Karnataka 2nd PUC Hindi Prose Chapter 6 चीफ की दावत Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 6.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Prose Chapter 6 Chief Ki Dawat.
Karnataka 2nd PUC Hindi Prose Chapter 6 – चीफ की दावत Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 6
- Chapter Name – चीफ की दावत.
एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) चीफ की दावत किसके घर पर थी ?
मि. शामनाथ के घर चीफ की दावत थी।
2.) शामनाथ की पत्नी ने माँ को कहाँ भेजने के लिए कहा ?
शामनाथ की पत्नी में मां को पिछवाड़े में जो उनकी सहेली रहती थी उन के घर भेजने के लिए कहा।
3.) शामनाथ माँ को कौन से रंग के शलवार-कमीज़ पहनने के लिए कहते हैं ?
शामनाथ माँ को सफेद रंग के शलवार-कमीज़ पहनने के लिए कहते हैं।
4.) माँ के सब ज़ेवर क्यों बिक गए थे ?
माँ के सब ज़ेवर शामनाथ की पढ़ाई के लिए बिक गए।
5.) माँ क्या टाल नहीं सकती थी ?
बेटे ने जो मन को हुक्म दिया था वहां मार टाल नहीं सकती थी।
6.) मेम साहब को क्या पसंद आये थे?
मेंम साहब को कमरा पसंद आया था, सोफे कवर का डिजाइन पसंद आया था और पर्दे पसंद आए थे।
7.) सभी देसी स्त्रियों की आराधना का केन्द्र कौन बनी हुई थी ?
काला गाउन पहने, गले में सफेद मोतियों का हार, सेंट और पाउडर की महक से ओत-प्रोत कमरे में बैठी सभी देसी स्त्रियों की आराधना का केन्द्र बनी हुई थीं।
8.) माँ क्या गाने लगी ?
हरिया नी मायँ, हरिया नी भैणे
हरिया तें भागी भरिया ह!
यह पुराना विवाह का गीत मां गाने लगी
9.) किसने पार्टी में नया रंग भर दिया था ?
मां ने पार्टी में नया रंग भर दिया था।
10.) चीफ साहब बड़ी रुचि से किसे देखने लगे ?
चीफ साहब बड़ी रुचि से फुलकारी देखने लगे।
11.) चीफ साहब की खुशामद करने से शामनाथ को क्या लाभ हो सकता था ?
चीफ साहब की खुशामद करने से शामनाथ की तरक्की हो सकती थी उसे बड़ा अफसर बनाया जा सकता था।
12.) माँ मन ही मन किसके उज्ज्वल भविष्य की कामनाएँ करने लगीं ?
माँ मन ही मन अपने बेटे मतलब शामनाथ की उज्ज्वल भविष्य की कामनाएँ करने लगीं ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी ने चीफ की दावत के लिए सुबह से क्या-क्या तैयारियाँ कीं ?
चीफ के दावत रखी गई थी। इसलिए सुबह से शामनाथ और उनकी पत्नी सुबह से तैयारियों में जुटे हुए थे। उन्होंने बहुत सारी तैयारियां की थी। कुर्सियां, मेज़, तिपाईया, फूल नैपकिन यह सब बरामदे में रखे हुए थे। बैठक में ड्रिंक की व्यवस्था की गई थी। घर में जो बेकार, फालतू समान था उसे अलमारी और पलंग के नीचे छिपाया गया। घर के खिड़कियों के परदे बदल दिए। यह सब तैयारी शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी ने चीफ की दावत के लिए सुबह से कर रहे थे।
2.) शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी माँ को लेकर क्यों चिंतित थे ?
शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी माँ को लेकर बहुत चिंतित थे। उनकी मां बुड्ढी हो चुकी थी। अब उन के चाल चलन, खाने पीने के तरीके में शिथिलता आ गई थी। मां से कोई ऐसी हरकतें हो जाती थी जो उन्हें सबके सामने लज्जित करती थी। जैसे कि मां सोते वक्त जोर-जोर से खर्राटे दिया करती थी। इन खर्राटों की आवाज से शामनाथ और उसके पत्नी को शर्मिंदा की महसूस होती थी। इस वजह से शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी मां को लेकर चिंतित थे।
3.) चीफ की दावत के समय माँ की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
सुबह से जो घर में तैयारी चल रही थी बहुत सब शामनाथ की मां देख रही थी और वह इस वजह से घबरा भी रही थी बुढ़ापे में उनसे ऐसी कई हरकत हो जाती थी जिनकी वजह से शामनाथ को शर्मिंदगी महसूस हो। शामनाथ कभी मन को बरामदे में बैठने के लिए कहता तो कभी मां को गुसलखाने में जाकर बैठने के लिए कहता। उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। जब उनका सामना जब से हो गया तब वह हड़बड़ा गई। जब शामनाथ ने उनसे खर्राटों की बात की तब वह बहुत लज्जित हो गई।
4.) बरामदे में पहुँचते ही शामनाथ क्यों ठिठक गये ?
चीफ के आने के बाद सब कुछ सही तरीके से चल रहा था लेकिन जब शामनाथ बरामदे में पहुंच गए तो उनके पास वही पर ठिठक गए। क्योंकि वहां पर उन्होंने अपनी मां को देख लिया। उनके मन वहां के कुर्सी पर बैठी हुई थी। लेकिन उनके पर कुर्सी पर थे और उनका सर कभी दाएं और तो कभी बाई ओर ऐसे ही हिल रहा था। उनका पल्लू सर से नीचे आ गया था। किस वजह से उनका सर दिख रहा था। बाल बिखर गए थे। उनको नींद आने के कारण बहुत जोर-जोर से खर्राटे ले रही थी। यह सब देखकर शामनाथ हड़बड़ा गए।
5.) चीफ़ और माँ की पहली मुलाकात का वर्णन कीजिए ।
के जब बैठक से उठकर जब खाना खाने के लिए निकल पड़े तब उनकी नजर बरामदे में बैठी मां पर पड़ी। तब वह मां से मिलने के लिए बरामदे में चले गए। उन्होंने मां को नमस्ते किया और अपना दाया हाथ आगे किया और उनसे पूछा हाउ डू यू डू? लेकिन मन को अंग्रेजी समझ में ना आने के कारण मां उसका जवाब नहीं दे पाई। के को जब पता चला की मां गांव से है तब उन्होंने कहा कि मुझे गांव के लोग बहुत पसंद है। तब उन्होंने मां को गाना गाने के लिए कहा मां ने भी विवाह में सादर किया जाने वाला एक गाना वहां पर गाकर दिखाया।
7.) माँ को आलिंगन में भरकर शामनाथ ने क्या कहा ?
शामनाथ के घर भेजो दावत थी वह खत्म हो गई। बहुत देर बाद शामनाथ अपनी मां के कमरे में गए और वहां का दरवाजा खटखटाया। मां ने घबराते हुए दरवाजा खोल दिया क्योंकि मां अपने बेटे के गुस्से को जानती थी। लेकिन शामनाथ ने मां को आलिंगन दे दिया और उनसे कहा कि मां तुम्हारी वजह से चीफ मुझ पर बहुत खुश हुए हैं उन्हें तो फुलकारी बना कर दे दो। तब मां ने उनसे कहा कि मुझे कुछ दिखाई नहीं देता फुलकारी बनाने में मुझे बहुत तकलीफ हो जाएगी। तब शामनाथ ने मां से कहा कि मैन अगर तुम मुझे फुलकारी बना कर दोगी तो चीफ और भी खुश हो जाएंगे और वह मुझे तरक्की दे देंगे। श्यामनाथ की यह स्वार्थी भावना देखकर मन की आंखों में आंसू आ गए।
टिप्पणी लिखिए:
1.) चीफ –
शानदार के घर दावत के लिए अच्छी खाने वाले थे। के एक अंग्रेजी अधिकारी थे। शामनाथ को तरक्की चाहिए थी इसलिए बहुत चीफ को खुश करने के पीछे लगे हुए थे। इसी वजह से वह अपने घर पर के के लिए दावत रखते हैं। चीफ आने वाले हैं इस वजह से शामनाथ और उसकी पत्नी अपने घर के साज सजावट करते हैं, साफ सफाई करते हैं। चीफ को गांव के लोग बहुत पसंद है इसीलिए जब उन्होंने मां को देखा तो उनसे जाकर उन्होंने नमस्ते कहा, उनका हाल-चाल पूछ लिया।
2.) शामनाथ-
शामनाथ एक स्वार्थी व्यक्ति महत्व के आदमी है। वह अपने तरक्की के लिए के को खुश करना चाहते हैं। लेकिन के को खुश करने के लिए वह अपने मन को फुलकारी बनाने के लिए तैयार करते हैं। उनके नजर कमजोर हो चुकी है। इस वजह से उन्हें दिखाई नही देता। लेकिन इस बात का उन्हें ध्यान ही नहीं रहता। अगर उनकी मां से कोई चूक भूल हो जाए तो शामनाथ उन पर बहुत गुस्सा करते हैं। वह अपनी पत्नी की बातें मानते हैं।
3.) शामनाथ की माँ –
शामनाथ की मां एक भोली भाली औरत है। वह अपने रीति रिवाज को बहुत मानती है वह अपनी बहू बेटी को बहुत सम्मान देती है। लेकिन उनसे बहुत डरती भी है उनकी उम्र हो चुकी है। इस वजह से उनकी हरकतें बहुत धीमी चलती है। वह सोते वक्त खर्राटे भी लेती है। वह हमेशा ही अपने बेटे की तरक्की के लिए प्रार्थना करती है।
III) निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे ?
1.) ‘माँ का क्या होगा ?”
शामनाथ ने अपनी पत्नी से पूछा।
2.) ” जो वह सो गयीं और नींद में खरटि लेने लगीं, तो ?”
शामनाथ की पत्नी ने शामनाथ से पूछा।
3.) “आज तुम खाना जल्दी खा लेना ।’
शामनाथ ने अपनी मां से कहा।
4.) “जब से बीमारी से उठी हूँ नाक से साँस नहीं ले सकती।’
मां ने शामनाथ से कहा।
5.)’ सच ? मुझे गाँव के लोग बहुत पसंद हैं।”
चीफ ने शामनाथ से कहा।
6.) ” वह जरूर बना देंगी। आप उसे देख कर खुश होंगे।’
शामनाथ ने चीफ से कहा।
- IV) ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
1.) इन्हें पिछवाड़े इनकी सहेली के घर भेज दो।’
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. शामनाथ के घर पर चीफ दावत के लिए आने वाले थे तब तब श्याम नाथ की पत्नी ने शामनाथ से यह बात कही।
स्पष्टीकरण. शामनाथ के घर पर चीफ दावत के लिए आने वाले थे। वे एक अंग्रेजी अधिकारी है। अगर वे खुश हो गए तो शामनाथ की तरक्की हो जाएगी। घर में शामनाथ और उसकी पत्नी जोरों से तैयारी में लगे हुए थे। लेकिन जब सभी तैयारियां खत्म हुई तो उनके सामने यह प्रश्न आया की मां को कहा रखेंगे। क्योंकि उनकी मां अब बूढी हो गई थी। अगर उन्होंने कोई ऐसी हरकत की जिसकी वजह से शामनाथ को शर्मिंदगी महसूस हो तो उनकी तरक्की रुक जाएगी। इस वजह से उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि इन्हें पिछवाड़े उनकी सहेली के घर भेज दो।
2.) ‘चूड़ियाँ कहाँ से लाऊँ बेटा, तुम तो जानते हो, सब ज़ेवर तुम्हारी पढ़ाई में बिक गए ।’
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. घर में की दावत के लिए आने वाले थे तब मन की वजह से हमेशा जिंदगी महसूस ना हो इसीलिए शामनाथ मां को अच्छे से तैयार होने के लिए कहते हैं।
स्पष्टीकरण. चीफ दावत के लिए आने वाले थे। तब वह अपनी मां को कहा रखे इस सोच में थे। तब उन्हों ने आखिर में यह तय किया कि मां को घर पर ही रखे। तब शामनाथ अपनी मां से कहते है की आप जाकर सफेद कुर्ता और शलवार पहनो। इसके साथ साथ चूड़ियां भी पहन लेना। तब मां ने उनसे कहा के ‘चूड़ियाँ कहाँ से लाऊँ बेटा, तुम तो जानते हो, सब ज़ेवर तुम्हारी पढ़ाई में बिक गए ।’
Also See: Chapter 1 Question Bank Solution
3.) ‘मेरी माँ गाँव की रहनेवाली हैं। उमर भर गाँव में रही हैं।’
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. चीफ को शामनाथ अपनी मां के बारे में जानकारी दे रहे थे।
स्पष्टीकरण. चीफ बैठक से उठकर खाना खाने के लिए जा रहे थे। तब उन्होने शामनाथ की मां को देखा और उनके पास जा खड़े हो गए और मां से बातचीत करने लगे। चीफ ने मां से नमस्ते कहा, लेकिन मां उनके अचानक आने से घबरा गई। उनके एक हाथ में माला थी इसीलिए वह उनको नमस्ते नहीं कह पाई। बादमे उन्होंने मां को तरफ अपना दाया में बढ़ाया और पूछा हाउ डू यू डू? तब मां को कुछ समाज नही आया। क्योंकि मां को अंग्रेजी नहीं आती थी। तब शामनाथ ने चीफ से कहा के मेरी माँ गाँव की रहनेवाली हैं। उमर भर गाँव में रही हैं।’ इसीलिए वह यह सब नहीं जानती।
4.) ‘क्यों, माँ, साहब को फुलकारी बहुत पसंद हैं, इन्हें एक ऐसी फुलकारी बना दोगी न।’
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. चीफ को मां की बनाई हुई फुलकारी बहुत पसंद आई थी। तब उन्होंने ऐसे ही फुलकारी उनके लिए बनाने के लिए कहा।
स्पष्टीकरण. चीफ को वहां पर एक फुलकारी दिखी। वह शामनाथ के मां ने बनाई थी। वह फुलकारी चीफ को बहुत पसंद आई। लेकिन उसका कपड़ा फटा हुआ था। उन्होंने यह बात शामनाथ से कही। तब शामनाथ ने चीफ से कहा के मां आपके लिए ऐसी फुलकारी बना देगी और अपनी मां से पूछा लिया, ‘क्यों, माँ, साहब को फुलकारी बहुत पसंद हैं, इन्हें एक ऐसी फुलकारी बना दोगी न।’
5.) ‘ओ अम्मी! तुमने तो आज रंग ला दिया।
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. चीफ को शामनाथ की घर की दावत बहुत पसंद आई और शामनाथ की मां भी।
स्पष्टीकरण. चीफ शामनाथ के घर आए तो शामनाथ के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय उनकी मां थी। चीफ को दावत के साथ-साथ मां बहुत पसंद आई। वह फुलकारी बनाना जानती थी। यह फुलकारी चीफ को बहुत पसंद आई। चीफ ने मां से एक गांव का गाना भी गाने के लिए दिया। तब शामनाथ अपनी मां से फुलकारी बनाने के लिए कहते है। जब चीफ दावत से खुश हो जाते है तब शामनाथ अपनी मां की कोठरी में जाते है और उनसे यह कहते हैं की ‘ओ अम्मी! तुमने तो आज रंग ला दिया।
6.) “जानती नहीं, साहब खुश होगा, तो मुझे तरक्की मिलेगी ?
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. यह बात शामनाथ अपनी मां से चीफ चले जाने के बाद कहते है।
स्पष्टीकरण. चीफ को मां ने बनाई हुई फुलकारी बहुत पसंद आई थी। ऐसी फुलकारी उनको बनाकर चाहिए थी। तब शामनाथ ने अपनी मां से कहा के तुम यह फुलकारी बनाकर मुझे दे दो। तब मां ने कहा की मुझे अब इतना अच्छे से दिखाई नहीं देता बेटा। मुझे फुलकारी बनाने में बहुत तकलीफ हो जाएगी उस वक्त शामनाथ अपनी मां से कहते है की को तुम जानती नहीं, साहब खुश होगा, तो मुझे तरक्की मिलेगी।
7.) ‘तो मैं बना दूंगी, बेटा, जैसे बन पड़ेगा, बना दूँगी।’
प्रशंसा. यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्यपुस्तक के चीफ की दावत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक डॉ. भीष्म साहनी है।
संदर्भ. जब मां को पता चला कि अगर वह फुलकारी बना कर देगी तो अपने बेटे को तरक्की मिल जाएगी तब यह वाक्य मां शामनाथ से कहती है
स्पष्टीकरण. चीफ को फुलकारी बड़ी पसंद आई थी। इसीलिए शामनाथ के को वह फुलकारी देना चाहते थे। अगर चीफ और खुश हो गए तो शामनाथ को तरक्की मिल सकती है। यह बातें उन्होंने अपनी मां से कह दी। इसी वजह से मां फुलकारी बनाने के लिए तैयार हो गई। हालांकि उन्हें अच्छे से दिखाई नहीं देता था। उनकी नजर कमजोर हो गई थी। उन्हें देखने में तकलीफ होती थी। लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बेटे से कहा के अगर इस वजह से तुम्हारी तरक्की की हो जाएगी तो मैं बना दूंगी, बेटा, जैसे बन पड़ेगा, बना दूँगी।’
- V) वाक्य शुद्ध कीजिए:
1.) आज मि. शामनाथ के घर चीफ का दावत है।
आज मि. शामनाथ के घर चीफ की दावत है।
2.) मेहमान लोग आठ बजे आएगा |
मेहमान लोग आठ बजे आएंगे।
3.) तुम्हारे खर्राटों की आवाज़ दूर तक जाता है।
तुम्हारे खर्राटों की आवाज़ दूर तक जाती है।
4.) माँ धीरे से उठीं और अपना कोठरी में चली गयीं।
माँ धीरे से उठीं और अपनी कोठरी में चली गयीं।
5.) चीफ के चेहरे पर मुस्कुराहट था ।
चीफ के चेहरे पर मुस्कुराहट थी ।
- VI) अन्य लिंग रूप लिखिए:
श्रीमान, विधवा, साहब, लड़का, बूढ़ा ।
स्त्रीलिंग-
श्रीमान
विधवा
पुल्लिंग –
साहब
लड़का
बूढ़ा
VII) अन्य वचन रूप लिखिए:
कुर्सी, चूड़ी, गुडिया, कोठरी, मौका।
कुर्सी – कुर्सियां
चूड़ी – चूड़ियां
गुड़िया – गुड़िया
कोठरी – कोठारिया
मौका – मौके