वैश्विक तापमान | Global Warming in Hindi | Hindi Essay | Global Warming Essay in Hindi.
पृथ्वी की सतह पर औसत तापमान बढ़ने को वैश्विक तापमान कहा जाता है। वैश्विक तापमान बढ़ने के लिए मनुष्य सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। वैश्विक तापमान की समस्या आजकल दिन-ब-दिन बहुत बढ़ रही है। यह समस्या किसी एक देश की नहीं रही है यह पूरी दुनिया की है , वैश्विक तापमान सभी देशों की बड़ी समस्या बन गई है। यह समस्या समग्र सजीवों के लिए हानिकारक है, जिसका हमें जल्द से जल्द कोई सकारात्मक समाधान निकालना चाहिए। बढ़ते वैश्विक तापमान से हमारा पृथ्वी पर अस्तित्व संकट में आ सकता है। तापमान की वजह से प्रकृति के संतुलनको, जैव विविधता तथा जलवायु परिस्थितियों पर काफी बड़ा विपरित प्रभाव हो रहा है। बढ़ते तापमान की वजह से वायुमंडल में जल वाष्पीकरण ज्यादा से ज्यादा हो रहा है जिस वजह से बादल में ग्रीनहाउस गैस हो रहा है। जो फिर से वैश्विक तापमान को बढ़ाने का एक कारण बन रहा है।
हमारे देश के साथ ही पूरी दुनिया आधुनिकता से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रही है। पर यह आधुनिकता ही वैश्विक तापमान के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हो रही है। मनुष्य शहरों का , सड़कों का, उद्योग निर्माण करने के लिए भारी मात्रा में जंगल की कटाई कर रहा है तथा आधुनिक तकनीक के प्रयोग से प्राकृतिक प्रक्रिया विक्षब्द कर रहा है, जिस वजह से वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। जब तक पेड़ काटते रहेंगे तब तक पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग बड़ी तेजी से बढ़ती रहेगी। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी पर काफी बदलाव हो रहे हैं जैसे समुद्री स्तर का विस्तार, पिघलती बर्फ की चट्टाने, ग्लेशियर, अप्रत्याशित जलवायु परिवर्तन आदि। यह सभी बदलाव हमारे जीवन में बढ़ते मृत्यु के संकट का प्रतिनिधित्व करता है।
ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए सरकार ने कई सारे कदम उठाए हैं, स्कूलों में बच्चों को ग्लोबल वार्मिंग रोकने के लिए प्रेरित किया जाता है। बच्चों द्वारा स्कूल की रैली निकाली जाती है लोगों में ग्लोबल वार्मिंग का संदेश देने के लिए। वैश्विक तापमान रोकने के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रोकने चाहिए, लकड़ी को जलाने के लिए काटना नहीं चाहिए, ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए, प्रदूषण को रोकना चाहिए। बिजली का उपयोग जितना हो सके उतना कम ही करना चाहिए तब ही हमारी पृथ्वी सुरक्षित रहेगी।
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