटना घटी सतर्क चले सुरक्षित चले लिखा रहता है इन पर समूह में चर्चा कीजिए और ऐसे ही स्लोगन बनाने का प्रयास कीजिए जो लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
सुरक्षा के नियमों का पालन बचाए अपना जीवन।
सुरक्षा के नियमों को अपनाओ अपना जीवन बचाओ।
मत बढाओ गाडी कि रफ्तार, आप पर निर्भर है आपका परिवार
सड़क की सुरक्षा के नियमों का पालन करो, गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट का उपयोग करो।
भाषा से
1.) पाठ में तीखापन एवं घबराहट शब्द आया है जो की भाववाचक संज्ञा है। यह शब्द का विशेषण में ‘पन’ प्रत्यय लगाने से बना है अर्थात तिखा होने का भाव। उसी तरह से घबराना क्रिया में आहट प्रत्यय के योग से बना है घबराहट अर्थात घबराने का भाव इसी प्रकार इन दोनों प्रत्यय का प्रयोग करते हुए दस दस नए शब्द बनाइए।
पन प्रत्यय लगाकर शब्द- अपनापन, सुनापन, बड़प्पन, बचपन, विज्ञापन, भोलापन, परायापन, सूखापन, आलसपन, पीलापन
हट प्रत्यय लगाकर शब्द- मुस्कुराहट, गर्माहट चिकनाहट घबराहट जगमगाहट
2.) जहरीली ठहाके एवं गर्विली मुस्कान जैसे शब्द पाठ में आए हैं इन शब्दों में जहरीले और गर्विली शब्द अपने बाद आने वाले( ठहाके,मुस्कान) शब्द के विशेषता बता रहे हैं। अत: यह पद विशेषण हुए और जिन की विशेषता बताई जा रही है वे विशेष कहे जाते हैं कुछ तो कभी विशेषण और विशेष्य के पाच उदाहरण ढूंढकर लिखिए।
1.) सुंदर फूल
2.) खूबसूरत आंखें
3.) मीठी सी मुस्कान
4.) बड़ा सा पर्वत
5.) नई हवेली
3.) प्रस्तुत पाठ में चल धातु में उपसर्ग लगाकर अचल शब्द का प्रयोग हुआ है जिसमें अ का अर्थ नहीं या मनाही के भाव है जैसे और अचल का अर्थ जो चल नहीं सकता, स्थिर, ठहरा हुआ। अ उपसर्ग युक्त शब्द जैसे (अप्रिय अप्राप्य अहित अघोष अनाथ अरुची अलभ्य असह्य) आदि के विलोम शब्द लिखिए।
अप्रिय * प्रिय
अप्राप्य * प्राप्य
अहित * हित
अघोष * सघोष
अनाथ * सनाथ
अरुची * रुचि
अलभ्य * लभ्य
असह्य* सह्य
4.) निम्नलिखित सामासिक शब्दों का विग्रह कर समास का नाम लिखिए –
रसोईघर – रसोई का घर – तत्पुरुष समास
राजपुत्र – राजा का पुत्र – तत्पुरुष समास
राजभवन – राजा का भवन – तत्पुरुष समास
देशसेवा – देश की सेवा – तत्पुरुष समास
राजदरबार – राज का दरबार – तत्पुरुष समास
विद्यासागर – विद्या का सागर – तत्पुरुष समास
5.) नीचे कुछ शब्द और उनके पर्यायवाची शब्द दिए गए हैं। इन की सही जोड़ियां मिलाकर लिखिए।
मोटा नाटा गरीब बादशाह ठिगना स्थुल नक्शा पग शहंशाह फिक्र मानचित्र पैर अचल साहस अडिग हिम्मत चिंता निर्धन।
मोटा – स्थुल
नाटा -ठिगना
गरीब – निर्धन
बादशाह -शहंशाह
फिक्र- चिंता
नक्शा -मानचित्र
पग -पैर
साहस- हिम्मत
अचल- अडिग
6.) इस कहानी को संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए।
पाठशाला की घंटी नहीं बजी थी । सभी बच्चे कोलाहल मचा रहे थे। तभी कक्षा के अंदर एक लड़का आया। जो बच्चे कोलाहल मचा रहे थे उसमें से एक मोटा बच्चा उठ कर खड़ा हो गया। कहने लगा भूगोल के मास्टर जाते हैं तो अपने साथ नक्शा लेकर आते हैं। मगर इतिहास के मास्टर जी क्या करें। इस साल हमें तैमूर लंग वाला अध्याय है। अब मुझे चिंता नहीं है कि हम यह कैसे पड़ेंगे। और चल चुपचाप कक्षा के अंदर चला गया क्योंकि बिचारा वह बैसाखीओं के सहारे चलता था।
तभी मास्टर जी आए और उन्होंने हाजिरी ली जब उन्होंने असल का नाम पुकारा तब वह खड़े होने की कोशिश करने लगा। मास्टर जी ने कहा कि तुम बैठो यह सब कैसे हो गया मास्टर जी ने पूछा। और कुछ कहना चाहता था लेकिन उसकी आवाज गले में ही अटक गई। दूसरे दिन भी अचल के साथ वह लड़के ऐसे ही मस्ती करने लगे उसे चिढ़ाने लगे तब बच्चन ने उन्हें साहस पूर्ण जवाब दिया के तुम मुझे तैमूर लंग कहो या अचल मैं तो रहूंगा वही ना जो हूं। तभी सारी कक्षा में सन्नाटा छा गया। इस बात पर सभी हंसने लगे लेकिन उस हंसी में तीखापन नहीं था। फिर अचल ने कहा कि मेरे पैर के ऊपर से ट्रेन गुजर गई है। यह दुख मैंने सहा है। आप जो मेरा मजाक उड़ाते हैं वह तो उससे कई छोटा है।
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