MP Board Class 7 Social Science Chapter 24 Sikh ebong Maratha Shakti Ka Utkarsha Solution
Madhya Pradesh (MP) State Board Class 7 Social Science Chapter 24 Sikh ebong Maratha Shakti Ka Utkarsha (सिक्ख एव मराठा शक्ति का उत्कर्ष) full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Social Science teacher.
Chapter 24सिक्ख एव मराठा शक्ति का उत्कर्ष
अभ्यास प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) ‘खालसा’ समूह का निर्माण किया-
(अ) गुरु गोविन्दसिंह ने
(ब) गुरु तेगबहादुर ने
(स) बंदा बहादुर ने
(द) गुर हरगोविन्द ने
उत्तर – (अ) गुरु गोविन्दसिंह ने
(2) मराठा शक्ति के संगठन का श्रेय है-
(अ) सम्भाजी को
(ब) शाहजी को
(स) शिवाजी को
(द) पेशवा को
उत्तर – (स) शिवाजी को
(3) शिवाजी की बढ़ती शक्ति को देखकर बीजापुर के सुल्तान ने शिवाजी का दमन करने के लिये किसे भेजा था-
(अ) अफजल खाँ को
(ब) आदिल खाँ को
(स) शाइस्ता खाँ को
(द) हसनशाह को
उत्तर – (अ) अफजल खाँ को
(4) शिवाजी के अष्ट प्रधान में सर्वोच्च स्थान था-
(अ) अमात्य का
(ब) सचिव का
(स) पंडितराव का
(द) पेशवा का
उत्तर – (द) पेशवा का
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(1) “सच्चा पादशाह” की उपाधि …………… को दी गई।
सच्चा बादशाह की उपाधि बंदा बहादुर को दी गई।
(2) सिक्खों के प्रथम गुरु …………… थे।
सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक थे।
(3) शिवाजी ने अपना राज्यभिषेक कराकर …………… की उपाधि धारण की।
शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक कर कर छत्रपति उपाधि धारण की।
(4) शिवाजी के राज्य की आय का साधन …………… था।
शिवाजी के राज्य की आय का साधन भूमि कर था
3.) लघु उत्तरीय प्रश्न-
(1) गुरु गोविन्द सिंह ने सिक्ख शक्ति को मजबूत करने के लिये क्या प्रयास किये थे?
गुरु गोविंद सिंह यह सिखों के छठवें गुरु द। उन्होंने राजकीय चिन्ह और सैनिक वेशभूषाधारण करने शुरू की। उन्होंने सिखों से भेंट स्वरूप घोड़े और शस्त्रों की भेंट लेना शुरू किया। सभी सिखों को शस्त्र रखने के लिए कहा गुरु गोविंद सिक्खों की शक्ति मजबूत करने के लिए यह प्रयास किया।
(2) शिवाजी को प्रारम्भिक जीवन में किस प्रकार की शिक्षा मिली ?
छत्रपति शिवाजी महाराज को अपने प्रारंभिक जीवन में जीजाबाई और दादा जी कोंडदेव इसे स्वतंत्रता और सदाचार की शिक्षा मिली। धर्म की रक्षा के लिए स्वराज्य स्थापना के कार्य को उन्होंने हमेशा प्रोत्साहन दिया।
(3) शिवाजी ने अफजल खाँ का वध क्यों किया ?
बीजापुर का सुल्तान शिवाजी की वजह से भयभीत हो गया था इस वजह से उसने शिवाजी महाराज को करने के लिए सेनापति अफजल खान को नियुक्त किया। अफजल खान शिवाजी को षड्यंत्र से मारने की योजना रखी थी। यह योजना छत्रपति शिवाजी महाराज को पता चली इस वजह से अपनी रक्षा हेतु शिवाजी ने अफजल खा का वध कर दिया।
(4) टिप्पणी लिखिये –
(अ) अष्ट प्रधान।
छत्रपति शिवाजी महाराजन की राज्य की सुव्यवस्था के लिए और सहायता और पर मिर्च के लिए 8 मंत्रियों की परिषद बनाई। इसे अष्टप्रधान मंडल कहा जाता था। हर एक को एक विभाग सौप दिया जाता था। सारे लोग अपना अपना कार्य पूरा कर देते थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के अनुपस्थिति में भी यह लोग सुचारू तरीके से पूरा राज्य चलाते थे। यह लोग अपने सारे कार्य शिवाजी महाराज के अध्यक्षता में ही करते थे अष्टप्रधान इस प्रकार के थे-
1.) पेशवा मतलब प्रधानमंत्री
2.) अमात्य मतलब वित्त मंत्री
3.) मंत्री
4.) सचिव
5.) सुमंत मतलब विदेश मंत्री
6.) पंडित राव मतलब पुरोहित
7.) न्यायाधीश
8.) सेनापति
(ब) शिवाजी की सैनिक व्यवस्था।
शिवाजी महाराज ने स्थाई सेवा की व्यवस्था की थी। उनके सेवा में पैदल असवारोही और जल सी थी। सभी सैनिकों पर कठोर अनुशासन और नियंत्रण रहता था। जब भी यह लोग आक्रमण के लिए जाते थे तब अपने जनता का ख्याल वह रखते थे। जनता के लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो इसका ध्यान रखा जाता था। कृषि को भी हानि नहीं पहुंचाई जाती थी। रामायण गीता कुरान ऐसे पवित्र ग की रक्षा करना स्त्रियों और बच्चे और वृद्धि इनका अपमान ना होने देना यह सैनिकों का प्रमुख कर्तव्य था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
(1) मुगल तथा सिक्ख संबंधों को स्पष्ट कीजिये।
मुगल और शेख बांधव में संबंध अच्छे नहीं थे। मुगल हमेशा ही दूसरे धर्म के लोगों को तकलीफ देते थे। धार्मिक अत्याचार करते थे। जबरदस्ती से उनके धार्मिक परिवर्तन करते थे। सिख हमेशा धार्मिक अत्याचार और धर्मांदता की नीति के विरुद्ध संघर्ष करते रहे। जहांगीर ने गुरु अर्जन देव का वध कर दिया था। इसके साथ-साथ गुरु गोविंद सिंह के भी दो पुत्रों को जीवित चुनवा कर मार दिया था।
(2) “शिवाजी में उच्चकोटि की प्रशासनिक क्षमता थी”, स्पष्ट कीजिये।
छत्रपति शिवाजी महाराज का युद्ध किसी भी धर्म के विरोध नहीं था। उन्होंने अपने मातृभूमि इसके साथ-साथ स्त्रियों की रक्षा की थी। उन्होंने सेवा का संगठन करना शुरू कर दिया। छत्रपति शिवाजी महाराज अपने राज्य के सर्वे सर्वे द। छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमेशा शक्तियों का उपयोग रयत के कल्याण के लिए किया। वह न्याय प्रिय थे। उन्हें धर्म का ज्ञान भी था। वह कुशल प्रशासक थे इस वजह से उन्होंने अष्ट प्रधानमंत्री की स्थापना की और अपना शासन सुचारू रूप से चलाया। कभी भी अपनी रयत को तकलीफ हो ऐसे उत्पात वह नहीं मचाते थे। वह एक कुशल तंत्र में भी थे। इस वजह से शिवाजी में उच्च कोटि की प्रशासनिक क्षमता थी ऐसा कहा जाता है।
अतिरिक्त प्रश्न –
प्र.) 1 टिपण्णी लिखो।
1.) गुरुनानक –
गुरु नानक जी यह सिख धर्म के प्रणेता थे। उनका जन्म 1459 में लाहौर के निकट तलवंडी ग्राम में हुआ। वे लोगों को धार्मिक उपदेश करते थे। उन्हें ईश्वर यह ज्ञान प्राप्त था। उनके सिद्धांतों के वजह से पंजाब में उन्होंने उनके अनुयायियों का एक संप्रदाय बनाया जो सीखो मतलब शिष्य संप्रदाय के नाम से जाना जाता है। गुरु नानक को सिखों का प्रथम गुरु मानते हैं।
2.) मराठा शक्ति का उत्कर्ष –
मराठा शक्ति का उदय 17वीं शताब्दी में हुआ। उसे वक्त महाराष्ट्र का अधिक भाग बीजापुर के आदिलशाह और अहमदनगर के निजाम शाह के आधिपत्य में था। यह लोग हमेशा ही अपने राज्य में उत्पाद मचाते थे। इनके अधिपत्य में मराठी भारत के अलग-अलग राज्यों में छोटे-छोटे पद पर कार्यरत थे जैसे-किलेदार कारकून हिशोबनीस। इसके साथ-साथ कोकण प्रदेश में सिद्धि और पुर्तगाल इनकी समुद्र शक्ति बढ़ रही थी। इस वजह से जन जीवन स्थिर हो गया था। लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते थे। उसे वक्त छत्रपति शिवाजी महाराज के आधिपत्य में एक मराठा शक्ति का उदय हुआ। इन्होंने सेना का संगठन करके अपना नया राज्य निर्माण किया। यह मराठा शक्ति का उत्कर्ष करने वाले सेना नायक थे।
3.) छत्रपति शिवाजी का मुगलों से संघर्ष –
सभी बादशाहों छत्रपति शिवाजी महाराज के दक्षिण में जो बढ़ती शक्ति बढ़ रही थी उसे वजह से चिंतित थे। इस वजह से उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का दमन करने का निश्चय किया। इसके लिए औरंगजेब ने शाइस्ता खान को दक्षिण का सूबेदार नियुक्त किया। शस्ता खाने पुणे पर कब्जा कर लिया। लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने शाइस्ता खान को मार दी। जब छत्रपति शिवाजी महाराज ने शासन खेप आक्रमण कर दिया तब शाइस्ता खान की उंगलिया कट गई इस वजह से वह डरकर भाग गया।
4.) अहिल्याबाई के शासन व्यवस्था –
अहिल्याबाई के शासन व्यवस्था में केंद्रीय शासन मंत्री दीवान सलाहकार प्रांतीय शासन व्यवस्था विभाग द्वारा अधिकारी इस प्रकार और छोटे गांव तक की व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत तक की व्यवस्था अहिल्याबाई ने की थी। उनके पास जो सरदार और अधिकारी थे उन पर अहिल्याबाई का पूरा नियंत्रण था। उन्होंने पत्रों के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं के समाधान के लिए अधिकारियों के पास पहुंचने की व्यवस्था भी की थी।
5.) अहिल्याबाई की वित्तीय-
अहिल्याबाई की वित्तीय व्यवस्था-भू राजस्व राज्य की आय का प्रमुख स्रोत था। जमींदार वर्ष भर का हिसाब अहिल्याबाई को देते थे। अहिल्याबाई समय पर सारा हिसाब जांच तिथि। जो हेरा फेरी करते थे उन्हें वह कठोर दंड देती थी। वह एक न्याय प्रिय शासिका थी।
प्र.) 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
1.) सिखों के चौथे गुरु ने सम्राट …………. से भूमि लेकर रामदासपुर बसाया।
सिखों के चौथे गुरु ने सम्राट अकबर से भूमि लेकर रामदासपुर बसाया।
2.) ……………… की मृत्यु के पश्चात बंदा बहादुर ने नेतृत्व संभाला।
गुरु गोविंद सिंह की मृत्यु के पश्चात बंदा बहादुर ने नेतृत्व संभाला।
3.) राजा जयसिंह के मुगल सेना ने ……. …… किले को घेर लिया।
राजा जयसिंह के मुगल सेना ने पुरंदर किले को घेर लिया।
4.) छत्रपति शिवाजी महाराज ने कर्नाटक पर आक्रमण करके . …………… तथा …………. को जीत लिया।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने कर्नाटक पर आक्रमण करके जिंजी तथा वेल्लूर को जीत लिया।
5.) शिवाजी न केवल वीर …. ………. और कूट नीतितज्ञ थे बल्कि उत्तम शासन भी थे।
शिवाजी न केवल वीर सेनानायक और कूट नीतितज्ञ थे बल्कि उत्तम शासन भी थे।
6.) अहिल्याबाई ने होलकर राज्य की बागडोर ई .) सन 1766 में अपने हाथ में ले ली।
अहिल्याबाई ने होलकर राज्य की बागडोर ई .) सन …………. में अपने हाथ में ले ली।
प्र.) 3 एक-एक वाक्य में उत्तर लिखो।
1.) सिखों को एक सशस्त्र सैनिक समूह के रूप में किसने संगठित किया?
सिखों को इकशास्त्र सैनिक समूह के रूप में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने संगठित किया।
2.) आदिल शाह के अधिकार में जो किले थे वह जीतने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने कौन सी युद्ध प्रणाली को अपनाया?
आदिल शाह के अधिकार में जो किले थे वह जीतने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने छापामार गुरिल्ला युद्ध प्रणाली को अपनाया।
3.) छत्रपति शिवाजी महाराज ने कोकण के कौन से किलों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया?
छत्रपति शिवाजी महाराज ने कोकण के कल्याणी तथा भिवंडी इन दुर्गों पर अपना प्रभुत्व स्थापना कर लिया।
4.) छत्रपति शिवाजी महाराज ने कब और किस जगह पर अपना राज्याभिषेक करवाया?
छत्रपति शिवाजी महाराज ने ई सन 1674 में रायगढ़ किले पर अपना राज्याभिषेक करवाया।
5.) छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने असीम शक्तियों का उपयोग किसके लिए किया?
छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने असीम शक्तियों का उपयोग जनरल कल्याण के कार्यों के लिए किया।
6.) महारानी अहिल्याबाई का जन्म कहां पर हुआ था?
महारानी अहिल्याबाई का जन्म ग्राम चोरी तहसील बीड़ जिला औरंगाबाद में हुआ था।
प्र.) 3 जोड़ियां लगाओ।
1.) सिखों के दसवें गुरु – छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक
2.) सच्चा बादशाह – अहिल्याबाई होल्कर का विवाह
3.) शाहजी भोसले – गोविंद सिंह
4.) इ .) सन 1674 – बंदा बहादुर
5.) इ.) सन 1733 – बीजापुर शासन के अधीन एक प्रमुख सरदार
उत्तर –
1.) सिखों के दसवें गुरु – गोविंद सिंह
2.) सच्चा बादशाह – बंदा बहादुर
3.) शाहजी भोसले – बीजापुर शासन के अधीन एक प्रमुख सरदार
4.) इ .) सन 1674 – छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक
5.) इ.) सन 1733 – अहिल्याबाई होल्कर का विवाह
प्र.) 4 तीन से चार वाक्य में उत्तर लिखो।
1.) छत्रपति शिवाजी महाराज के अन्य विजय के बारे में सविस्तर जानकारी लिखो।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगल सेनापति बहादुर खान के शिविर पर आक्रमण कर लिया था। वहां से छत्रपति शिवाजी महाराज को करोड़ों रुपए और अश्व प्राप्त हुए। उन्होंने गोवलकोंडा के सुल्तान से संधि कर ली इस वजह से उन दोनों को मुगलों के विरुद्ध लड़ने के लिए सहायता मिल गई। इसके साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज ने दक्षिण के प्रदेश कर्नाटक पर भी आक्रमण किया और जिंजी और वेल्लोर जीत लिया। शिवाजी महाराज ने बीजापुर के राज्य के समुद्री तट के प्रदेशों को भी अपने अधिकार में कर लिया।
2.) अहिल्याबाई होल्कर ने कौन-कौन से निर्माण कार्य किए थे?
अहिल्याबाई होल्कर ने संपूर्ण भारतवर्ष में तीर्थ स्थान का निर्माण करवाया। हिमालय की वाद्य से समुद्र के सागर तट तक उनके निर्माण कार्यों की छत दिखाई देती है। उन्होंने यात्रियों के लिए भी बहुत सारी सुविधाएं निर्माण की थी। उन्होंने रास्ते के दोनों तरफ पेड़ पौधे लगाए थे। इसके साथ-साथ धर्मशाला की भी निर्मित की थी। मंदिर, घाट, बावड़ी, कुएं, वृक्षारोपण आदि कार्य भी करवा। मंदिर में कलात्मक मूर्तियां भी स्थापित की।
3.) छत्रपति शिवाजी महाराज के पुरंदर की संधि के बारे में जानकारी लिखो।
शाइस्ता खान पराजित होकर अपने राज्य पर चला गया इस असफलता के पश्चात औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज का दमन करने के लिए राजा जयसिंह को भेज दिया। राजा जयसिंह बड़ी सी मुगल सी लेकर दक्षिण पर हमला करने के लिए चले आए थे। इसके लिए उन्होंने पुरन्दर को घेर लिया था। इस वजह से छत्रपति शिवाजी महाराज ने राजा जयसिंह से पुरंदर की संधि कर ली। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने 23 के लिए मुगल बादशाहों को सौप दिए। इसके बाद राजा जयसिंह ने छत्रपति शिवाजी महाराज को आगरा जाने और औरंगजेब से भेंट करने के लिए राजी कर लिया। छत्रपति शिवाजी महाराज अपने साथ-साथ छोटे पुत्र संभाजी को भी दरबार में लेकर गए। वहां पर उन्हें अपमानजनक व्यवहार सहना पड़ा इससे क्रोधित होकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब का दरबार छोड़ दिया। इस वजह से औरंगजेब ने उन दोनों को बंदी बना दिया। लेकिन कुछ महीनो पश्चात छत्रपति शिवाजी महाराज अपने छोटे पुत्र संभाजी के साथ सफलतापूर्वक वहां से भाग निकले।
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