जलवायु परिवर्तन | Climate Change in Hindi | Hindi Essay | Climate Change Essay in Hindi.
जलवायु परिवर्तन एक नैसर्गिक स्थिति है जब पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में बदलाव आ जाता है तब उसे जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। यह स्थिती कई विभिन्न आंतरिक और बाह्य कारणों से आती है जैसे पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन, ज्वालामुखी विस्फोट, सौर विकीकरण, प्लेट टेक्टोनिक्स आदि। कई सालों से इन जलवायु परिवर्तन यह एक विशेष रूप से चिंता का कारण बन गया है। यह जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर रहने वाले सभी के लिए एक चिंता का विषय बन चुका है। जलवायु परिवर्तन विभिन्न कारणों से होता है पर यह परिवर्तन विभिन्न तरीकों से पृथ्वी के जीवन चक्र को प्रभावित करता है।
जलवायु परिवर्तन के लिए प्रदूषण भी काफी हद तक जिम्मेदार है। मानव द्वारा की गई प्रदूषण से वातावरण बहुत नकारात्मक हो गया है। नकारात्मक प्रभाव से पृथ्वी की गतिविधि में बदलाव आ गया है। जलवायु परिवर्तन वाले व्यापक कारणों से कई पौधों और जानवरों की पूरी जनसंख्या विलुप्त होती जा रही है। पृथ्वी पर कई ऐसे क्षेत्र, वनक्षेत्र है जहां से वृक्ष सामूहिक रूप से विलुप्त हो रहे हैं। जिस तरह से वृक्ष से विलुप्त हो रहे हैं उसी तरह से वनाच्छादित क्षेत्र भी कम होते जा रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन की वजह से जल प्रणाली पर काफी हद तक नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। जिस वजह से ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं, और वर्षा अनियमित रूप से आ रही है। कभी-कभी इतनी ज्यादा वर्षा होती है कि नदी में बाढ़ आ जाती है, और इस बाढ से मानवीय जीवन अस्तव्यस्त हो जाता है। यह सारी परिस्थितीया पर्यावरण में असंतुलन आने की वजह से होती है। वर्षा की अनियमित रूप से आने की वजह से कई स्थानों पर सुखा हो जाता है।
जलवायु परिवर्तन यह सभी के लिए समस्या का विषाय बन गया है और यह एक वैश्विक समस्या है। जलवायु परिवर्तन के लिए मानवीय गतिविधियों का प्रमुख योगदान है। मनुष्य अपने प्राकृतिक कारणों को नियंत्रित तो नहीं कर सकता लेकिन उन प्राकृतिक कारणों को कम तो कर सकता है। अगर मानव अपनी गतिविधियों पर नियंत्रण रखते हैं तो धरती को सामंजस्य बनाया रखा जा सकता है। इस जलवायु परिवर्तन वैश्विक समस्या को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को अपना योगदान देना चाहिए।
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