किसी खेल का आंखों देखा वर्णन निबंध | Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan in Hindi | Hindi Essay | Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay in hindi.
भारत में हर कोई क्रिकेट का दीवाना है l क्रिकेट यह भारत के अधिकतर लोगों का लोकप्रिय खेल है। देश के गली नुक्कड़ चौराहे पर क्रिकेट खेलते बच्चे दिखाई देते हैं। हमारे देश में क्रिकेट की लोकप्रियता इतनी है कि आज हर युवा एक अच्छा क्रिकेटर बनना चाहता है। क्रिकेट में अपना भविष्य बनाना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश को प्रतिनिधित्व करना चाहता है। भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता इतनी है कि यदि भारत में कोई क्रिकेट का मैच हो तो सारा स्टेडियम दर्शकों से भर जाता है। क्रिकेट पास मिलना मुश्किल हो जाता है। क्रिकेट में रोमांच और उत्साह अपने परम चरण पर होते हैं। इस खेल में कभी कोई टीम हारते हारते जीत है तो कभी कोई टीम जीते जीते हार जाती है। क्रिकेट इतना रोमांचित खेल है कि यह जब तक खत्म ना हो दर्शक वहां से हिलते भी नहीं।
जब मैं अपने परिवार के साथ घर पर बैठकर क्रिकेट देखता हूं। खाने का समय होने पर माता खाने के लिए पुकlरति करती है। क्रिकेट में आ रहे रोमांच को देखते हुए हम टीवी के सामने से नहीं हिलते। जब तक वह रोमांचित खेल पूरा खत्म ना हो जाए हम वहीं बैठे रहते हैं। ऐसे तो माता जानती है कि क्रिकेट में 11 खिलाड़ी होते हैं। दो पक्ष के में यह सामना होता है। एक टीम पहले बैटिंग करती है, दूसरी टीम बोलिंग करती है। पर इस रोमांचक खेल का उन्होंने कभी आनंद ना उठाया। वह हमेशा अपनी रसोई के काम में ही व्यस्त रहती और हम टीवी के सामने बैठकर पिता के साथ सामना देखते। मुझे आज भी याद है वह 2011 विश्व कप का फाइनल मैच था। यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित किया गया था। बहुत ही मुश्किल से इस मैच इस सामने की हमें टिकट मिली। यह खूबसूरत लम्हा हमें अपनी आंखों से देखने मिला इस बात के लिए मैं भगवान से हमेशा शुक्रगुजार रहूंगl। विश्व कप का फाइनल मैच भारत और श्रीलंका की टीम के बीच आयोजित किया गया था। 20 अप्रैल 2011 को भारत और श्रीलंका के बीच यह ऐतिहासिक मैच खेला गया।
इस सामने की टिकट प्राप्त करना आसान न था। हमने अपने बजट से अधिक से अधिक पैसे खर्च कर इस सामने की टिकट प्राप्त की थी। मैं और मेरे पिता दोनों भी क्रिकेट के फैन है इसलिए हमने इतना खर्च किया। वानखेड़े स्टेडियम की क्षमता 30000 -33000 लोगों की है। हम स्टेडियम में काफी पीछे साइड बैठे हुए थे। हम इतने दूर बैठे हुए थे कि खिलाड़ियों का चेहरा भी ठीक से ना दिखाई दे। पर वहl जगह जगह पर डिस्प्ले लगाई गई थी। मैदान में बैठकर मैच देखने का यह मेरी जिंदगी का पहला अवसर था। शायद वह दिन पल में कभी भूल पाऊं। 2011 के विश्व कप की मेजबानी भारत श्रीलंका तथा बांग्लादेश ने मिलकर की थी। इस विश्वकप के सर्वाधिक सlमने भारत में खेले गए थे । इस विश्व कप में कुल 14 देशों ने भाग लिया था।
वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली, एमएस धोनी, युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, मुनाफ पटेल आदि खिलाड़ी द्वारा यह मैच खेला गया था।इस टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी द्वारा की गई। टॉस जीतकर श्रीलंका टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। इस मैच में श्रीलंका के खिलाड़ी महेला जयवर्धने नाबाद 103 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने 4 विकेट खोकर 277 रन बनाए थे और यह मैच जीत लिया। महेंद्र सिंह धोनी को इस मैच का मैन ऑफ द मैच थे। भारत की ओर से गौतम गंभीर ने सर्वाधिक रन बनाए थे। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेलते हुए यह मैच अपनी झोली में ले लिया। आखिरी बॉल पर कप्तान धोनी का छक्का यह सबका मन मोह देने वाला था। रोशन ऐसा था जब सारे भारतीय अपना दिल हाथ में लिए बैठे हुए थे। मैच के आखिरी समय पिच पर युवराज सिंह तथा महेंद्र सिंह धोनी डटे हुए थे l
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