On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is सुप्रीम कोर्ट देश के लोकतंत्र की रक्षक है
Debate – सुप्रीम कोर्ट देश के लोकतंत्र की रक्षक है
लोकतंत्र इस शब्द का अर्थ है लोगों का शासन। लोकतंत्र मतलब लोगों और तंत्र इन दो शब्दों से बनकर लोकतंत्र यह शब्द बना है। यह एक ऐसा तंत्र या प्रणाली है जिसमें लोग अपने शासको को चुनते हैं। उनका चुनाव करते हैं और देश सुचारू रूप से चलने के लिए उन्हें कई अधिकार प्रदान करते हैं। यह लोगों की शासन व्यवस्था होती है। लोगों ने बनाई हुई लोगों के लिए चलाई गई यह एक शासन व्यवस्था है। इसमें हर एक व्यक्ति को समान अधिकार दिया गया होता है। यह ऐसी प्रणाली है जिसमें लोगों को राजनीतिक सामाजिक आर्थिक और न्यायिक अधिकार प्रदान किए गए होते हैं। हर एक व्यक्ति स्वतंत्र होता है और स्वतंत्रता के साथ-साथ सामान भी होता है। इशासन का निर्माण जनता जनता के लिए ही करती है पोस्ट ऑफिस इसीलिए यह लोगों का शासन है ऐसा कहा जाता है। लोक अपने प्रतिनिधि का चुनाव मतदान के द्वारा करते हैं। लोगों को अच्छी शिक्षा अच्छा स्वास्थ्य देना मूलभूत सुविधाओं को जनता तक पहुंचाना यह हो शासन का ही काम है। देश में रहने वाले लोगों की जिस तरह से उन्नति होती है उसके साथ-साथ ही देश की भी प्रगति हो जाती है। लोकतंत्र में स्वतंत्रता, समानता, धर्मनिरपेक्षता, न्याय इन सिद्धांतों को महत्व दिया गया है। लोगों को अपने यह अधिकार अबाधित रखने में लोकतंत्र सहायक होता हैं।
लोकतंत्र यह प्रणाली लोगों को उनके अधिकारों को ध्यान में रखकर की गई होती हैं। इसी लिए इसे सबसे बेहतर प्रणाली मानी जाती हैं। इसमें हर एक नागरिक को सम्मानित किया जाता है। संविधान ने मानव को मानव के हित के लिए अनेक अधिकार दिए हैं। इन अधिकारों का सम्मान करना हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है अगर कोई इसका सम्मान नहीं करता तो उसके विरुद्ध न्यायालय में अपील करना भी नागरिकों का कर्तव्य है। उन्हें अगर कोर्ट में जाकर भी उनका अधिकार नहीं मिलता तो वह सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं। वहां पर उनके अधिकारों का रक्षण किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट हमेशा ही लोकतंत्र का संरक्षण करता है। क्योंकि हमारा देश एक लोकतंत्र देश है। लोगों को जिस तरह से अपने मौलिक अधिकार प्रिय होते हैं इस तरह से उन्हें दूसरों के भी अधिकारों का ध्यान रखना चाहिए। भारत देश लोकतंत्र प्रिय देश है। यहां की शासन व्यवस्था लोक मतलब जनता निश्चित करती है। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट भी लोकतंत्र को हमेशा सहायक होता है।
सुप्रीम कोर्ट लोगों के अधिकार अबाधित रखना और उनकी रक्षा करने के लिए हमेशा ही तत्पर होता है। सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा ही मानव के अधिकारों के संरक्षण के लिए योगदान दिया है। जब भी मानव अधिकारों पर संकट आता है और समानता, स्वतंत्रता जैसे मूलभूत अधिकार लोगों से छीनने का प्रयास किया जाता है तब सुप्रीम कोर्ट उनकी रक्षा के लिए तैयार रहता हैं। संविधान लोगों को उनके मूलभूत अधिकार देता है और अल मूलभूत अधिकारों की रक्षा करना यह सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी होती है और सुप्रीम कोर्ट अपना कार्य हमेशा ही अच्छी तरह से निभाता है। जो लोग संविधान को नहीं मानते उनके ऊपर सुप्रीम कोर्ट लगाम लगाती है और जनता को उसके अधिकार प्रदान करती है। संविधान होने जो भी नागरिकों को अधिकार दिए हैं जैसे की समानता, स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, शोषण के विरुद्ध अधिकार इन सभी अधिकारों का रक्षण न्यायपालिका करती है। सुप्रीम कोर्ट कभी मानव के अधिकारों पर रोक नही लगाता।
सुप्रीम कोर्ट हमेशा ही सबके लिए महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि वह संविधान के साथ-साथ ही मानव के अधिकारों का भिरक्षण करता है। जो भी लोग संविधान का गलत इस्तेमाल करते हैं या फिर मानव के नैतिक मूल्यों का उल्लंघन करते हैं यही सुप्रीम कोर्ट तब संविधान और मानव के नैतिक मूल्यों का आरक्षण करता है। मानवता के विरुद्ध जाकर कोई घटना घटती है तब न्यायपालिका मतलब सुप्रीम कोर्ट मानवता का रक्षक बन जाता है। जनता को संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अधिकार दिए हैं अगर कोई भी इन अधिकारों के विरुद्ध जाता है या फिर उनका उल्लंघन करता है तो सुप्रीम कोर्ट उनकी रक्षा करता है। सुप्रीम कोर्ट हमारे लिए हमेशा ही मददगार रहा है। उन्होंने हमेशा ही भारत में रहने वाले लोगों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा की है। संविधान ने जो भी मूलभूत अधिकार मानव को दिए हैं उनकी रक्षा के लिए न्यायपालिका हमेशा ही तत्पर रहती है। लोकतंत्र लोगों के अधिकतर आबादी तक रखने के लिए मदद करता है वैसे ही सुप्रीम कोर्ट भी लोकतंत्र की रक्षा करता है।
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