MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter दीपदान Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter दीपदान full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) पत्रा कौन थी ?
राजासिंहासन के उत्तराधिकारी महाराणा सांगा के पुत्र कुंवर उदय सिंह की धाय पन्ना थी।
2.) चित्तौड़ में दीपदान का उत्सव क्यों मनाया जा रहा था
बनवीर की षडयंत्र द्वारा चित्तौड़ में दीपदान का उत्सव मनाया जाता है।
3.) पत्रा किसका बलिदान करती है?
पन्ना अपने पुत्र चंदन का बलिदान करती है।
4.) चित्तौड़ का कुलदीपक कौन था ?
सज परिवार का एकमात्र पुत्र कुंवर उदय सिंह चित्तौड़ का कुल दीपक था।
5.) बनवीर कौन था? और यह कुंअर जी को क्यों मारना चाहता था ?
महाराणा सांग के छोटे भाई पृथ्वी सिंह की एक दासी थी उसका पुत्र बलवीर था। राज्य प्राप्त करने की उसकी महत्वाकांक्षा थी। इस वजह से उसने एक षड्यंत्र रचा था षड्यंत्र द्वारा वह उदय सिंह की हत्या करके खुद राजा बनना चाहता था।
लघु उत्तरीय प्रश्न :
1.) कीरत ने उदयसिंह की सहायता किस प्रकार की ?
किरात उदय सिंह के महल में झूठ पत्तल को उठाने का काम करता था। वह एक सेवक था। राजभक्त था। कीरत नारी जाति का था। पन्नाधाय को बनवीर ने जो षड्यंत्र रचा था उसके बारे में पता लगता है। तो वह उदय सिंह को झूठी पत्तलों में छुपा कर राजमहल के बाहर जो बनास नदी थी उसके किनारे एक शमशान भूमि थी वहां पर ले जाने का आदेश की रथ को दे देती है। कीरत उसका काम अच्छी तरीके से करता है। इसी तरह उदय सिंह के प्राणों की रक्षा भी हो जाती है।
2.) पन्ना धाय कुँवर उदयसिंह की रक्षा क्यों करना चाहती थी?
कुंवर सिंह का पालन पोषण पन्नाधाय ने किया था मतलब वह उनकी मां ही थी। वह उदय सिंह से बहुत प्रेम करती थी। वहां पर एक दासी पुत्र बनवीर था जो कुंवर उदय सिंह मतलब उसे राज्य के उत्तराधिकार की हत्या करके उसे राज्य का राजा बनना चाहता था। यह उसका मकसद को कामयाब बनाने के लिए दीपदान उत्सव मनाना शुरू कर दिया। लेकिन पन्नाधाय को इस षड्यंत्र के बारे में पता चला। उसने ही दीपदान उत्सव में जाने से उदय सिंह को रोक लिया। इसके लिए उसने अपने पुत्र चंदन के प्राणों का बलिदान दे दिया। इस तरह से कुंवर उदय सिंह की रक्षा हो गई।
3.) उदयसिंह पन्ना धाय से रूठकर क्यों सो गया था ?
पन्नाधाय को बनवीर के द्वारा जो षड्यंत्र रचा गया था उसका पता चलता है। इस वजह से पन्ना कुंवर उदय सिंह को उत्सव में जाने से मना कर देती है। लेकिन उदय सिंह को उत्सव को जाना था। वह उसे उत्सव में लड़कियां नृत्य करने वाली थी। उसे नृत्य को देखने की इच्छा कुंवर उदय सिंह को थी। लेकिन कुंवर उदय सिंह उसे उत्सव में नहीं जा पाता। इसलिए कुंवर बिना भोजन किया अपने शयनकक्ष में रूठ कर सो जाता है।
4.) धाय माँ का उदयसिंह के प्रति वात्सल्य स्पष्ट कीजिए।
धीमा उदय सिंह से बहुत प्रेम करती थी। वह वह अपने बेटे से भी ज्यादा कुंवर सिंह से प्रेम करती थी। यह उसने साबित भी कर दिया। उदय सिंह का वह विशेष ध्यान रखती थी। जब उसे बनवीर के षड्यंत्र का पता चला तब उसने कुंवर उदय सिंह को सुरक्षित जगह पर छिपा दिया और उसकी जगह अपने बेटे के प्राणों की बलि दे दी।
5.) उदयसिंह के विरुद्ध रचे जाने वाले षडयंत्र का आभास पन्ना को कैसे होता है ?
उदय सिंह के विरुद्ध धारा के जाने वाले षड्यंत्र का आभास पन्ना को उसकी दासी सांवली देती है। उसकी दासी सावली पन्ना को कहती है कि बनवीर ने विक्रमादित्य की हत्या कर दी है और वह अब कुंवर उदय सिंह की भी हत्या करने वाला है।
दीर्घ उत्तरीयप्रश्न:
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए –
अ.) “चारों तरफ जहरीले सर्प घूम रहे हैं।”
कुंवर उदय सिंह को दुख दान उत्सव में जाना था। वहां पर जाकर उसे लड़कियों का नृत्य देखना था। उसे उत्सव में उसे भाग लेना था। लेकिन पन्नाधाय उसे जाने नहीं देती। वह उसे रोक लेती है। वह कहती है कि तुम वहां पर नहीं जाओगे क्योंकि चारों तरफ जहरीले सिर्फ घूम रहे हैं वह कभी भी तुम्हें डस सकते हैं।
ब.) दिन में तुम चितौड़ के सूरज हो कुँवर और रात में तुम राजवंश के दीपक हो।
पन्ना कुंवर उदय सिंह को समझती है कि सूरज जिस तरह से उगता है इस तरह तुम्हारा उदय हुआ है इस वजह से तुम्हारा नाम उदय सिंह रखा गया है। इस वजह से तुम दिन में चित्तौड़ के सूरज हो और कुंवर रात में तुम राजवंश के दीपक हो फुल
क.) ‘लाल तुम्हारी माला मैं नहीं गूँथ सकी। तुम्हारा जीवन अधूरा होने जा रहा है तो माला कैसे पूरी होगी’ इस वाक्य में छुपी करुणा को स्पष्ट कीजिए ।
पन्नाधाय को जब पता चलता है कि बनवीर उदय सिंह की हत्या करने वाला है। तब वह उदय सिंह को छुपा कर रखती है। इसमें उसकी मदद कीरत भारी करता है। लेकिन इस बात को छिपाने के लिए पन्नाधाय अपने इकलौते पुत्र चंदन को उदय सिंह के सैया पर सुला देती है। लेकिन चंदन उसे जीत करने लगता है की टूटी माला को गूंथ के दे दे। लेकिन पन्ना रहती है कि मैं इसे कल बना दूंगी। अब उसे पता चलता है कि उदय सिंह के जगह पर चंदन सोया हुआ है और उसकी हत्या बनवीर करने वाला है। इन्हीं विचारों में वह खोई रहती है। और कहती है कि लाल तुम्हारी माल में नहीं गूंथ शक्ति। तुम्हारा जीवन अधूरा होने जा रहा है तो माल कैसे पूरी होगी?
3.) इस एकांकी में निहित पन्ना धाय के त्याग व एकनिष्ठा के भाव का वर्णन कीजिए।
दीपदान इस कहानी के मुख्य पात्र पाना है। उसने अपने पुत्र का भी त्याग कर दिया। और उसके मन में जो स्वामी भक्ति की भावना थी उसे पूर्ति दे दी। वह अपने कर्तव्यों का पालन करती है। उसने अपने पुत्र के प्राणों की बलि दे दी इससे उसका त्याग दिखाई देता है। वह स्वार्थ रहित है।
भाषा अध्ययन
1.) निम्नलिखित शब्दों में से कुछ शब्दों की वर्तनी अशुद्ध है उन्हें शुद्ध कीजिए-
चित्तौड़, प्रस्थान, इर्ष्या, विक्रमादित्य, कुंवरजी, अन्नदाता, भैय्या, अट्ठास, राजपुतानी, शीर्षक, छत्राणी
चित्तौड़
प्रस्थान
ईर्ष्या
विक्रमादित्य
कुंवर जी
अन्नदाता
शैय्या
अट्टहास
राजपूतानी
शीर्षक
क्षत्राणी
2.) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए –
उदय, जीवन, इच्छा, ईर्ष्या, रात
उदय – अस्त
जीवन – मृत्यु
इच्छा – अनिच्छा
ईर्ष्या – प्रेम
रात – दिन
3.) एकांकी में आए शब्द सोना, जाल आदि अनेकार्थी शब्द है पाठ में आए ऐसे ही अनेकार्थी शब्द छाँटकर उनके दो अर्थ लिखिए।
जवान- वानी, तरुण
सूरज- सूर्य, वंश
लाल- रंग, बेटे को या बेटी को प्यार से लाल कहा जाता है।
उजाला- प्रकाश, कुल आगे बढ़ाने वाला
तिनका – घास, सबसे छोटा व्यक्ति, मनुष्य
4.) निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम और तद्भव अलग-अलग करके लिखिए –
शैय्या, कक्ष, सूरज, रात, उदय, दासी, दीपक, प्रस्थान, पुत्र, भोजन, लता, नाच, पैर, पत्थर, सिर
तत्सम शब्द – शैय्या, कक्ष, उदय, दासी, दीपक, प्रस्थान, पुत्र, लता
तत्भव शब्द – सूरज, रात, भोजन, नाच, पैर, पत्थर, सिर
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