दुनिया | World in Hindi | Hindi Essay | World Essay in Hindi.
विविध घटकों के समग्रता से दुनिया का निर्माण हुआ है। दुनिया को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। हमारी दुनिया एक अद्वितीय स्थल है जिसमें हम रहते हैं। कई लोगों का यह मानना है दुनिया का निर्माण भगवान ने किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया का निर्माण अपने आप हुआ है। इस दुनिया मे विविध सजीव रहते हैं। जैसे मनुष्य , प्राणी, पेड़, पौधे, जलचर आदि। दुनिया में मनुष्य ऐसा प्राणी है जो सबसे बुद्धिमान और समाज में रहनेवाला जीव है। हमारी दुनिया कई प्रकार की विविधता से सजी हुई है। जैसे घने जंगल, बहती नदी , समंदर, पर्वत आदि। हमारी पृथ्वी नैसर्गिक संसाधनों से परिपूर्ण है। हमें उपहार में मिले नैसर्गिक संसाधनों का उपयोग हम हमारी दैनिक जरूरतों के लिए करते हैं। दुनिया में कुछ संसाधन ऐसे है जिसका ज्यादा उपयोग करने से वह खत्म हो सकते हैं और उस संसाधन के निर्माण के लिए कई हजार साल लगते हैं। नैसर्गिक संसाधन पूरी दुनिया में पाए जाते हैं , नैसर्गिक संसाधन कई देशों में स्थित है।
बढ़ते औद्योगीकरण की वजह से हम नैसर्गिक संसाधनों को खत्म कर रहे हैं। औद्योगिकरण बढ़ने से दुनिया में प्रदूषण हो रहा है, हमारी पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिसकी वजह से पर्यावरण में बदलाव आ रहे हैं। कई देश में अकाली बारिश हो रही है, तो कई सूखा पड़ रहा है। कई जंगली जानवर बिना पानी के मर रहे हैं, तो कई पर बाढ़ में बह रहे हैं। पर्यावरण का प्रदूषण रोकने के लिए कई देश प्रयास कर रहे हैं। हर एक देश को हमें उपहार में मिले नैसर्गिक संसाधनों को बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यह दुनिया एक परिवार की तरह है और हर एक सजीव इस परिवारिक दुनिया का सदस्य है, जितना मनुष्य इस दुनिया पर अपना अधिकार बताते हैं उतना ही अधिकार दुनिया में रहने वाले हर एक सजीव का है।
कई ग्रंथों में लिखी एक कहावत है। “वसुधैव कुटुंबकम” इसका मतलब है यह पूरी दुनिया एक परिवार है। इस परिवार की देखभाल के लिए हम सबको अपने कदम बढ़ाने चाहिए। “वसुधैव कुटुंबकम” यह वाक्य हमारे देश के संसद के प्रवेश कक्ष में भी लिखा हुआ है।
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