महाराणा प्रताप | Maharana Pratap in Hindi | Hindi Essay | Maharana Pratap Essay in Hindi.
महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया है। उनका जन्म 9 मई 1540 में हुआ था। महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान राज्य के उदयपुर नामक स्थान पर हुआ था। उनकी जीवन संगिनी का नाम महारानी अजबेद पवार था। महाराणा प्रताप को कुल 2 पत्नियां थी। महाराणा प्रताप के प्रथम प्रथम पुत्र अमर सिंह थे। महाराणा प्रताप को कुल मिलाकर 17 पुत्र थे। महाराणा प्रताप सनातन धर्म के थे। महाराणा प्रताप सिसोदिया राजवंश के राजा थे।
महाराणा प्रताप इतिहास के वीर योद्धा में से एक वीर योद्धा है। उन्हें उनकी वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिए सबसे जादा पहचाना जाता है। महाराणा प्रताप इतने बड़े वीर योद्धा थे कि उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की थी, इस वजह से कई सालों तक संघर्ष चला था। वह इतने वीर योद्धा थे कि उन्होंने कई बार मुगलों को हराया था। महाराणा प्रताप के पिता का नाम महाराणा उदयसिंह था। महाराणा प्रताप अपने पूरे जीवन में कई युद्ध लड़े पर हल्दीघाटी का युद्ध सबसे यादगार युद्ध है इतिहास में। हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की सेना का नेतृत्व किया था।
महाराणा प्रताप के शिक्षक आचार्य राधवेंद थे।
महाराणा प्रताप को बचपन में ‘कीका’ नाम से पुकारते थे। महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक 1 मार्च 1576 में हुआ था। यह राज्य अभिषेक गोगुंदा में हुआ था। महाराणा प्रताप को राजपूत सरदारों ने मेवाड़ की गद्दी पर बैठाया था। उस समय मेवाड़ राज्य की राजधानी उदयपुर थी। महाराणा प्रताप के पास उस समय जो घोड़ा था वह घोड़ा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ घोड़ों में से एक था। महाराणा प्रताप युद्ध के समय 72 किलो का कवच पहनकर 81 किलो का भाला अपने हाथ में रखते थे। महाराणा प्रताप इतने वीर योद्धा थे के उनके दुश्मन भी उनके युद्ध कौशल के कायल थे। वह वीर योद्धा होने के साथ-साथ उदार भी बहोत थे।
महाराणा प्रताप ने अपने पूरे जीवन काल में मुगलों मुगलों के कपटी चेहरे की अधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 मे हुई थी। उस समय उनकी उम्र 56 साल की थी। महाराणा प्रताप की मृत्यु चावंड नामक शहर में हुई थी। वह शहर आज के उदयपुर जिले में आता है। महाराणा प्रताप वीर पराक्रमी राजा थे।
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