MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter नारियल Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter नारियल full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) लेखक के अनुसार अनुष्ठान के मांगलिक द्रव्यों की सूची में कौन सी चीज है, जो अवश्य रखी जाती है?
लेखक के अनुसार अनुष्ठान के मांगलिक द्रव्यों की सूची में नारियल यह चीज है, जो अवश्य रखी जाती है?
2.) नारियल कहाँ का वृक्ष है ?
नारियल उष्ण कटिबंधीय का वृक्ष है ।
3.) नारियल का फल कैसा होता है ?
नारियल का फल ऊपर से कठोर होता हैं पर अंदर से रसभरा होता हैं।
4.) वंश शब्द के क्या अर्थ हैं ?
पुत्र और बांस यह दो अर्थ वंश शब्द के है।
5.) भारवि के काव्य की प्रशंसा में मल्लिनाथ की उक्ति क्या है ?
भारवि की गंभीर वाणी नारियल की तरह है। नारियल जैसे अंदर से रसभरा और बाहर से कठिन होता हैं वैसे ही भारवि की वाणी है। भारवि के काव्य की प्रशंसा में मल्लिनाथ की उक्ति यह है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) तामिलनाडु में लेखक को क्या-क्या देखने को मिला ?
तमिलनाडु में लेखक को भारत के समुद्र की तट रेखा देखने मिल गई। इस समुद्र की तट रेखा पर बड़ी छाह पड़ी हुई थी यह छाह नारियल के पेड़ों की थी।
2.) नारियल को पिता के प्यार से जोड़ने के पीछे जो दृष्टि है वह क्या है और क्यों ?
नारियल को पिता के प्यार से जोड़ने के पीछे लेखक की यह दृष्टि है गहरी है। पिता का प्रेम अनुशासन प्रेम होता है। पिता हमें हमेशा यह दिखाता है कि वह कठोर है लेकिन उनके मन मैं सभी को प्रेम और सुख देने की इच्छा होती है। पिता का स्वभाव ऐसा होता है तभी सभी का जीवन सार्थक हो जाता है।
3.) नारियल के भाव बन्धन से लेखक का क्या तात्पर्य है ?
नारियल के भाव बंधन से लेखक का तात्पर्य यह है कि जिस व्यक्ति को हम फूड से मानते हैं अपनी श्रद्धा उसी के प्रति रखते हैं उसे व्यक्ति को हम नारियल देते हैं इसके पीछे हमारी श्रद्धा होती है। इस के पीछे यह भावना है कि हमारे जीवन में भी श्रद्धा की भावना आ जाए। क्योंकि जो व्यक्ति श्रद्धा से भरा हुआ होता है उसे व्यक्ति का जीवन कभी रुकता नहीं। वह व्यक्ति हमेशा आगे बढ़ता रहता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.) निम्नलिखित गद्य खण्डों की संदर्भ एवं प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए-
अ.) इसमें वह कठोरता नहीं जो ताप सह सके, जो इसमें अनेक प्रकार की कुत्सित दृष्टियों को झेलने के लिए अभेद्य कवच न हो साथ ही उसमें तीसरी आँख न हो।
संदर्भ – यह गद्यांश नारियल इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक पं. विद्यानिवास मिश्र है।
प्रसंग – नारियल में जो भावनाएं छिपी हुई होती है उन भावनाओं पर लेखक ने इस पाठ में प्रकाश डाला है।
व्याख्या – नारियल का उपयोग हम लोग मंगल कार्य में करते हैं मंगल मतलब अच्छे, मधुर इस नारियल में मधुरता है वैसे ही कठोरता भी है। क्यों की अंदर जो मधुरता है वह तभी सुरक्षित रहेगी जब वह बाहर से कठोर हो जाएगा। नारियल की तीन आंखे होती है ताकि उस पर कोई बुरी दृष्टी न डाल सके।
ब.) कठोरता के बिना मधुरता सुरक्षित नहीं रहती। ताप के बिना द्रव नहीं बनता।
संदर्भ – यह गद्यांश नारियल इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक पं. विद्यानिवास मिश्र है।
प्रसंग – लेखक यह पर नारियल की विशेषताएं बताते हैं।
व्याख्या – लेखक कहते है की सिर्फ मधुर होने से कुछ नहीं होगा। हमे हमारे अंदर कठोरता भी लानी होगी। तभी हमारी मधुरता सुरक्षित रह सकेगी। जब हम बहुत कष्ट सहन करते हैं तभी हमारे अंदर मधुर रस का जन्म होता है। इसलिए मनुष्य को भी नारियल की तरह ही ऊपर से कठोर और अंदर से मधुर होना चाहिए।
स.) ऋतुचक्र का अवतरण सबसे पहले वनस्पति जगत पर ही होता है।
लेखक कहते हैं की ऋतु चक्र का “सबसे पहले वनस्पति जगत पर ही होता है। इसका मतलब यह है कि कौन सी ऋतु कब आएगी इसकी जानकारी सबसे पहले वनस्पतियों को होती है। सरसों के फूल फूलते हैं या फिर पेड़ों पर नए-नए पट्टे आते हैं तब बसंत ऋतु आ रहा है इसकी सूचना मिल जाती है।
2.) ‘नारियल’ विषय पर संक्षिप्त आलेख लिखिए।
भारत में नारियल इस फल का स्थान विशेष है। सभी मंगल कार्यों की शुरुआत नारियल से ही होती है। सभी शुभ मुहूर्त पर नारियल ही इस्तेमाल किया जाता है। यह फल समुद्र तटों पर बहुत देखा जाता है। यह बाहर से कठोर होता है तो अंदर से मधुर होता है। लेखक कहते हैं कि हमें भी ऐसे ही होना चाहिए सिर्फ मधुर होने से कुछ उपयोग नहीं होता। अगर हमें वह मधुरता हमेशा अपने साथ रखनी है तो हमें बाहर से नारियल जैसा कठोर भी होना होगा। नारियल की तुलना लेखक ने पिता से की है। क्योंकि हमारे पिता भी बाहर से कठोर होते हैं अनुशासन प्रिय होते हैं और अंदर से मधुर होते हैं वह अपने साथ-साथ अपने परिवार के लोगों का जीवन भी सूखी बनाना चाहते हैं।
3.) ‘पिता’ की तुलना नारियल के किस प्रकृति विशेष से की है और क्यों ?.
लेखक ने पिता की तुलना नारियल से की है क्योंकि पिता भी नारियल की तरह ही अंदर से मधुर और बाहर से कठोर होते हैं। अपने परिवार के सुखी संपन्न जीवन के लिए उन्हें बाहर से कठोर रहना पड़ता है। वह अनुशासन प्रिय होते हैं। अपने परिवार का हिट और कल्याण करने के लिए उन्हें यह भावनाएं लानी पड़ती है।
भाषा अध्ययन
1.) निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
सारचकता, रितु रिणीयों, मधूर
सार्थकता
रितु
ऋणियों
मधुर
2.) निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी मानक रूप लिखिए:
पिपरा, इमलिया
पिपरा – पीपल
इमलिया – इमली
3.) निम्नलिखित शब्दों के विलोम रूप लिखिए-
सिंचन, तपन, भोग, गाँव, मधुर
सिंचान -असिंचन
तपन – ठंडा, शीत
भोग – योग
गांव – शहर, नगर
मधुर – कड़वा
4.) निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
वंशवृक्ष –
हर वनस्पति का अपना-अपना वंशवृक्ष होता है
वनस्पति –
सारी वनस्पति या औषधि होती है।
मधुरता-
आम यह फल मधुरता से भरा हुआ होता है।
पीढ़ी-दर-पीढ़ी –
हम हमारे रीति रिवाज पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते हैं।
अभिनन्दन –
जब कोई अपने जीत के बारे में कहता है तो हमें उसका अभिनंदन करना चाहिए।
5.) निम्नलिखित शब्दों में रूढ़, यौगिक और योग रूढ़ शब्द अलग-अलग कीजिए।
नव- वधु, उद्यान – विज्ञानी, विरूप, विश्व, मंत्र, लता, हिमालय
रूढ़ शब्द -विरूप, विश्व, मंत्र, लता
यौगिक शब्द – नव- वधु, उद्यान – विज्ञानी
योग रूढ़ शब्द – हिमालय
Also See: दीपदान Class 9 Question Answer