MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter विविधा Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter विविधा full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न-
(क) अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) ‘झोपड़ों में ही हमारा देश बसता है’ से क्या आशय है?
अन्य देश आज प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं, वह अपने अपने कार्यों में उन्नति के राह पर चल रहे है और भारत की जनता आज भी झोपड़ों में रह रही है।
2.) कवि ने वासना को साँप क्यों कहा है?
जिस तरह सांप हर किसीको डसता रहता हैं उसी तरह वासना भी हर एक को सिर्फ डसती रहती है।
3.) कवि को घर की याद क्यों आ रही है?
कवि को घर की याद आ रही है क्योंकी कवि जेल में है और बरसात का मौसम चल रहा है
4.) कवि घर पर किसके द्वारा संदेश भेजना चाहता है?
बरसात के जो बादल होते है उनके माध्यम से कवि घर पर संदेश भेजना चाहते है।
5.) ‘दीनता की उपासना’ से क्या आशय है ?
अपना स्वाभिमान छोड़ देना, हर वक्त चापलूसी करना दीनता की उपासना’ से यह आशय है
6.) स्वामी के पीछे-पीछे कौन पूंछ हिलाता है?
भोजन की लालसा में अपने मालिक या स्वामी के पीछे पीछे कोई जानवर या कुत्ता पूंछ हिलाता है।
7.) पिंजड़े में किसे बंद रखा जाता है ?
शेर को पिंजरे में बंद रखा जाता है।
8.) बंधी हुई जंजीर किस के गले में आभरण का रूप धारण करती है ?
जो अपना स्वाभिमान छोड़कर रहता है सिर्फ अपने स्वामी के या मालिक के पीछे-पीछे घूमता रहता है उसके गले में जंजीर बंधी हुई होती है लेकिन वह जंजीर उसे किसी आभूषण के जैसे लगती है।
(ख) लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) कवि ने वासना के पहले कौन-कौन से विशेषण प्रयुक्त किये हैं और क्यों?
लोलूप और विषैली इन विशेषणों का प्रयोग कवि ने वासना के पहले किया है, क्योंकि गांव के लोग भोले भाले होते हैं और उनके भोलेपन का फायदा यह शहर के लोग उठाते हैं उन्हें ललचाते है।
2.) ‘सभ्यता का भूत और संस्कृति की दुर्दशा’ के विषय में अपने विचार लिखिए।
आजकल शहर में जो लोग रहते हैं वह लोग पश्चिमी संस्कृति को अपनाते हैं हमारी भारतीय संस्कृति को यह लोग भूल रहे हैं। पश्चिमी संस्कृति की वजह से भारतीय संस्कृति की दुर्दशा होती जा रही है। गांव के लोग भोले भाले होते हैं उन्हें चलाकी धूर्त पन यह बातें समझ में नहीं आती। शहर के लोग इन लोगों को फसाते हैं।
3.) ‘कवि ने अपनी माँ की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया है?
कभी की मां पढ़ी-लिखी नहीं थी। वह अनपढ़ थी। लेकिन कवि कहते हैं कि उसके गोद में कर रखने से वह अपने सारे कष्ट को सारे दुखों को भूल जाते थे। वह अनपढ़ थी लेकिन मुझे जो दुख थे उन्हें वह पहचान लेती थी।
4.) पिताजी की सक्रियता को कवि ने किस रूप में देखा है ?
कवि कहते हैं कि मेरे पिताजी वृद्ध हो चुके हैं लेकिन उन्हें वृद्धपन की कोई भी निशानी नहीं है। आज इस उम्र में भी वह दौड़ सकते हैं खिलखिला सकते हैं। उनमें शेर से लड़ने की भी हिम्मत है।
5.) कवि अपने आपको अपने पिता के सामने किस रूप में रखना चाहता है?
कभी अपने पिता के सामने अपना अच्छा लेकर जाना चाहते हैं। कभी अपने पिता को यह नहीं दिखाना चाहते कि वे दुखी है। दे अपने पिता को यह दिखाना चाहते हैं कि उनका वजन अब 70 किलो हो गया है। वह सूत कताई करते हैं। उन्हें खाने के लिए भी अच्छा भोजन मिलता है। उनकी जिंदगी जेल में भी अच्छी गुजर रही है
6.) स्वाधीनता और पराधीनता में क्या अन्तर है ?
स्वाधीनता मतलब अपने आप पर निर्भर रहना और पराधीनता मतलब किसी दूसरे के अधीन रहना। जब हम अपने आप पर निर्भर होते हैं हमारा नियंत्रण अपने आप पर रहता है। लेकिन जब हम दूसरों के अधीन रहते हैं तब जैसा वह चाहे वैसा हमें करना पड़ता है।
7.) शेर पिंजड़े में बंद रहते हुए भी स्वाभिमान और स्वतंत्रता की रक्षा कैसे करता है ?
शेर पिंजरे में बंधा रहते हुए भी अपने स्वाभिमान और स्वतंत्रता की रक्षा कर लेता है। वह अपने गले में पट्टा कभी भी बनी नहीं देता। वह अपने मालिक के पीछे दो नहीं मिला था बल्कि स्वाभिमान से वह पूछ हिलता रहता है।
8.) श्वान स्वाधीनता का मूल्य नहीं समझता है। कैसे ?
शिवांश स्वाधीनता का मूल्य नहीं समझता जो व्यक्ति उसे रोटी दे देता है उसे खाने के लिए देता है वह उसका मालिक बन जाता है इस मलिक के पीछे वह अपनी पूछे लाते हुए फिर घूमते रहता है। वह मालिक उसका स्वामी बन जाता है और वह स्वामी जो कहता है तरह से वह श्वान करता रहता है
9.) श्वान को कौन-सी बात नहीं चुभती है ?
श्वान अपने मालिक के पीछे अपनी दुम हिलाकर घूमता रहता है। वह मालिक उस को दो वक्त का खाना देता है। इस के लिए वह अपने गले में पट्टा भी बांध लेता है। यह उसे चुभता नही। बल्कि उसे आभूषण लगता है।
(ग) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.) हमारी ग्रामीण संस्कृति को शहरी बुराइयाँ प्रभावित कर रही है. स्पष्ट कीजिए।
भारतीय जनता गांव में रहने वाली है। भारत की 70% जनता आज के गांव में रहती है गांव के लोग अनपढ़ होते हैं उन्हें चालक की समझ में नहीं आती। शहर के लोग इसी बात का फायदा उठाते हैं। शहर के लोग दूर होते हैं। यह गांव के भोले भाले लोगों को फसाते हैं। शहरी जीवन में विदेशी संस्कृति का प्रभाव बहुत है। इसी विदेशी संस्कृति की वजह से शहरी लोग भारतीय संस्कृति भूलते जा रही है। इसी प्रभाव में आकर वह अपनी संस्कृति भूलकर लोगों को फसाते रहते है।
2.) निम्नलिखित पंक्तियों को प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए-
अ.) इन्हीं के मर्म को अनजान
शहरों की ट्रैकी लोलुप विषैली
वासना का साँप डसता है।
कभी कहते हैं कि शहरों के लोग अत्यंत चालक और दूर तक होते हैं वह अपनी वासना की पूर्ति के लिए गांव के लोगों को फसाते हैं। अपनी विषैली नजर उन पर डालते हैं।
ब.) इन्हीं में लहराती अल्हड़ अयानी
संस्कृति की दुर्दशा पर
सभ्यता का भूत हँसता है।
शहरों में रहने वाले लोगों पर विदेशी संस्कृति का प्रभाव होता है। इसी प्रभाव में आकर वह गांव के भोले भाले लड़की को लोगों को फसाते हैं और अपने वासना का शिकार बनाते हैं। गांव के लोग अज्ञानी होते हैं। इनके अज्ञानता पर शहरी लोगों के वासना का भूत हंसता है।
स. ) पाँव जो पीछे हटाता, कोख को मेरी लजाता।
इस तरह होओ न कच्चे, रो पड़ेंगे और बच्चे,
कभी मिश्रा जी कहते हैं कि मेरी मां मैं जेल में आराम से रह रहा हूं यह देखकर खुश होती होगी। मैंने अपने माता-पिता की इच्छा से ही भाग लिया था। मेरी मां मेरे पिता को समझाती होगी कि आप इतना दुखी क्यों हो रहे हो हमारे पुत्र ने हमारी इच्छा का मान रखा है। आपका ही तो वर्ष आगे बढ़ा रहा है के मन में देश के प्रति प्रेम भावना है।
3.) हमारा देश कविता के काव्य सौन्दर्य पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
कबीर ने हमारा देश इस कविता में शायरी भाग और ग्रामीण भाग के संस्कृत पेपर प्रकाश डाला है। वह कहते हैं कि शहरी लोग धूर्त होते हैं अपने विषय निवास में वह गांव के भोले भाले लोगों को फसाते हैं। उन पर विदेशी संस्कृति का प्रभाव है और इस वजह से वह अपने भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं।
4.) शेर स्वाभिमानी और श्वान दीनता एवं पराधीनता स्वभाव का होता है। इसे आप कैसे सिद्ध करेंगे ?
शेर जंगल का राजा है। अगर वह पिंजरे में बंद रहता है इसका मतलब यह नहीं कि वह निर्बल है। वह प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपना स्वाभिमान ढलने नहीं देता वह अपने मालिक के सामने स्वाभिमान से अपनी पूंछ खड़ी करता है। दो वक्त की रोटी के लिए अपने मालिक के पीछे घूमता नहीं रहता
इसके उल्ट श्वान जो होता है वह दो वक्त के खाने के लिए अपने गले में पट्टा भी बांध लेता है। वह अपने मालिक स्वामी के पीछे-पीछे भागता रहता है। उसके गले में जो पट्टा होता है वह उसे अलंकारों की तरह लगता है।
5.) निम्नलिखित पंक्तियों की प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए-
अ. बंधन को प्राप्त हुआ सिंह
पिंजड़े में भी
बिना पट्टा ही घूमता रहता है। उस समय उसकी पूँछ
ऊपर ही तनी रहती है
अपनी स्वतंत्रता स्वाभिमान को
कभी किसी भांति आंच नहीं आने देता, वह
शेर जो होता है वह जंगल का राजा होता है । अगर किसी कारणवश बहुत पिंजरे में बंद रहता है तो भी वह अपने स्वाभिमानी स्वभाव को गिरने नहीं देता। उसके गले में वह कभी पट्टा नहीं बांध लेता हर वक्त उसकी पूछ स्वाभिमान से तनी रहती है। दो वक्त के खाने के लिए वह अपने मालिक के सामने पूछ हिलाते हुए नहीं फिरता वह अपने स्वाभिमान पर कभी आंच नहीं आने देता।
काव्य सौंदर्य
1.) निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
सोने में सुहागा होना, कोस लजाना, आँच न आने देना, पीछे-पीछे पूँछ हिलाना।
सोने में सुहागा होना –
मिली की गरीब परिस्थिति देख उसे शिक्षकों ने किताबे दे दी। इसके साथ साथ उसे नई कॉपी भी मील गई। जैसे सोने पे सुहागा हो।
कोस लजाना-
आजकल के युवा बोलते वक्त मर्यादाओ का ध्यान नहीं रखते और अपने मां के कोस को लजाते हैं।
आँच न आने देना –
भारत के सुपुत्र में भारत मां पर आंच नहीं आने दी।
पीछे-पीछे पूँछ हिलाना –
अंग्रेजों के पीछे कुछ भारत के लोग पूँछ हिलाते थे।
2.) निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
साँप, माँ, पिता, घर, नैन
सांप – सर्प
मां- धात्री, माता
पिता – पितृ
घर – गृह, सदन
नैन – नयन, चक्षु
3.) निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचान कर लिखिए-
1.) घर कि घर में चार भाई
अनुप्रास अलंकार
2.) चार भाई चार बहिनें
अनुप्रास अलंकार
3.) गया है सो ठीक ही है, यह तुम्हारी लीक ही है
रुपका अलंकार
4.) स्वामी के पीछे-पीछे पूँछ हिलाना
अनुप्रास अलंकार
4.) निम्नलिखित पंक्तियों में निहित भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-
1.) पराधीनता दीनता वह श्वान को चुमती नहीं
कवि कहते हैं कि परतंत्रता या पराधीनता का सबसे बड़ा उदाहरण स्वान है वह अपने मालिक के पीछे दो वक्त के खाने के लिए पंच हिलाते हुए घूमता फिरता है। वह अपने गले में पट्टा बांध लेता है। उसे वह पट्टा अलंकारों की तरह लगता है।
2.) शहरों की ढँकी लोलुप विषैली वासना का साँप हँसता है,
शहरों में विदेशी संस्कृति फैल रही है इस परदेसी संस्कृति का प्रभाव शहरी लोगों पर बहुत ज्यादा है। इसी प्रभाव में आकर यह शहरी लोग गांव के भोले भाले लोगों को फास्ट हैं और अपने वासना का शिकार बनाते हैं यह जो विषैली वासना का सांप है वह इन लोगों पर हंसना है।
3). पाँव जो पीछे हटाता, कोख को मेरी लजाता
मां को अपने पुत्र पर बहुत अभिमान है वह अपने देश के लिए जेल में गया है। उसकी मां कहती है कि अगर मेरा बेटा अपना कदम पीछे ले लेता तो मेरी कोख लज्जित हो जाती l। मुझे मेरे बेटे पर बहुत अभिमान है।