मेरी अविस्मरणीय यात्रा निबंध | My Unforgettable Journey in Hindi | Hindi Essay | My Unforgettable Journey Essay in hindi.
कई लोगों को भागनl दौड़ना,नाचना ,गाना, कविताएं लिखना किताबें पढ़ना आदि छंद होते हैं। उसी प्रकार मुझे यात्राएं करने का छंद है। मुझे यात्रा करना बहुत पसंद आता है। जंगल की हरियाली देखना, पेड़ पौधों से बातें करना। कभी ऊंचे ऊंचे पहाड़ कभी सपाट जमीन पर बहती हुई नदी के साथ बहना। ऐतिहासिक किलो तथा ऐतिहासिक स्थानों में जाकर इतिहास को फिर से जीना, इतिहास को समझना। शहरों की ऊंची आसमानों से बातें करती हुई इमारतों को नजर उठा कर देखना। तो कभी गांव की सभ्यता को समझना। कभी ट्रेन से यात्रा करना। तो कभी ऑटो बस रिक्शl से यात्रा करना। नए नए स्थानों पर जाकर नए नए लोगों से मुलाकात करना नए लोगों से मिलना। ऐसे कई कारण है जिनकी वजह से मुझे यात्रा करना बहुत पसंद है। यह तो मैंने अपने जीवन में कई यात्राएं की है। जंगलों के ऊंचे ऊंचे पहाड़ से देखें शहरों की ऊंची ऊंची इमारत देखी है। कई बार ऐतिहासिक स्थानों पर जाकर इतिहास में खो गई हु । कई बार मंदिर में जाकर अचल मन को शांत किया है। ऐसे कई यात्राएं मैंने की है। परंतु इन सब में से मेरी अविश्वसनीय और पसंदीदा यात्रा दिल्ली की याद आ रही है।
ठंड के मौसम में की गई दिल्ली की यात्रा मुझे आज भी याद है। मेरी यह अविस्मरणीय यात्रा है जो मुझे अपने जीवन भर याद रहेगी। इस यात्रा में जो सुखद में अनुभव किया है शायद मैंने किसी अन्य यात्रा में किया हो। यूं तो दिल्ली एक भीड़भाड़ भरे शहर है। हमने जब दिल्ली की यात्रा करने के बारे में विचार किया तो दिल्ली में यात्रा करें या ना करें इस बात पर चर्चा की गई। हमने जब दिल्ली की यात्रा की तो वह सर्दियों के दिनों से। दिल्ली अपने सर्दी के लिए काफी मशहूर है। मुझे तारीख ठीक से तो याद नहीं पर शायद वह जनवरी का अंतिम सप्ताह था जब हम दिल्ली आए। सुबह के समय दिल्ली पहुंचने के बाद हमारी जैसे-जैसे दिल्ली की ओर बढ़ते जा रही थी वैसे वैसे कोहरा बढ़ता जा रहा था। सुबह के लगभग 7:00 या 8:00 बज चुके थे पर कोहरा घना होने के कारण कुछ दिखाई ना दे रहा था। चारों तरफ कोहरा ही कोहरा छाया हुआ था। कोहरे की चादर में कोई व्यक्ति एक दूसरे को भी देख पाना काफी मुश्किल हो रहा था। उस समय ऐसा महसूस हो रहा था मानो जैसे सुबह के 4:00 या 5:00 बजे हो। इसी तरह सुबह के 9 ,10 बजे तक कोहरे के बादल बने रहे। हमने उस समय जो ठंड महसूस कि वह शायद ही शब्दों में बयां कर पाऊं। शरीर का हर एक सर्दी से कांप रहा था। ऊपर से सर्द हवा के झोंके इनसे ऐसा महसूस हो रहा था मानो जैसे हम बर्फ कर खड़े हैं। स्टेशन से बाहर निकल कर हम अपने स्थान की ओर प्रस्थान किया। मेट्रो ट्रेन से की गई चांदनी चौक तक की यात्रा की। दिल्ली के लोगों के चकाचौंध तथा भागदौड़ भरी जिंदगी देखकर दंग रह गए।
शाम के समय हमने चांदनी चौक बाजार का लुफ्त उठाया। तन्ग गलियों में सजा बाजार हर किसी को अपनी और आकर्षित करता है। रास्ते के किनारे लगी वह चूड़ियां कंगन और बालियों की दुकान हमें अपने और बुलाती है। इतना सुंदर बाजार मैंने पहले कभी शायद देखा था। कहां घूमते वक्त का पता ही नहीं चलताl जामा मस्जिद चांदनी चौक न्यू दिल्ली में स्थित है। यह मुगलों द्वारा बनाया गया वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है। यह वास्तुकला शाहजहां द्वारा बनाई गई थी। यह एक साथ 25000 लोग बैठ कर एक साथ नमाज पढ़ सकते हो आप। जामा मस्जिद में प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं।
दिल्ली में जो दूसरा स्थल हमने देखा वह का इंडिया गेट। इंडिया गेट यह जनपद के पास स्थित है। यह तो हम सभी जानते हैं कि इंडिया के स्वतंत्रता का राष्ट्रीय स्मारक है। दिल्ली में स्थित लोटस मंदिर यह एक आकर्षण का मुख्य केंद्र है। लोटस मंदिर यह बहाइ लोगों का मंदिर है। लोटस मंदिर में दिनभर पर्यटकों का आना-जाना शुरु रहता है। यह एक ऐसा खूबसूरत स्मारक है जो लोगों का मन अपनी तरफ मोह जाता है। इसकी खूबसूरती ऐसी है कि वह लोगों को आश्चर्य में डाल दिया।
ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध दिल्ली में हमने अन्य कई स्थान देखें l सर्दी में जो ठंडा वातावरण होता है। खूबसूरत ऐतिहासिक स्मारक। इन सब के कारण मेरी दिल्ली की यात्रा अविश्वसनीय रही।
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