Karnataka 2nd PUC Hindi Prose Chapter 1 सुजान भगत Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 1.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Prose Chapter 1 Sujan Bhagat.
Karnataka 2nd PUC Hindi Prose Chapter 1 – सुजान भगत Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 1
- Chapter Name – सुजान भगत.
1) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) सीधे-सादे किसान धन आते ही किस ओर झुकते हैं ?
सीधे-साधे किसान धन आते हैं धर्म और कीर्ति के और झुक जाते हैं।
2.) कानूनगो इलाके में आते तो किसके चौपाल में ठहरते ?
कानूनगो इलाके में आते तो सुजान महतो के चौपाल में ठहरते।
3.) सुजान ने गाँव में क्या बनवाया ?
सूजन में गांव में कुआं बनवाया।
4.) सुजान की पत्नी का नाम क्या है ?
सुजान की पत्नी का नाम बुलाकी है।
5.) सुजान के बड़े बेटे का नाम लिखिए।
सुजान के बड़े बेटे का नाम भोला है।
6.) सुजान के छोटे बेटे का नाम क्या है ?
सुजान के छोटे बेटे का नाम शंकर है।
7.) कौन द्वार पर आकर चिल्लाने लगा ?
एक भीखमंगा द्वार पर आके चिल्लाने लगा।
8.) बुढ़ापे में आदमी की क्या मारी जाती है ?
बुढ़ापे में आदमी की क्या बुद्धि मारी जाती है।
9.) घर में किसका राज होता है ?
जो कमाता है उसी का घर में राज होता है।
10.) कटिया का ढेर देखकर कौन दंग रह गयी ?
कटिया का ढेर देख कर अम्मा दंग रह गई।
11.) सुजान की गोद में सिर रखे किन्हें अकथनीय सुख मिल रहा था ?
सुजान की गोद में सिर रखे बैलों को अकथनीय सुख मिल रहा था ।
12.) भिक्षुक के गाँव का नाम लिखिए ।
भिक्षुक के गाँव का नाम अमोला था।
॥) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) सुजान महतो की संपत्ति बढ़ी तो क्या करने लगा ?
सुजान महतो की संपत्ति बड़ी तो उसने धर्म कर्म करना शुरू कर दिया। उसने बहुत सारा दान करवाया। गांव में कुआं खुदवाया। गांव में अगर कोई यात्री आते तो उनके ठहरने की व्यवस्था, उनके खाने की व्यवस्था सुजान के घर में की जाती। उसके घर में साधु संतों का सत्कार होने लगा।
2.) घर में सुजान भगत का अनादर कैसे हुआ ?
जब घर में अगर कोई महत्व पूर्ण बात हो तो वह सुजान भगत को बताई नहीं जाती थी। आप सूजन के हाथों से अधिकतर छीलने लगे थे। किस खेत में क्या बोला है, किसको क्या देना है, किस क्या लेना है, कौन से भाव में कौन सी चीज बिक गई यह सब बातें अब सुजान को बताई नहीं जाती थी। उसके हाथ में अब कोई अधिकार नहीं थे। इस तरह से सुजान भगत का अनादर होने लगा।
3.) सुजान भगत पेड़ के नीचे बैठ कर क्या सोचता है ?
जब सुजान का बेटा उसके हाथ से छबड़ी चीन लेता है, तब सूजन घर के बाहर ठहरे महात्मा से कहता है कि अब किसी का हाथ खाली नहीं है आप बाद में आ जाना और वह एक पेड़ के नीचे जाकर बैठता है और सोचने लगता है की अपने ही घर में मेरा अनादर। अभी भी मेरे हाथ-पाक चलते हैं मैं घर में खाली नहीं बैठा रहता। कुछ ना कुछ काम करता रहता हूं। घर मैने बनवाया। यह सब मेरे परिश्रम का फल है। इसी पर मेरा कुछ भी अधिकार नही क्या? ऐसे घर में मैं नहीं रह सकता।
4.) सुजान भगत को सबसे अधिक क्रोध बुलाकी पर क्यों आता है ?
सुजान भगत को सबसे अधिक क्रोध बुलाकी पर आता था क्योंकि उसके बेटे उसे कुछ भी कहते और बुलाकी उन्हें कुछ भी नहीं बोल रही थी। भोला ने सुजान के हाथों से अनाज छीन लिया तब भी वह चुप रही उसने कुछ नहीं कहा। वो कह सकती थी के वे ले जाते है तो ले जाने दो। लड़के नही जानते की कितने श्रम से मैने यह गृहस्थी जोड़ी है। लेकिन यह तो जानती हैं। फिर भी वो कुछ नहीं कहती। इस वजह से सुजान भगत को सबसे अधिक क्रोध बुलाकी पर आता है।
5.) चैत के महीने में खलिहानों में सतयुग के राज का वर्णन कीजिए ।
चैत का महिना था। खलिहानों में सतयुग का राज था। अनाज के ढेर लगे हुए थे। यही समय होता है जब कृषकों को अपना जीवन सफल महसूस होता है। गर्व से उनका हृदय उछलने लगता है। सुजान भगत टोकरी में अनाज भर भर कर देते रहे और दोनों लड़के उसे टोकरी को घर के अंदर ले जाने लगे थे। बहुत सारे भारत और भिक्षुक भगत जी के आसपास द। उन में बहुत भी शुभ भी था जो 8 महीने पहले भगत के द्वारा से निराश होकर लौट गया था। लेकिन आज वह निराश नहीं था।
7.) सुजान भगत अपना खोया हुआ अधिकार फिर कैसे प्राप्त करता है ?
सुजान भगत का उसकी पत्नी और बेटों ने बहुत अनादर किया था। उसे लगा था अब उसकी उसे घर में कोई जगह नहीं है। लेकिन बहुत सोच विचार करने के बाद वह घर से बाहर निकाला और फिर से उन्हें खेतों के कामों में जुट गया। उसके बेटों ने जो उसका अंदर किया था वह वह सह नहीं सका उसे घर के मंदिर का देवता या पुजारी बनना मंजूर नहीं था। इसीलिए अब वह घर के कामों में जुट गया। सुजान ने उठकर बैलों का चारा काटना शुरू किया। सुबह-सुबह वह खेत जोतने के लिए चला गया। दोपहर को आराम नहीं किया। डांड फेकना, बीज बोना, खेत की सुरक्षा करना ऐसे सारे काम वह बिना थके करता रहा। 8 महीने बाद उसकी मेहनत का फल उसे मिला। इस तरह सुजान भगत ने अपना खोया हुआ अधिकार फिर से प्राप्त किया।
III) निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे ?
1.) ‘धरम के काम में मीन-मेष निकालना अच्छा नहीं।’
सुजान भगत ने अपनी पत्नी बुलाकि से कहा।
2.) दिन भर एक न एक खुचड़ निकालते रहते हैं।’
भोले ने अपनी मां से कहा।
3.) ‘आधी रोटी खाओ, भगवान का भजन करो और पड़े रहो।’
सुजान भगत की पत्नी बुलाकी ने सूजन भगत से कहा।
4.) ‘क्रोधी तो सदा के हैं। अब किसी की सुनेंगे थोड़े ही।’
सुजान भगत की पत्नी ने अपने बेटे से कहा।
5.) बाबा, इतना मुझसे उठ न सकेगा।’
भीखमंगे बाबा ने सुजान भगत से कहा।
IV) ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
1.) ‘भगवान की इच्छा होगी, तो फिर रूपये हो जायेंगे। उनके यहाँ किस बात की कमी है?”
प्रसंग. यह गद्यांश साहित्य गौरव नाम की पाठ्य पुस्तक से सुजान भगत नामक कहानी से लिया गया है। इस पाठ के लेखक प्रेमचंद है।
संदर्भ. भगवान की इच्छा होगी तो फिर रुपए हो जायेंगे। उनके यहां किस बात की कमी है यह वाक्य सुजान भगत की पत्नी बुलाकी ने सुजान भगत से कहा था।
स्पष्टीकरण . एक दिन गांव में यात्री आकर ठहरे हुए थे। सूजन के घर पर ही उनके रहने खाने की व्यवस्था की हुई गई थी। सुजान के मन में भी उनके साथ गया की यात्रा करने की इच्छा हुई। उसे लगा कि यह अवसर भी अच्छा है इसलिए वह उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गया। उसने अपनी पत्नी को बुलाया और उससे कहा कि हमें भी गया जाना है। लेकिन उसकी पत्नी बुलाकी ने उससे कहा कि आज रहने दो हम अगले साल जायेंगे। तब सूजन ने अपने पत्नी से कहा कि अगले साल कौन जानता है। धार्मिक काम में मीन मेष निकलना अच्छी बात नहीं है। अपनी जिंदगी का क्या भरोसा तब उसकी पत्नी ने उससे कहा कि हमारा हाथ खाली हो जाएगा। तब सुजान उससे कहता है कि भगवान की इच्छा होगी तो रुपए फिर से आ जाएंगे। उनके यहां किस बात की कमी है।
2.) ‘अभी ऐसे बूढ़े नहीं हो गए कि कोई काम ही न कर सकें।’
प्रसंग . अभी ऐसे बुरे नहीं हो गए की कोई काम ना कर सके यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पुस्तक से सुजान भगत नामक कहानी से लिया गया है। इस पाठ के लेखक प्रेमचंद है।
संदर्भ . यह वाक्य बोला अपनी मां से अपने पिता के बारे में कहता है।
स्पष्टीकरण . एक दिन बुलाकी ओखली में डाल चाट रही थी। तभी एक भीखमंगा द्वार पर आया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। बुलाकी ने यह सोचा कि पहले दाल छाठ लो तो उसे कुछ दे दो। इतने में ही उसका लड़का भोला वहां पर आ गया और अपनी मां से कहने लगा के अम्मा एक महात्मा द्वार पर गला फाड़ रहे हैं। उन्हें कुछ दे दो ना। नहीं तो उनका रोना दुखी हो जाएगा। तब बुलाकी अपने बेटे से कहते हैं कि भगत के पांव में क्या मेहंदी लगी है क्या कुछ ले जाकर नहीं देते? मेरे चार है क्या? तब भोला अपने हिसाब किताब के बारे में अपनी मां से कहना लगता है और कहता है कि यह भगत क्या हुए दिन दुनिया दोनों से गए। सारा दिन वह पूजा पाठ में ही लगे रहते हैं। अभी ऐसे बूढ़े नहीं हो गए की कोई काम ना कर सके।
3.) ‘आदमी को चाहिए कि जैसा समय देखे वैसा काम करे।’
प्रसंग. यह गद्यांश पाठ्य पुस्तक साहित्य गौरव के सुजान भगत इस कहानी से लिया गया है। इसके लेखक प्रेमचंद है।
संदर्भ. आदमी को चाहिए कि जैसा समय देखे वैसा काम करें यह वाक्य बुलाकी उसके पति सुजान भगत से कहती है।
स्पष्टीकरण . सुजान महतो सुजान भगत बने हुए थे। उसके बाद वह धर्म-कर्म के काम में लग गए। इस वजह से उनके पत्नी को लगा कि उनका राज अब इस घर से समाप्त हो गया। घर के सारे अधिकार उनके बेटों ने अपने हाथ में ले लिए थे उसे का कोई भी निर्णय लेने से पहले उनसे कोई पूछता भी नहीं था। यहां तक के एक भिक्षुक को अनाज देने का अधिकार भी वह खो चुका था। इन सबका जिम्मेदार वह अपनी पत्नी को मानता था क्योंकि उसकी पत्नी ने उसके सारे कष्ट देख लिए थे लेकिन फिर भी वह उसके साथ ऐसा बर्ताव कर रही थी। वह एक दिन पेड़ के नीचे बैठे-बैठे सो रहे थे तब उनकी पत्नी उनके पास आती है और उन्हें समझने लगती है कि घर में उसी का रात चलता है जो काम कर लाता है। आदमी को चाहिए कि जैसा समय होता है वैसा काम करें इसी से जीवन अच्छा चलता है।
4.) ‘अब तक जिस घर में राज्य किया, उसी घर में पराधीन बनकर वह नहीं रह सकता।
प्रसंग. यह गद्यांश पाठ पुस्तक साहित्य गौरव के सुजान भगत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक प्रेमचंद है।
संदर्भ . यह वाक्य सुजान भगत अपनी पत्नी बुलाकि से कहता है। जब उससे उसकी स्वतंत्रता छीन ली गई है ऐसा एहसास होता हैं।
स्पष्टीकरण. सुजान महतो सुजान भगत बन जाने के बाद उनसे सारे अधिकार छीन लिए गए। उसके लड़के उनको पूछते भी नहीं थे। उल्टा सुजान भगत के लड़कों से ही सुजान भगत को बहुत कुछ सुनना पड़ता था फुल सॉन्ग इस वजह से वह परेशान हो गया था। इसी परेशानी मे वह अपनी पत्नी से यह कहता है कि एक समय ऐसा था कि इस घर पर मेरा ही राज था। लेकिन आज मैं पराधीन हो गया हूं।
5) ‘अच्छा, तुम्हारे सामने यह ढेर है। इसमें से जितना अनाज उठाकर ले जा सको, ले जाओ ।’
प्रसंग. यह गद्यांश पाठ पुस्तक साहित्य गौरव के सुजान भगत इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक प्रेमचंद है।
संदर्भ . सुजान भगत के द्वार पर एक भिक्षुक आया था। उनसे सुजान भगत यह वाक्य कहता है।
स्पष्टीकरण. जब सुजान भगत ने फिर से मेहनत करने लगा उस वर्ष उसकी मेहनत रंग लाई थी। उसको उसकी मेहनत का फल मिला था। सुजान भगत टोकरी में भरके अनाज देता था और उसके बेटे वह अनाज अंदर जाके रख दिया करते थे। कई भिक्षुक सुजान के घर आए थे। 8 महीने पहले उसके घर जो भिक्षुक आया था वह फिर से आ गया। भगत ने उससे पूछा कि बाबा आज का चक्कर लगा कर आए तब भिक्षुक सूजन महोत्सव कहने लगे के अभी तो कई नहीं गया पहले तुम्हारे ही पास आया हूं। तब सुजान भगत ने उसे कहा कि अच्छा तुम्हारे सामने यह देर है। इसमें से जितना अनाज उठाकर ले जा सको ले जाओ।
V) वाक्य शुद्ध कीजिए :
1.) सुजान एक पक्का कुँआ बनवाया।
सुजान ने एक पक्का कुआं बनवाया।
2.) प्रातः काल स्त्री और पुरुष ‘गया’ चला गया ।
प्रातकाल स्त्री और पुरुष गया चले गए।
3.) मुझसे कल बहुत बड़ा भूल हुआ ।
मुझे कल बहुत बड़ी भूल हुई।
4.) उसके हाथ काँप रही थी।
उसके हाथ कांप रहे थे।
5.) सब यही कहेंगे कि भिक्षुक कितनी लोभी है।
सब यही कहेंगे कि भिक्षुककितना लगी है।
VI) कोष्ठक में दिए गए कारक चिह्नों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए :
(ने, से, की, का, को)
1.) चैत का महीना था।
2.) जो खर्च करता है, उसी को देता है |
3.) अब इन व्यापारों की उसे घृणा होती थी।
4.) भिक्षुक ने भोला की ओर संदिग्ध नेत्रों से देखा ।
5.) तुम्हारे बेटों की तो कमाई है।
VII) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए:
1.) सुजान के खेत में कंचन बरसता है। (भविष्यत् काल में बदलिए)
सूजन के खेत में कंचन बरसेगा।
2.) सुजान के मन में तीर्थ यात्रा करने की इच्छा थी। (वर्तमान काल में बदलिए)
सूजन के मन में तीर्थ यात्रा करने की इच्छा है।
3.) शंकर गाड़ी में नारियल भर कर लाता है। (भूतकाल में बदलिए)
शंकर गाड़ी में नारियल भरकर लता था।
VIII) अन्य लिंग रूप लिखिए:
भिखारी, पुजारी, आदमी, पिता, विद्वान, साधु, भगवान, स्त्री ।
भिखारी- भिखारन
पुजारी- पूजारन
आदमी- औरत
पिता- माता
विद्वान- विदुषी
साधु – साध्वी
भगवान – भगवती
स्त्री- पुरुष
IX) अन्य वचन रूप लिखिए:
घर, बात, अभिलाषा, लड़का, रोटी, भिक्षुक, महीना, टीका। X विलोम शब्द लिखिए: मुरझाना, जीवन, सुख, आशा, भलाई, सुंदर, मुश्किल ।
घर- घर
बात- बातें
अभिलाषा- अभिलाषाए
लड़का- लड़के
रोटी- रोटियां
भिक्षुक- भिक्षुक
महीना- महीने
टीका- टीकाए
X) विलोम शब्द लिखिए:
मुरझाना, जीवन, सुख, आशा, भलाई, सुंदर, मुश्किल
मुरझाना- फूलना, खिलाना
जीवन- मृत्यु
सुख- दुःख
आशा- निराशा
भलाई – बुराई
सुंदर – कुरूप
मुश्किल – आसान, सहज
XI) ध्यान दीजिए:
पुल्लिंग शब्द : द्वार, गुड़, ढोलक, दूध, घी, पानी, अनाज, भोजन, धन, रूपया।
स्त्रीलिंग शब्द : नम्रता, इच्छा, बात, कमाई, मजूरी, चिंता, चारपाई, रोटी, आँख, फसल ।
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