On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या हिंदी भाषा को सीखना अनिवार्य कर देना चाहिए?
Debate – क्या हिंदी भाषा को सीखना अनिवार्य कर देना चाहिए?
हमारे भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं। जैसे – मराठी, गुजराती, तमिल, उर्दू, मलयालम, कन्नड़, तेलुगू, अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, पहाड़ी, पंजाबी, गुजराती, नेपाली, कश्मीरी, आसामी। हमारे भारत में जिनके प्रांत है उसे प्रति में अलग-अलग तरह की भाषाएं बोली जाती है। सभी लोगों को अपनी भाषा बहुत महत्वपूर्ण और प्रिय लगती है। भाषा यह अचार्य विचार प्रदान करने का एक माध्यम है। भाषा यह एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से मनुष्य लिख सकता है बोल सकता है सुन सकता है पढ़ सकता है और अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकता है।
हमारे यहां अलग-अलग प्रति में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है। लेकिन एक प्रांत की भाषा दूसरे प्रांत के लोगों को नहीं आते। भारत में सभी राज्यों के लोग हिंदी भाषा सहज सुलभ तरीके से बोल सकते हैं। हिंदी एक सरल सुलभ भाषा है जो आसानी से समझ में आ सकती है। हिंदी भाषा का उपयोग कई शतकों से भारत में किया जा रहा है। हिंदी भाषा बहुत प्राचीन भाषा मानी गई है भारत में कई लोग हिंदी भाषा में ही बातचीत करते हैं। अगर हमारे प्रांत में किसी दूसरे प्रांत के लोग आते हैं और उन्हें अगर हमारे प्रांत की भाषा नहीं आती तो विचारों का आदान-प्रदान करने हेतु हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है।
हिंदी भाषा का प्रयोग 1857 के युद्ध में किया गया था। सभी लोग एक दूसरे से साथ संपर्क करने के लिए इसी भाषा का उपयोग करते थे। क्योंकि हिंदी भाषा समझने के लिए सरल भाषा है। इस भाषा को बोलना, लिखना भी सरल, सहज माना गया हैं। इस युद्ध में सभी प्रांत के लोगों ने भाग लिया था और सभी ने एक दूसरे के साथ संपर्क रखने के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग किया था। हमारे देश में कल आज भी कई लोग अनपढ़ है। लेकिन यह अनपढ़ लोग अपनी प्रांत की भाषा के साथ-साथ हिंदी भाषा बोलना भी सीख गए हैं। यह विश्व में बड़ी मात्रा में बोली जाने वाली भाषा है। जिस तरह से भारत में हिंदी भाषा बोली जाती है वैसे ही इस दुनिया के कई देशों में हिंदी सीखना अनिवार्य कर दिया गया है। हिंदी भाषा का समावेश उन्होंने अपने शिक्षा में भी किया है।
भारत के बहुत सारे प्रति के शिक्षा में भी हिंदी भाषा का समावेश है। हिंदी भाषा को सिखाना भारत में भी अनिवार्य कर देना चाहिए क्योंकि हिंदी एक आसान और सरल भाषा है। हर कोई यह भाषा सीख सकता है, पढ़ सकता है। भारत में अंग्रेजी भाषा हर एक प्रांत में सिखाई जाती है वैसे ही हिंदी भाषा भी सभी राज्यों में सीखनी अनिवार्य कर देना चाहीए।
भाषा यह संपर्क का माध्यम है। भाषा की वजह से ही हमारा विकास होता है। पूरे विश्व में 600 मिलियन से अधिक लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यह दुनिया सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी भाषा का उपयोग सबसे ज्यादा किया गया था। बाद में हिंदी भाषा को ही राजभाषा का दर्जा दिया गया। अगर हां हमारे राज्य भाषा का ही ज्ञान हमें नहीं होगा तो यह हमारी बहुत शर्म की बात होगी। आज सबको हिंदी भाषा का ज्ञान होना जरूरी माना गया है। क्योंकि सभी को हिंदी भाषा आती है। अंग्रेजी के बाद सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है।
हिंदी भाषा सीखने की वजह से हमें बहुत सारे लाभ मिलते हैं। यह भाषा हमें सभी लोगों से जोड़ती है। हमें हमारे आचार्य विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए सुलभ होता है। हम पूरे भारत में कहीं भी जाकर इस भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर उसे जगह की भाषा हमें नहीं आती तो हम हिंदी भाषा से अपना काम चला सकते हैं। हमारे देश में विविधता है लेकिन हिंदी यह भाषा हमें एक सूत्र में बांधती है। किसी भी उद्योग में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जा सकता है। मनोरंजन, मीडिया भी हिंदी भाषा का इस्तमाल करती है। आज के दशक में बहुत सारे उद्योग हिंदी भाषा पर निर्भर रहते हैं।
14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर बहुत सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है हिंदी भाषा का महत्व उसका इतिहास में समझाया जाता है। कई सरकारी कार्यालय में भी हिंदी भाषा का प्रयोग अपने कामकाज के लिए किया जाता है। गरीब से लेकर श्रीमंत तक सभी लोगों को यह भाषा आती है। आज लोगों के संवाद के लिए सबसे बेहतर भाषा हिंदी है इस वजह से हमें हमारे शिक्षा में हिंदी भाषा सीखना अनिवार्य कर देना चाहिए।
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