Karnataka 1st PUC Hindi Prose Chapter 10 रिहर्सल Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 11 Hindi Solution Chapter 10.
There are 3 Parts in Karnataka Class 11 Textbook. Here You will find Prose Chapter 10 Rehearsal.
Karnataka 1st PUC Hindi Prose Chapter 10 – रिहर्सल Solution
- State – Karnataka.
- Class – 1st PUC / Class 11
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 10
- Chapter Name – रिहर्सल.
- I) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
१ ) वैद्य परमानन्द बीमार स्त्री को कितने दिन तक खाना न खाने के लिए कहते हैं?
वैद्य परमानन्द बीमार स्त्री को पंद्रह दिन तक खाना न खाने के लिए कहते हैं।
२) किसान किसकी बीमारी के इलाज के लिए वैद्य परमानन्द के पास पहुँचता है?
किसान गाय की बीमारी के इलाज के लिए वैद्य परमानन्द के पास पहुँचता है।
३) वैद्य परमानन्द हर बीमारी के लिए कौन-सी दवा देते हैं?
वैद्य परमानन्द हर बीमारी के लिए अमर भास्कर चूर्ण यह दवा देते है।
४) प्रोफेसर पांडुरंग बीमार स्त्री को कमजोरी दूर करने का क्या उपाय बताते हैं ?
प्रोफेसर पांडुरंग बीमार स्त्री को कमजोरी दूर करने के लिए तूफान आए समुद्र में कूदने को कहते हैं, दुर्गम पहाड़ों पर चढ़ने के लिए कहते हैं, चंबल की घाटी में डाकुओं का सामना करने के लिए कहते हैं इतना करने से उनका दिल लोहे की तरह मजबूत हो जायेगा।
५) प्रोफेसर पांडुरंग किसान को किसका फोटो लाने के लिए कहते हैं ?
प्रोफेसर पांडुरंग किसान को गाय की फोटो लाने के लिए कहते है।
६) प्रोफेसर पांडुरंग किसे यमराज का सगा भाई कहते हैं?
वैद्य परमानंद को प्रोफेसर पांडुरंग यमराज का सगा भाई कहते हैं।
७) प्रोफेसर पांडुरंग लड़के को होश में लाने के लिए कैसी कहानियां सुनाने की सलाह देते हैं?
प्रोफेसर पांडुरंग लड़के को होश में लाने के लिए ऐसी कहानियां सुनने के लिए कहते हैं जिनमे बेहोश व्यक्ति को होश में लाने का वर्णन हो सके।
८) वैद्य परमानंद के अनुसार लड़के को क्या हुआ है ?
वैद्य परमानंद के अनुसार लड़के को स्नायुरोग मतलब सन्नीपात हुआ है।
९) बेहोशी का अभिनय किसने किया?
बेहोशी का अभिनय रमेश ने किया।
१०) बेहोशी का अभिनय करने वाले लड़के का नाम लिखिए ।
बेहोशी का अभिनय करने वाले लड़के का नाम रमेश है
- II) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
१.) वैद्य परमानंद बीमार स्त्री का इलाज किस प्रकार करते हैं?
बीमार स्त्री परमानंद जी के पास जाती है और उनको अपनी बीमारी बताती है। तब विद्या परमानंद उसे बताते हैं कि यह बहुत बड़ी बीमारी है यह तो मौत की निशानी है। यह सब कहकर उसे खूब डरते हैं। उसको अजीब अजीब तरह के प्रश्न पूछते हैं। उसको कहते हैं कि तुम अपने हृदय पर चंदन का लेप लगाओ। उसके हाथ में अमर भास्कर चूर्ण थमा देते हैं और इस तरह से खाने के लिए कहते हैं जिस तरह से वह सीधे पेट में ना जाकर हृदय में जाए। फिर उसे 15 दिन तक खाना ना खाने के लिए कहते हैं
२.) वैद्य परमानंद गाय की बीमारी दूर करने का क्या उपाय बताते हैं ?
एक किसान अपनी गाय को विद्या परमानंद के पास लेकर आता है। वह कहता है कि यह दस दिन से ना चारा खाती है नहीं दूध देती है। वेदर किस को कहते हैं कि गाय की हालत बहुत चिंताजनक है। उसे शीघ्र चारा खिलाना चाहिए नहीं तो वह मर जाएगी। वह किस को अमर भास्कर चूर्ण दे देते हैं और कहते हैं इसे गर्म पानी के साथ खा लेना और यह तुम भी खा लेना और अपने गाय को भी दे देना।
३.) प्रोफेसर पांडुरंग बीमार स्त्री का इलाज किस ढंग से करते हैं?
जब श्री प्रोफेसर साहब के पास पहुंचती है और कहती है कि मैं बीमार हूं तब प्रोफेसर साहब कहते हैं कि तुम बीमार नहीं हो आपको यह भ्रम हो गया है। तब श्री उन्हें अपनी बीमारी बताती है। तब प्रोफेसर साहब कहते हैं कि तुम ऐसा सोचना जैसे कि तुम तूफान आए समुद्र में कूद रही हो, दुर्गम पहाड़ों पर चढ़ रही हो, चंबल की घाटी में डाकुओं का सामना कर रही हो, रास्ते भर आंखे मूंदकर महसूस करती जाओ कि तुम रानी लक्ष्मी बाई की तरह लड़ाई के मैदान में तलवार चला रही हो। इसी तरह अपने दिल को लोहे की तरह मजबूत बनाओ।
४.) वैद्य और प्रोफेसर के आमने-सामने आने के बाद का दृश्य प्रस्तुत कीजिए ।
विद्या और प्रोफेसर एक दूसरे के सामने आते हैं तब प्रोफेसर परमानंद जी को यमराज का सगा भाई का कर पुकारते हैं। तभी परमानंद प्रोफेसर से कहते हैं कि और तुम्हारा चाचा भी। प्रोफेसर पांडुरंगद तुम बात पित्त कफ की तरह एक साथ क्यों चले आ रहे हो? तब प्रोफेसर बताते हैं कि तुम रोगी की नस पड़कर उसकी जान न ले लो। ऐसे ही वह दोनों एक दूसरे पर व्यंग्य करते हैं और एक दूसरे का हंसी मजाक उड़ाते रहते हैं।
५.) रमेश ने बेहोशी का अभिनय क्यों किया?
रमेश अपने ही घर में बेहोश हो जाता है। उसके पिता चिंतित होते हैं और वह प्रोफेसर पांडुरंग और विद्या परमानंद को बुलाते हैं। परमानंद कहते हैं कि उसे सान्नीपात हुआ है और पांडुरंग कहते हैं कि उसको स्नायु रोग हुआ है। यह सब सुनकर वह बेहोश पड़ा लड़का बहुत डर जाता है और झट से उठता है। वह कहता है ना उसे भ्रम है ना मुझे कुछ महसूस करने की जरूरत है। स्कूल में उसे अभिनय करना है बेहोशी का नाटक करना है उसी की वह रिहर्सल कर रहा है।
६.) वैद्य परमानंद का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
विद्या परमानंद इनकी आयु 50 वर्षीय है। उनकी आंखों पर चश्मा है, लंबी दाढ़ी है। जो परमानंद के पास एक बार जाकर आता है वह उनके पास फिर से नहीं जाता, क्योंकि उनके पास एक ही दावा है अमर भास्कर चूर्ण। सभी लोगों को वह यही दवाई देते रहते हैं
७.) प्रोफेसर पांडुरंग का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
प्रोफेसर पांडुरंग की उम्र 42 वर्षीय है। उनकी आंखों पर चश्मा है। वह सूट पहनते हैं और टाइप भी लगते हैं। जो बीमार सी उनके पास जाती है उसके दिल को मजबूत बनाने के लिए वह उसे कहते हैं कि तुम आंखें बंद करके तूफान से लड़ रही हो ऐसा महसूस करो तुम रानी लक्ष्मीबाई हो ऐसा महसूस करो।
III) निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे?
१ ) परहेज ही तो असली इलाज है ।
वैद्य परमानंद ने बीमार स्त्री से कहा।
२) तुम भी खा लेना, गाय को भी खिला देना ।
वैद्य परमानंद ने किसान से कहा।
३) नहीं, कई बेटे अपने बाप से भी बड़े हो जाते हैं ।
वैद्य परमानंद ने अध्यापक जी से कहा।
४) ठीक तो हो जायेगा, पर होश में नहीं आयेगा ।
वैद्य परमानंदिनी रमेश की मां से कहा।
५) तुझे क्या हो गया था मेरे लाड़ले ।
मां ने रमेश से कहा।
- IV) ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
१ ) मरना तो कोई भी नहीं चाहता, लेकिन मैंने अपने रोगियों को अक्सर मरते देखा है।
प्रसंग. प्रस्तुत गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक के रिहर्सल नामक पाठ से लिया है। इस पाठ के लेखक ओमप्रकाश आदित्य है।
संदर्भ. एक बीमार स्त्री विद्या परमानंद के पास अपना इलाज करने के लिए आती है। पड़ते हैं और यह कहते हैं।
स्पष्टीकरण. वैद्य परमानंद के पास एक बीमार स्त्री आती है। वह स्त्री उन्हें बताती है कि उनका दिल धड़कता है, उन्हें नींद नहीं आती। ऐसी अनेक बीमारियां वह उनको बताती है। यह सब वैद्य जी सुनते हैं और उसे कहते हैं की अब तुम्हारा बचना मुश्किल है। तब वह उसकी नस देखते हैं और कहते हैं कि मरना तो कोई नहीं चाहता लेकिन मैंने अपने रोगियों को अक्सर मरते देखा है।
२) हृदय का गुण ही धड़कना है ।
प्रसंग. प्रस्तुत गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक के रिहर्सल नामक पाठ से लिया है। इस पाठ के लेखक ओमप्रकाश आदित्य है।
संदर्भ. प्रोफेसर पांडुरंग के पास एक बीमार स्त्री अपने दिल के इलाज के लिए आती है। तब पांडुरंग उसे कहते हैं कि हृदय का गुण ही धड़कना है।
स्पष्टीकरण. जब बीमार स्त्री उनको अपने बीमारी के लक्षण बताती है तो वह कहती है कि उसका हृदय धड़कता है। तब प्रोफेसर पांडुरंगो उसे कहते हैं यह हृदय तो हर एक सामान्य आदमी का धड़कता है मेरा भी धड़कता है। हृदय का काम ही वह है। आपको कोई बीमारी नहीं है सिर्फ कमजोरी है।
३) मुझे डर है कि कहीं यहाँ बैठे-बैठे मेरा दिल धड़कना बंद न कर दे ।
प्रसंग. प्रस्तुत गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक के रिहर्सल नामक पाठ से लिया है। इस पाठ के लेखक ओमप्रकाश आदित्य है।
संदर्भ. प्रोफेसर जब उसे स्त्री का इलाज करते हैं तब वह स्त्री उठते हुए यह वाक्य कहती है।
स्पष्टीकरण. स्त्री प्रोफेसर साहब को उनको जो बीमारी होती है उसके बारे में बताती है तब प्रोफेसर साहब उसको इलाज बताते हैं। प्रोफेसर कहते हैं कि यह इलाज अगर आप करेंगे तो आपका दिल लोहे की तरह मजबूत हो जाएगा। तब बहुत सारी उन्हें रहती है कि मुझे डर लगता है कि कहीं यहां बैठे-बैठे मेरा दिल धड़कना बंद ना करें।
४) इसे भ्रम हो गया है कि यह बेहोश है।
प्रसंग. प्रस्तुत गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक के रिहर्सल नामक पाठ से लिया है। इस पाठ के लेखक ओमप्रकाश आदित्य है।
संदर्भ. रमेश बेहोश हो गया था इसीलिए उसके मां पापा डरे हुए थे और प्रोफेसर कह रहे थे कि इस कहानी सुनाओ ऐसी कहानी जिससे वह झट से उठ जाए।
स्पष्टीकरण. रमेश बेहोश हो गया था और उठ नहीं रहा था इसीलिए परमानंद जी और पांडुरंगो जी को उसका इलाज करने के लिए बुलाया जाता है। मां डरी हुई होती है इसलिए वह कहती है यह तो बेहोश है और आप कह रहे हैं कि इस कहानी सुनाओ। तब प्रोफेसर करते हैं कि यह बेहोश नहीं हुआ है। तब परमानंद पूछते हैं कि यह बेहोश नहीं हुआ है तो क्या है? तब प्रोफेसर साहब उनसे कहते हैं कि इस भ्रम हो गया है असल में यह होश में ही है।
५) सन्निपात है वैद्य परमानंद को और स्नायुरोग है प्रोफेसर पांडुरंग
प्रसंग. प्रस्तुत गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक के रिहर्सल नामक पाठ से लिया है। इस पाठ के लेखक ओमप्रकाश आदित्य है।
संदर्भ. रमेश बेहोशी में था और दोनों आपस में लड़ रहे थे।
स्पष्टीकरण. रमेश बेहोश था इसीलिए परमानंद और प्रोफेसर साहब को बुलाया गया। लेकिन दोनों आपस में ही लड़ने लगे। एक कहता था सान्नीपात है तो दूसरा कहता था कि स्नायु रोग है। इनका झगड़ा देखते देखते वह लड़का अचानक से उठ गया और कहने लगा कि मुझे कुछ नहीं हुआ है। मैं पूरी तरह से ठीक हूं। मैं तो सिर्फ रिहर्सल कर रहा था।
- V) अन्य लिंग रूप लिखिए: हाथी, शेर, लड़का, गाय, पिता, अध्यापक, भगवान ।
हाथी – हथिनी
शेर – शेरनी
लड़का – लड़की
गाय – बैल
पिता – माता
अध्यापक – अध्यापिका
भगवान – भगवती
- VI) अन्य वचन रूप लिखिए:
दुकान, घंटा, किताब, मूँछ, मुद्रा, सपना ।
दुकान – दुकानें
घंटा – घंटे
किताब -किताबे
मूछ – मूछें
मुद्रा – मुद्राएं
सपना – सपने
VII) विलोम शब्द लिखिए:
बेहोश, मोटा, मौत, शीघ्र, छोटा ।
बेहोश – होश
मोटा- पतला
मौत – जीना, जन्म
शीघ्र – आराम
छोटा – बड़ा