MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter एक कुत्ता और एक मैना Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter एक कुत्ता और एक मैना full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) लेखक सर्वव्यापक पक्षी किसे समझ रहा था?
कौआ इस पक्षी को लेखक सर्वव्यापक पक्षी समझ रहा था।
2.) दूसरी बार सबेरे गुरुदेव के पास कौन उपस्थित था?
लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी यह दूसरी बार सबेरे गुरुदेव के पास उपस्थित थे।
3.) लेखक के अनुसार मैना कैसा पक्षी है?
मैना यह पक्षी दूसरों पर अनुकम्पा दिखाने वाला पक्षी है।
4.) गुरुदेव कहाँ रहते थे?.
श्री निकेतन के पूराने तिमंजिले मकान में गुरुदेव रहते थे।
5.) गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?
स्वास्थ्य में गड़बड़ होने के कारण गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन बनाया।
लघु उत्तरीय प्रश्न :
निम्नलिखित वाक्यों का आशय स्पष्ट कीजिए:-
क.). भावहीन दृष्टि की करुण व्याकुलता जो कुछ समझती है, उसे समझा नहीं पाती और मुझे इस सृष्टि में मनुष्य का सच्चा परिचय समझा देती है।
गुरुदेव स्वास्थ्य के कारण शांति निकेतन छोड़ के श्री निकेतन में रहने जाते है। इस वक्त उनका एक पालतू कुत्ता भी उनके पीछे उनका रास्ता खोजते हुए जाता है। 2 मिल की दूरी वह तय कर लेता है। यह दूरी वह अकेला ही तय कर लेता है। इस तरह किसी भी भाषा का प्रयोग किए बगैर वह गुरुदेव को बता देता है की वह उनके प्रति कितना निष्ठावान है। उसकी आंखों से यह बात गुरुदेव को समझ आती है।
ख.)”सबेरे को धूप में मानो सहज मन से आहार चुगती हुई झड़े हुए पत्तों पर कूदती फिरती है सारा दिन “
सबेरे सबेरे विधवा मैना दाने चुगती है और पेड़ो से जो पत्ते गिर जाते है उन पर दिनभर कूदती रहती है।
ग.) मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते।
लेखक कहते है कि मनुष्य में बोलने की क्षमता है। ईश्वर यह गुण सिर्फ मानव को दिया है। लेकिन प्राणी भी मनुष्य से कम संवेदशील नहीं होते। भले ही उनको बोलना नहीं आता फिर भी उन में भावनाएं होती हैं। वे अपनी भावनाएं अपने कृति द्वारा व्यक्त करते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नः
क.) हजारीप्रसाद द्विवेदी के लेखन कला को विशेषताएँ लिखिए।
हजारी प्रसाद द्विवेदी में के निबंध उपन्यास इतिहास साहित्य ऐसी पुस्तक बहुत प्रसिद्ध है। इन्होंने इन सभी विषयों पर लेखन किया है। उनकी भाषा सरल है। उनके भाषा में हिंदी उर्दू इन भाषाओं के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। उन्होंने अपने भाषा में मुहावरे लोकोक्तियां इनका भी प्रयोग किया है।
ख.) निबंध गद्य साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं ? किन्हीं चार विशेषताओं को लिखिए।
जब सवेरे सवेरे उनको मैना दिखाई देती थी तब वह कहते थे सवेरे की धूप में मानो सहज मन से आहार चुगती हुई झड़े हुए पत्तों पर कूदती फिरती है, सारा दिन।
दूसरा उदाहरण यह है कि जब लेखक गुरुदेव के आश्रम में गए थे तब गुरुदेव एक कुर्सी पर बैठे हुए थे और सूर्यास्त की तरफ देख रहे थे। हम लोग को देखकर मुस्कुराई बच्चों से जरा छेड़छाड़ के कुशल प्रश्न पूछे और फिर चुप रहे।
लेखक जब कभी गुरुदेव के पास जाते तब गुरुदेव उनसे पूछते थे दर्शनार्थी है क्या? शुरू शुरू में मैं उनसे ऐसी बांग्ला में बात करता था जो वस्तु था हिंदी मुहावरों का अनुवाद हुआ करती थी।
जब गुरुदेव के पीछे-पीछे 2 मिल तक कुत्ता चला गया उसे कुत्ते को पता भी नहीं था गुरुदेव कहां पर है। तब उन्होंने लिखा है कि इसकी भावहीन दृष्टि की करूं व्याकुलता जो कुछ समझती है समझ नहीं पाती और मुझे इस सृष्टि में मनुष्य का सच्चा परिचय समझा देती है।
ग.) करुण मैना को देखकर गुरुदेव ने कविता लिखी, उसका सार अपने शब्दों में लिखिए।
इस मैना को गुरुदेव रोज देखते थे। यह मैना वहां पर दाने चुगने आई थी। उन्होंने उसे पर एक कविता लिखि। उसमें यह लिखा था कि आज मैं इस मैना को देखा लेकिन पता नहीं उसे क्या हो गया था? वह बाकी सारे मैनाओंसे अलग हो गई थी। उसका नर मैना भी उसके साथ नहीं था नहीं था रोज वह उसके साथ दाने चुगने के लिए आता है। पहले दिन मैंने उसे लगाते हुए देखा है। लेकिन आज मैं उसे अकेला ही देख रहा हूं वह कीड़ों का शिकार कर रही है इधर-उधर फुदक रही है। इसकी ऐसी दशा क्यों हो गई इस बारे में मैं सोच रहा हूं।
भाषा अध्ययन
1.) निम्नलिखित शब्दों में से रूढ़, योगरूड़ और यौगिक शब्द अलग-अलग कीजिए :-
विद्यानगर, त्रिवेणी महादेवी श्रीहीन असामयिक, चरण, निर्मल काव्य-सरोवर, दशानन, दशरथ-नंदन, प्रसाद, अनुराग, विवेकानंद, ब्रजनंदन, गुण, चहल कदमी
रूढ़ शब्द – चरण, प्रसाद, गुण
योगरूढ शब्द – विद्यानगर, त्रिवेणी, महादेवी, श्रीहीन, निर्मल, दशानन, विवेकानंद, अनुराग
यौगिक शब्द -असामयिक, काव्य-सरोवर, दशरथ-नंदन, चहल कदमी
2.) निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
विभूतियाँ अधिवेशन, अवसाद, आशुतोष, रसानुभूति, गंगाजल
विभूतियां -.
अधिवेशन –
1) वर्ष में तीन बार अधिवेशन होता हैं।
अवसाद –
कभी कभी ऐसे क्षण आते हैं जब मनुष्य अपना अवसाद खो देता है।
आशुतोष –
आशुतोष का अर्थ शिव है।
रसानुभुति –
एक ही कविता में सभी रसानुभूती हो जाती है।
गंगाजल –
हिंदू धर्म में गंगाजल को पवित्र जल माना जाता है।
3). निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए-
दुरभाग, आसुतोश आजमवी अनकूल, विशाद, निशतेज, साहित्यक
उत्तर –
दुर्भाग
आशुतोष
ओजस्वी
अनुकूल
विषाद
निस्तेज
साहित्यिक
निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए
क.) हृदय को स्पर्श करने वाली दृष्टि
हृदयस्पर्षी
ख.) साहित्य की रचना करने वाला
साहित्यकार
ग.) जानने की इच्छा
जिज्ञासा
घ.) रस की अनुभूति करना
रसानुभूति
ड.) जी पढ़ा लिखा न हो
अशिक्षित
च.) जो सब जगह व्याप्त हो
सर्वव्यापी
पाठ में आए मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
मुंह फेर लेना – नाराज होना
मां ने मुझे मुंह फेर लिया।
परास्त हो जाना – हार जाना
मुगल बादशाह औरंगजेब मराठों द्वारा परस्त हो गया।
प्रगल्भ होना – आत्मविश्वासी होना
शिक्षित होने से मनुष्य प्रगल्भ बनता है।
पुंछ हिलाना – आगे पीछे घूमना
साधु जी का कुत्ता हमेशा उनके आगे पीछे पूछ हिलाते फिरता था
3.) निम्नलिखित शब्दों के युग्म रूप लिखिए:-
समय, अवस्था, शक्ति, दिन
समय – असमय
अवस्था – अनावस्था
शक्ति – भक्ति
दिन – रात
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