MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter वात्सल्य भाव Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter वात्सल्य भाव full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
अभ्यास
बोध प्रश्न
(क) अति लघु उत्तरीय प्रश्न:-
1.) कवि ने कौए के भाग्य की सराहना क्यों की है?
कवि को भगवान का स्पर्श मिल गया है इस वजह से कवि ने कौवे के भाग्य की सराहना की है क्योंकि यह बड़े-बड़े भक्तों को भी भगवान का स्पर्श प्राप्त नहीं होता।
2.) डिठौना किसे कहते हैं?
छोटे बच्चों को नजर ना लगे इसीलिए मां अपने बच्चों के माथे पर काजल का तीट लगा देती है या घेरा बना देती है इसे डिठौना कहा जाता हैं।
3.) बचपन की याद किसे आ रही है?
कवायत्री सुभद्रा कुमारी चौहान को अपने बचपन की याद आ रही है।
4.) बच्ची माँ को क्या खिलाने आई थी?
बच्ची मां को मिट्टी खिलाने आई थी।
5.) ऊँच-नीच का भेद किसे नहीं है, और क्यों?
उच्च नीच का भेद का ज्ञान छोटे बच्चों को नहीं होता क्योंकि उनकी बुद्धि, मन निर्मल होता है।
(ख) लघु उत्तरीय प्रश्न:-
1.) कवि रसखान बाल कृष्ण की छवि पर क्या न्यौछावर कर देना चाहते हैं?
श्री कृष्ण की सुंदर सी छोटी गुंथी गई है उन्होंने पीले रंग की कछौटी पहनी है और उनके पैरों में पायल खनक रही है। कवि रसखान कहते हैं कि बालक श्री कृष्ण के शरीर पर मिट्टी लगी हुई है। लेकिन वह इतनी सुंदर दिख रहे हैं कि कवि रसखान करोड़ों कामदेवों का सौंदर्य उन पर न्योछावर करना चाहते हैं।
2.) कवयित्री ने बचपन के आनन्द को पुनः कैसे पाया?
कवयित्री अपनी बेटी के साथ वह जैसा बोलता है वैसा ही टोटली बोलने लगती है उसके साथ फिर से खेल खेलने लग जाती है इस तरह से कवयित्री अपने बचपन के आनंद को पुनः पाती है।
3.) उस पंक्ति को लिखिए जिनका आशय है-
(क) सुखी जसौदा का पुत्र करोड़ों वर्ष जीवित रहे।
बाको जियौ जुग लाख करोर
(ख) बचपन के आनन्द को कैसे भूला जा सकता है?
कैसे भुला जा सकता है, बचपन का अतुलित आनंद
(ग) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:-
1.) यशोदा माँ बालक कृष्ण को किस प्रकार सजाती सँभालती है ?
यशोदा मां बालक श्री कृष्ण को स्नान करती है और उसका श्रृंगार करती है। उसके शरीर पर तेल मालिश करती है आंखों में उनके काजल लगाती है वैसे ही मस्तक पर भी काजल का डिठौना लगा देती है और उनकी भौंहे भी बनती है। इस तरह यशोदा मां बालक कृष्ण को सजाती संभालती है।
2.) धूल में लिपटे बाल कृष्ण की शोभा का वर्णन कीजिए।
बालक श्री कृष्णा दिल धूल में लिपटे हुए बहुत सुंदर लग रहे हैं। उनके बालों की चुटिया बनाई हुई है, उनके पैरों में पैंजनी बज रही है और उन्होंने पीली कछौटी भी पहनी हुई है।
3.) ‘मेरा नया बचपन’ कविता का मुख्य भाव अपने शब्दों में लिखिए।
मेरा नया बचपन इस कविता में मां अपने बेटे के माध्यम से अपना बचपन की रही है। अपनी बेटी के विविध क्रीड़ाओं को देखकर उसे अपना बचपन याद आता है। इस कविता में वात्सल्य भाव को दिखाया गया है।
4.) रसखान और सुभद्रा कुमारी चौहान के ‘वात्सल्य’ में क्या अन्तर हैं?
रसखान धूल मिट्टी से सने हुए श्री कृष्ण का वर्णन करते हैं और सुभद्रा कुमारी चौहान अपनी बिटिया के बाल लीलाओं को देख कर वात्सल्य भाव का वर्णन करती हैं।
5.) निम्नलिखित काव्यांश की प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए-
अ- वह भोली सी मधुर सरलता, वह प्यारा जीवन निष्पाप ।
क्या फिर आकर मिटा सकेगा, तू मेरे मन का सन्ताप
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान कहती है की ओके जब मैं छोटी थी तब मेरा जीवन सुख से भरा हुआ और दुख भी रहित था। मेरा जीवन पाप से वंचित था। क्या यह जीवन मुझे फिर से मिल सकेगा। वह अपने बचपन को याद कर रही थी तभी उसकी बेटी जाकर उसके साथ बोलती है और अपने बेटी को देख कवयित्री को अपना बचपन याद आता है।
आ. मैं भी उसके साथ खेलती खाती है, तुतलाती हूँ।
मिलकर उसके साथ स्वयं, मैं भी बच्ची बन जाती हूँ ।।
कवित्री सुभद्रा कुमारी चौहान रहती है कि मैं भी अपने बेटी के साथ खेलता हूं उसके जैसे ही बात करती हो उसके साथ खाना खाती हूं। जब मैं उसके साथ यह क्रियाएं करती हूं तब मुझे अपना बचपन याद आता है मैं खुद ही बच्ची बन जाती हूं।
ई. आजु, गई हुती भोर ही हों, रसखानि रई वहि नन्द के भौनहिं
वाको जियो जुग लाख करोर, जसोमति को सुख जात कह्यो नहि ।
एक गोपी सुबह-सुबह नंद बाबा के महल में गई थी उसने वहां पर श्री कृष्ण को दिखा उसके साथ यशोदा मां भी थी। उन दोनों को देखकर उसे बड़ा सुख प्राप्त हो गया। वह गोपी अपने सखी दूसरी गोपी से कहती है कि यशोदा माता का वह पुत्र श्री कृष्णा जुग जुग जिए लाखों करोड़ों वर्षों तक वह जीवित रहे। उसके साथ रहते हुए माता यशोदा बड़ी प्रसन्न रहती है और उसके इस प्रसन्नता को हम शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते। आगे वह गोपी कहती है कि यशोदा माता अपने बेटे श्री कृष्ण को स्नान कराती है, उसके शरीर पर तेल लगाती है, उसके नेत्र में और माथे पर काजल का टीका लगा देती है और उसे सोने का हार पहना देती है।
6.) कवयित्री ने बचपन के आनन्द को अतुलित आनन्द क्यों कहा है?
बच्चों का जीवन चिंता से रहित होता है। वह अपना बचपन खेलकूद में बिताते हैं उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता नहीं रहती। बच्चे बहुत निष्पाप होते हैं उन्हें उच्च नीच छोटे बड़े इन बातों का ज्ञान नहीं होता। वह हर वक्त खुश रहते हैं। बच्चों के आने से परिवार भी आनंदित हो जाता है। इस वजह से कवयित्री ने बचपन के आनंद को अतुलित आनंद कहा है।
काव्य सौन्दर्य-
1.) निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी मानक रूप लिखिए-
हाँ, जियौ, जुग, आजू, काओ।
हाँ – मैं
जियौ – जीवित रहना
जुग – युग
आजू – आज
काओ -खाओ
2.) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
जीवन, ऊँच, पाप
जीवन – मरण
ऊंच – नीच
पाप – पुण्य
3.) निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचान कर लिखिए-
(क) नन्दन-वन-सी फूल उठी वह छोटी-सी कुटिया मेरी ।
उत्तर – उपमा अलंकार
(ख) बार-बार आती है मुझको, मधुर याद बचपन तेरी
उत्तर – पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
(ग) मैं बचपन को बुला रही थी, बोल उठी बिटिया मेरी ।
उत्तर – मानवीकरण
(घ) भूरि भरि अति सोभित स्यामजू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।
उत्तर – अनुप्रास अलंकार
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) काग के भाग बड़े सजनी हरि-हाथ सौं ले गयो माखन रोटी।
कवि रसखान कहते हैं कि बड़े-बड़े भक्त होते हैं लेकिन वह भगवान का दर्शन तक नहीं कर पाए लेकिन कौवे के भाग बड़े अच्छे हैं जो उसे भगवान का स्पर्श मिलता है इस वजह से कौवे के भाग मनुष्य के भाग्य से भी ऊंचे हैं।
(ख) डारि हमेल निहार निहारत वारत ज्यों पुचकारत छौनहिं
एक गोपी सुबह-सुबह नंद बाबा के घर गई थी और उसने यह देखा की मां यशोदा अपने बालक कृष्ण को सजा रही है, इसी के साथ उसे कुछ कर भी रही है इस पर वह बहुत आनंदित होती है और कहती है कि ऐसे प्रसंग अगर हमें देखने मिल जाए तो हम इस पर स्वर्ण चरित्र का हार भी न्योछावर कर सकती है।
(ग) पाया बचपन फिर से मैंने बचपन बेटी बन आया।
कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान अपनी बिटिया के बचपन में अपने बचपन को याद करती है। वह बहुत आनंदित होती है कि उसने अपने बेटी के बचपन में अपने बीत गए बचपन को पा लिया वह कहती है कि मेरी ही बेटी मेरा बचपन बनकर आ गई है।
(घ) बड़े-बड़े मोती से आँसू, जयमाला पहनाते थे।
कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का रही है कि जब हम बचपन में रोने लगते थे तब हमारे आंखों से बड़े-बड़े आंसू निकल आते थे और वह आंसू जयमाला की तरह लगते थे।
5.) कविता में उपमा अलंकार की बहुलता है। पढ़िए और उपमा अलंकार रेखांकित कीजिए।
बड़े-बड़े मोती से आंसू जयमाला पहनते थे।
वह भोली सी मधुर सरलता वह प्यार जीवन निष्पाप।
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