तराइन का प्रथम युद्ध | First Battle of Tarain in Hindi | Hindi Essay | First Battle of Tarain Essay in Hindi.
तराइन का प्रथम युद्ध सन 1191 में हुआ था। यह युद्ध पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच हुआ था। मोहम्मद गौरी युद्ध के समय अजमेर का शासक था, और पृथ्वीराज चौहान दिल्ली के शासक थे। यह युद्ध जिस तराइन नामक जगह पर हुआ था वह जगह आज के हरियाणा राज्य में स्थित है। यह जगह वर्तमान के हरियाणा राज्य के करनाल जिले में स्थित है। पृथ्वीराज चौहान एक महान शासक था जिसने हमेशा अपने राज्य के विस्तार और व्यवस्था पर ध्यान दिया है। पृथ्वीराज चौहान ने हमेशा अपनी दृष्टि अपने साम्राज्य के विस्तार और सुव्यवस्था पर रखी है। मोहम्मद गोरी यह एक शासक था जिसने गजनी की अंतिम शासक से लाहौर की गद्दी छीन ली थी और उसके साथ ही भारत के हिंदू क्षेत्र में प्रवेश की तैयारी कर रहा था।
इस युद्ध का मुख्य उद्देश्य मोहम्मद गौरी का भारत पर कब्जा पाना था, यह युद्ध एक महत्वपूर्ण युद्ध था। भारत के कई महत्वपूर्ण मुद्दों में से यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण युद्ध रहा है। मोहम्मद गोरी एक आक्रमणकारी मुस्लिम विदेशी था। यह युद्ध की शुरुआत मोहम्मद गोरी ने की थी, उसने वर्ष 1191 में भारत पर आक्रमण किया था। इस युद्ध में सबसे पहले मोहम्मद गौरी की सेनाने पृथ्वीराज चौहान की सेना पर तीर चलाया था जिस वजह से युद्ध की शुरुआत की गई थी। इस युद्ध में मोहम्मद गोरी के सेना के साथ युद्ध करने के लिए पृथ्वीराज चौहान ने कुछ राजपूतों को एकजुट कर मोहम्मद गौरी के खिलाफ एकजुट पेश किया था। मोहम्मद गौरी की सेना भी कोई कमजोर सेना नहीं थी पर पृथ्वीराज चौहान की सेना के सामने कमजोर सेना हो गई थी। पृथ्वीराज चौहान की सेना ने मोहम्मद गौरी की सेना को चारों ओर से घेर लिया। इस युद्ध में मोहम्मद गोरी घायल हो गया था और उसके बाद अपने घोड़े से गिरने ही वाला था कि उसके सैनिकों ने उसकी सहायता की जिस वजह से वह युद्ध से दूर हो गया। इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को पराजित किया और मोहम्मद गौरी की एक संपत्ती जीती और अपने सैनिकों में बांट दी। इस तरह पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी और उसकी सेना को खदेड़ दिया था। और यह महायुद्ध मोहम्मद गौरी हार गया था।
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