CG SCERT Chhattisgarh State Board Class 6 Hindi Chapter 7 समय नियोजन Exercises Questions and Answers.
Board |
Chhattisgarh Board |
Class |
6 |
Subject |
Hindi |
Chapter |
समय नियोजन |
Topic |
Solution |
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समय नियोजन
1.) समय नियोजन से लेखक का क्या तात्पर्य है?
हम हमेशा यही शिकायत करते हैं कि हमें समय नहीं मिलता। अगर हम कोई भी काम नहीं कर पाए तो उसका कारण भी हम यही देते हैं कि हमें समय नहीं मिला। लेकिन अगर हम समय का सही तरीके से विभाजन करेंगे, कौन से काम के लिए कितना समय देना है, यह निश्चित कर लेंगे तो हर काम कर सकेंगे समय से लेखक का यही तात्पर्य है।
2.) समय के संबंध में लोगों की अक्सर क्या शिकायतें रहती है
कोई भी काम अगर हमसे अधूरा रह गया या पीछे छूट गया तो हम कहते हैं कि हमें पर्याप्त समय नहीं मिला। कोई भी काम छूट ना या अधूरा रहना यह हमारे आलस्य पन की निशानी है।
3.) नेहरू जी अपने कार्यों का समय प्रबंधन कैसे करते थे?
नेहरू जी हमारे भारत के प्रधानमंत्री थे। लेकिन उन्होंने कभी भी ऐसी शिकायत नहीं की कि मुझे समय नहीं मिला। उनके पास रोज हजारों फाइल आती थी। वह वे तभी पूर्ण करते थे। ऐसे व्यस्त कामों में भी वह अपने मनोरंजन के लिए, सहकर्मीयों से बात करने के लिए समय निकाल देते। उन्हें पता था कि समय का विभाजन कैसे करना है इस तरह से वह आपने काम पूर्ण करते थे।
4.) गांधी जी के समय नियोजन के बारे में अपने विचार लिखिए।
अगर हमें बहुत सारे काम करने तो हमें समय का अच्छी तरह से विभाजन करना चाहिए और जिस काम के लिए जो भी वक्त निश्चित किया है उसी वक्त पर वह काम पूर्ण करना चाहिए।
5.) सुख, समृद्धि एवं शांति प्राप्ति का समय के साथ क्या संबंध है?
सुख, समृद्धि एवं शांति प्राप्ति करने के लिए हमें समय का सही उपयोग करना जरूरी होता है। अगर हम समय का सही उपयोग करता है तो सुख समृद्धि और शांति हमें मिल जाती है।
6.) कठिन परिस्थितियों में भी अपना संतुलन बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
कठिन परिस्थितियों में भी अपना संतुलन बनाए रखने के लिए हमें चिंतन और व्यायाम की जरूरत होती है। यह दोनों बातें हम तभी कर पाएंगे जब हम समय का सही उपयोग कर सकेंगे। हमारे कामों का सही नियोजन वक्त के हिसाब से करेंगे तो हम चिंतन और व्यायाम यह दोनों बातें कर सकेंगे।
7.) विद्यार्थियों के लिए समय नियोजन क्यों महत्वपूर्ण
सभी कार्यों को पूरा करने के लिए समय का सही विभाजन करना जरूरी होता है। विद्यार्थियों के लिए यह बहुत जरूरी होती है। उन्हें अगर परीक्षा में अच्छे अंक लाने हैं और शारीरिक रूप से भी तंदुरुस्त रहना है, तो उन्हें समय का सही उपयोग करना होगा। समय का सही तरीके से विभाजन भी करना होगा। इसी के आधार पर वह यशस्वी हो सकेंगे।
8.) समय विभाजन (नियोजन) के अनुरूप कार्य करने से क्या लाभ होता है?
1.) हमे जीवन में सुख, शांती, समाधान मिलता है।
2.) हमें खुद के लिए, मनोरंजन, व्यायाम करने के लिए वक्त मिलता है।
सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
9.) धन तो आता-जाता रहता है किन्तु गया समय फिर से वापस नहीं आता। कथन को स्पष्ट कीजिए।
धन हमेशा आता जाता रहता है, लेकिनबेक बार जो हमारे हाथ से समय निकाल गया तो फिर वक्त वापस नहीं मिलता। समय भी हमारे लिए धन की तरह ही होता है। लेकिन हाथ से गया धन वापस मिल सकता है। समय धन से भी ज्यादा कीमती हैं। उसका हमे सही तरीके से ही उपयोग करना चाहिए।
पाठ से आगे
1.) आप पठन-पाठन के लिए अपने समय का नियोजन किस प्रकार करते हैं? एक रूपरेखा बनाइये।
हम पठन पाठन के लिए समय सारणी तैयार करते है। कौनसे विषय के लिए कितना समय देना चाहिए यह निश्चित करते हैं। यह तरीका हम अपनाते है।
2.) समय और लहरें किसी की प्रतिक्षा नहीं करती है। आप कोई ऐसी घटना बताइये, जिसमें समय निकल जाने के बाद आपको पछताना पड़ा हो।
समय और लहरें किसी की प्रतिक्षा नहीं करती है। इसका अनुभव मुझे हाली में आया। जब मुझे ट्रेन से बहरगांव जाना था और मैं आराम से स्टेशन पर पहुंच गई। तब मेरी ट्रेन वहासे चली गई थी।
3.) अपने आस-पास के ऐसे लोगों के बारे में बताइये जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बाद भी समय की कद्र करके अपने को सफल बनाया तथा समाज में अपनी पहचान बनायी।
जो लोग समय की कद्र नहीं करते उनके हाथ सिर्फ निराशा और असफलता ही आती है। वो लोग कभीभी सफल नहीं बन पाते।
4.) समय की कद्र न करने पर लोगों को कौन-कौन सी परेशानी हो सकती है? अपने साथियों से चर्चा कर लिखिए।
समय की कद्र न करने पर समय भी हमारी कद्र नहीं करता। समय की कद्र न करने से हमारे काम नहीं होते। हमे सुख , शांति, नहीं मिलती। हमारे हाथ सिर्फ असफलता ही आती है।
5.) समय धन के समान है इस प्रसिद्ध वाक्य के संबंध में आपकी क्या राय है? लिखिए ।
समय धन के समान है। जिस तरह हम धन का सही तरीके से , उसका नियोजन करके इस्तमाल करते है। वैसे ही हमे समय का भी नियोजन करके उपयोग करना चहिए। धन हम फिरे कमा सकते है। लेकिन समय हमे फिर से नही मिलता।
6.) वस्तुत कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो व्यस्तताओं के बीच भी उन कार्यों को न कर पाए, जिसे करना यह अनिवार्य मानता है। आपने भी कभी न कभी ऐसा किया होगा उस कार्य के बारे में लिखिए।
ऐसा कोईभी कार्य नहीं है जो हम व्यस्त होकर नहीं कर पाए। हम समय का सही विभाजन करते है। इसीलिए जो कार्य हम अनिवार्य मानते हैं वो भी हम कर पाते है।
भाषा से
1.) नेहरू जी क्यों व्यस्त रहते थे?
2.) हमारा तन मन कैसे सबल बन सकेगा?
जब किसी वाक्य को पढ़ते लिखते या सुनते समय प्रश्न पूछे जाने का बोध होता है तो उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। प्रश्न वाचक वाक्य के अंत में प्रश्न वाचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है। आप अपने साथियों के सहयोग से 10 प्रश्न वाचक वाक्यों का निर्माण कीजिए।
1.) तुम बाजार किस काम से गए थे?
2.) तुम्हारा कॉलेज कबसे शुरू हो रहा है?
3.) तुम मामी के घर से कब लौट आए?
4.) तुम खेलना कब से शुरू करोगे?
5.) तुम्हे परीक्षा में कितने अंक मिले?
6.) तुम्हारा मित्र तुम्हारे घर कब आ राहा है?
7.) जन्मदिन पर तुम्हे क्या उपहार मिले?
8.) तुम घूमने कहा कहा गए थे?
9.) रामू काम पर क्यों नहीं जाता?
10.) तुम्हारे पास वक्त कब है?
2.) संस्कृत भाषा के जो शब्द ज्यों के त्यों हिन्दी भाषा में आये है उन्हें तत्सम शब्द कहते है तथा वे शब्द जो देश एवं परिस्थिति के अनुसार अपने नये रूप को प्राप्त हुए उसे तद्भव शब्द कहा जाता है।
जैसे-
तत्सम शब्द तद्भव शब्द
कार्य अग्नि
काम आग
गृह घर
इसी प्रकार आप अपने शिक्षक की सहायता से निम्नलिखित शब्दों का तदभव रूप लिखिए-
आम्र- आम
पद- पाव, पग
चंद्र- चांद
रात्रि- रात्र
सूर्य- सूरज
ग्राम – गांव
दुग्ध – दूध
3.) नेहरू जी न मालूम कितनी सोसायटियों में भाग लेने जाते थे इस वाक्य में सोसायटियों शब्द के प्रयोग पर ध्यान दीजिए। यह अंग्रेजी भाषा के सोसायटी का बहुवचन रूप है। अंग्रेजी में इसका बहुवचन सोसाइटीज होता है लेकिन हिन्दी में हम इसे सोसाइटियों लिखते हैं। हमने बहुत से विदेशी शब्दों को हिन्दी में अपना लिया है और उनका प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अनुसार करते हैं। जैसे– स्कूल का स्कूलों कापी का कापियों, ट्रेन का ट्रेनों आदि । आप अपने परिवेश में प्रचलित ऐसे शब्दों की सूची बनाइए जो अंग्रेजी भाषा के हैं किन्तु उनका प्रयोग हिन्दी के बहुवचन के नियमानुसार किया जाता है।
ट्रकों, ट्रेनो, कारों, कंपनियों
4.) निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए –
समयाभाव= समय+ अभाव
आशातीत =आशा+ अतीत
विद्यार्थी = विद्या+ अर्थी
शिवालय= शिव +आलय
जगन्नाथ = जगत् + नाथ
5.) निम्नांकित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए –
क.) गरम गाय का दूध अच्छा लगता है।
गाय का गरम दूध अच्छा लगता है।
ख.) एक फूलों की माला बनाइए ।
फुलों की एक माला बनाइए।
ग.) मेरे लिए ठंडी बरफ लाओ ।
मेरे लिए बरफ लाओ।
घ.) मेरे को बाजार जाना है ।
मुझे बाजार जाना है।
ङ.) मेरे आँख से आँसू बहता है ।
मेरे आंखों से आंसू बहते हैं।
6.) क.) निम्नांकित शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग-अलग कीजिए।
आध्यात्मिक – इक
आधारित- इत
नैतिक- इक
सामाजिक- इक
हर्षित- इत
मौलिक- इक
सुभाषित – इत
ख.) इस वाक्य को पढ़िए-
जैसे ही में स्टेशन पहुँचा, वैसे ही गाडी छूट गई । इसी प्रकार ज्योंही-त्योंही, जब-तब यद्यपि तथापि शब्दों का प्रयोग करते हुए एक एक वाक्य बनाइए ।
ज्योंही-त्योंही
ज्योही मैं रामू के घर गया त्योंही रामू बाहर आ गया।
जब-तब
जब वह पढ़ाई करेगा तब वह परीक्षा में अच्छे अंक ला सकेगा।
यद्यपि तथापि
वह पढ़ाई कम करता है तथापी पूरे ध्यान से करता है।
‘समय की महत्ता’ पर दस वाक्य लिखिए ।
समय हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण है। अगर हम समय की कीमत नही करेंगे तो समय हमारी कीमत नही करेगा। एक बार अगर समय हाथ से चला जाता है तो हमारे हाथ असफलता ही लगती है। हमे हर काम समय पर करना चहिए। इसके लिए हमे समय का अच्छी तरह से नियोजन करना आना चाहिए। अगर हम सही तरीके से समय का नियोजन करेंगे तो हमारे सारे काम काम हो जायेंगे। कौनसे काम के लिए कितना वक्त देना है यह हमे तय करना होगा। अगर हम वक्त का अच्छी तरह से नियोजन करते है तो हम जिंदगी में जरूर सफल हो जाएंगे। हमे सुख शांति भी प्राप्त हो जायेगी।