हमारे देश में बहुत सारे वैज्ञानिक हैं। जिनकी जीवन की स्थितियों को और उनके कठिन परिश्रम के बारे में पड़कर में बहुत प्रेरित है, लेकिन मेरे प्रिय वैज्ञानिक ए पी जे अब्दुल कलाम जी है। जो हमारे भारत देश के लिए एक सम्मानित वैज्ञानिक थे। वैज्ञानिक आधुनिक राष्ट्र का निर्माता कहलाता है। वह अपने कठिन परिश्रम से अपने देश को ऊंचाइयों पर ले जाता है। प्राचीन काल से ही हमारे वैज्ञानिकों ने हमारे देश के विकास के लिए, अपने ज्ञान को समर्पण करके दिखाया है।
मेरा प्रिय वैज्ञानिक है पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on Mera Priya Vaigyanik in Mera Priya Vaigyanik par Nibandh Hindi mein)
उनका जन्म १५अक्टूबर एक १९३१ को तमिलनाडु राज्य में ,रामेश्वरम गांव में हुआ। उनका पूरा नाम डॉ. अब्दुल पाकीर जैनल्लाबदीन अब्दुल कलाम था। वह एक मुस्लिम समाज के ,एक मध्यवर्गीय परिवार से थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी। इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए और घर खर्च के लिए, अखबार बेचते थे। कुछ छोटे-मोटे काम करके अपने देनं- दिन खर्चे पूरे करते थे। इसी तरह संघर्ष करते हुए, अब्दुल कलाम जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी की उसके बाद रामनाथ पुरम के शवाटज हाई स्कूल में मैट्रिकुलेशन किया।
इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए तिरुचिरापल्ली चले गए। वहां सेंट जोसेफ कॉलेज से उन्होंने बी,एस, सी की पदवी प्राप्त की। १९८५ में उन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। उनका सपना था,एक दिन पायलट बनकर आसमान की अनंत ऊंचाइयों को नापने का सपना था। उन्होंने ऊंचाइयों को नापने पायलट की परीक्षा भी दी। उनको उसमें सफलता नहीं मिली।
इस घटना से उन्हें निराशा हुई, पर वह हारे नहीं ,बल्कि आगे चलकर अपनी प्रतिक्रिया शुरू रखी एक१९६१ में उन्हें इस्ब्रो भेज दिया गया। जहां उन्होंने परियोजना निदेशक के पद पर काम किया। एक १९६२ में वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आए। जहां उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। १९८० में भारत सरकार ने एक आधुनिक मिसाइल प्रोग्राम अब्दुल कलाम जी के डायरेक्शन से शुरू करने का सोचा।
अब्दुल कलाम जी के निर्देश से ही अग्नि मिसाइल, पृथ्वी जैसे मिसाइल का बनना सफल हुआ। इसलिए उनको ‘ मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।उन्हें बचपन से ही पढ़ने का शौक था। उन्होंने अनेक शिक्षाएं हासिल की है। अब्दुल कलाम की निष्ठा को देखते हुए उनकी अपने देश के प्रति कठिन परिश्रम को देख कर। हमारे भारत सरकार ने उनको एक १९८१ में “पद्म भूषण” पुरस्कार देकर सम्मानित किया। १९९७ में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “भारत रत्न” दे कर उनका सम्मान किया।
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम जी ने २४ जुलाई को भारत के १३ वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। अब्दुल कलाम भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे, जिन्हें भारत रत्न का सम्मान राष्ट्रपति बनने के पहले ही प्राप्त हुआ था। 2002 में भारत के ११वे राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करके, 2007 तक इस पद को जिम्मेदारी से संभाला था।