MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter जीवन का झरना Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter जीवन का झरना full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न
1.) निर्झर किन गुणों के आधार पर आगे बढ़ता है ?
आगे बढ़ाने के लिए गति और यौवन इन दो गुना के आधार पर निर्झर आगे बढ़ता रहता है।
2.) निर्झर को किन-किन बाधाओं को पार करना पड़ता है ?
अपने मार्ग में जो वृक्ष आते हैं जो चट्टानें आती है इन बाधाओं को उसे पार करना पड़ता है।
3.) निर्झर क्या कहता है ?
निर्झर हमें यह संदेश देता है कि हमें सिर्फ आगे बढ़ते रहना चाहिए। कितनी भी मुश्किलें आ जाए, कितनी भी विपत्तियां आ जाए उनसे लड़कर हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। किसी भी बात की चिंता किए बिना हमें गतिशील रहना चाहिए।
4.) जीवन रूपी निर्झर के दोनों किनारे कौन-कौन से हैं?
जीवन रूपी निर्झर के दोनों किनारे मतलब सुख और दुख। जब व्यक्ति पुण्य करता है तब उसे सुख मिलता है और जब उसका पाप बढ़ता है तब उसे दुख होता है। जिस तरह दिन-रात लाभ हानि यह जोड़ रहते हैं उसी प्रकार सुख और दुख भी जोड़ में ही रहते हैं।
5.) निर्झर की सिर्फ एक ही धुन है वह कौन सी है ?
निर्झर हमेशा गतिशील रहता है और मस्ती में आगे बढ़ता रहता है। कोई भी दुख आ जाए, कौन सी भी विपत्ति सामने खड़ी हो इन बातों की चिंता किए बगैर वह अपने मस्ती में ही गाता रहता हुआ आगे बढ़ता है।
6.) कविता के आधार पर मनुष्य कैसे बढ़ता है?
कविता के आधार पर मनुष्य अपने मुश्किलों को पार करते हुए जीवन में संघर्ष करते हुए आगे बढ़ता रहता है। जिस प्रकार निर्झर अपने मार्ग में आए संकट उनको दूर करके अपना मार्ग तैयार करता है उसे पर आगे बढ़ता है उसी प्रकार ही मनुष्य भी अपने सामने आने वाली मुश्किलों को दूर करके आगे बढ़ता है।
7.) कविता के आधार पर निर्झर की तीन विशेषताएँ लिखिए।
निर्झर किसी भी संकट से नहीं डरता उसे हटाकर वह आगे बढ़ता है। निर्झर अपना मार्ग खुद ही तैयार करता है। उसके जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते हैं लहरें कभी-कभी बहुत ऊपर चढ़ती है तो कभी-कभी नीचे आ जाती है। लेकिन किसी भी प्रकार के मुश्किलों का सामना वह करता है और आगे बढ़ते रहता है।
8.) निर्झर को बाधाओं को पार करने के लिए क्या करना पड़ता है ?
निर्झर को बढ़ाओ को पार करने के लिए सामने आने वाले चट्टान और वृक्षों को हटाकर अपना मार्ग बनाना पड़ता है।
9.) निर्झर क्या कहना चाहता है और क्यों ?
निर्झर कहता है कि हमारे सामने जो मुश्किलें आती है उनका हमें डटकर सामना करना चाहिए। उनसे डर कर पीछे नहीं हटाना है। अतीत में देखने से हमें कुछ भी नहीं मिलता। इस वजह से हमें हमेशा ही अपने भविष्य की ओर देखना चाहिए। हमने जो आलस होता है उसे हमें त्यागना चाहिए। कभी भी रुकना नहीं है। हरक्षण गतिशील रहना है और आगे बढ़ाना है।
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