कविवीर जयशंकर प्रसाद | Kavivar Jaishankar Parsad in Hindi | Hindi Essay | Kavivar Jaishankar Parsad Essay in Hindi.
कविवीर जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 में हुआ था। कविवीर जयशंकर प्रसाद का जन्म वाराणसी शहर में हुआ था। वह एक कवि होने के साथ-साथ एक अच्छे नाटककार कहानीकार और उपन्यासकार और निबंध लेखक भी थे। कविवीर जयशंकर प्रसाद के पिता बाबू देवीप्रसाद दान देने के लिए प्रसिद्ध थे। वे कलाकारों का आदर करने के लिए विख्यात थे। कवि जयशंकर प्रसाद का जन्म काशी के प्रसिद्ध सुहानी साहू परिवार में हुआ था। कविवीर जयशंकर प्रसादजी का धर्म हिंदू था।
जयशंकर प्रसाद की कई रचनाएं प्रसिद्ध थी जैसे कानन कुसुम, महाराणा का महत्व, झरना, आसू लहर, कामयनी, प्रेम पथिक आदी।कविवीर जयशंकर प्रसाद जी को बहुभाषा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला जैसे संस्कृत, हिंदी, उर्दू और फारसी। कवि जयशंकर प्रसादजी का मानना था कि साहित्य को धन अर्जन का साधन मानने के बजाय इसे साधना मानना चाहिये, वे इसे साधना मानते थे।
जयशंकर प्रसाद को कलम के जादूगर कहा जाता था उन्हें कविता करने के साथ-साथ व्यायाम सात्विक खानपान की भी रूचि थी। कविवीर जयशंकर प्रसाद विचारों के पक्के थे। इसके साथ साथ में एक अच्छे शतरंज के खिलाड़ी रह चुके थे। उन्होंने कहानी और उपन्यास के माध्यम से मानवीय करुणा और भारतीय मनीषा के अनेकानेक अनावृत पक्षों की शुरुआत की है। जयशंकर प्रसाद जी ने अपने जीवन में धीरता और गंभीरता से विषम परिस्थितियों का सामना किया था। उनके जीवन के आरंभिक वर्षों शिक्षा और जीवन समृद्ता से प्रारंभ हुई लेकिन 17 वर्ष की उम्र में उन पर आपदाओं का कहर टूट गया था। जयशंकर प्रसादजी का पूरा परिवार शिव का उपासक था। कविवीर जयशंकर प्रसादजी के कई प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है जैसे कि उर्वशी, वनमिलन, प्रेम राज्य, अयोध्या का उद्धार, शोकोच्छवास, वभ्रुवाहन आदि।
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