CG SCERT Chhattisgarh State Board Class 6 Hindi Chapter 6 सफेद गुर Exercises Questions and Answers.
Board |
Chhattisgarh Board |
Class |
6 |
Subject |
Hindi |
Chapter |
सफेद गुर |
Topic |
Solution |
——————————————————————————————————————————————–
सफेद गुड
1.) माँ के आसमान की तरफ देखने भर से बालक क्या समझ जाता था ?
बच्चों ने मां के पास जाकर उससे पैसे मांगे थे लेकिन मां ने कुछ देर उसकी तरफ देखा फिर आसमान की तरफ देखने लगी। तब बालक समझ गया की मां के पास पैसे नहीं है जब मन के पास पैसे नहीं होते तब वह ऐसे ही करती है।
2.) बचपन से ही माँ बालक को कैसी कहानियाँ सुनाती थी ?
बचपन से ही बालक को उसकी मां तरह-तरह की ईश्वर की कहानियां सुनाती थी। यह कहानी सुना कर वह बच्चे को ईश्वर होने का एहसास दिला दी थी।
3.) बालक के अंदर विचित्र सा उत्साह क्यों आ गया ?
बालक को सफेद गुड खाना था। लेकिन उसके मां के पास पैसे नहीं थे और वह अपनी मां से पैसे मांग कर उसे निराश नहीं करना चाहता था। तब उसे ईश्वर का ख्याल आया। इस ईश्वर सबसे अधिक ताकतवर है। वह सब जानता है। वह सब कुछ कर सकता है। वह मुझे सफेद गुड़ भी लाकर दे सकता है। ऐसा विश्वास बालक के अंदर निर्माण हुआ। इसलिए बालक के अंदर विचित्र सा उत्साह आ गया।
4.) अठन्नी मिलने पर बालक ने क्या किया ?
बालक को लगा अट्ठानी मतलब ईश्वर की कृपा है। वह अठन्नी लेकर दुकानदार के पास गया और उस अठन्नी के गुड़ खरीदने लगा।
5.) अठन्नी की जगह खपड़ा निकलने पर बालक पर क्या प्रभाव पड़ा ?
अठन्नी की जगह जब खपड़ा निकलने लगा तब उस बच्चे का ईश्वर पर से भरोसा उठ गया।
6.) दुकानदार के प्यार से कहने पर भी बालक ने गुड़ लेने से इंकार क्यों कर दिया?
दुकानदार ने जब बालक से प्यार से कहा कि तुम यह गुड लेकर जाओ, तब बालक ने गुड लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसने गुड ईश्वर से मांगा था व्यापारी से नहीं।
7.) बालक को क्यों विश्वास था कि ईश्वर उसे जरूर गुड़ देगा ?
बालक उसकी मां की तरह ही ईश्वर की पूजा करता था, उपासना करता था। उसने कभी कोई गलत काम नहीं किया, चोरी नहीं की। किसी को सताया नहीं। इसीलिए बालक को ईश्वर पर विश्वास था कि ईश्वर उसे गुड देगा।
पाठ से आगे
1.) मों के बटुए से पैसे चुराने का ख्याल आने पर बालक स्वयं को धिक्कारता है। आप किस तरह के काम करने का ख्याल मन में आते ही स्वयं को धिक्कारते हैं? साथियों से चर्चा कर लिखिए।
अगर हमारे माध्यम से कोई भी गलत काम हो रहा हो, ऐसा जब ख्याल मन में आता है तब हम स्वयं को रोकते हैं। वह गलत काम करने से हम खुद को रोकते हैं।
2.) बालक जिसे अठन्नी समझ कर गुड खरीदना चाह रहा था वह खपडा निकला दुकानदार उसकी परेशानी को समझते हुए उसे गुड़ देना चाहता है पर बालक मुफ्त में गुड़ लेने से इंकार कर देता है। आप उस स्थान पर होते तो क्या करते और क्यों? लिखिए ?
किसी से भी उधर की चीज नहीं लेनी चाहिए। अगर कोई मुफ्त में वस्तु दे रहा हो तो उसे लेने से हमें इंकार करना चाहिए। क्योंकि अगर एक बार हम ऐसा करते हैं तो जीवन भर हमें यही आदत लग जाती है और यह गलत बात है। इसीलिए अगर उस बच्चों की जगह हम होते तो हम भी वह अच्छा लेने से इनकार कर देते।
3.) बालक ईश्वर से सफेद गुड़ पाने की चाहत रखता है। आप सभी को अगर मौका मिले तो ईश्वर से क्या पाना चाहेंगे? आपस में बातचीत कर अपनी भावना को व्यक्त कीजिए।
अगर हम ईश्वर से कुछ भी मांगना हो तो हम ऐसी बुद्धि मांगेंगे के उस बुद्धि से हम कोई गलत काम ना कर पाए।
4.) बालक माँ की परिस्थिति को समझते हुए उसे दुःखी नहीं करना चाहता था। जब हम किसी चीज को पाने या लेने की जिद अपने माँ-पिता से करते हैं तो क्या हम उनकी स्थिति को समझते हैं, कक्षा में चर्चा कर लिखिए।
जब भी हम घर में बातचीत कर रहे हो तो उसे बातचीत से हमें हमारे घर की स्थिति का अंदाजा आ जाता है। तब अगर हमें कोई वस्तु या चीज मां-बाप से मांगने हो तो हमें पहले स्थिति का अंदाजा लेकर ही उनसे वह चीज मांगनी चाहिए। किसी भी वस्तु के लिए हमें हट नहीं करना चाहिए।
5.) राह में चलते हुए अगर आपको १०० रुपए मिल जाए तो आप क्या करना चाहेंगे? साथियों से चर्चा कर लिखिए।
राह में चलते हुए अगर हमको ₹100 मिल जाए तो हम पहले वह ₹100 किसके हैं वह देखेंगे। अगर उन ₹100 का मालिक कोई नहीं हो तो वह रुपए हम किसी जरूरतमंद को दे देंगे।
भाषा से
1.) पाठ का शीर्षक है। सफेद गुड इसी तरह से पाठ में फटे कपडे, गाढ़ा अँधेरा, चमकती अठन्नी, छलछलाई आँखे झिलमिलाता प्रकाश, दीन दृष्टि शब्दों का प्रयोग हुआ है। रेखाकित शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने के कारण विशेषण के उदाहरण है। आप पाठ में इसी प्रकार से प्रयुक्त विशेषण के उदाहरणों को ढूंढ कर लिखिए।
बुरा खयाल
विचित्र सा उत्साह
गाढ़ा अंधेरा
ठंडी जमीन
चमकती अट्ठनी
ताकतवर ईश्वर
2.) सबसे ताकतवर ईश्वर, एकदम से काला पड़ना, बहुत छोटा सेवक प्रविशेषण के उदाहरण है, अर्थात (कभी-कभी विशेषणों के भी विशेषण बोले और लिखे जाते हैं जो शब्द विशेषण की विशेषता बताते हैं ये प्रविशेषण कहलाते हैं। आप पाठ को पढ़ते हुए प्रविशेषण के कुछ उदहारणों को खोजिए और कुछ नए शब्द भी बनाइए।
काफी घना अंधेरा
उल्टे सीधे शब्द
बहुत छोटा सा सेवक
बहुत सुंदर फुल
3.) निम्नलिखित अवतरण के रिक्त स्थानों को कोष्टक में दिए गए सटीक शब्दों से भरिए ताकि कहानी का वही नाव और सन्दर्भ अभिव्यक्त हो जैसा कि पाठ में उल्लिखित है-
अचानक (अकस्मात / अचानक) उसे अजान की पुकार (पुकार / आवाज ) सुनाई दी। गाँव के सिरे (सिरे / बीच) पर एक छोटी-सी मस्जिद थी। उसने थोड़ी-सी आँखें खोलकर (फाडकर/ खोलकर) देखा। अंधेरा काफी गाढ़ा (चढ़ा/ गाढा) हो गया था। मस्जिद के एक कमरे बराबर के लिए दालान(ढलान / दालान) में लोग नमाज के लिए इकट्ठे (इकट्ठे / जमा) होने लगे थे। उसके भीतर एक लहर( ज्याला / लहर)-सी आई। उसके पैर ठिठक गए।( जम / ठिठक गए।) आँखें पूरी बंद हो गई। वह मन-ही-मन ( चीख-चीख कर / मन-ही-मन ) कह उठा ईश्वर यदि तुम हो और सच्चे मन से तुम्हारी पूजा(प्रार्थना / पूजा) की है तो मुझे पैसे(दौलत / पैसे) दो यही इसी वक्त।