लोकमान्य तिलक | Lokmanya Tilak in Hindi | Hindi Essay | Lokmanya Tilak Essay in Hindi.
लोकमान्य तिलक को भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के जनक के रूप में जाने जाते हैं। उनका पूरा नाम बाल गंगाधर तिलक था। मैं एक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1856 और मृत्यु 1 अगस्त 1920 को हुई थी।
वह एक भारतीय राष्ट्रवादी , शिक्षक , समाज सुधारक , वकील और एक स्वतंत्रता सेनानी थे। तिलक ने भारत में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की और इससे बढ़ावा देने के लिए तिलक में जमशेदजी टाटा के साथ मिलकर बॉम्बे स्वदेशी स्टोर्स की स्थापना की। उन्होंने दो महत्वपूर्ण त्योहार शिवाजी जयंती और गणेश उत्सव भी शुरू किए।
मैं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले नेता थे। ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें “भारतीय शांति का जनक” कहा है। अप्रैल 1916 में उन्होंने होम रूल लीग की स्थापना की थी। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत में स्वराज स्थापित करना था।
महात्मा गांधी ने उन्हें “आधुनिक भारत का निर्माता “कहां है l यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुए। इन्हें राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है l होम रूल आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक को काफी प्रसिद्धि मिली इस कारण उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली थी।
बाल गंगाधर तिलक दादा भाई नौरोजी को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। बाल गंगाधर तिलक अपने जीवन में कभी भी अन्याय के सामने नहीं झुके। लोकमान्य तिलक को गणित और संस्कृत में उनको अधिक रूचि थी। बाल गंगाधर तिलक ने 1916 में “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है “का नारा पेश क्या था ।
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