Telangana SCERT Solution Class IX (9) Hindi Chapter 8 नाना साहब की पुत्री
नाना साहब की पुत्री
प्रश्न
1.) ऊपर दी हुई पक्तियों में किसका वर्णन है? अनुमान लगाइए।
ऊपर दी हुई पंक्तियों में रानी लक्ष्मीबाई का वर्णन है उस वक्त एक विद्रोही नेता थे।उनका नाम था नाना साहेब। इनकी की पुत्री का नाम था मैंना। यह भी एक स्वतंत्रता सेनानी थी। इसे अंग्रेजों ने जलाकर मार डाला था।
2.) कवायित्री ने रानी के बारे में ‘मनुज नहीं अवतारी थी’ क्यों कहा?
कवायित्री ने रानी के बारे में ‘मनुज नहीं अवतारी थी’ ऐसा कहा है। क्योंकि कवयित्री को लगता है कि रानी लक्ष्मीबाई मनुष्य नहीं एक अवतारी थी। जिसने इस भारत देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।
3.) कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताइए।
मोहनदास करमचंद गांधी इन को हम महात्मा गांधी इस नाम से भी जानते हैं। यह स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। स्वतंत्रता के लिए इन्होंने बहुत सारे आंदोलन किए। भारत देश को ब्रिटिश के चंगुल से छुड़ाने में इनका बहुत बड़ा हाथ है। इन्होंने किसान श्रमिक इनको एकजुट किया और भेदभाव और भूमि कर इसके खिलाफ आवाज उठाई। इनके आंदोलन पूर्णता सत्य और अहिंसा इन दोनों तत्वों पर आधारित थे। इन्होंने असहयोग आंदोलन स्वराज और नमक सत्याग्रह भारत छोड़ो आंदोलन ऐसे बहुत सारे आंदोलन किए हैं।
अर्थग्राह्यता प्रतिक्रिया
विचार-विमर्श
1.) स्वतंत्रता संग्राम में अनेक लोगों ने अपना बलिदान दियाl उनका बलिदान स्वयं तक ही सीमित न थाl उनका परिवार व सगे संबंधी भी आजादी की भेंट चढ़ गएl उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि क्या हो सकती है? चर्चा कीजिएl
स्वतंत्रता संग्राम में अनेक लोगों ने अपना बलिदान दिया हैl अपने देश के प्रति श्रद्धा दिखाई हैl अपना देश स्वतंत्र होने के लिए अनेक लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी हैl हमें स्वतंत्रता ऐसे ही नहीं मिली हैl आज हम उस स्वतंत्रता का उपयोग करते हैं हमें जहां चाहे हम वहां जा सकते हैं कोई भी धर्म अपना सकते हैंl इसका पूरा श्रेया हमें जिन्होंने स्वतंत्रता पाने के लिए अपने घर वालों का भी विचार नहीं किया उनकी भी कुर्बानी दे दी उनको देना चाहिएl आज हम जो भी कार्य करते हैं वह कार्य हमें सोच समझ कर करना चाहिएl इस कार्य की वजह से देश का कुछ नुकसान तो नहीं होगा यह सोचकर ही कोई भी कार्य करना चाहिएl अपने देश की तरक्की के लिए जो भी कर सकेंगे वह हमें करना होगाl यही उनके लिए श्रद्धांजलि होगीl
2.) इस पाठ में इतिहास की एक ऐसी घटना का चित्रण है जो तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की क्रूरता को उजागर करती हैl देशभक्ति एवं देश के लिए कुर्बानी की कथाएं पढ़ने के पीछे हमारा क्या उद्देश्य हो सकता है? चर्चा कीजिएl
देशभक्ति एवं देश के लिए कुर्बानी की कथाएं पढ़ने के पीछे हमारा उद्देश्य यही है कि हमारे मन में देश के प्रति देशभक्ति जागृत होनी चाहिएl जिन्होंने हमारे देश के लिए बलिदान दिया है, उन्हें हमें याद रखना है।उनके कार्य को याद रखना है। हम जो भी करें देश के लिए यह सही है ना यही विचार करके हमें अपना कार्य करना चाहिए। जब भी हम गलत कार्य करने जाए तब हमें जिन्होंने अपने देश के लिए बलिदान दिया है उनका विचार करना चाहिएl
पढ़ना भाव समझना और भाव विस्तार
क. पाठ में उत्तर ढूंढिए।
1.) इनसे संबंधित पंक्तियां पाठ में ढूंढ कर लिखिए।
- मैना की अंतिम इच्छा
मैना नाना साहब के भगना वशिष्ठ प्रसाद के ढेर पर बैठ कर रोना चाहती थीl
- मैना की हत्या के बाद छपा समाचार
कल कानपुर की किले में एक भीषण हत्याकांड हो गयाl नाना साहब की एकमात्र कन्या मैना धधकती हुई आग में जलाकर भस्म कर दी गईl
2.) बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया?
बालिका मैना ने सेनापति को कहा कि यह जड़ मकान है। इसने क्या अपराध किया है? जो दोषी है उसे आप सजा दो, यह मैना ने कहा। यह जो स्थान है वह मुझे अत्यंत प्रिय है और इसकी हमेशा रक्षा हो इसके लिए मैं प्रार्थना करती हूं।
3.) सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया भाव के क्या कारण थे?
मैना के सर टामस ‘हे’ के कन्या के साथ बहुत अच्छे संबंध थे। कई वर्ष पूर्व मे वह मैना पास आती थी मैना भी उस समय वह आती थी और मैना को सर टामस अपने पुत्री के समान ही प्यार करते थे। उसकी मृत्यु से मैना भी दुखी हुई थी। सर टामस ‘हे’ की बेटी की एक चिट्ठी मैना पास हैl सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया भाव के यह कारण थे।
4.)’टाईम्स’ पत्र ने 6 सितंबर को लिखा था- बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी। इस वाक्य में भारत सरकार से क्या आशय है?
उस वक्त भारत पर ब्रिटिश सरकार का राज्य था। ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत भारत सरकार का काम चलता था। भारतीयों से सबसे ज्यादा नफरत अंग्रेज करते थे और वह दिखाना चाहते थे कि यह जो अंग्रेज सरकार है वह अत्यंत क्रूर है, निष्ठुर है।
ख. पाठ समझकर उत्तर दीजिए।
1.) मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों?
अंग्रेज जिस मकान को नष्ट करना चाहते थे वह मकान विद्रोही नेता नाना साहब का था। इसीलिए मैना जिस जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज उसे नष्ट करना चाहते थे।
2.) मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रसाद के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो ले। लेकिन पाषाण हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी?
मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रसाद के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो ले। लेकिन पाषाण हृदय वाले जनरल ने अग्रेज सरकार का गुस्सा उनपर बरस पड़ेगा इस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी।
3.) बिठूर का राजमहल नष्ट करने के पीछे अंग्रेजों का क्या उद्देश्य रहा होगा?
ब्रिटिश सरकार नाना साहब से क्रोधित थी। अगर उन पर कार्यवाही नहीं की तो भारत देश के लोग अंग्रेजों से डरेंगे नहीं। यह बिठूर का राजमहल नष्ट करने के पीछे अंग्रेजों का उद्देश्य रहा होगा।
4.) बालिका मैना के चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
बालिका मैना के चरित्र की विशेषताएं यह है, की वह एक निडर बालिका थी। वह अत्यंत होशियार थी, चंचल थी, लेकिन उतनी ही गुणवान भी थी। देश के प्रति आत्म बलिदान की भावना उसमें थी।
ग. पढ़ने की योग्यता का विस्तार
गद्यांश पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1.) स्वतंत्र भारत में दुर्गा भाभी का संबंध किस प्रकार किया गया।
स्वतंत्र भारत में दुर्गा भाभी को उपेक्षा और आदर दोनों ही मिले। सरकारों ने उन्हें पैसों से तोलना चाहा। पंजाब में उनके सम्मान हेतु एक आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्रीजी ने उन्हें ₹51000 भेंट किए। भाभी ने वह रुपए वापस कर दिए।
2.) दुर्गा भाभी ने भेंट स्वरूप प्रदान किए गए रुपए लेने से इंकार क्यों कर दिया?
दुर्गा भाभी ने कहा कि जब हम आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय किसी व्यक्तिगत लाभ या उपलब्धि की अपेक्षा नहीं थी। केवल देश की स्वतंत्रता ही ध्येय्य था। इसके लिए दुर्गा भाभी ने भेंट स्वरूप प्रदान किए गए रुपए लेने से इनकार कर दिया।
3.) दुर्गा भाभी संसदीय राजनीति से दूर क्यों रही?
मुल्क के स्वाधीन होने के बाद राजनीति भाभी को रास नहीं आई । अनेक शीर्ष नेताओं से निकट संपर्क होने के बाद भी वे संसदीय राजनीति से दूर रही।
4.) आजादी के बाद उन्होंने अपने को किस प्रकार व्यस्त रखा?
दुर्गा भाभी ने आजादी के बाद अपने जीवन का शेष हिस्सा नई पीढ़ी के निर्माण के लिए अपने विद्यालय को उन्होंने समर्पित कर दिया।
5.) दुर्गा भाभी के व्यक्तित्व की कौन सी विशेषता आप अपनाना चाहेंगे?
दुर्गा भाभी के अंदर अपने देश के लिए निस्वार्थ भक्ति, त्याग, राजनीति से दूरी और देश का विकास करने के लिए उनका हर बार डट कर खड़ा रहना यह उनकी विशेषताएं हम अपनाना चाहेंगे।
अभिव्यक्ति सृजनात्मकता
स्वाभिव्यक्ति
क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार पांच वाक्य में लिखिए।
1.) स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?
स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के लेखन की बहुत मदद होती होगी। यह लेखन जब लोग पढ़ते होंगे तब उनके मन में देशभक्ति की ज्वाला उमड़ रही होती होगी। जब उन्होंने मैना के मृत्यु के बारे में सुना तब उनके मन में ब्रिटिश उनके प्रति द्वेष भर गया होगा। बहुत सारे लोगों को इस आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिलती होगी।
2.) यदि आप उस समय होते तो मैंना की हत्या की खबर पढ़ने के बाद आपके मन में क्या विचार आते?
यदि हम उस समय होते तो मैंना की हत्या की खबर पढ़ने के बाद हमारे मन में यह विचार आते की मैंना कितनी बहादुर लड़की थी। निडर होकर अपने देश के लिए उसने अपनी जान कुर्बान कर दी। हमारे मन में ब्रिटिशो के प्रति द्वेष उमडता।
3.) इस पाठ से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
हमें इस पाठ से देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। अपने देश के लिए उन लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी। सभी निर्णय देश के हित में लिए गए। हमें भी अपना विचार बाद में करना चाहिए पहले देश का विचार करना चाहिए। हमारे मन में देशभक्ति की भावना पैदा होने चाहिए।
4.) नाना साहब के बारे में आप क्या जानते हैं?
बिठूर में रहने वाले माधव नारायण राव इनके घर नाना साहब ने जन्म लिया। पेशवा बाजीराव ने नाना राव को दत्तक ले लिया। उन्हें युद्ध का अच्छे से ज्ञान दिया। पेशवा बाजीराव की मृत्यु होने के बाद नाना साहब को पेशवाई का उत्तराधिकारी मानने से ब्रिटिश सरकार ने मना कर दिया। नाना साहब और अंग्रेजों में कई बार भीषण युद्ध हुए। नाना साहब कभी अंग्रेजों के गिरफ्त में नहीं आए। उन पर अंग्रेजों ने बहुत सारे नाम लगाए थे लेकिन वह कभी भी हात में नहीं आए।
ख. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ दस वाक्यौ में लिखिए।
1.) मैना की कहानी अपने शब्दों में लिखिए।
सन 1857 में विद्रोही नेता नाना साहब कानपुर में असफल होने के बाद भागने लगे। अपने साथ वह अपनी पुत्री को नहीं ले जा सके। वह वहीं पर रह गई। उसके बाद अंग्रेजों ने नानासाहेब के घर पर गोले बरसाने शुरू कर दिए। वह बालिका सामने आई और कहने लगी इस मकान का क्या कसूर है? दोषी तो यहां पर नहीं है उनको सजा मिलनी चाहिए। इस निर्जीव मकान को नहीं। तभी वहा जनरल आउटरम आ गए और उन्होंने मैना को पकड़ने के लिए कहा मैना वहां से भाग गई। तब वह मैना को पकड़ं ना सके। लेकिन बाद में सितंबर के महीने में मैना को उस मकान के यहां पर रोते हुए देख लिया गया और वहीं पर उसे बंदी बनाने का आदेश दिया गया। उस समय अखबार में छप कर आ गया कि कल कानपुर के किले में एक भीषण हत्याकांड हो गया। नाना साहब के एकमात्र कन्या मैना धधकती हुई आग में जलाकर भस्म कर दी गई।
2.) इस रिपोर्ताज की लेखिका महिला है। खबर भी महिला के बारे में है। गुलामी के दिनों में इस तरह घटना की खबर लिखने वाले भी क्रांतिकारी माने जाने चाहिए। इस तथ्यों के आधार पर स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के योगदान पर एक लेख लिखिए।
भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए जैसे पुरुषों ने योगदान दिया है वैसे ही महिलाओं ने भी अपना अहम योगदान दिया है। कस्तूरबा गांधी, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल, सरोजिनी नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, भिकाजी कामा, सावित्रीबाई फुले ऐसी अनेक महिलाओं ने अपना योगदान भारत को स्वतंत्रता दिलाने में है। उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। इसमें से कहीं महिला अनेकों बार जेल में भी गए।
प्रशंसा
आप किसी ऐसे बालक बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसमें कोई बहादुरी का काम किया हो।
दिल्ली में एक बालिका महिका वह अपने परिवार के साथ रहती थी। वह एक बार केदारनाथ मंदिर में प्रार्थना करने अपने परिवार के साथ गई थी। लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के वजह से वह अपने परिवार से बिछड़ गई। उसे जब अपने छोटे भाई के रोने की आवाज आई तो उसने अपने भाई की जान बचा ली। तीन दिन तक वह अपने भाई को पकड़ कर बैठी थी। वह भूखी प्यासी थी। लेकिन उसमें अपने भाई का साथ नहीं छोड़ा वह उसे सुरक्षित स्थान पर लेकर गई उसे बाद में राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
भाषा की बात
भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक युग व्यक्त हुआ है जो लगभग 75 – 80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान हिंदी रूप में लिखिए।
अर्धरात्रि के समय चांदनी में एक बालिका स्वच्छ उज्जवल वस्त्र पहने हुए नाना साहब के भगनावशिष्ट प्रसाद के ढेर पर बैठी है। रो रही है। पास ही जनरल आउटरम की सेना भी ठहरी है। कुछ सैनिक रात्रि के समय रोने की आवाज सुनकर वहां आये है। बालिका केवल अभी रो रही है। सैनिकों के प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं दे रही।
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