On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या महिलाएं भारत में सुरक्षित हैं?
Debate – क्या महिलाएं भारत में सुरक्षित हैं?
प्राचीन काल से ही महिलाओं की स्थिति में अनेक तरह के बदलाव आते रहे हैं। महिलाओं को भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना गया है उसे।लेकिन हमेशा ही महिलाओं को सबसे नीचे का स्थान दिया है। कई शब्द को पहले तो कई लोग महिलाओं को शुद्र ही मानते थे। उनके लिए महिलाओं की कोई भी कीमत नहीं होती थी। घर में उनकी सीमा सिर्फ चूल्हे चौके तक थी। कई बंधने उन पर लगाई गई थी। उन्हें घर से बाहर निकालने के लिए भी घर के पुरुषों से पूछना पड़ता था। तब से आज तक कई बदलाव उनके जीवन में हुए हैं। जब यह देश स्वतंत्र हुआ तब से आज तक महिलाओं को कई बंधनों से मुक्ति मिली है। डॉक्टर अंबेडकर इन्होंने अपने संविधान के माध्यम से महिलाओं को कई अधिकार प्रदान किए हैं। जैसे की समानता का अधिकार शिक्षा का अधिकार घर से बाहर निकाल कर काम करने का अधिकार जहां पर भी महिलाएं काम करती है वहां पर उनके साथ कोई छेड़छाड़ होती है या फिर उनके साथ गलत व्यवहार किया जाता है तो इसके खिलाफ भी अनेक अधिकार बनाए गए हैं इसके साथ-साथ संपत्ति का अधिकारों में मिल गया है विवाह पुनर्विवाह और तलाक का अधिकार स्वास्थ्य का अधिकार अगर उनके साथ घरेलू हिंसा होती है कई महिलाएं हमारे आसपास के घरेलू हिंसा के शिकार होती है तो उसके खिलाफ जाकर उन्हें पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करने का भी अधिकार मिला है।
इन अधिकारों की वजह से उनके जीवन में बहुत सारे महत्वपूर्ण बादल आ गए हैं। अब महिलाएं किसी पर निर्धारित नहीं रहती वह स्वतंत्र हो गई है। बहुत खुद अपनी आर्थिक स्थिति सुधर सकती है। इसके साथ-साथ उन्हें निर्णय लेने का भी अधिकार मिल गया है। इस वजह से ही उन पर कोई भी अपने निर्णय टोक नहीं सकता। वह अनेक तरह से स्वतंत्र हो गई है।
लेकिन इतनी सारे मूलभूत अधिकारों को प्राप्त करने के बाद भी महिलाएं आज भी सुरक्षित नहीं है। इसके पहले जब महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था तब भी उन पर अत्याचार होते थे आज उन्हें बहुत सारे अधिकार प्राप्त हुए हैं वह अब स्वतंत्र हो गई है आर्थिक रूप से भी उसे किसी पर निर्धारित नहीं रहना पड़ता लेकिन इसके बावजूद भी वह सुरक्षित नहीं है। घर से बाहर जब वह काम पर जाती है तो वहां भी उसे बहुत तरह की प्रताड़ना सहनी पड़ती है। आज वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हुई है इसके बावजूद भी उसे दहेज, वैधव्य, यौन प्रताड़ना, हत्या इन सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ वह जब भी वह घर से बाहर निकलती है तब तब उसे अपने आसपास चारो तरफ हमेशा ही चौकन्ना रहना पड़ता है। क्योंकि कई पुरुष ऐसे होते हैं जो महिलाओं को रास्ते में छेड़ देते हैं या फिर उनकी चुनरी हटाना, उनके कमर में हाथ डालना, उन्हें धक्का देना, ऐसी गलत हरकतें महिलाओं के साथ करते हैं कई बार जब काम से घर जाते वक्त उन्हें देरी होती है तो उन पर बलात्कार भी होते हैं और ऐसे केसेस भारत में बहुत है।
मतलब महिला आज सिर्फ स्वतंत्र हुई है। उसे आज भी बहुत सारे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्राचीन समय में वह सिर्फ घर में ही प्रताड़ित होती थी आज वह बाहर जाती है तो उसे वहां पर ही प्रताड़ना का सामना ही करना पड़ता है। वह अपने अधिकार कर्तव्यों के प्रति जागरुक है वह अच्छी शिक्षा लेती है नौकरी करती है। लेकिन फिर भी उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आज हर एक महिला आत्मनिर्भर हुई है फिर भी हर जगह उसके सामने कई संकट खड़े रहते हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या कई प्रतिशत बढ़ गई है। आज भी हमारे समाज पर पुरुष प्रधान संस्कृति का पड़ा बहुत है। कानून में हमें समान अधिकार तो प्राप्त दिए हैं लेकिन आज यह समाज इन्हीं नहीं मानता। आज भी कई पुरुष मानते हैं कि महिलाएं पुरुषों से पीछे ही है और उन्हें पीछे ही रहना चाहिए। इन्हीं विचारों के वजह से जो महिला स्वतंत्रता होती है आजाद होती है किसी पर निर्भर नहीं होती उसके सामने बहुत से संकट आते हैं उसे बहुत से मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
और यहां से भारत की स्थिति नहीं है हर जगह महिलाओं के लिए यही विचारधारा है इस वजह से आज भी महिला कई बार अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है। जब हम महिलाओं के लिए कई कानून बनाते हैं तो ऐसे कानूनों का पालन करना चाहिए। इसके लिए पहले हमारे समाज के विचारधारा बदलनी जरूरी है। नहीं तो महिला हमेशा ही सभी जगह पर और सुरक्षित ही रहेगी।
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