स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayananda Saraswati in Hindi | Hindi Essay | Swami Dayananda Saraswati Essay in Hindi.
स्वामी दयानंद सरस्वती यह एक आर्य समाज संस्थापक है। किसी भी रूप में प्रार्थना प्रभावी है क्योंकि यह एक किया है इसलिए इसका परिणाम होगा वह इस ब्रह्मांड का नियम है जिसमें हम खुद को पाते हैं, ऐसा कहने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती है । उनका जन्म 1824 ईशा में गुजरात के टंकारा परगने के शिवपुर ग्राम में हुआ था।
स्वामी दयानंद सरस्वती अपने महान व्यक्तित्व एवं विलक्षण प्रतिभा के कारण जनमानस के हृदय में विराजमान है। वे अपने महान संतों में अग्रणी है। जिन्होंने देश में प्रचलित अंधविश्वास रूढ़िवादिता विभिन्न प्रकार के आरंभ रोके व सभी अमानवीय आचरण का विरोध किया था। हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता देने तथा हिंदू धर्म के उत्थान व इसके स्वाभिमान को जगाने हेतु स्वामी जी के महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय जनमानस सदैव उनका रूनी है।
स्वामी दयानंद सरस्वती एक महान सुधारक थे। जिस समय पूरा भारत वर्ष अशिक्षा अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के अंधकार में डूबा था उसी समय ज्योतिपुंज के रूप में उनका जन्म हुआ। स्वामी दयानंद ने हिंदू धर्म को एक नया मोड़ दिया। उनके उपदेशों से हिंदू समाज में नई चेतना का संचार हुआ।
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