Telangana SCERT Solution Class IX (9) Hindi Chapter 2 वह आवाज
वह आवाज
प्रश्न
1.) हर किसी के भीतर एक गीत सोता है। का क्या अभिप्राय है?
हर किसी के भीतर एक गीत सोता है। इसका मतलब है, हमारे अंदर हमारी ही एक आवाज होती है जो सो रही होती है हमें प्रयास करना होता है यह जाग जाए और हमें सही फैसला लेने में मदद करें।
2.) सबको अपने मन की बात सुननी चाहिए। इस बारे में आपका क्या विचार है?
हमें हमारी अंतरात्मा के आवाज बढ़ानी चाहिए इससे हम सही गलत फैसले ले सकते हैं सब अपने मन की आवाज की ही सुनते हैं क्योंकि वही हमेशा सही होती है और सबको अपनी मन की ही सुननी चाहिए।
3.) हमारा मन हमें बुरे काम करने से कैसे रोकता है?
हमारे अंतरात्मा की आवाज हमेशा सही होती है। हमें हमेशा ही हमारे मन की सुननी चाहिए। जब कुछ गलत हो रहा है तो हमारा मन हमारा दिमाग हमें इशारे देता है, यह काम न करे। तब हमें वह काम नहीं करना चाहिए।
अर्थग्राह्यता प्रतिक्रिया
विचार विमर्श
1.) मंटू की तरह यदि आपने कोई गलती की जिससे आपके माता पिता नाराज हुए हो तो ऐसी घटना बताइए।
एक बार पापा के साथ में नगर पालिका कार्यालय में गई थी। वह पे बहुत सारे दस्तावेज निकालने थे। पापा ने सब कुछ जोड़कर मुझे दिया और मुझे कहा अच्छे से चेक करो और वह किसी काम के लिए निकल गए। मैंने सभी कागज देख ली है और दस्तावेज लेकर घर आ गई। उससे बाद मुझे पता चला कि एक कागज तो वही रह गया है। अब पापा को कैसे बताएं मैं तो घबरा गई थी। लेकिन रात को घर आने के बाद उन्हें मैंने बताया कि पापा एक कागज वही रह गया है। पापा ने थोड़ा सा डाँट दिया। लेकिन बाद में समझा दिया यह कागज हमारे लिए कितने जरुरी होते हैं। हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कागज कही गुम ना हो।
2.) यदि मंटूने मां से पूछ कर खाया होता तो क्या मां उसे मना करती? बड़ों से पूछकर या उन्हें बताकर काम करने से क्या लाभ है? चर्चा कीजिए।
अगर मंटू ने मां से पूछा होता और मां के कहने के बाद खा लिया होता तो मां उसे मना नहीं करती। बड़ों से जब हम बात करते हैं, या उन्हें पूछकर कोई काम करते हैं तो हमें बाद में तकलीफ नहीं सहनी पड़ती। मन को शांति मिलती है, कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है।
पढ़ना भाव समझना और भाव विस्तार
क.) पाठ में उतर ढूंढिए।
I.) पाठ पढ़ कर बताइए कि निम्नलिखित वाक्य किसने किस से कहा?
क.) आज तुम दरवाजे पर क्यों नहीं मिली?
मंटू ने मां से पूछाI
ख.) अरे मंटू भैया तुम ऐसे उदास क्यों बैठे हो?
पम्मी ने मंटू से पुछाI
ग.) इस तरह मेहनत करोगे तो क्लास में फस्ट आओगे।
2.) मंटू जब स्कूल से घर पहुंचा तो उसे खाने के मेज पर क्या-क्या चीजें दिखाई दी?
मंटू जब स्कूल से घर पहुंचा तो उसे खाने के मेज पर रसगुल्ले चीकू समोसे यह चीजें दिखाई दी।
2.) मंटू ने मम्मी और अध्यापक के सामने अपनी गलती कैसे स्विकार की?
अपनी गलती स्वीकार करने के लिए मंटू ने मम्मी और अध्यापक के सामने सच बोला और गलती स्वीकार की।
ख.) पाठ समझकर उत्तर दीजिए।
1.) मंटू की मां ने उसके चाचा के लिए क्या-क्या तैयारियां की थी?
मंटू की माने उसके चाचा के लिए तरह तरह के फल लाए थे, समोसे और रसगुल्ले बनाए थे, और दालबीजी लाई थी।
2.) स्कूल छूटने के बाद मंटू जब घर आया तो उसकी मां दरवाजे पर खड़ी दिखाई नहीं दी। उस समय उसके मन में क्या-क्या विचार आए होंगे?
मंटू ने सोचा, कि कहीं मां की तबीयत ना खराब हो। स्कूल छूट ने पर मंटू घर आया तो उसे मां दरवाजे पर खड़ी नहीं दिखाई दी तब उसके मन में यह विचार आया।
3.) मंटू अपने आप को बिल्कुल हल्का महसूस कर रहा था?
मंटू अपने आप को हल्का महसूस कर रहा था क्योंकि उसने मां और अध्यापक के सामने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी।
ग.)पढ़ने की योग्यता का विस्तार।
अनुछेद पढ़िए। पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
1.) नोबेल अपनी मां के समीप्य में अधिक क्यों बने रहे?
क.) क्योंकि उन्हें देखभाल की विशेष आवश्यकता थी।
ख.) क्योंकि वे बड़े डरपोक थे
ग.) क्योंकि मां उन्हें कहानियां सुनाती थी।
घ.) क्योंकि वे महान बनना चाहते थे।
उत्तर – क. क्योंकि उन्हें देखभाल की विशेष आवश्यकता थी।
2.) नोबेल ने क्या वसीयत की?
क.) उनकी धन संपत्ति का समाज कल्याण के लिए उपयोग हो।
ख.) उनकी धन संपत्ति अविष्कारों में लगाई जाए।
ग.) उनके अविष्कार का प्रचार उनके धन के माध्यम से किया जाए।
घ.) उनकी धन संपत्ति का कलाओं के विकास के लिए उपयोग हो।
उत्तर- घ. उनकी धन संपत्ति का कलाओं के विकास के लिए उपयोग हो।
3.) नोबेल अपनी मन की आवाज को अधिक महत्व क्यों देते थे?
नोबेल अपनी मन की आवाज को अधिक महत्व देते थे क्योंकि इससे वे आत्मविश्लेषण करते थे।
4.) नोबेल उनकी मां धर्म ग्रंथोंसे प्रेरित कथाएँ क्यों सुनाया करती थी?
नोबेल उनकी मां धर्म ग्रंथों से प्रेरित कथाँए सुनाती थी, क्योंकि वह उनके बेटे को सशक्त और सबल बनाना चाहती थी। वह बहुत दुर्बल और भावुक थे।
अभिव्यक्ति सृजनात्मकता
स्वभिव्यक्ति
I.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार पांच में लिखिए।
1.) मंटू चोरी से मिठाई खाने के बाद उखड़ा उखडा रहने लगाl आपसे कोई गलती हो जाए तो आपको कैसा लगता है?
मंटू चोरी से मिठाई खाने के बाद उखडा उखडा रहने लगा। क्योंकि उसने गलती की थी और मां से भी झूठ बोला था। अगर हम से ऐसी गलती हो जाए तो, हमें बहुत बुरा लगता है। डर लगता है कि मां पापा कुछ कहना दे। लेकिन बाद में हम गलती जब स्वीकार करते हैं, तब मां पापा थोड़े से डांटते हैं लेकिन फिर समझाते भी है।
2.) अपने मन की बात दूसरों को बताने से मन हल्का रहता है। यह स्वास्थ के लिए भी लाभप्रद है। कैसे?
हमें अपना सुख और दुख सबसे बाँटना चाहिए। सुख बाँटने से हमें खुशी मिलती है और दुख जब हम बांटते हैं तब हमारा दुख थोड़ा सा काम होता है। हमारी पिड़ा कम होती है। यह हमारी स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद है, क्योंकि जब दुख हम दूसरों को बताते है तो हल्का महसूस करते हैं। हम विचार थोड़ा सा कम करने लगते हैं।
3.) मंटू ने रसगुल्ला और चीकू खाने की बात अपने मां को किस प्रेरणा के अाधार पर बताई उसको यह प्रेरणा कैसे मिली?
मंटू ने रसगुल्ला और चीकू खाने के बाद अपनी मां को बताई इसके लिए उसे अपने में मन से प्रेरणा मिली। मंटू में अपना कार्य अध्यापिका को दिखाया था और उन्होंने मंटू की तारीफ भी की थी। लेकिन मंटु को खुशी नहीं हुई। मंटू ने सारी बात अध्यापिका को बताई। इसके बाद मंटु को काफी खुशी हुई। इस बात से प्रेरणा लेकर मंटु ने अपनी मां को सारी बात बताई।
II.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ दस वाक्यों में लिखिएl
1.) अपराध स्वीकार कर लेने के बाद मम्मी और अध्यापक ने मंटू के संबंध में क्या सोचा होगा?
जब मंटू नहीं अपराध स्वीकार किया उसके मम्मी और अध्यापक ने सोचा होगा, कि मंटू ने अच्छे संस्कार आत्मसात कर लिए है। उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली। इसलिए उसकी मां और अध्यापिका खुश हो गई होगी। मंटू मन का अच्छा है म। उसने सच बोला, अपना अपराध स्वीकार कर लिया। यहीं इन्होंने सोचा होगा।
2.) मंटू का चरित्र चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
मंटू एक अच्छा लड़का है उसने रसगुल्ला और चीकू अपने ही घर में चोरी से खा लिया।इसलिए वह खुद को गुनेहगार मान लेता है। उसका मन बेचैन सा रहने लगता है, कि उसके गलती की है मां को बताए बिना उसने रसगुल्ला और चीकू खा लिया। मंटू अपनी गलती अध्यापिका और अपने मां के सामने कबूल करता है। के उसने चोरी से रसगुल्ला और चीकू खा लिया था। इससे पता चलता है कि मंटु तो मन स्वच्छ है। उस पर अच्छे संस्कार है। अगर वह अपनी गलती छुपा लेता तो किसी को पता नहीं चलता कि उसने क्या किया है। लेकिन उसने अपनी गलती मान ली और अध्यापिका को बता दिया। इससे पता चलता है कि मंटू अपनी गलती स्वीकार करता है और उससे सुधारता भी है।
सूजनात्मक कार्य
पाठ के आधार पर मंटू मम्मी और पम्मी का वार्तालाप लिखिए।
मंटू पाठशाला से लौटा है। और देखता है कि मम्मी दरवाजे पर खड़ी नहीं है। मंटु को तो जोरों से भूख लगी थी। सामने में मेज पर कई तरह के पकवान रखे हुए थे। मंटू को भूख लगी थी। इसलिए उसने रसगुल्ला और चीकू उठाकर खा लिए।
पम्मी- अरे मंटू तुम स्कूल से आ गए और मां कहां है? अरे तुम उदास क्यों हो? बोलो ना! मां कहां है ? तुम्हें पता है आज अशोक चाचा चाय पर आने वाले है। मां उनके लिए बहुत सारे पकवान बना रही है।
मां- अरे मंटू तुम आ गए। मैं तो बाजार गई थी। तुम्हारी अशोक चाचा के लिए बर्फी लाने। उन्हे पसंद है ना। वह आ रहे हैं। चलो अब जल्दी से फ्रेश हो जाओ। मैं तुम्हारे लिए नाश्ता तैयार करती हूं। तुम्हें भूख भी लगी होगी ना।
अध्यापक- मंटू तुमने अपना होमवर्क बहुत अच्छे से किया है और मेहनत करो।
मंटू – मास्टर जी यहां होमवर्क मैंने नहीं किया है उसमें से कई सवाल मेरे मम्मी ने किए है।
अध्यापक – कल तुमने मा से पूछ कर की होमवर्क किया अगली बार तुम खुद से कर लेना मुझे इस बात की खुशी है कि तुमने सच बोला।
मंटू – ठीक है मास्टरजी मैं हर वक्त कोशिश करूंगा कि मैं खुद से ही मेरा अभ्यास करु।
मंटू – मां मैंने कल की एक बात नहीं बताई है।
मां – कौन सी बात बेटे ?
मंटू – कल मैं जब घर आया तब तुम मुझे दरवाजे पर नहीं दिखी और मुझे बहुत भूख लगी थी। इसलिए तुमसे बिना पूछे मैंने मेज पर रखे हुए पकवानो में से रसगुल्ला और चीकू खा लिए।
मां – कोई बात नहीं बेटे, चोरी करना गलत बात है, तुमने उसे कबूल किया है। देर से ही सही तुमने मुझे बताया जरुर। अगली बार ऐसा मत करना। लेकिन तुम्हे यह सब करने के लिए किसने कहा?
मंटू- किसी ने नहीं कहा मम्मी। लेकिन हां कोई तो मुझसे कह रहा था, कि तुम्हारी गलती है, तुम्हारी गलती है। शायद मैंने जो चीकू और रसगुल्ला खाया था, वही पेट में बोल रहे थे।
मां – यह किसी और की नहीं तुम्हारी आवाज की जो तुम्हें गलत करने से रोक रही थी।
मंटू – मां मैंने मास्टर जी से भी कह दिया कि कल का होमवर्क मैंने नहीं तुमने किया था।
मां – अरे वाह! तुम तो मेरे अच्छे बच्चे हो।
प्रशंसा
अपनी गलती मान लेना अच्छे लोगों की निशानी है। ऐसा क्यों कहा जाता है। अपने विचार लिखिए।
हम गलती चाहे जानबूझकर करें या अनजाने में करें हमें उससे मान लेना ही अच्छा होता है। गलती छुपाने से कोई फायदा नहीं होता। लेकिन जब हम सच बोलते हैं तो हमारी एक अच्छी छवि बनी रहती है। हमारे पुस्तको में भी कहा गया है कि हमेशा सच बोलो। सच बोलने से हमारा ही फायदा रहता है। हमारी ही गलतियां कम हो जाती है।
भाषा की बात
1.) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
- पेट में चूहे कूदना – भूख लगना
मंटू के पेट में चूहे कूद रहे थे।
- खोए रहना – अपने ही विचार में रहना
दीदी हमेशा खोई खोई रहती है।
- डांट पिलाना – जोर से बात कहना
झूठ बोलने की वजह से पापा ने डांट पिला दी।
- पीट थपथपाना- शाबाश की देना
वर्ग में पहला नंबर आने की वजह से मास्टरजी ने पीठ थपथपाई।
पाठ में आए अप्राणी शब्दों की सूची बनाएं। लिंग लिखिए।
रसगुल्ला- पुल्लिंग
समोसा – पुल्लिंग
चीकू – पुल्लिंग
बर्फी – स्त्रीलिंग
दाल बिजी- पुल्लिंग
दरवाजा – पुल्लिंग
संतरा – पुल्लिंग
मेज- पुल्लिंग
चाय – स्त्रीलिंग
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