Telangana SCERT Solution Class IX (9) Hindi Chapter 3 वृंद
वृंद
प्रश्न
1.) सिखों के वचन कैसे लगते हैं?
जो व्यक्ति सिर्फ खुद के बारे में विचार करता है उसे सिखों के वचन चुभने लगते हैं।
2.) कवि की बात से आप कहां तक सहमत है?
मनुष्य के अंदर विनम्रता होनी चाहिए। ना की अहंकार, ईर्ष्या, कामना यह गुण होने चाहिए। इन गुणों से हमें दूरी बनानी चाहिए। हमें यही सिखाते हैं जीने के लिए क्या जरूरी है। वचनों का क्या महत्व है। यही हमें सिखाते हैं और यही सही है।
3.) हमारे जीवन में सीख के वचन का क्या महत्व है?
हमारे जीवन में सीख के वचन का बहुत महत्व है हमें सभी बड़े मतलब दोस्त ज्ञानी गुरु जन यह सभी हमें सीख देते हैं इनके सिखों को अगर हमने नहीं अपनाया तो हम कुछ भी नहीं जीवन में सीख सकते।
अर्थग्राह्यता प्रतिक्रिया
विचार विमर्श
1.) वृंद ने कहा है कि मधुर वचन के प्रयोग से अभिमानियों का अभिमान कम हो जाता है। गर्व करना हमारे लिए किस प्रकार हानिकारक सिद्ध हो सकता है। चर्चा कीजिए।
सामने वाला अगर हमारे साथ अभिमानी स्वर में बात करता है। तो फिर भी हमें मधुर वाणी का ही उपयोग करना है और सामने वाले से बात करनी है। इससे सामने वाला व्यक्ति अपने आप ही में ही सुधार करने लगता है।
2.) समय पूर्ण होने के बाद कार्य करने की गणना असफलता में होती है। आप अपना काम समय पर करने के लिए क्या उपाय करेंगे?
एक बार अगर समय बीत गया तो फिर वापस नहीं आता। इसिलिए हमें हमारा काम वक्त रहते कर लेना चाहिए। अगर हम हर बार अपने काम मे देरी कर दे तो उस कार्य का कोई महत्व नहीं रहता। उसकी गिनती असफलता में होती है।
पढना, भाव समझना और भाव विस्तार
क. पाठ में उत्तर ढूढिए।
1.) यह किस दोहे का संदेश है?
क. सही जगह पर सही बात शोभा देती है।
नीकी पै फीकी लगे, बिन अवसर की बात।
जैसे बरनत जुध्द में, नहीं सिंगार सुहात।।
ख. अब पछताए क्या हो जब चिड़िया चुग गई खेत।
प्रान तुषातुर के रहे, थोरेहूँ जलपान।
पीछे जलभर सहस घट, डारे मिलत न प्रान।।
ग. भले की संगति में रहने से भलाई ही होती है।
उत्तम जन के संग में, सहजे ही सुखभासि।
जैसे नृप लावै इतर, लेत सभा जनवासि।।
2.) भौरा कमल के फूल को छेद कर बाहर क्यों नहीं निकल पाता?
भौरा कमल के फूल को चेक कर बाहर नहीं निकल पाता क्योंकि भौरा कमल के फूल को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।
3.) शेर की खाल पहन ने से कोई व्यक्ति शेर नहीं हो जाता। यह उदाहरण वृंंद ने अपने किस दोहे में दिया है?
शेर की खाल पहन ने से कोई व्यक्ति शेर नहीं बन जाता यह उदाहरण वृंद ने अपने अंतिम दोहे में दिया है।
ख. पाठ समझकर उत्तर दीजिए।
1.) सब शक्तिशाली व्यक्ति का साथ क्यों देते हैं?
जब हम शक्तिशाली व्यक्ति के साथ रहते हैं तो हमें भी ऐसा लगता है कि हम शक्तिशाली हो गए हैं।
2.) वृंदा के अनुसार प्रकृति के खिलाफ जाने से काम बिगड़ जाता है। उन्होंने इसे किस प्रकार समझाया है?
वृंदा ने प्रकृति के खिलाफ जाने से काम बिगड़ जाता है। यह बात अपने एक दोहे में बताई है, कि जैसे दही में दूध मिलाने से जम जाता है, परंतु अगर हम उसमें नींबू डाल दें या एक बूंद भी नींबू की पड़ जाए तो दूध पड़ जाता है। इसी प्रकार प्रकृति का भी है, अगर हम उसके खिलाफ जाए तो काम बिगड़ जाता है।
3.) “ज्योति सरूपी हिये बसै, सब सरीर मे ज्योति।” इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
हमारे शरीर में ज्ञान की ज्योति वैसे ही प्रकाशित होती है, जैसे कि घर में ऊंची जगह पर रखा हुआ दीपक। जैसे यह दीपक ऊंची जगह पर रखा हुआ होता है। क्योंकि सारे घर में इसका प्रकाश हो। वैसे ही ज्ञान की ज्योति हमारे शरीर में होती है।
4.) श्रेष्ठव्यक्तियों की संगति में रहना किस प्रकार लाभदायक है? इस बारे में वृंद ने क्या कहा है?
श्रेष्ठा व्यक्ति की संगति में रहना हमारे लिए अच्छा होता है।जैसे वह लोग विचार करते हैं, वैसे ही हम भी विचार करने लगते हैं। हम भी वैसे ही बनना चाहते हैं।
ग. पढ़ने की योग्यता का विस्तार
रहीम द्वारा रचित निम्नलिखित दोहे पढ़िए। पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न
1.) पावस ऋतु में कोयल क्यों मौन साध लेती है
पावस ऋतु में कोयल मौन साध लेती है, क्योंकि उस समय मेंढक शोर करने लगते हैं और कोयल को लगता है, कि इतने शोर में मेरी आवाज कोई नहीं सुनेगा। इसीलिए वह शांत रहती हैं।
3.) रहीम ने सज्जन व्यक्ति की तुलना किससे की है?
चंदन से सज्जन व्यक्ति की तुलना रहीम ने की है।
3.) ‘बिना अवसर की बात’ और ‘वर्षा ऋतु में कोयल का मौन हो जाना’ मैं क्या समानता है?
अगर अवसर के बिना बात बोली जाए तो उसका महत्व नहीं रहता। इसी प्रकार जब बारिश में मेंढक शोर करते हैं तो कोयल मौन रहती हैं, क्योंकि उसकी आवाज इतनी शोर में सुनाई नहीं देगी। मतलब उस वक्त कोयल की आवाज का किसी पर भी कोई असर नहीं होता।
अभिव्यक्ति सृजनात्मकता
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार पांच वाक्य में लिखिए।
1.) जो छात्र समय आने पर अपना कार्य नहीं करते, उन्हें किस प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है?
जो छात्र समय आने पर अपना कार्य नहीं करते, उन्हें अपने शिक्षकों से डांट मिलती है ऐसे है। अगर परीक्षा में हम अपना अभ्यास पूरा नहीं करते, तो परीक्षा आने पर बहुत सारी पढ़ाई एक साथ करनी होती है। ऐसे में हमारे दिमाग में कुछ नहीं रहता और हम अच्छे से परीक्षा नहीं दे सकते और हमें अच्छे गुण भी नहीं मिलते।
2.) मीठे वचन से चारों ओर सुख फैलता है। इससे बिगड़े काम भी बन जाते हैं। इसके विपरीत कठोर वचन बोलने से क्या परिणाम हो सकते हैं?
अगर हम बात करते हुए किसी से मीठे वचन बोल दे तो हमारे बात सामने वाले को अच्छी लगती है। अगर कोई कड़वा बोलने वाला भी सामने बैठा है तो वह भी हमारे साथ मीठी बातें करने लगता है। अगर हमें किसी से अपना कार्य करवा लेना हो तो हमें उसे नम्रता से बात करनी होगी। अगर हम कड़वी भाषा का प्रयोग करते हैं तो जिससे हमारा काम है वह हो नाराज हो जाता है और हमारा काम बिगड़ जाता है।
3) आप अच्छी संगति किसे मानेंगे? धनवान की संगति को या विद्वान कि। अपने उत्तर का कारण बताइए।
हम अच्छी संगति विद्वान की संगति को मानेंगे, क्योंकि धन भी तभी आता है जब हमारे पास विद्या हो। कौन से भी परिस्थिति हो मुश्किलें हो अगर हमारे पास विद्या है ज्ञान है तो हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। धन भी ज्ञान की मदद से ही कमाया जाता है इसीलिए हम अच्छी संगति विद्वान की संगति को मानेंगे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ – दस वाक्यो में लिखिए।
1.) वृंदा ने अपने दोहों के माध्यम से जीवन के किन सच्चाईयों पर प्रकाश डाला है?
वृंदा हमें अपने दोहों के माध्यम से जीवन की सच्चाई बताती है। वह यह कहती है कि हमें अच्छे लोगों की संगत में रहना चाहिए। कोई भी अवसर देखे बिना बात नहीं बोलनी चाहिए। हमेशा बलवान अच्छे और श्रेष्ठ लोगों से मित्रता करनी चाहिए। गरीब जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। कड़वे बोल बोलने नहीं चाहिए, हमेशा अपने स्वरों में मीठा पन लाना चाहिए।
2.) वृंद अपनी नीति सिद्ध करने के लिए उसका एक व्यवहारिक उदाहरण देते हैं। ऐसा वे क्यों करते होंगे इसी प्रकार उनके दोनों की अन्य विशेषताएं लिखिए।
वृंद अपनी नीति सिद्ध करने के लिए उसका एक व्यवहारिक उदाहरण देते हैं। ताकी उनके दोहे हमें आसानी से समझ में पाए। इस वजह से हमें अपने जीवन के उतार-चढ़ाव भी समझ में आते हैं। वृंदा अपनी नीति सिद्ध करने के लिए जब उदाहरण देते हैं तो वे दोहे हमें बहुत आसानी से समझ में आते हैं। वह हमें क्या कहना चाहती है यह हम सरलता से समझ पाते हैं।
प्रशंसा
आज के वैज्ञानिक युग के प्रभाव में इंसान यांत्रिक हो जा रहा है। उसकी सामाजिकता और नैतिकता का खोती जा रही है। इन्हें बनाए रखने के लिए आप क्या प्रयास करना चाहेंगे?
आज हमारे युग में बहुत प्रगति की है। आज का युग वैज्ञानिक युग से जाना जाता है। लेकिन इसमें हम सामाजिक और नैतिक मूल्यों खोते जा रहे है। हमें बचपन से घर में पाठशाला में सिखाया जाता है सबके साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए। सब के साथ प्यार से रहना चाहिए। किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए। लेकिन आज के वैज्ञानिक युग में हम यह सब मूल्य खोते जा रहे हैं। इसके लिए हम यह प्रयास करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा मनुष्य से जुड़ा जाए। वैज्ञानिक चीजों का उपयोग कम से कम किया जाए, नैतिक मूल्यों का उपयोग अपने सामाजिक जीवन में भी किया जाए।
भाषा की बात
वृंद ने जुद्ध शब्द का प्रयोग किया है, जिसका प्रचलित रूप युद्ध है। इसी प्रकार के कुछ और शब्द पाठ से चुने और उनका प्रचलित रूप लिखिए।
सील – शीत
निबल – निर्बल
वृच्छ- वृक्ष
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